अपराध
दिशा मामला : सुप्रीम कोर्ट पैनल मुठभेड़ हत्या मामले में 21 अगस्त से फिर सुनवाई करेगा
हैदराबाद में महिला पशु चिकित्सक के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में चारों आरोपियों के मुठभेड़ में मारे जाने की जांच कर रहे उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त जांच आयोग ने तेलंगाना सरकार को 21 अगस्त को सबूत पेश करने का निर्देश दिया है। सरकार को तेलंगाना उच्च न्यायालय में आयोग के परिसर में अपने सबूत पेश करने के लिए कहा गया है, जहां शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश वी.एस. सिरपुरकर वर्चुअली वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करेंगे।
आयोग ने कहा कि वह 26, 27 और 28 अगस्त को इसी प्रक्रिया का इस्तेमाल करते हुए 18 गवाहों से पूछताछ करेगा।
पैनल को इस महीने की शुरुआत में और छह महीने का विस्तार मिला है। पैनल ने हाइब्रिड रूप में सुनवाई शुरू करने का फैसला किया, जिसमें कुछ गवाहों की भौतिक उपस्थिति में और कुछ की आयोग की आभासी उपस्थिति में जांच की जाएगी।
जांच आयोग अधिनियम, 1952 की धारा 8बी के तहत नोटिस प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के लिए सभी गवाहों, आयोग के अधिवक्ताओं, राज्य सरकार के अधिवक्ताओं और अधिवक्ताओं और सुनवाई में भाग लेने के लिए अनुमत अन्य सभी व्यक्तियों और अधिवक्ताओं को आयोग के समक्ष शारीरिक रूप से उपस्थित होना होगा।
आयोग के सचिव ने एक बयान में कहा कि जहां सुनवाई जनता के लिए खुली है, वहीं सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों और कोविड -19 के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों के मद्देनजर, सीमित संख्या में पास धारकों को एक बार में देखने के क्षेत्र में अनुमति दी जाएगी।
सचिव ने कहा कि आयोग ने अभिलेखों का संग्रह पूरा कर लिया है और यह साक्ष्य रिकॉर्डिग चरण में आगे बढ़ रहा है।
आम जनता से कुल 1,333 हलफनामे, और पुलिस अधिकारियों, सरकारी अधिकारियों, गवाहों और डॉक्टरों से 103 हलफनामे प्राप्त हुए। एसआईटी, सीडीआर, मेडिकल रिपोर्ट, फोरेंसिक और बैलिस्टिक रिपोर्ट और अन्य रिपोर्ट द्वारा जांच के बड़े पैमाने पर रिकॉर्ड एकत्र किए गए थे।
आयोग ने घटना में शामिल पुलिस अधिकारियों द्वारा दायर 24 आवेदनों में 16 आभासी सुनवाई की और आदेश पारित किए।
जांच के तहत मामले की गंभीरता और आयोग के साक्ष्य की संवेदनशील प्रकृति को देखते हुए यह राय है कि गवाहों की भौतिक उपस्थिति में जांच की जानी चाहिए। हालांकि, कोविड -19 महामारी ने हैदराबाद में शारीरिक सुनवाई करना मुश्किल बना दिया है।
पैनल का गठन 12 दिसंबर, 2019 को मुठभेड़ की परिस्थितियों की जांच करने के लिए किया गया था और छह महीने में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी थी।
अपराध
दिल्ली के जंतर-मंतर पर शख्स ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या की

नई दिल्ली, 10 नवंबर: राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर उस समय सनसनी फैल गई, जब एक व्यक्ति ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या की। फिलहाल, दिल्ली पुलिस मामले की जांच कर रही है और शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया है।
शुरुआती जानकारी सामने आई कि यह व्यक्ति मध्य प्रदेश का रहने वाला था, जो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर अपनी मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन करने आया था। दिल्ली पुलिस की ओर से उसे प्रदर्शन की अनुमति भी मिल चुकी थी। सोमवार सुबह करीब 9 बजे यह व्यक्ति जंतर-मंतर पर पहुंचा था।
बताया जाता है कि यह प्रदर्शनकारी यहां पर ‘कट्टा’ के साथ आया था और उसी कट्टे से उसने खुद को गोली मारकर आत्महत्या की। उसने दिल्ली पुलिस की ओर से लगाए गए मेटल डिटेक्टर गेट से पहले ही एक चाय की दुकान के पास खुद को गोली मार ली।
अभी प्रदर्शनकारी की पहचान नहीं हो पाई है। उसके आत्महत्या करने के कारणों का भी पता नहीं चला है। फिलहाल, पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद हैं और घटनास्थल की घेराबंदी कर दी गई है।
वहीं, दिल्ली के महिपालपुर इलाके में 23 साल की महिला की संदिग्ध मौत की घटना से सनसनी फैल गई। यह महिला नॉर्थ-ईस्ट की रहने वाली थी और गुरुग्राम की एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करती थी।
दिल्ली पुलिस को सोमवार सुबह एक मकान में महिला का शव होने की सूचना मिली थी। घटनास्थल पर पहुंचने के बाद पुलिस ने देखा कि महिला बाथरूम के अंदर मृत पड़ी थी। पुलिस ने आशंका जताई है कि बाथरूम में रॉड हीटर से टच होने पर करेंट लगने से उसकी मौत हुई। इसके बाद, पुलिस ने महिला के शव को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू की।
अपराध
दिल्ली से थार चोरी कर बिहार में बेचीं, पुलिस ने मुख्य आरोपी को किया गिरफ्तार

CRIME
नई दिल्ली, 10 नवंबर: दिल्ली के रंजीत नगर थाना क्षेत्र में थार चोरी होने के मामले में पुलिस ने एक आरोपी को धर दबोचा। पुलिस ने उससे 1 लाख रुपए कैश, एक एप्पल आईपॉड, डिजाइनर गॉगल्स और महंगे जूते बरामद किए गए हैं। पूछताछ में पता चला कि वह अब तक कई लग्जरी एसयूवी चोरी की वारदात में शामिल रहा है।
28 अक्टूबर को उत्तराखंड निवासी एक व्यक्ति अपने दोस्त से मिलने के लिए दिल्ली आया था। उसने अपनी थार बाहर पार्क की थी। अगली सुबह उठने पर वाहन गायब मिला। इस संबंध में रंजीत नगर थाने में केस दर्ज हुआ था। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएचओ रंजीत नगर त्रिभुवन नेगी के नेतृत्व और एसीपी/पटेल नगर सुनील कुमार गुप्ता की देखरेख में टीम बनाई गई।
टीम ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी सबूतों का गहराई से विश्लेषण किया। चोरी हुई थार में रखे एप्पल आईपॉड की लोकेशन को ट्रेस किया गया, जिससे गाड़ी की मूवमेंट सिकंदराबाद, बुलंदशहर (यूपी) तक ट्रैक हुई।
गुप्त ऑपरेशन के दौरान पुलिस ने एक किराए के मकान की पहचान की। 31 अक्टूबर को जब संदिग्ध वहां पहुंचा तो टीम ने दबिश देकर अनिल ( 25 वर्ष) निवासी सिकंदराबाद को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में अनिल ने खुलासा किया कि उसने चोरी की गई थार को अपने साथी राजू की मदद से सीवान में 2.5 लाख रुपए में बेच दी। उसे 1 लाख रुपए कैश एडवांस में मिला था, जबकि बाकी रकम बाद में देने की बात तय हुई थी।
इसके बाद टीम ने बिहार में भी ऑपरेशन चलाया। सीसीटीवी फुटेज से दो व्यक्तियों की पहचान हुई जो आरोपी से डील कर रहे थे। इनमें से एक चोरी की थार लेकर हाईवे की ओर गया और दूसरा अनिल को रेलवे स्टेशन छोड़ने गया। पुलिस ने वहां इस्तेमाल हुई मोटरसाइकिल का रजिस्ट्रेशन ट्रेस किया, जो मोहम्मद कयूम नामक व्यक्ति तक पहुंचा। उसकी मोटरसाइकिल भी जब्त कर ली गई।
गिरफ्तार अनिल के खिलाफ दिल्ली के जामा मस्जिद, राजौरी गार्डन, कृष्णा नगर, आनंद विहार, फर्श बाजार और मानसरोवर पार्क थाने और उत्तर प्रदेश में 9 आपराधिक केस पहले से दर्ज हैं, जिनमें चोरी और आर्म्स एक्ट के मामले शामिल हैं।
पुलिस अब चोरी की गई एसयूवी की बरामदगी और फरार आरोपी राजू व बिहार में मौजूद वाहन के खरीदारों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।
अपराध
मुंबई : चोरी के मामले में करीब 30 साल से फरार आरोपी गिरफ्तार

मुंबई : एक नाटकीय घटनाक्रम में, पुलिस ने आखिरकार एक ऐसे आदमी को गिरफ्तार कर लिया है जो डी.बी. मार्ग पुलिस स्टेशन में दर्ज चोरी के एक मामले में करीब 30 साल से फरार था। वह गिरफ्तारी से बचने के लिए उत्तर प्रदेश के अयोध्या से भाग गया था। आरोपी की पहचान द्विजेंद्र कमलप्रसाद दुबे (65) के रूप में हुई है, जो उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के गरवा का रहने वाला है। वह इंडियन पीनल कोड की धारा 381 (क्लर्क या नौकर द्वारा चोरी) के तहत दर्ज FIR के सिलसिले में 1995 से फरार था। लगभग तीन दशकों तक कोर्ट में पेश न होने के बाद, गिरगांव की 18वीं कोर्ट ने उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था।
एक टिप मिलने पर, सीनियर अधिकारियों के मार्गदर्शन में PSI अज़ीम शेख के नेतृत्व में एक पुलिस टीम को 26 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के बस्ती भेजा गया। 29 अक्टूबर को उसके घर पहुंचने पर, टीम को पता चला कि दुबे हाल ही में धार्मिक यात्रा के लिए अयोध्या गया था। हालांकि, जब आरोपी को बस्ती में मुंबई पुलिस टीम की मौजूदगी के बारे में पता चला, तो वह तुरंत लखनऊ के रास्ते मुंबई भाग गया।
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