राजनीति
यूपी में हर रविवार को होगा कंपलीट लॉकडाउन : मुख्यमंत्री

कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर बहुत भयानक होती जा रही है। संक्रमण के बढ़ते प्रसार को को देखते हुए यूपी सरकार ने हर रविवार को कंप्लीट लॉकडाउन का फैसला किया है। टीम-11 के साथ समीक्षा बैठक के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए हर रविवार को कंपलीट लॉकडाउन का फैसला किया है। उत्तर प्रदेश सरकार का यह फैसला काफी अहम माना जा रहा है। राज्य में अब सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रविवार को पूर्णतया बंदी रहेगी। इस दौरान अति आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी बाजार तथा दफ्तर बंद रहेंगे। इस दिन प्रदेश के सर्वाधिक संक्रमित जिलों में व्यापक सेनेटाइजेशन अभियान चलेगा।
राज्य के सभी ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में रविवार को साप्ताहिक बन्दी होगी। इस अवधि में केवल स्वच्छता, सैनिटाइजेशन और आपातकालीन सेवाओं ही संचालित होंगी। इस संबंध में आवश्यक जागरूकता कार्य भी किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रत्येक नागरिक के जीवन और जीविका की सुरक्षा के लिए संकल्पित है। कोविड के कारण लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए सभी जरूरी प्रयास किए जाए। भरण-पोषण भत्ता के पात्र लोगों की सूची अपडेट कर ली जाए। सरकार जल्द ही इन्हें राहत राशि प्रदान करेगी। अंत्योदय सहित विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत राशन वितरण कार्य की व्यवस्था की समीक्षा कर ली जाए। सरकार सभी जरूरतमंदों को राशन और भरण-पोषण भत्ता उपलब्ध कराएगी।
कोविड की रोकथाम से संबधी कार्यों में विगत वर्ष विधायक निधि उपयोगी सिद्ध हुई थी। इस वर्ष भी कोविड केयर फंड की नियमावली के अनुरूप विधायकगणों की अनुशंसा पर उनकी निधि का कोविड प्रबंधन में उपयोग किया जा सकता है।
पंचायत चुनावों का पहला चरण अत्यंत शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुआ। जिन क्षेत्रों में माहौल बिगाड़ने की कतिपय कोशिश हुई है, इसमें संलिप्त लोगों के विरुद्ध कठोर विधिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। यह कार्रवाई अन्य चरण के चुनावों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करेगी।
प्रदेश में सभी के लिए मास्क लगाना अनिवार्य है। पहली बार मास्क के बिना पकड़े जाने पर 1000 का जुमार्ना लगाया जाए। अगर दूसरी बार बिना मास्क के पकड़ा जाए तो दस गुना अधिक जुमार्ना लगाया जाना चाहिए। कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी जैसे अधिक संक्रमण दर वाले सभी 10 जिलों में व्यवस्था और सु²ढ़ करने की आवश्यकता है। स्थानीय जरूरतों के अनुसार नए कोविड हॉस्पिटल बनाए जाएं। बेड्स बढ़ाये जाएं। निजी हॉस्पिटल को कोविड हॉस्पिटल के रूप में परिवर्तित किया जाए। प्रयागराज में अविलंब यूनाइटेड मेडिकल कॉलेज को डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल के रूप में परिवर्तित किया जाए।
108 की आधी एम्बुलेंस केवल कोविड मरीजों के उपयोगार्थ रखी जाए। इस कार्य में कतई देरी न हो। होम आइसोलेशन के मरीजों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाए। एम्बुलेंस का रिस्पॉन्स टाइम कम से कम हो। ऑक्सीजन और अन्य चिकित्सकीय जरूरतों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
कोविड प्रबंधन से जुड़े कार्यों के लिए धन की कोई कमी नहीं है। सभी जनपदों में क्वारन्टीन सेंटर संचालित किए जाएं। क्वॉरन्टीन सेंटरों में आवश्यक चिकित्सकीय सुविधाओं के साथ-साथ भोजन और शयन की समुचित व्यवस्था हो।
डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल की संख्या बढ़ाई जाए। एल-2 व एल-3 स्तर के अस्पतालों की संख्या में लागातर बढ़ोतरी की जाए। कहीं भी बेड की कमी कतई न हो। अस्पतालों में प्रशिक्षित मानव संसाधन की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
राज्य में हर दिन सवा 02 लाख से अधिक कोविड टेस्ट हो रहे हैं। इसे और विस्तार दिए जाने की आवश्यकता है। कोविड से लड़ाई में टेस्टिंग अत्यंत महत्वपूर्ण हथियार है। अन्य प्रदेशों से आने वाले यात्रियों व लोगों के लिए एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन तथा बस स्टेशनों पर रैपिड एन्टीजन टेस्ट की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।
महाराष्ट्र
स्वच्छता रैंकिंग में महाराष्ट्र के शहरों में नवी मुंबई तीसरे स्थान पर

नवी मुंबई: स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 के तहत नई शुरू की गई ‘सुपर स्वच्छ लीग’ में नवी मुंबई को प्रतिष्ठित स्थान मिला है। यह सम्मान पाने वाला महाराष्ट्र का 10 लाख से अधिक आबादी वाला एकमात्र शहर बन गया है। यह पुरस्कार माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मान समारोह में प्रदान किया।
नगर आयुक्त डॉ. कैलाश शिंदे और महाराष्ट्र की शहरी विकास राज्य मंत्री माधुरी मिसाल ने शहर की ओर से यह पुरस्कार ग्रहण किया। समारोह के दौरान नगर अभियंता शिरीष अरदवाद भी मंच पर उपस्थित थे।
आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा बनाई गई इस नई श्रेणी का उद्देश्य उन शहरों को सम्मानित करना है जिन्होंने पिछली स्वच्छता रैंकिंग में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। पिछले तीन वर्षों में कम से कम दो बार शीर्ष 3 रैंकिंग में जगह बनाने वाले शहरों को ‘सुपर स्वच्छ लीग’ में शामिल करने पर विचार किया गया, जो नियमित रैंकिंग से ऊपर है।
इस उपलब्धि के अलावा, नवी मुंबई ने अपनी ‘सेवन-स्टार’ कचरा-मुक्त शहर रेटिंग और ओडीएफ+ श्रेणी के तहत शीर्ष ‘वाटर प्लस’ रेटिंग बरकरार रखी है, जिससे भारत के सबसे स्वच्छ और सबसे टिकाऊ शहरी केंद्रों में इसका स्थान पुनः सुनिश्चित हुआ है।
आयुक्त डॉ. कैलाश शिंदे ने इसे हर नवी मुंबईवासी के लिए गौरव का क्षण बताया और कहा कि यह सम्मान स्वच्छता और स्थिरता के प्रति शहर की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने आगे कहा कि यह उपलब्धि राष्ट्रीय स्तर पर महाराष्ट्र की प्रतिष्ठा को बढ़ाती है।
उन्होंने सफलता का श्रेय मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजीत पवार, वन मंत्री गणेश नाइक, सांसद नरेश म्हस्के और विधायक मंदा म्हात्रे के मार्गदर्शन को दिया। उन्होंने ब्रांड एंबेसडर पद्म श्री शंकर महादेवन, पद्म श्री अच्युत पलव और शुभम वनमाली के समर्थन को भी स्वीकार किया।
आयुक्त ने सफाई कर्मचारियों, स्वच्छता सखियों, सफाई मित्रों, एनएमएमसी कर्मचारियों और नागरिक-प्रेमी नागरिकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने शहर की स्वच्छ छवि बनाए रखने में मदद करने वाले गैर-सरकारी संगठनों, महिला समूहों, वरिष्ठ नागरिकों, तृतीय-लिंग समुदायों, छात्रों, शिक्षकों, एनएसएस और एनसीसी स्वयंसेवकों, पत्रकारों, व्यवसाय मालिकों और उद्यमियों की सक्रिय भूमिका की भी सराहना की।
एनएमएमसी आयुक्त शिंदे ने कहा, “‘सुपर स्वच्छ लीग’ वर्गीकरण देश भर में शहरी स्वच्छता में निरंतर उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और पुरस्कृत करने के लिए बनाया गया है और यह भविष्य की स्वच्छ भारत रैंकिंग के लिए मानक और भी ऊँचा करता है। हम शहर के लिए सर्वश्रेष्ठ कार्य करना जारी रखेंगे।”
महाराष्ट्र
ठाणे में बड़े पैमाने पर इको स्टार रीसाइक्लिंग कंपनी का भंडाफोड़, एक्सपायरी माल बेचने का आरोप

ठाणे महाराष्ट्र – ठाणे में कैरीम शाखा ने इकोस्टार रीसाइक्लिंग कंपनी का भंडाफोड़ किया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि कंपनी एक्सपायर हो चुके खाद्य पदार्थ, अनाज, सौंदर्य प्रसाधन और सफाई उत्पाद बेच रही थी, जबकि फ्लिपकार्ट ने उन्हें उचित तरीके से निपटाने के लिए कहा था। कंपनी इन वस्तुओं को बाजार में अनियमित तरीके से बेच रही थी, जिससे उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा पैदा हो गया।
जांच तब शुरू हुई जब कैरीम ब्रांच को इको स्टार रीसाइक्लिंग की संदिग्ध व्यावसायिक प्रथाओं के बारे में विश्वसनीय जानकारी मिली। अधिकारियों ने पाया कि कंपनी एक्सपायर हो चुके उत्पादों के मामले में मानक प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर रही थी, जिसके कारण वे बाजार में पहुंच रहे थे।
छापे के दौरान अधिकारियों ने नष्ट करने के लिए बड़ी मात्रा में एक्सपायरी डेट के उत्पाद जब्त किए। जांचकर्ता अब इस ऑपरेशन के पैमाने और संभावित नेटवर्क की जांच कर रहे हैं।
कैरीम की ठाणे शाखा ने ग्राहक स्वास्थ्य और सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया है। शोध में शामिल एक अधिकारी ने कहा, “हम मानते हैं कि कंपनियों को एक्सपायर हो चुके उत्पादों के संबंध में नियमों का पालन करना चाहिए।”
जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, इकोस्टार रीसाइक्लिंग कंपनी को गंभीर कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ सकता है, तथा उन वितरण चैनलों की जांच जारी है जो इन उत्पादों की बिक्री में शामिल हो सकते हैं।
अधिकारियों ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे खाद्य एवं सफाई उत्पाद खरीदते समय सावधानी बरतें तथा समाप्ति तिथियों के बारे में जागरूकता बढ़ाएं। इस मामले ने अवैध बिक्री की जारी चुनौती और सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए कानूनों को लागू करने की आवश्यकता को उजागर किया है।
महाराष्ट्र
मुंबई आरटीओ ने अवैध ऐप्स पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई करते हुए 78 बाइक टैक्सियां जब्त कीं, 123 वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की

मुंबई: मुंबई के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) ने मुंबई के विभिन्न हिस्सों में 20 इकाइयों के माध्यम से संयुक्त कार्रवाई शुरू की और लगभग 78 बाइक टैक्सियों को जब्त किया।
परिवहन कार्यालय ने मुंबई, ठाणे, वसई, वाशी और पनवेल में 123 वाहनों के खिलाफ भी कार्रवाई की है।
आरटीओ ने एक आधिकारिक बयान में कहा, “इस पृष्ठभूमि में, मुंबई में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) की विशेष टीमों ने मुंबई, ठाणे, वसई, वाशी और पनवेल में 20 इकाइयों के माध्यम से एक संयुक्त कार्रवाई शुरू की। अभियान के दौरान, अवैध परिवहन गतिविधियों में लगे कुल 123 वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की गई, जिनमें से 78 बाइक टैक्सियों को जब्त कर लिया गया।”
इसके अतिरिक्त, संबंधित चालकों के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम के तहत आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं और इन अनधिकृत ऐप्स के संचालकों के खिलाफ आगे की कानूनी कार्यवाही भी चल रही है।
परिवहन विभाग को पहले भी कुछ यात्रियों द्वारा अनाधिकृत बाइक टैक्सी सेवाओं का उपयोग करके यात्रा करने की कई शिकायतें मिली हैं।
इसके जवाब में, तत्काल जाँच शुरू की गई। जाँच में पता चला कि कुछ अपंजीकृत ऐप्स और अवैध बाइक टैक्सी संचालक बिना सरकारी अनुमति के यात्री परिवहन कर रहे हैं। इससे न केवल राज्य को राजस्व का नुकसान हो रहा है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा को भी गंभीर खतरा है।
गौरतलब है कि मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 93 के अनुसार, किसी भी यात्री परिवहन सेवा के संचालन के लिए वैध परमिट प्राप्त करना अनिवार्य है। हालाँकि, यह पाया गया है कि कुछ ऐप-आधारित कंपनियाँ और चालक इन नियमों का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं और अवैध परिवहन गतिविधियों में लिप्त हैं।
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