राजनीति
मुख्यमंत्री बोले, कारगिल स्वतंत्र भारत का ऐसा युद्ध रहा, जिसे भारत पर पाक ने जबरन थोपा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कारगिल भी स्वतंत्र भारत का ऐसा युद्ध था जिसे भारत पर पाकिस्तान ने जबरन थोपा गया।
मंगलवार राजधानी के ‘कारगिल शहीद स्मृति वाटिका’ में कारगिल दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कारगिल भी स्वतंत्र भारत का ऐसा युद्ध था, जिसे भारत पर पाकिस्तान ने जबरन थोपा। मई 1999 में कारगिल युद्ध प्रारम्भ हुआ और 26 जुलाई 1999 को भारत ने विजय प्राप्त की। इस विजय के साथ ही पाकिस्तान पूरी दुनिया के सामने बेकनकाब भी हुआ।
कहा कि जाति, मत, मजहब, क्षेत्र और भाषा की संकीर्णता के दायरे हमें ऊपर उठना होगा। ये भारत को कमजोर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें एक भारत- श्रेष्ठ भारत बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी जी की परिकल्पना से जुड़ना होगा।
योगी ने कहा कि 13 से 15 अगस्त के बीच हर घर पर भारत की आन, बान और शान का प्रतीक तिरंगा लहराने के लिए सभी स्कूल, कॉलेज, संगठन, संस्थाएं, हर उत्तर प्रदेशवासी और हर भारतवासी को जुड़ना चाहिए। इससे जुड़ने से हर भारतीय के अंदर राष्ट्रीयता की एक नई लहर पैदा होगी। यही हमारे शहीदों और महापुरुषों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध में दुनिया ने भारत के सैनिकों के शौर्य और बलिदान को देखा। उन्होंने कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय, कैप्टन आदित्य मिश्रा, लांस नायक केवलानंद द्विवेदी, राइफल मैन सुनील चंद, मेजर रीतेश शर्मा को याद करते हुए कहा कि पूरा भारत आज भी इन सबका नाम बड़े गर्व और सम्मान के साथ लेता है।
योगी ने कहा कि देश की रक्षा करते हुए शहीद होने से बड़ा कोई बलिदान नहीं हो सकता है। इन बलिदानियों का राष्ट्र के प्रति प्रेम और मातृ भूमि के लिए प्राण न्योछावर करने की उनकी भावना के बारे में सोचकर हर भारतवासी रोमांचित हो उठता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं विशेष रूप से उन माता-पिता और परिवार के सदस्यों का अभिनंदन करता हूं, जिन्होंने अपने परिवार के ऐसे वीर सपूतों को खोया है। इससे बड़ा बलिदान दूसरा नहीं हो सकता है। पूरा राष्ट्र हमेशा उनका ऋणी रहेगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि अमर सपूतों के परिवारजनों के प्रति केंद्र और राज्य सरकारें सदैव उनके साथ हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आप सब जानते हैं कि 15 अगस्त 2022 को देश आजादी के 75 वर्ष पूर्ण कर रहा है। हम सब सौभाग्यशाली हैं कि देश की आजादी के इस अमृत महोत्सव कार्यक्रम के साथ हमें जुड़ने का अवसर प्राप्त होगा।
कहा कि देश की आजादी के 75 वर्ष पर हमें आगामी 25 वर्षों के लिए एक वृहद कार्ययोजना बनाकर कार्य करना होगा। यह वृहद कार्ययोजना अपने देश और प्रदेश को कहां लेकर जाना है, इसको लेकर बननी चाहिए। भारत के निर्माण के लिए जब देश की 135 करोड़ की आबादी मिलकर कार्य करेगी तो उसके सार्थक परिणाम भी सामने आएंगे।
महाराष्ट्र
दिशा सालियान मामला: आदित्य ठाकरे ने टिप्पणी करने से किया इनकार, तथ्य अभी लंबित: भाजपा नेता नितेश राणे

मुंबई: मॉडल दिशा सालियान मामले में मुंबई पुलिस ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है, जिसमें शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे को राहत मिली है। इस रिपोर्ट में पुलिस ने कहा है कि दिशा सालियान की मौत आत्महत्या है, यानी आकस्मिक है। इस मामले में पुलिस ने पहले एडीआर आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया था। दिशा सालियान के पिता और उनके वकील ने आदित्य ठाकरे पर कई गंभीर आरोप लगाए थे और इसे हत्या करार दिया था। पुलिस रिपोर्ट पेश होने के बाद आदित्य ठाकरे ने विधान भवन में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि दिशा सालियान मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं है।
उन्हें बदनाम करने की कोशिश की गई थी, जो विफल हो गई है, इसलिए वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। दूसरी ओर, मंत्री और भाजपा नेता नितेश राणे ने टिप्पणी करते हुए कहा कि तथ्य अभी लंबित हैं। उन्होंने कहा कि दिशा सालियान मामले में दायर रिपोर्ट अंतिम नहीं है। इस मामले में सरकार ने समय मांगा है। उन्होंने कहा कि पुलिस रिपोर्ट उन्हें सौंप दी जाएगी। पिता और वकील ने चुनौती दी है कि मैंने आदित्य ठाकरे पर आरोप नहीं लगाया है, उनके पिता ने कहा है। उन्होंने कहा कि यह दिशा सालियान की गरिमा का मामला है, इसलिए इस मामले में कोर्ट में केस चल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकारी वकील और सरकार ने इस पर अपना रुख साफ कर दिया है। उन्होंने कहा कि अभी तथ्य सामने आना बाकी है, इसलिए उन्होंने पत्रकारों से तथ्यपरक पत्रकारिता करने का अनुरोध किया है।
महाराष्ट्र
ऐरोली में आवासीय इमारत की दीवार गिरी; कोई हताहत नहीं

नवी मुंबई: ऐरोली सेक्टर-20 में एक चौंकाने वाली घटना घटी है, जहां एक रिहायशी इमारत की सुरक्षा दीवार अचानक गिर गई, जिससे आसपास के इलाके में हड़कंप मच गया। दीवार गिरने की पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई, और फुटेज सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही है।
घटना का सीसीटीवी फुटेज अब सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है। वीडियो से पता चलता है कि कुछ देर पहले तक सब कुछ ठीक था। अचानक दीवार हिलती है और पूरी तरह से गिर जाती है। कुछ ही पलों में मोटरसाइकिलें कंक्रीट के मलबे में गायब हो जाती हैं। एक ऐसा पल आता है जब अगर कोई वहां होता तो जानमाल का बड़ा नुकसान हो सकता था।
यह घटना सुबह हुई। आवासीय परिसर की दीवार कुछ ही पलों में गिर गई। हैरानी की बात यह है कि इस दीवार के पास कुछ मोटरसाइकिलें खड़ी थीं। दीवार के ढहने के बाद, वे सभी गाड़ियाँ सीधे उसके बगल में बने गड्ढे में गिर गईं। सौभाग्य से, कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन महत्वपूर्ण वित्तीय नुकसान के बारे में चिंताएँ व्यक्त की जा रही हैं।
घटनास्थल के नज़दीक एक नया ढांचा बनाया जा रहा है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि इस निर्माण कार्य के कारण दीवार के पास की मिट्टी अस्थिर हो गई थी। लगातार खुदाई के कारण दीवार की नींव अस्थिर हो गई और अंततः दीवार गिर गई। कई स्थानीय निवासियों ने पहले भी इस निर्माण के बारे में चिंता जताई थी, फिर भी समुदाय ने दावा किया है कि इसे अनदेखा किया गया था।
यह क्लिप सोशल प्लेटफॉर्म पर खूब ट्रेंड कर रही है। इसकी पुष्टि अभी नहीं हुई है। हम इस मुद्दे को केवल सूचना के तौर पर दर्शकों के साथ साझा कर रहे हैं। हम किसी भी तरह से इसका समर्थन नहीं करते हैं।
27 जून को भारी बारिश के कारण बेलापुर के पारसिक हिल पर एक जर्जर इमारत ढह गई, जिससे दो पार्क की गई कारों को नुकसान पहुंचा, लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ, क्योंकि यह खाली थी। बेलापुर फायर ब्रिगेड ने मलबा हटाने के लिए कार्रवाई की। नवी मुंबई नगर निगम ने 501 इमारतों को खतरनाक घोषित किया, जिनमें से 51 को बेहद खतरनाक श्रेणी में रखा गया। नुकसान की जिम्मेदारी मालिकों की है, नगर निगम की नहीं।
राजनीति
महाराष्ट्र सरकार ने वैध परमिट के साथ 24 घंटे तक उत्खनित रेत के परिवहन की अनुमति दी

मुंबई, 3 जुलाई। महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने गुरुवार को घोषणा की कि वैध परिवहन परमिट लेने के बाद उत्खनित रेत के परिवहन की अनुमति 24 घंटे तक दी जाएगी।
राज्य विधानसभा में अपने बयान में मंत्री ने कहा कि वर्तमान में रेत उत्खनन की अनुमति सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक है और उत्खनित रेत के परिवहन की अनुमति शाम 6 बजे के बाद उन लोगों को दी जाती है जिन्होंने वैध परिवहन परमिट लिया है। भारी यातायात के मद्देनजर कुछ शहरों में रेत परिवहन की अनुमति नहीं है। विभिन्न विकास परियोजनाओं को पूरा करने के लिए रेत की मांग तेजी से बढ़ रही है। लेकिन, शाम 6 बजे के बाद रेत परिवहन पर प्रतिबंध के कारण उत्खनित रेत के परिवहन के लिए उपलब्ध वाहनों का उपयोग पूरी तरह से नहीं हो रहा था।
उन्होंने विधानसभा को बताया कि अन्य राज्यों से परिवहन की जाने वाली रेत के लिए ऐसे प्रतिबंध लागू नहीं हैं, क्योंकि उन्हें शून्य रॉयल्टी पास के आधार पर 24 घंटे परिवहन की अनुमति है। उन्होंने कहा, “शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे के बीच रेत परिवहन की अनुमति नहीं होने के कारण राज्य में रेत का उपयोग पूरी तरह से नहीं हो पाता है। इसलिए सरकार ने सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक उत्खनित रेत के स्टॉक का अधिकतम उपयोग करने के लिए कुछ शर्तों का पालन करते हुए वैध परमिट प्राप्त करके 24 घंटे परिवहन की अनुमति देने का निर्णय लिया है। सरकार वैध परमिट प्राप्त करने की सुविधा प्रदान कर रही है जो 24 घंटे उपलब्ध रहेगी।” मंत्री बावनकुले ने कहा कि उत्खनित रेत और उसके स्टॉक पर जियो-फेंसिंग की जाएगी, जबकि सरकार द्वारा निर्धारित विभिन्न शर्तों के तहत उत्खनित रेत के परिवहन के लिए तैनात वाहनों में सीसीटीवी और जीपीएस सेवाएं भी लगाई जाएंगी। मंत्री की यह घोषणा महत्वपूर्ण है क्योंकि राज्य की रेत नीति 2025 में 24 घंटे रेत परिवहन की अनुमति देने या विनियमित करने का स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं किया गया है। परिवहन परमिट और ई-पास द्वारा संचालित होता है, जो ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से जारी किए जाते हैं, जिन्हें मुख्य रूप से कानूनी वितरण के लिए तहसीलदारों द्वारा प्रबंधित किया जाता है। स्थानीय ग्राम पंचायतें और नगर परिषदें निर्माण के लिए रॉयल्टी दरों पर रेत प्राप्त कर सकती हैं, लेकिन उपलब्ध कराए गए डेटा में चौबीसों घंटे संचालन का कोई संदर्भ मौजूद नहीं है।
इसके अलावा, मंत्री ने विपक्ष को आश्वासन दिया कि सरकार हाल ही में घोषित नई रेत नीति पर चर्चा के लिए तैयार है।
यह नीति अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने और एक स्थायी आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए रेत उत्खनन, वितरण और परिवहन को विनियमित करने पर केंद्रित है। इसमें रेत समूहों के लिए ई-नीलामी, एम-सैंड (कृत्रिम रेत) को बढ़ावा देना और घरकुल योजना के तहत ग्रामीण आवास लाभार्थियों के लिए मुफ्त रेत (5 बैग तक) शामिल है।
मंत्री बावनकुले ने कहा कि नदी की रेत पर निर्भरता कम करने के लिए, नीति एम-सैंड (निर्मित रेत) को बढ़ावा देती है, जिसमें प्रति जिले 50 क्रशर इकाइयाँ अधिकृत हैं और सरकारी परियोजनाओं में अनिवार्य उपयोग (शुरुआत में 20 प्रतिशत, तीन वर्षों में 100 प्रतिशत तक बढ़ाना) है। इससे अप्रत्यक्ष रूप से परिवहन पर प्रभाव पड़ता है, क्योंकि स्थानीय स्तर पर उत्पादित कृत्रिम रेत पर ध्यान केन्द्रित हो जाता है, जिससे परिवहन रसद में कमी आ सकती है।
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