राजनीति
किसानों को गांव-गांव हाट और बाजार उपलब्ध करायेगी योगी सरकार

उत्तर प्रदेश के किसानों की राह आसान करने के लिए योगी सरकार गांव के पास ही हाट और बाजार उपलब्ध कराने जा रही है। इससे किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए शहर के बाजार तक नहीं जाना होगा। योगी सरकार के निर्देश पर मंडी परिषद प्रदेश भर में 53 ग्रामीण हाट और बाजार तैयार कर चुका है। करोड़ों की लागत से बन रहे इन ग्रामीण बाजारों में किसानों की जरूरत की हर सुविधा उपलब्ध होगी।
प्रदेश के किसानों को व्यापार से जोड़ कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। किसान अपने खेतों की पैदावार को गांव के पास में ही उपलब्ध हाट, बाजार में बेहतर कीमत में बेच सकेंगे। इन बाजारों से किसान अपनी जरूरत की चीजें खरीद भी सकेंगे। गांव के पास बाजार उपलब्ध हो जाने से किसानों को दूर की मंडी तक अपने उत्पाद ले जाने का खर्च भी काफी कम हो जाएगा, ग्रामीण बाजार मिल जाने से किसानों के समय की बचत भी हो सकेगी। किसान इन बाजारों में सब्जी, अनाज और फल समेत सभी तरह की फसल बेच सकेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में तैयार हो रहे इन बाजारों में बारिश और धूप से बचाव की सुविधा के साथ पेय जल, शौचालय, सड़क और अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। सरकार स्थानीय अधिकारियों के स्तर से किसानों को मिल रही सुविधाओं की निगरानी करेगी।
मंडी परिषद ने ग्रामीण बाजारों पर काम शुरू कर दिया है। अगले कुछ महीनों के भीतर ही इन बाजारों का संचालन राज्य सरकार शुरू कर देगी। योगी सरकार की इस योजना को किसानों के लिए आत्मनिर्भरता का बूस्टर डोज माना जा रहा है। खास तौर से छोटे और मझोले किसानों के लिए ग्रामीण बाजार की योजना बड़ा तोहफा साबित हो सकती है।
शहरों से काफी दूर पूर्वांचल के पिछड़े इलाकों को इन बाजारों के जरिये योगी सरकार आर्थिक विकास की मुख्य धारा में शामिल करने जा रही है, ताकि किसान, व्यापारियों और बिचैलियों पर निर्भर रहने के बजाय खुद अपनी फसल की बेहतर कीमत प्राप्त कर सके और बाजार के अर्थशास्त्र की जानकारी भी हो सके। 53 ग्रामीण बाजारों की योजना को जमीन पर उतारने के साथ ही सरकार पूर्वांचल और पश्चिम उत्तर प्रदेश के अन्य इलाकों में भी ग्रामीण बाजार बनाने की योजना पर काम कर रही है।
मंडी परिषद के अपर निदेशक कुमार विनीत ने बताया कि अब तक 53 ग्रामीण हाट बजार तैयार हो चुके हैं। जल्द ही मुख्यमंत्री इसका उद्घाटन भी करेंगे। उन्होंने बताया कि 150 बजार बनाने का लक्ष्य है। जहां पर वास्तव में बाजार चल रहे होंगे, वहीं पर इन्हें बनाया जा रहा है। जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव मिलेंगे वहां बाजार तैयार कराए जाएंगे। इन बाजारों पर शौचालय और शुद्ध पानी की व्यवस्था की जाएगी। वैसे तो पूरे प्रदेष में 500 बाजार बनाने है। इसके लिए हमें नि:षुल्क जमीन की जरूरत है। इसके लिए 150 करोड़ का बजट रखा गया है।
राजनीति
बंगाल की संस्कृति की अनदेखी भाजपा को पड़ेगी भारी : सौरभ भारद्वाज

नई दिल्ली, 9 अप्रैल। दिल्ली के चित्तरंजन पार्क इलाके में मांस और मछली की दुकानों को लेकर विवाद छिड़ गया है। इस विवाद के केंद्र में एक वीडियो है, जिसमें कुछ लोग डीडीए मार्केट स्थित एक मंदिर के बगल में चल रही मांस-मछली की दुकानों को जबरन बंद कराने की कोशिश कर रहे हैं।
यह मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है, जहां आम आदमी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी पर सीधा हमला बोला है।
‘आप’ नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, “भाजपा को देश की संस्कृति के बारे में कुछ नहीं मालूम। वे व्हाट्सएप पर जो देखते हैं, उसे ही सच मान लेते हैं। चित्तरंजन पार्क में बंगाली समुदाय के लोग रहते हैं, जो सबसे ज्यादा शिक्षित और समझदार हैं। बंगाल की संस्कृति की अनदेखी भाजपा को भारी पड़ेगी।”
उन्होंने कहा कि जिस प्रांगण में मां दुर्गा की पूजा होती है, वहां मांस और मछली भी प्रसाद स्वरूप चढ़ाई जाती है। बंगाली समाज नवरात्र में भी मांसाहार करता है, यह उनकी सांस्कृतिक पहचान है।
उन्होंने सवाल उठाया, “डीडीए ने इन दुकानों को कानूनी रूप से आवंटित किया है। ऐसे में भाजपा समर्थकों द्वारा गरीब दुकानदारों को धमकाना और धौंस जमाना बिल्कुल गलत है। भाजपा अपनी ताकत सिर्फ गरीबों पर ही क्यों दिखाती है?”
आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने भी भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा, “अगर भाजपा को मांस-मछली की दुकानों से इतनी परेशानी है, तो उन्हें पहले डीडीए से सवाल करना चाहिए, जिसने ये दुकानें आवंटित की हैं। गरीब दुकानदारों को परेशान करना और उन पर अत्याचार करना कहीं न कहीं भाजपा की उगाही की मंशा को दर्शाता है।”
इस पूरे विवाद पर स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि यह मार्केट पिछले 70 वर्षों से यहां स्थित है और मंदिर भी मार्केट के लोगों ने ही बनवाया है। दुकानदारों का आरोप है कि कुछ लोग जबरन संस्कृति के नाम पर दुकानों को बंद करवाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि दुकानें डीडीए से पूरी तरह से अनुमोदित हैं।
महाराष्ट्र
वानखेड़े ने काशिफ खान और राखी सावंत के खिलाफ मानहानि का मामला वापस लिया

मुंबई: एनसीबी के पूर्व जोनल डायरेक्टर एडिशनल कमिश्नर आईआरएस ने फिल्म अभिनेत्री राखी सावंत और उनके वकील काशिफ अली खान के खिलाफ दायर मानहानि का केस वापस ले लिया है। समीर वानखेड़े ने राखी सावंत और उनके वकील काशिफ अली खान देशमुख के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर 11.55 लाख रुपये का मुआवजा मांगा था। वानखेड़े ने व्यक्तिगत आधार पर मामला वापस ले लिया। शिकायत वापस लेने पर काशिफ अली खान ने कहा कि हमारी मध्यस्थता पूरी हो गई है। आपसी मतभेद के बजाय हमने अपने छिपे हुए दुश्मनों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। इसका एक उदाहरण यह है कि मैंने समीर वानखेड़े की बहन यास्मीन वानखेड़े के मामले की पैरवी की है और पूर्व मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दायर किया है।
समीर वानखेड़े ने शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को कॉर्डेलिया क्रूज मामले में गिरफ्तार किया था और इस मामले में गिरफ्तार किए गए मनमोहन धमीचा के वकील काशिफ अली खान ने अपने इंस्टाग्राम और सोशल मीडिया चैनलों पर समीर वानखेड़े के खिलाफ आपत्तिजनक और अभद्र टिप्पणी की थी, जिसके बाद वानखेड़े ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया और राखी सावंत ने भी उसी पोस्ट को अपने इंस्टाग्राम पर शेयर किया। चूंकि काशिफ अली खान ही राखी सावंत के कई मामलों की पैरवी कर रहे हैं, इसलिए वानखेड़े ने उन दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था, लेकिन अब वानखेड़े ने निजी कारणों के आधार पर मामला वापस ले लिया है। अदालत ने मामले की वापसी के लिए पक्षकारों को उपस्थित रहने का आदेश दिया था, जबकि वानखेड़े ने कहा कि उनका काशिफ अली के साथ समझौता हो गया है और इस समझ के बाद वानखेड़े ने मामला वापस ले लिया है।
राष्ट्रीय समाचार
सड़क चौड़ीकरण के लिए जयपुर में चला जेडीए का बुलडोजर, हाईकोर्ट के आदेश पर कार्रवाई

जयपुर, 9 अप्रैल। राजस्थान हाईकोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने जयपुर के 200 फीट बायपास से खातीपुरा झारखंड मोड़ तक सड़क की चौड़ाई बढ़ाने के लिए अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है। जेडीए के जोन 7 के तहत आने वाली इस सड़क को 160 फीट चौड़ा करने का लक्ष्य है, ताकि यातायात को सुगम बनाया जा सके। हाईकोर्ट ने पिछले साल 21 नवंबर को जेडीए को इस दिशा में त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद यह कदम उठाया गया है।
जेडीए ने इस कार्रवाई को व्यवस्थित तरीके से अंजाम देने के लिए पांच टीमें गठित की हैं। इन टीमों ने सबसे पहले सड़क की सीमा का डिमार्केशन किया और अतिक्रमण के दायरे में आने वाली संरचनाओं को चिह्नित किया। इसके बाद अतिक्रमण करने वालों को नोटिस जारी कर उन्हें स्वयं अतिक्रमण हटाने का मौका दिया गया। जेडीए के इस कदम का असर भी दिखाई दिया, क्योंकि नोटिस मिलने के बाद कई लोगों ने अपने स्तर पर ही अतिक्रमण हटाना शुरू कर दिया। जो बाकी थे, उन्हें हटाने के लिए जेडीए का दस्ता सक्रिय रूप से जुट गया।
यह जयपुर शहर के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग है, जो 200 फीट बाईपास से खातीपुरा और झारखंड मोड़ को जोड़ता है। पिछले कुछ सालों में इस इलाके में बढ़ते ट्रैफिक और अतिक्रमण के कारण सड़क संकरी हो गई थी, जिससे आए दिन जाम की समस्या बनी रहती थी। स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने भी इस समस्या को लेकर कई बार शिकायत की थी। हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद अब इस दिशा में ठोस कदम उठाया जा रहा है।
जेडीए अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई पूरी तरह से कोर्ट के निर्देशों के अनुसार हो रही है और इसे जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश की जा रही है। अतिक्रमण हटाने के बाद सड़क को 160 फीट चौड़ा करने का काम शुरू होगा, जिससे न केवल यातायात की समस्या कम होगी, बल्कि क्षेत्र का विकास भी होगा। स्थानीय निवासियों ने इस कदम का स्वागत किया है।
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