राष्ट्रीय
किसानों को मिल रहा लागत का डेढ़ गुना एमएसपी, खरीद में भारी इजाफा : वित्त मंत्री

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि किसानों को उनकी फसलों का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मिल रहा है। लोकसभा में बजट भाषण के दौरान वित्तमंत्री ने ऐलान किया कि किसानों से एमएसपी पर फसलों की खरीद जारी रहेगी। वित्तमंत्री ने धान और गेहूं की एमएसपी पर खरीद के आंकड़े पेश करते हुए कहा कि इस साल 2020-21 में धान की खरीद पर 172,752 करोड़ रुपये से ज्यादा होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि 2013-14 में जहां 63,928 करोड़ रुपये का धान खरीदा गया था, वहां 2019-20 में यह राशि बढ़कर 1,41,930 करोड़ रुपये हो गई।
एमएसपी पर गेहूं खरीद के आंकड़े पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि 2013-14 में किसानों को कुल 33,874 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था, जबकि 2019-20 में उन्हें गेहूं के एमएसपी के तौर पर 62,802 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। उन्होंने कहा कि आगे 2020-21 में स्थिति और बेहतर हो गई जब किसानों को एमएसपी के तौर पर कुल 75,060 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
एमएसपी पर दलहनों की खरीद के आंकड़े पेश करते हुए वित्तमंत्री ने बताया कि इसी तरह 2013-14 में जहां दाल की खरीद पर किसानों को सिर्फ 236 करोड़ रुपये भुगतान कया गया था, वहां यह राशि बढ़कर 2019-20 में 8,285 करोड़ रुपये हो गई और अब 2020-21 में यह राशि 10,530 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है, जोकि 2013-14 की तुलना में 40 गुना अधिक है।
उन्होंने बताया कि किसानों से एमएसपी पर कपास की खरीद में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वित्तमंत्री द्वारा पेश आंकड़ों के अनसार, 27 जनवरी तक कपास की खरीद के लिए किसानों को 25,974 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका था, जबकि 2013-14 में सिर्फ 90 करोड़ रुपये की कपास किसानों से सरकारी एजेंसी ने खरीद थी।
वित्तमंत्री ने इन आंकड़ों के साथ यह साबित किया कि मोदी सरकार में एमएसपी किसानों से फसलों की खरीद में इजाफा हुआ है।
देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलनरत किसानों की दो प्रमुख मांगों में एमएसपी भी शामिल है। आंदोलनकारी किसान सभी अधिसूचित फसलों की खरीद एमएसपी पर करने की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार ने पहले भी कहा है कि एमएसपी पर फसलों की खरीद पूर्ववत जारी रहेगी।
खेल
भारत के खिलाफ टी20 सीरीज में ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल कर सकते हैं वापसी

नई दिल्ली, 9 अक्टूबर : ऑस्ट्रेलिया और भारत के खिलाफ पांच मैचों की टी-20 सीरीज खेली जाएगी। पहले दो मैचों के लिए ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल का चयन नहीं हुआ है, लेकिन बाकी तीन मैचों में यह स्टार खिलाड़ी वापसी कर सकता है।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला टी-20 मैच 29 अक्टूबर को कैनबरा में खेला जाएगा। ऑस्ट्रेलिया ने दो टी-20 मैचों के लिए टीम की घोषणा कर दी है।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टी-20 सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल ने भरोसा जताया है कि वे बाकी मैचों में वापसी करेंगे। अपनी कलाई की फ्रैक्चर सर्जरी के बाद उन्होंने रिकवरी अपडेट देते हुए कहा कि वह 29 अक्टूबर से भारत के खिलाफ शुरू होने वाली टी20 सीरीज के आखिरी तीन मैचों में वापसी का लक्ष्य बना रहे हैं।
पिछले हफ्ते हुई सर्जरी के बाद वह रिकवरी की राह पर हैं और उम्मीद जता रहे हैं कि इससे उनकी वापसी में तेजी आएगी।
मैक्सवेल ने मेलबर्न में पत्रकारों से कहा, “सर्जरी के बाद मुझे भारत के खिलाफ टी20 सीरीज के आखिरी मैचों में खेलने की उम्मीद है, बशर्ते मैं समय पर फिट हो जाऊं। मेरे सामने दो विकल्प थे—या तो सीरीज को पूरी तरह छोड़ दूं और सर्जरी से बचूं या सर्जरी करवाकर थोड़ी-सी संभावना बनाए रखूं। मैंने सर्जरी का विकल्प चुना ताकि बिग बैश लीग (बीबीएल) से पहले तैयार हो सकूं और अपने शरीर को पूरी तरह ठीक कर सकूं।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने भारत के विरुद्ध वनडे सीरीज के तीनों मुकाबलों और टी20 सीरीज के शुरुआती दो मैचों के लिए अपनी टीम का ऐलान कर दिया है। दोनों ही फॉर्मेट में मिचेल मार्श ऑस्ट्रेलियाई टीम की कमान संभालेंगे। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीन वनडे मुकाबलों के बाद 29 अक्टूबर से 8 नवंबर के बीच कैनबरा, मेलबर्न, होबार्ट, गोल्ड कोस्ट और ब्रिस्बेन में पांच टी20 मुकाबले खेले जाने हैं।
ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल ने टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने शानदार प्रदर्शन से खास पहचान बनाई है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए 124 टी20 मैचों की 114 पारियों में 2833 रन बनाए हैं। उनका सर्वोच्च स्कोर 145 रन है।
मैक्सवेल ने 240 चौके और 148 छक्के लगाए हैं, जिसमें 12 अर्धशतक और 5 शतक शामिल हैं। गेंदबाजी में भी मैक्सवेल ने अपनी उपयोगिता साबित की है। उन्होंने 49 विकेट हासिल किए हैं, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 10 रन देकर 3 विकेट रहा है।
राजनीति
मतगणना प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने की पहल, चुनाव आयोग ने जारी किए निर्देश

नई दिल्ली, 25 सितंबर चुनाव आयोग ने गुरुवार को पिछले छह महीनों में अपने 30वें बड़े कदम के तौर पर एक नया निर्देश जारी किया। इसका उद्देश्य मतगणना प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना है, खासकर डाक मतपत्रों की गिनती के लिए।
आयोग के प्रेस नोट में इस कदम के बारे में बताया गया, जिसका उद्देश्य वोटों की गिनती में देरी को कम करने के साथ-साथ पारदर्शिता और एकरूपता सुनिश्चित करना है।
चुनाव आयोग का यह फैसला पोस्टल बैलेट की संख्या में हुई भारी बढ़ोतरी के मद्देनजर लिया गया है। यह बढ़ोतरी विकलांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) और 85 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के लिए घर पर मतदान जैसी हाल की पहलों का परिणाम है।
हालांकि, आमतौर पर पोस्टल बैलेट की गिनती इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से वोटों की गिनती से पहले पूरी हो जाती है, लेकिन यह नया नियम इस प्रक्रिया को औपचारिक बनाने के लिए है।
नए निर्देश के अनुसार, चुनाव आयोग ने कहा कि ईवीएम/वीवीपैट की मतगणना का दूसरा अंतिम चरण तब तक शुरू नहीं होगा जब तक डाक मतपत्रों (पोस्टल बैलट) की गिनती पूरी नहीं हो जाती उस मतगणना केंद्र पर जहां डाक मतपत्रों की गिनती हो रही है।
चुनाव आयोग ने यह भी निर्देश दिया कि जहां डाक मतपत्रों की संख्या अधिक हो, वहां रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) को यह सुनिश्चित करना होगा कि पर्याप्त संख्या में टेबल और गिनती कर्मचारी उपलब्ध हों ताकि कोई देरी न हो और मतगणना प्रक्रिया को और सुचारू बनाया जा सके।
प्रेस नोट में इस बात पर जोर दिया गया है कि यह पूरी प्रक्रिया को और अधिक सुव्यवस्थित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह पहल चुनाव आयोग की ओर से पिछले छह महीनों में किए गए व्यापक चुनावी सुधारों की श्रृंखला का एक हिस्सा है।
आयोग के पिछले 29 उपायों में मतदाताओं की सुविधा बढ़ाने, चुनावी प्रणाली को मजबूत करने और तकनीक के उपयोग को बेहतर बनाने की पहल शामिल रही हैं।
इनमें मतदाताओं के लिए मोबाइल डिपॉजिट सुविधा, 808 रजिस्टर्ड गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) को सूची से हटाना, भीड़ कम करने के लिए एक मतदान केंद्र में 1,200 से अधिक मतदाता न रखना, बीएलओ को स्टैंडर्ड फोटो आईडी कार्ड जारी करना, ईआरओ, डीईओ और सीईओ स्तर पर देश भर में 4,719 सर्वदलीय बैठकें आयोजित करना, ईसीआईएनईटी डिजिटल प्लेटफॉर्म का शुभारंभ आदि शामिल हैं।
पोस्टल बैलेट पर नया निर्देश चुनाव आयोग की चुनावी प्रणाली की कार्यक्षमता और पारदर्शिता में सुधार के प्रति उसकी निरंतर प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है।
राष्ट्रीय
7 सितंबर को लगेगा. साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, इन राशि वालों को रहना होगा सतर्क

नई दिल्ली, 6 सितंबर। इस साल का दूसरा और आखिरी पूर्ण चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को है। जब धरती सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है और अपनी छाया चांद पर डालती है, तब चंद्र ग्रहण होता है। यह खगोलीय घटना न सिर्फ वैज्ञानिकों के लिए खास है, बल्कि धार्मिक, ज्योतिषीय और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है।
इस बार का चंद्र ग्रहण रात 9 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगा और 8 सितंबर की रात 1 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगा। चंद्रमा पूरी तरह धरती की छाया में डूब जाएगा, जिसे आम भाषा में ‘ब्लड मून’ कहा जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि चंद्रमा उस समय हल्के लाल रंग का दिखता है। यह पूरा ग्रहण लगभग 3 घंटे 28 मिनट तक चलेगा और भारत के सभी हिस्सों में आसानी से दिखाई देगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्र ग्रहण के समय सूतक काल लगता है, जिसे अशुभ काल कहा जाता है। इस बार सूतक काल दोपहर 12 बजकर 57 मिनट से शुरू होगा, जो ग्रहण मोक्ष यानी समाप्ति के समय रात 1:26 बजे तक जारी रहेगी। इस दौरान मंदिरों के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं। पूजा-पाठ, भोजन बनाना, या खाना खाना मना होता है। गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए, जैसे कि नुकीली चीजों से दूर रहना और बाहर न निकलना। इस समय केवल भगवान का नाम जपना, मंत्र जाप करना और ध्यान लगाना ही शुभ माना जाता है। माना जाता है कि इस दौरान मंत्रों की शक्ति कई गुना बढ़ जाती है।
ज्योतिष के मुताबिक, यह चंद्र ग्रहण भी बेहद खास है क्योंकि यह शनि की राशि कुंभ और गुरु के नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद में लग रहा है। साथ ही राहु चंद्रमा के साथ युति बना रहा है, जिससे ग्रहण योग बनता है। यह योग कुछ राशियों के लिए थोड़ी मुश्किलें लेकर आ सकता है। वृषभ, तुला और कुंभ राशि वाले लोगों को खास सतर्क रहने की जरूरत है। वृषभ राशि वालों को स्वास्थ्य और व्यापार में परेशानी हो सकती है, तुला राशि के लोगों को मानसिक तनाव और धन के मामलों में नुकसान झेलना पड़ सकता है, जबकि कुंभ राशि में तो ग्रहण लग ही रहा है, इसलिए उनके लिए यह समय काफी संवेदनशील माना जा रहा है।
इन समस्याओं के समाधान के तौर पर वृषभ राशि के लोग सफेद वस्त्र पहनें और दूध का दान करें। तुला राशि के लोग देवी लक्ष्मी की पूजा करें और वस्त्र दान करें, और कुंभ राशि के जातक महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। ग्रहण समाप्त होने के बाद हर व्यक्ति को स्नान करके साफ वस्त्र पहनने चाहिए, भगवान को भोग लगाना चाहिए, और जरूरतमंदों को दान देना चाहिए। इससे मन को शांति और जीवन में शुभ ऊर्जा मिलती है।
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