खेल
क्रिकेट : तमाम दर्द के बावजूद जाते-जाते जीत का राह दे गया 2020

साल 2020 जब आया तो उम्मीद थी कि अक्टूबर में आस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 विश्व कप को जीत भारत इसे यादगार बनाएगा, लेकिन कोरनावायरस का साया ऐसा छाया कि विश्व कप स्थगित हो गया। कोविड-19 ने अधिकतर समय क्रिकेट नहीं होने दी और इसी बीमारी के कारण यह साल भूलने वाला रहा।
सिर्फ यही नहीं, क्रिकेट के दिवानों को कोविड-19 के अलावा भी कई बुरी खबरों मिली, ऐसी खबरें जो प्रशंसकों को बीमारी से ज्यादा परेशान कर गईं उनमें से एक थी महेंद्र सिंह धोनी के सन्यास की खबर, डीन जोंस, बापू नादकर्णी भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज चेतन चौहान का निधन और साल के आखिरी महीने में भारत का टेस्ट इतिहास में एक पारी में सबसे कम स्कोर पर ढेर होना।
साल का अंत हालांकि भारत ने जिस तरह से किया है उसने अगले साल के लिए एक सकारात्मक सोच टीम में जरूर डाली होगी जो 2020 की कड़वी यादों को भूला अगले साल में एक शानदार जीत हासिल करते हुए कदम रख रही है।
2020 के जाते-जाते बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच में भारत ने जिस तरह से जीत हासिल की है उसने इस साल के अंत को एक तरह से सुखद बनाया है।
भारत ने साल की शुरुआत तो दो सीरीज जीत के साथ की थी। घर में खेली गई तीन मैचों की टी-20 सीरीज में श्रीलंका को 2-1 से हराया थ और फिर वनडे सीरीज में आस्ट्रेलिया को 2-1 से मात दी।
यहां से टीम न्यूजीलैंड गई। भारत के लिए न्यूजीलैंड दौरा अच्छा नहीं रहा। टी-20 सीरीज में न्यूजीलैंड को 5-0 से हराया, लेकिन वनडे सीरीज 0-3 से हार गई। टेस्ट में भारत को बेहद निराशा हाथ लगी। दो मैचों की टेस्ट सीरीज में न्यूजीलैंड के सामने कोहली की सेना संघर्ष करती दिखी।
न्यूजीलैंड दौरे को पीछे छोड़ भारत का ध्यान घर में दक्षिण अफ्रीका के साथ खेली जाने वाली वनडे सीरीज पर था, लेकिन कोविड़ के बढ़ते कहर ने इस सीरीज को रद्द करवा दिया। मार्च में यह सीरीज होनी थी और यह वो समय था जब धीरे-धीरे वायरस पैर पसार रहा था। किसी को भी अंदाजा नहीं था कि हालात इतने मुश्किल होने वाले हैं कि घर से बाहर निकलना खतरा होगा।
25 मार्च को भारतीय सरकार ने तालाबंदी की घोषणा कर दी और इसी खबर के साथ यह बात पक्की हो गई कि 28 मार्च से शुरू होने वाला आईपीएल इस बार तय कार्यक्रम पर नहीं होगा।
आईपीएल पर काले बादल मंडरा रहे थे। लग रहा था कि इस बार क्रिकेट कैलेंडर आईपीएल के बिना ही खत्म होगा क्योंकि स्थिति दिन ब दिन मुश्किल हो रही थी।
सौरभ गांगुली की अध्यक्षता वाली बीसीसीआई के लिए यह काफी मुश्किल था क्योंकि आईपीएल का न होना रेवेन्यू के लिहाज से बोर्ड को बहुत बड़ा झटका था। आईपीएल के साथ-साथ अक्टूबर में आस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 विश्व कप पर भी काले बादल छा गए।
इन दो टूर्नामेंट्स के बीच बीसीसीआई, आईसीसी और क्रिकेट आस्ट्रेलिया झूलती रही। क्रिकेट आस्ट्रेलिया के लिए कोविड-19 के रहते 16 देशों की मेजबानी करना मुश्किल था और सभी इस बात को समझ भी रहे थे। अंतत: यह खबर भी आ गई की टी-20 विश्व कप को स्थगित किया जा रहा है और यह टूर्नामेंट 2022 में खेला जाएगा क्योंकि 2021 में पहले से ही एक टी-20 विश्व कप की मेजबानी भारत के पास है।
इस साल टी-20 विश्व कप के स्थगित होने पर भारतीय बोर्ड ने आईपीएल की विंडो तलाशी और फैसला किया गया कि 20 सिंतबर से 10 नवंबर के बीच आईपीएल के 13वें सीजन का आयोजन कराया जाएगा। हां, यह आयोजन भारत में नहीं हुआ बल्कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने इसकी मेजबानी की।
आईपीएल के टीमों के रवाना होने से पहले हिन्दुस्तान के प्रशंसकों को एक ऐसी खबर मिली जिसकी उम्मीद इस साल तो प्रशंसक नहीं कर रहे थे। भारत के दो बार के विश्व विजेता कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। धोनी ने 15 अगस्त को शाम को 7:26 बजे अपने इंस्टाग्राम पर एक छोटा का पोस्ट लिख अपने करियर की समाप्ति की घोषणा कर दी। धोनी ने इस बार भी वही किया जिसके लिए वो जाने-जाते है-हैरान करना। चुपचाप से उन्होंने अपने अंदाज में अपना फैसला दुनिया के सामने रख दिया।
धोनी आखिरी बार 2019 विश्व कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले थे। इसके बाद वह आराम के चलते टीम से बाहर चल रहे थे। उनके टी-20 विश्व कप में खेलने की उम्मीद थी लेकिन कोविड-19 के कारण वह भी स्थगित हो गया था।
धोनी के प्रशंसकों को अपने पसंदीदा खिलाड़ी से आईपीएल में वही प्रदर्शन की उम्मीद थी जिसके लिए चेन्नई सुपर किंग्स का यह कप्तान जाना जाता है। कप्तान धोनी अपनी टीम को इस सीजन वो सफलता नहीं दिला पाए और टीम पहली बार आईपीएल के प्लेऑफ में जाने से चूक गई। सवाल तो यह भी उठे थे कि धोनी का यह आखिरी आईपीएल होगा लेकिन एक मैच में टॉस के समय पूछे गए इस सवाल पर धोनी के छोटे से जवाब-‘डेफिनेटली नॉट’ (बिल्कुल नहीं) ने यह साफ कर दिया कि धोनी 2021 में भी चेन्नई के लिए खेलते नजर आएंगे।
आईपीएल ने लोगों के चेहरे पर मुस्कान दी थी और लंबे अरसे बाद वह घर में टीवी के सामने बैठकर क्रिकेट देख रहे थे। इसी बीच एक ऐसी खबर भी आई जिसने सभी को एक बार फिर निराश कर दिया। आस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज डीन जोंस का अचानक मुंबई के होटल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। जोंस आईपीएल कॉमेंट्री टीम का हिस्सा थे।
क्रिकेट इस बीच इससे आगे बढ़ी। मुंबई इंडियंस ने लगातार दूसरा और अपना कुल पांचवां आईपीएल खिताब जीता। भारत के आस्ट्रेलियाई दौरे का ऐलान हो गया। भारत के लिए यह दौरा ऐतिहासिक था क्योंकि 2018-19 के दौरे पर भारत ने 71 साल बाद टेस्ट सीरीज जीत इतिहास रचा था।
इस बार भी कोहली की टीम से काफी उम्मीदें थीं। दौरे की शुरुआत तीन मैचों की वनडे सीरीज से हुई जिसमें भारत को मात मिली। इस सीरीज का हिसाब भारत ने टी-20 सीरीज जीत कर किया।
अब सभी की नजरें चार टेस्ट मैचों की सीरीज पर थीं। सीरीज से पहले ही कोहली ने बता दिया था कि वह पहले टेस्ट मैच के बाद भारत लौटेंगे क्योंकि वह अपने पहले बच्चे के जन्म के समय अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ रहना चाहते हैं।
एडिलेड से टेस्ट सीरीज की शुरुआत हुई। भारत ने डे-नाइट टेस्ट मैच के शुरुआती दो दिन अपना दबदबा दिखाया और आस्ट्रेलिया को दबाव में रखा। कप्तान ने पहली पारी में 74 रन बनाए, लेकिन शतक पूरा नहीं कर पाए। मैच के तीसरे दिन वो हुआ जिसने सभी को हैरान को दिया। मैच के तीसरे दिन भारत अपनी दूसरी पारी में महज 36 रनों पर ढेर हो गई जो उसका टेस्ट की एक पारी में अभी तक का सबसे कम स्कोर है। इस मैच को भारत हार भी गई। दूसरी पारी में कोहली भी नहीं चले, न रहाणे चले, न पुजारा का बल्ला चला।
टेस्ट की हार के बाद कोहली स्वदेश लौट गए और इसी के साथ यह दूसरा ऐसा साल रहा जब कोहली ने एक भी शतक नहीं जमाया हो। इससे पहले कोहली ने 2008 मे जब पदार्पण किया था जब वह उस साल एक भी शतक नहीं जमा पाए थे।
एडिलेड में 36 रनों पर ढेर होने के बाद भारत की चौतरफा आलोचना हो रही थी। कई दिग्गजों ने भारत को सीरीज से नकार दिया था और कहा था कि चूंकि कोहली जा चुके हैं इसलिए अब भारतीय टीम की वापसी मुमकिन नहीं।
कोहली की जगह अजिंक्य राहणे को टीम की कप्तानी करनी थी और उन्हीं पर टीम का दारोमदार था। स्वभाव से शांत रहाणे ने 26 दिसंबर से खेले गए सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच में जिस तरह की बल्लेबाजी और कप्तानी की उसने सभी को प्रभावित किया। इतना ही नहीं भारत ने इस मैच में आस्ट्रेलिया को मात दे पंडितों की भविष्यवाणियों को धता बता दिया और साल का अंत एक ऐसी जीत के साथ किया जिसे भारत के क्रिकेट इतिहास में सबसे शानदार जीतों में रखा जाएगा।
वहीं भारत की महिला क्रिकेट टीम की बात करें तो साल की शुरुआत टीम ने जितनी क्रिकेट खेली उतनी ही खेल पाई क्योंकि कोविड के बाद अभी तक टीम को मैदान पर वापसी करनी है। भारत ने मार्च में आस्ट्रेलिया में खेले गए टी-20 विश्व कप में हिस्सा लिया और फाइनल तक का सफर तय किया। हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली टीम हालांकि फाइनल नहीं जीत पाई। उसे मेजबान आस्ट्रेलिया ने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) पर खेले गए फाइनल में मात दी।
यह मैच ऐतिहासिक रहा क्योंकि इस मैच में 86, 174 दर्शक मैच देखने पहुंचे थे। इससे पहले किसी भी महिला क्रिकेट टीम के मैच में इतने दर्शक नहीं पहुंचे थे।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नहीं लेकिन भारतीय महिला खिलाड़ियों ने आईपीएल के प्लेऑफ के दौरान महिला टी-20 चैलेंज में शिरकत जरूर की।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देखा जाए तो कोविड-19 के बीच जुलाई में इंग्लैंड ने बायो सिक्योर बबल में वेस्टइंडीज टीम की मेजबानी की। इसी सीरीज से क्रिकेट की वापसी संभव हो सकी। इसके बाद वह पाकिस्तान और आस्ट्रेलिया की मेजबानी इंग्लैंड ने की।
खेल
मुफलिसी से निकलकर बनाई खुद की पहचान, देश का भविष्य हैं रिंकू सिंह

नई दिल्ली, 11 अक्टूबर: अपने ऑलराउंडर प्रदर्शन से मैच जिताने वाले रिंकू सिंह की मौजूदगी टीम की जीत की संभावना बढ़ाती है। उनकी ऑलराउंडर क्षमता टीम को बैलेंस प्रदान करती है। चाहे हालात कैसे भी हों, रिंकू सिंह मैच का रुख बदलने की क्षमता रखते हैं।
12 अक्टूबर 1997 को अलीगढ़ में जन्मे रिंकू सिंह का बचपन काफी मुफलिसी में बीता। रिंकू के पिता गैस वेंडर का काम करते थे। घर-घर जाकर वह सिलेंडर पहुंचाते।
एक ओर मुश्किल से परिवार का गुजर-बसर हो रहा था, तो दूसरी तरफ रिंकू का मन पढ़ाई में नहीं लग रहा था। वह बस एक क्रिकेटर बनना चाहते थे।
रिंकू सिंह ने साल 2014 में घरेलू क्रिकेट में डेब्यू किया, जहां शानदार प्रदर्शन के बाद साल 2018 में उन्हें इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) खेलने का मौका मिला। इस लीग ने ही उनकी जिंदगी बदल दी।
रिंकू सिंह ने आईपीएल 2023 में कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) की ओर से खेलते हुए गुजरात टाइटंस के विरुद्ध लगातार 5 गेंदों पर छक्के लगाकर सनसनी मचा दी। इस पारी ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया।
रिंकू सिंह ने आईपीएल करियर में 58 मैच खेले, जिसमें 30.53 की औसत के साथ 1,099 रन बनाए। इस दौरान चार अर्धशतक भी जमाए।
इसी साल रिंकू सिंह को भारतीय टीम में मौका मिल गया। अगस्त में उन्होंने टी20, जबकि दिसंबर में वनडे डेब्यू किया।
रिंकू सिंह एक ऑलराउंडर के रूप में अपनी टीम के लिए बेहद महत्वपूर्ण खिलाड़ी साबित हुए। बल्लेबाजी और गेंदबाजी, दोनों में संतुलन बनाए रखने का माद्दा रखने वाले इस छोटे कद के खिलाड़ी के पास बड़े-बड़े शॉट्स लगाने की क्षमता है। तेज रन बनाने के साथ-साथ दबाव वाली परिस्थितियों में भी रिंकू सिंह ठोस प्रदर्शन करते हैं।
दूसरी ओर, रिंकू सिंह की मध्यम गति की गेंदबाजी में सटीक लाइन-लेंथ और गेंद को स्विंग या कट कराने की क्षमता बल्लेबाजों को परेशान करती है।
पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप 2025 के फाइनल में रिंकू सिंह ने महज एक गेंद खेली, जिसमें चौका लगाकर हीरो बन गए। उनके इस शॉट को शायद ही कोई फैन भूल सके।
रिंकू सिंह भारत की ओर से 2 वनडे मैच खेल चुके हैं, जिसमें 55 रन बनाने के अलावा, एक विकेट भी हासिल किया। वहीं, 34 टी20 मुकाबलों में उन्होंने 42.30 की औसत के साथ 550 रन जुटाए हैं। इस दौरान उनके बल्ले से 3 अर्धशतक भी निकले। इस फॉर्मेट में रिंकू देश के लिए 2 विकेट ले चुके हैं।
वहीं, रिंकू सिंह ने फर्स्ट क्लास करियर में 50 मैच खेले, जिसमें 7 शतकों और 22 अर्धशतकों के साथ 3,336 रन बनाए। इस दौरान औसत 54.68 रहा। वहीं, 62 लिस्ट-ए मुकाबलों में उन्होंने 47.54 की औसत के साथ 1,997 रन बनाए।
दबाव में भरोसेमंद प्रदर्शन करने वाले रिंकू सिंह अपनी मानसिक मजबूती के जरिए विपक्षी खिलाड़ियों को परेशान करते हैं। डेथ ओवर्स में तेज रन बनाकर वह टीम को लक्ष्य तक पहुंचाने में मदद करते हैं। जरूरत पड़ने पर रिंकू सिंह विकेट लेने या रन रोकने में टीम को एक अतिरिक्त विकल्प उपलब्ध कराते हैं। ऐसे में यह खिलाड़ी भविष्य में भारतीय टीम के लिए उपयोगी साबित हो सकता है। बशर्ते उन्हें टीम में कुछ अधिक मौका दिया जाए।
राष्ट्रीय
हरिद्वार के पीठ बाजार में हड़कंप: पटाखों पर कार्रवाई के बाद अब जीएसटी विभाग की छापेमारी

हरिद्वार, 10 अक्टूबर: उत्तराखंड के हरिद्वार के प्रमुख व्यावसायिक केंद्र पीठ बाजार में शुक्रवार को अचानक राज्य कर (जीएसटी) विभाग की टीम की छापेमारी की। इस छापेमारी से बाजार में अफरा-तफरी मच गई।
अभी कुछ ही दिनों पहले प्रशासन ने यहां पटाखों के भंडारण पर कार्रवाई की थी और अब जीएसटी विभाग की इस कार्रवाई से व्यापारियों में रोष देखने को मिल रहा है।
जानकारी के अनुसार, जीएसटी विभाग की टीम दोपहर के समय पीठ बाजार में पहुंची और कई दुकानों पर दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी। इस दौरान व्यापारियों ने छापेमारी का विरोध करते हुए अधिकारियों को घेराबंदी कर नारेबाजी शुरू कर दी। तनावपूर्ण स्थिति होते देख टीम को बिना कार्रवाई किए ही वापस लौटना पड़ा।
व्यापारियों का कहना है कि लगातार विभागीय छापेमारियों से त्योहारों के समय उनका कारोबार ठप हो रहा है। व्यापारियों ने आरोप लगाया कि कुछ अधिकारी बिना किसी ठोस कारण के व्यापारियों पर दबाव बना रहे हैं और मनमाने तरीके से डराने-धमकाने की कोशिश कर रहे हैं।
स्थानीय व्यापार मंडल के सदस्यों ने मीडिया को बताया कि दीपावली और छठ जैसे बड़े त्योहारों से ठीक पहले इस तरह की कार्रवाइयां व्यापार को प्रभावित करती हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ अधिकारी जबरन दबाव बनाकर व्यापारियों को परेशान करने का प्रयास कर रहे हैं, जो अस्वीकार्य है।
व्यापारियों ने यह चेतावनी दी है कि यदि विभागीय उत्पीड़न बंद नहीं हुआ तो वे सामूहिक रूप से विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
अंतरराष्ट्रीय
काबुल में देर रात सिलसिलेवार धमाके, पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच तनाव बढ़ा

काबुल, 10 अक्टूबर : अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में रविवार देर रात हुए सिलसिलेवार धमाकों की घटना के बाद तनाव नाटकीय रूप से बढ़ गया है। आशंका जताई जा रही है कि ये विस्फोट बिना उकसावे के सीमा पार से किए गए हवाई हमलों का नतीजा थे।
कथित तौर पर ये विस्फोट पूर्वी काबुल के डिस्ट्रिक्ट 8 से शुरू हुए, जो प्रमुख सरकारी सुविधाओं और आवासीय क्षेत्रों का केंद्र है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना के दौरान आसमान से विमानों की आवाजें सुनाई दे रही थीं।
सिलसिलेवार धमाकों के बाद से इलाके में दहशत का माहौल देखा जा रहा है। भले ही विस्फोटों के पीछे का सटीक स्रोत और उद्देश्य का अभी तक पता नहीं चल सका, लेकिन शुरुआती रिपोर्ट्स में हवाई हमलों की आशंका जताई गई है।
उल्लेखनीय है कि यह घटना पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की ओर से नेशनल असेंबली में दिए गए एक तीखे बयान के कुछ ही घंटों बाद हुई। इस दौरान ख्वाजा आसिफ ने राजनयिक संयम में कमी का संकेत देते हुए कहा था, “बस, अब बहुत हो गया। हमारा धैर्य जवाब दे चुका है। अफगानिस्तान की धरती से आतंकवाद असहनीय है।”
नेशनल असेंबली में आसिफ ने पाकिस्तानी अधिकारियों की पिछली काबुल यात्रा को याद किया था। उस दौरान अफगान अधिकारियों ने कथित तौर पर पाकिस्तान को निशाना बनाकर की जा रही आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ आश्वासन देने से इनकार कर दिया था।
हालांकि, पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर किसी भी हमले की पुष्टि नहीं की है, लेकिन आसिफ की टिप्पणियों के समय और उसके बाद काबुल में हुए विस्फोटों ने सैन्य कार्रवाई की आशंकाओं को और बढ़ा दिया है।
इस बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर, पाकिस्तान के इस्लामाबाद और रावलपिंडी शहरों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं अचानक ठप कर दी गई हैं। पाक अधिकारियों ने इसे लेकर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है।
बलूच प्रतिनिधि मीर यार बलूच ने इन हमलों की निंदा करते हुए कहा, “हम काबुल में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हैं, जो पाकिस्तान की ओर से किया गया है। अगर अफगानिस्तान बलूचिस्तान को एक स्वतंत्र (स्वायत्त) राष्ट्र के रूप में मान्यता दे, तो पाकिस्तान और उसकी सेना की ओर से की जा रही आतंकवादी गतिविधियों को कुछ ही हफ्तों में समाप्त किया जा सकता है।”
जैसे-जैसे तनाव बढ़ रहा है, आगे सैन्य वृद्धि की संभावना को लेकर आशंकाएं बढ़ रही हैं।
-
व्यापार5 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र3 months ago
हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अनन्य3 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
न्याय1 year ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध3 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
अपराध3 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार8 months ago
नासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा