राजनीति
किसान आंदोलन का आज 29वां दिन, साफ नहीं किस मसले पर हो वार्ता
किसान आंदोलन गुरुवार को 29वें दिन जारी है। नये कृषि कानून के मसले पर सरकार और किसान संगठनों के बीच गतिरोध बना हुआ है। हालांकि दोनों पक्षों की तरफ से लगातार कहा जा रहा है कि किसानों की समस्याओं का समाधान करने की दिशा में वे बातचीत के लिए तैयार हैं, मगर अगले दौर की वार्ता किन मसलों पर होगी, यह साफ नहीं है। किसान संगठन कहते हैं कि सरकार कोई ठोस प्रस्ताव दे तो वार्ता हो। जबकि सरकार कहती है कि किसान संगठन कानून में संशोधन के जो भी प्रस्ताव लेकर आएंगे उस पर विचार किया जाएगा। मगर, प्रदर्शनकारी किसान तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करवाने की मांग पर कायम हैं जबकि सरकार उनकी इस मांग को मानने को तैयार नहीं है। भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां), पंजाब के प्रेसीडेंट जोगिंदर सिंह ने आईएएनएस से कहा कि सरकार अगर तीनों काूननों को रद्द करने की बात करें तो वार्ता हो क्योंकि संशोधन किसानों को मंजूर नहीं है।
पंजाब के कुछ किसान संगठनों की गुरुवार की सुबह हुई बैठक के बाद जोगिंदर सिंह ने आईएएनएस के एक सवाल पर कहा, कानून में संशोधन का प्रस्ताव पिछली बात है जिस पर पहले ही बातचीत टूट चुकी है। अब सरकार अगर कोई नया प्रस्ताव लेकर आए तो उस पर बातचीत हो। हमारी बातचीत अब तो इस मसले पर होगी कि कानूनों को रद्द करने को लेकर सरकार क्या सोचती है। आईएएनएस ने उनसे पूछा कि आंदोलन समाप्त करने को लेकर किसान संगठन अब सरकार से किन मसलों पर बातचीत करना चाहते हैं।
उन्होंने आगे कहा, हमारी चुनी हुई सरकार है और हम उम्मीद करते हैं कि सरकार लोगों की भावनाओं का ख्याल रखते हुए जल्द कोई फैसला ले क्योंकि सर्द के मौसम में लोग यहां बैठे हुए हैं।
उधर, सरकार का कहना है पूरे देश के किसान कानून के पक्ष में हैं, कुछ ही लोग इसका विरोध कर रहे हैं। इस संबंध में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, सरकार समानांतर किसान संगठन बनाकर प्रचार कर रही है और किसान आंदोलन को तोड़ने की तमाम कोशिशें विफल हो चुकी हैं।
पंजाब के ही एक अन्य संगठन भारतीय किसान यूनियन के नेता पाल माजरा से आईएएनएस ने जब पूछा कि किसान संगठनों की तरफ से बातचीत के मसले क्यों नहीं सुझाए जा रहे हैं तो उन्होंने कहा कि तीनों काूननों को रद्द करने की मांग पर सभी किसान संगठनों की एक राय है और इसके लिए सरकार तैयार होगी तो बातचीत होगी।
उन्होंने कहा, बातचीत के और भी मसले हैं। मसलन, एमएसपी पर फसलों की खरीद की गारंटी, पराली दहन अध्यादेश, बिजली अनुदान समेत कई और मसले हैं जिन पर हम सरकार से ठोस बातचीत की उम्मीद करते हैं।
बता दें कि सरकार ने किसानों के सारे मसलों के समाधान के लिए नौ दिसंबर को ही किसान संगठनों को प्रस्ताव भेजा था, जिसे किसान नेताओं ने सिरे से खारिज कर दिया था। इसके बाद से लगातार दोनों पक्षों की तरफ से कहा जा रहा है कि समाधान के रास्ते तलाशने के लिए वे अगले दौर की वार्ता के लिए तैयार हैं। मगर, न तो सरकार की तरफ से कोई नया प्रस्ताव दिया गया है और न ही किसान संगठनों की ओर से। ऐसे में अगले दौर की वार्ता किन मसलों पर हो यह साफ नहीं है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने बुधवार को एक बार फिर साफ कर दिया है कि नये कृषि कानूनों में संशोधन के प्रस्ताव किसानों को मंजूर नहीं है और वे तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करवाना चाहते हैं। हालांकि मोर्चा की ओर से सरकार को लिखे पत्र में कहा गया है कि सरकार अगर साफ नीयत से बातचीत को आगे बढ़ाना चाहे तो किसान संगठन वार्ता के लिए तैयार हैं।
इससे पहले केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि किसानों की समस्याओं का जल्द समाधान हो जाएगा। उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि प्रदर्शनकारी किसान संगठन अगले दौर की वार्ता के लिए जल्द अपने निर्णय और तारीख बताएंगे।
संसद के मानसून सत्र में कृषि से जुड़े तीनों अध्यादेशों से संबंधित तीन अहम विधेयकों संसद में पेश किए गए और दोनों सदनों की मंजूरी मिलने के बाद इन्हें कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 के रूप सितंबर में लागू किए गए। किसान संगठन इन तीनों कानूनों को निरस्त करवाने की मांग को लेकर 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं।
महाराष्ट्र
भायखला रिडेवलपमेंट साइट पर हादसा, दो मजदूरों की मौत

CRIME
मुंबई: भायखला (पश्चिम) स्थित हबीब मेंशन के प्रस्तावित रिडेवलपमेंट स्थल पर शनिवार दोपहर एक बड़ा हादसा हुआ। पाइलिंग का काम चल रहा था तभी अचानक ज़मीन धंस गई, जिसके चलते दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई।
घटना में 2–3 अन्य मजदूर गंभीर रूप से घायल हुए, जिन्हें तुरंत नज़दीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। हादसा सुंदर गली, हेन्स रोड और टैंक पाखाड़ी रोड के बीच स्थित उस रिडेवलपमेंट साइट पर हुआ, जहां निर्माण कार्य इब्राहिम जुसब सोपारीवाला एंड अदर्स द्वारा किया जा रहा है। परियोजना से ए2 एसोसिएट्स और राजपुरकर एसोसिएट्स जुड़े बताए जाते हैं, जबकि स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट के रूप में ज़ेडज़ेड कंसल्टेंट्स का नाम सामने आया है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि साइट पर पर्याप्त सुरक्षा इंतज़ाम मौजूद नहीं थे, जिसकी वजह से यह बड़ी दुर्घटना हुई। पुलिस और बीएमसी टीमों ने मौके को घेरकर जांच शुरू कर दी है।
अधिकारियों ने कहा है कि रिडेवलपमेंट के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किस स्तर पर नहीं किया गया, इसकी विस्तृत जांच की जाएगी।
राजनीति
आत्मचिंतन करें राहुल गांधी, नहीं तो बार-बार असफल होते रहेंगे: देवेंद्र फडणवीस

नागपुर, 15 नवंबर: बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को मिली बंपर जीत पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को सलाह दी है कि वे अगर हार का आत्मचिंतन नहीं करेंगे तो वे हर बार असफल ही होंगे।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का यह बयान उस वक्त आया है जब, बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद राहुल गांधी ने दावा किया कि चुनाव शुरू से निष्पक्ष नहीं था, इसलिए चुनावी परिणाम ऐसे सामने आए।
राहुल गांधी ने एक्स पोस्ट में लिखा, “मैं बिहार के उन करोड़ों मतदाताओं का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने महागठबंधन पर अपना विश्वास जताया। बिहार का यह परिणाम वाकई चौंकाने वाला है। हम एक ऐसे चुनाव में जीत हासिल नहीं कर सके, जो शुरू से ही निष्पक्ष नहीं था। यह लड़ाई संविधान और लोकतंत्र की रक्षा की है। कांग्रेस पार्टी और इंडी गठबंधन इस परिणाम की गहराई से समीक्षा करेंगे और लोकतंत्र को बचाने के अपने प्रयासों को और अधिक प्रभावी बनाएंगे।”
राहुल के पोस्ट पर सीएम फडणवीस ने जवाब देते हुए कहा कि राहुल गांधी जब तक आत्म-परीक्षण नहीं करेंगे, तब तक मिट्टी-पलीद करते ही रहेंगे।
सीएम फडणवीस ने कहा कि बिहार में यह प्रचंड जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नेतृत्व के विश्वास की है। इस जनादेश के लिए बिहार को बधाई और धन्यवाद। बिहार आगे भी सकारात्मक रूप से विकसित और समृद्ध होगा।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि सबसे पहले, मैं एनडीए को बधाई देना चाहता हूं। यह जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर विश्वास का प्रतीक है। गृह मंत्री अमित शाह ने जिस तरह से चुनाव प्रचार को आकार दिया, यह जीत उसी की बदौलत है। हमें बड़ी जीत मिली। बिहार में लोगों ने जातिगत राजनीति से ऊपर उठकर एनडीए को वोट दिया, यह एक बड़ा जनादेश है। साथ ही, बिहार ने महागठबंधन, खासकर कांग्रेस को एक सबक दिया। बिहार की जनता ने यह संदेश दे दिया कि अगर वे संवैधानिक संस्थाओं और दूसरे राज्यों की जनता द्वारा दिए गए जनादेश का अपमान करते हैं, तो वे उन्हें वोट नहीं देंगे। कांग्रेस को इतनी कम सीटें पहले कभी नहीं मिलीं, अगर वे नहीं सुधरे, तो उनका सफाया हो जाएगा।
राजनीति
बिहार : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिले चिराग पासवान, जीत की बधाई दी

पटना, 15 नवंबर: केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की है। इस दौरान, उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत की बधाई दी।
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के नेतृत्व में लोजपा (रामविलास) का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार सुबह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर पहुंचा। मुलाकात के दौरान एक-दूसरे को चुनाव में मिली जीत की बधाई और शुभकामनाएं दी गईं।
मुलाकात के बाद चिराग पासवान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम के पश्चात आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से मुलाकात कर उन्हें एनडीए के प्रचंड बहुमत की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं।”
लोजपा (रामविलास) के प्रमुख ने मीडिया से भी बातचीत की और कहा, “मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद मैं उन्हें व्यक्तिगत रूप से बधाई और शुभकामनाएं देने आया था। शुक्रवार को मुख्यमंत्री को जीत के बाद फोन पर बधाई दी और अगले दिन, शनिवार को व्यक्तिगत रूप से मिलने आए।”
चिराग पासवान ने अपने बयान में कहा, “मुझे इस बात की खुशी है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए के हर घटक दल की भूमिका को सराहा है। उन्होंने मतदान के दिन भी विशेष तौर पर लोजपा (रामविलास) के प्रत्याशी का समर्थन करने का काम किया। हमने भी जदयू के प्रत्याशियों के समर्थन में काम किया।”
उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक जीत सहयोगी दल के एक-दूसरे के ईमानदारी से समर्थन के बगैर संभव नहीं थी। ईमानदार समर्थन ही बड़ी जीत की वजह रहा है।
बता दें कि 14 नवंबर को घोषित बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में एनडीए ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 243 में से 202 सीटों पर जीत दर्ज की है। इसमें सबसे अधिक सीटें (89) भाजपा ने जीतीं। जदयू को 85, लोजपा (रामविलास) को 19, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को पांच और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को चार सीटों पर जीत मिली है।
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