राजनीति
मोदी सरकार के मंत्री ने कहा, नए कानून के पक्ष में कश्मीर से कन्याकुमारी तक के किसान

मोदी सरकार के एक मंत्री का कहना है कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक के किसान नये कृषि कानून के पक्ष में हैं, जबकि एक क्षेत्र विशेष के किसान विपक्षी दलों के झांसे में आ गए हैं। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी कहते हैं कि दिल्ली की सीमा पर डेरा डाले लोग पूरे देश के किसानों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं बल्कि इनके बीच किसानों के नाम पर राजनीति करने वाले लोग शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि बहुसंख्यक किसान कृषि सुधार के समर्थन में हैं।
मोदी सरकार द्वारा कोरोना काल में लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर चार सप्ताह से किसानों का आंदोलन चल रहा है। प्रदर्शनकारी किसान तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं।
किसान जब ऐसे कानून नहीं चाहते हैं तो सरकार फिर उन पर ये कानून क्यों थोप रही है? आईएएनएस के इस सवाल पर कैलाश चैधरी ने कहा, दक्षिण में कन्याकुमारी से लेकर उत्तर में कश्मीर तक और पश्चिम में राजस्थान की सीमा से लेकर पूरब में पश्चिम बंगाल तक पूरे देश के किसान तीनों कृषि कानूनों के पक्ष में हैं, लेकिन एक क्षेत्र विशेष के किसानों को गुमराह किया जा रहा है। लेकिन हमें उम्मीद है कि वे भी नये कानूनों के फायदे से जल्द अवगत हो जाएंगे तो फिर विरोध का सवाल ही नहीं रहेगा।
कृषि राज्यमंत्री ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा कि सुधार के क्रम में भविष्य को लेकर आशंकाएं रहती हैं, लेकिन मोदी सरकार द्वारा शुरू किए गए कृषि सुधार के नतीजे आने लगे हैं और देश के किसान इनसे उत्साहित हैं इसलिए इन कानूनों को लेकर नकारात्मक सोच ज्यादा समय तक नहीं टिकेगी।
उधर, प्रदर्शनकारी किसान कहते हैं कि यह सिर्फ पंजाब और हरियाणा के किसानों का मसला नहीं है बल्कि पूरे देश का मसला है और देशभर के किसानों का उनको समर्थन मिल रहा है। इस संबंध में पूछे गए सवाल पर कैलाश चौधरी ने कहा, बीते 15 दिनों से हम देख रहे हैं कि देशभर के किसान लगातार केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिलकर नये कानून का समर्थन कर रहे हैं और उनका कहना है कि नये कानूनों को अगर वापस लिया गया तो वे आंदोलन पर उतर आएंगे।
मोदी सरकार के युवा मंत्रियों में शुमार कैलाश चौघरी की पहचान किसान नेता के रूप में होती है। वह राजस्थान में लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के अध्यक्ष भी रहे।
उन्होंने आगे कहा, किसान अन्नदाता हैं और मोदी सरकार अन्नदाता के हितों के लिए काम कर रही है। इसलिए कानून में जिन प्रावधानों से किसानों को नुकसान हो सकता है उनको सरकार बदलने को तैयार है, लेकिन कोई यह बताए कि इससे कैसे किसान को नुकसान होगा।
कैलाश चौधरी राजस्थान के बाड़मेर से सांसद हैं और खुद खेती-किसानी के काम से जुड़े रहे हैं और किसानों व आमजनों की समस्याओं से अवगत रहने और उनका समाधान तनाशने के लिए इन्होंने हाल ही में अपने ही नाम से एक ऐप भी बनाया है।
केंद्रीय मंत्री कहते हैं कि कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) संचालित मंडियों में किसानों के उत्पादों की किस प्रकार बोली लगती है और किस तरह उन्हें मजबूरी में कम भाव पर फसल बेचना पड़ता है, इससे वह भलीभांति परिचित हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को उंचे भाव पर फसल बेचने के लिए सरकार ने नये कानून में उनको एक विकल्प दिया है जिससे प्रतिस्र्धा बढ़ेगी तो एपीएमसी की कार्य-पद्धति में भी सुधार होगा। उन्होंने कहा कि कांट्रैक्ट फामिर्ंग से जुड़े कानून में भी जो प्रावधान हैं वे किसानों के हितों में हैं और आने वाले दिनों में इसके लाभ देखने को मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने वही किया है जिसकी मांग काफी अरसे से हो रही थी। फिर विरोध क्यों हो रहा है? इस सवाल पर कैलाश चौधरी ने कहा, पहले जो सरकार में थे वो कृषि सुधार लाने में विफल रहे और मोदी सरकार ने करके दिखा दिया, इसलिए वे किसानों को आगे करके इसका विरोध कर रहे हैं।
हालांकि कृषि राज्यमंत्री किसान आंदोलन के जल्द समाप्त होने को लेकर आशावान हैं। वह कहते हैं कि नये कानून का विरोध कर रहे किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से सरकार की कई दौर की वार्ता हो चुकी है और आगे फिर वे जल्द वार्ता की मेज पर आकर किसानों से जुड़े मसलों का समाधान सुझाएंगे।
अपराध
मीरा रोड स्लैब ढहने से 4 साल के बच्चे की मौत, पिता घायल

मीरा रोड में आज एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई जब ज़ूडियो के सामने स्थित नूरजहाँ-1 बिल्डिंग का एक स्लैब गिर गया। इस हादसे में एक चार साल के बच्चे की मौत हो गई, जबकि बच्चे के पिता घायल हो गए और उन्हें वॉकहार्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
40 साल पुरानी इस इमारत के पुनर्विकास के लिए लंबे समय से विचार किया जा रहा था, लेकिन अधूरे दस्तावेज़ों और डेवलपर के साथ विवादों के कारण यह परियोजना लगभग एक दशक से अटकी हुई है। निवासियों का आरोप है कि बार-बार की गई देरी और लापरवाही के कारण ऐसी कई इमारतें खतरनाक स्थिति में पहुँच गई हैं।
स्थानीय नागरिक अब मीरा भयंदर नगर निगम (एमबीएमसी) और बिल्डरों द्वारा शहर भर में असुरक्षित और जीर्ण-शीर्ण संरचनाओं के समाधान में निष्क्रियता पर सवाल उठा रहे हैं।
इस घटना से समुदाय में रोष और शोक व्याप्त हो गया है तथा कई लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि तत्काल उपाय नहीं किए गए तो और अधिक लोगों की जान जोखिम में पड़ सकती है।
नवी मुंबई: नेरुल के फ्लैट में लगातार बारिश के बीच स्लैब गिरने से महिला लहूलुहान हो गई
नेरुल के सेक्टर-1 स्थित विघ्नहर्ता सोसाइटी के एक फ्लैट में बुधवार दोपहर स्लैब का एक हिस्सा गिरने से एक महिला घायल हो गई। उसे तुरंत पास के अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उसका इलाज चल रहा है।
घटना के वीडियो में महिला को खून बहता हुआ और गिरने के बाद हिलते हुए दिखाया गया है।
नगर निगम अधिकारियों के अनुसार, यह संरचना पहले से ही जर्जर अवस्था में थी और हाल ही में हुई भारी बारिश ने इसे और कमज़ोर कर दिया, जिससे यह दुर्घटना हुई। एक अधिकारी ने पुष्टि की, “लंबे समय से क्षतिग्रस्त होने के कारण स्लैब टूट गया, और शहर में लगातार बारिश ने इसे और भी बदतर बना दिया।”
इस घटना ने एक बार फिर नवी मुंबई में पुरानी आवासीय सोसाइटियों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं, जिनमें से कई को तत्काल मरम्मत के लिए चिह्नित किया गया है।
अधिकारियों को आने वाले दिनों में इमारत का संरचनात्मक ऑडिट करना होगा।
राष्ट्रीय समाचार
मुंबई: सेवरी-वर्ली एलिवेटेड रोड परियोजना के लिए 10 सितंबर को बंद रहेगा एलफिंस्टन ब्रिज

मुंबई: अटल सेतु को जोड़ने वाली शिवड़ी-वर्ली एलिवेटेड रोड परियोजना के तहत, प्रभादेवी में 125 साल पुराने एलफिंस्टन पुल को तोड़कर एक नया दोहरा पुल बनाने की तैयारी है। मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) को स्थानीय निवासियों के भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण इस साल की शुरुआत में प्रस्तावित पुल को तोड़ने में देरी हो रही है।
पुल को 10 सितंबर से यातायात के लिए बंद कर दिया जाएगा, जिससे रात भर में विध्वंस कार्य शुरू हो जाएगा। मिडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस घटनाक्रम के बावजूद, निवासियों का विरोध बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि वे पुल हटाने के विरोध में प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं और प्रभावित इमारतों के लिए अपर्याप्त पुनर्वास समाधानों को लेकर अपनी चिंताएँ व्यक्त कर रहे हैं।
मूल योजना में नए दोहरे पुल के निर्माण के लिए पुल के पास स्थित 19 इमारतों को ध्वस्त करना शामिल था; हालांकि, विरोध के बाद, एमएमआरडीए ने डिजाइन में बदलाव किया, जिससे ध्वस्त की जाने वाली इमारतों की संख्या घटकर दो रह गई, जो अभी भी पुनर्वास विवादों के अधीन हैं।
निवासी इस परियोजना से प्रभावित सभी 19 इमारतों के व्यापक पुनर्विकास की मांग कर रहे हैं। अप्रैल में हुए पिछले विरोध प्रदर्शनों ने बंद करने के प्रयासों को सफलतापूर्वक रोक दिया था, जिससे स्थानीय समुदायों और एमएमआरडीए के बीच तनाव और बढ़ गया।
पुल के ध्वस्तीकरण और नए निर्माण में देरी के कारण एमएमआरडीए को भारी वित्तीय नुकसान हुआ है, जिसके कारण अधिकारियों को 10 सितंबर को पुल को बंद करने के लिए यातायात पुलिस से अनुमति लेनी पड़ी। स्थानीय निवासियों ने असंतोष व्यक्त करते हुए सवाल उठाया है कि उनके पुनर्वास और आवास संबंधी चिंताओं को हल किए बिना ध्वस्तीकरण कैसे आगे बढ़ सकता है।
स्थानीय विरोध का नेतृत्व करते हुए, हाजी नूरानी बिल्डिंग के मुनाफ पटेल ने कहा कि निवासी पुल को बंद होने से रोकने के लिए कार्रवाई करेंगे। इसके अलावा, मनसे ट्रैफिक सेना जैसे राजनीतिक गुटों ने चेतावनी दी है कि वे पुल बंद होने के खिलाफ सड़कों पर होने वाले विरोध प्रदर्शनों में निवासियों का समर्थन करेंगे, जिससे यह संकेत मिलता है कि परियोजना के प्रति सामुदायिक विरोध एक बड़ी बाधा बना हुआ है।
महाराष्ट्र
मुंबई चंदू काकासराफा धोखाधड़ी का आरोपी तीन साल बाद गिरफ्तार

मुंबई: मुंबई और पुणे के प्रसिद्ध सुनार चंदू काका के जीएसटी प्रमाण पत्र का दुरुपयोग करके आभूषण खरीदने और बेचने के लिए एक व्यक्ति को एमआईडीसी पुलिस ने गिरफ्तार किया है और 31 लाख से अधिक के आभूषण वसूले हैं। आरोपी ने खुद को चंदू काका ज्वेलर के रूप में अंतर्राष्ट्रीय जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट के नाम पर जीएसटी नंबर अपडेट करने और अपनी पहचान छिपाकर सोने के गहने खरीदने के बहाने पेश किया और बताया कि वह दो नए सोने के शोरूम खोलने जा रहा है और इसी बहाने जीएसटी नंबर प्राप्त किया और फिर चंदू काका के प्रमाण पत्र का दुरुपयोग किया और आभूषण बांद्रा में शिकायतकर्ता की कंपनी मिनी ज्वेलर्स एक्सपर्ट डायमंड एमआईडीसी अंधेरी से 27 लाख के गहने प्राप्त किए और कूरियर के माध्यम से महाकाली अंधेरी में शिकायतकर्ता की दुकान से 4 लाख से अधिक के गहने मंगवाए। इस प्रकार, 31 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई। पुलिस ने इस मामले में मामला दर्ज किया है और आरोपी के संबंध में एक डिजिटल जांच शुरू की है और आरोपी से 100% गहने बरामद किए गए हैं आरोपी 2023 से वांछित था। आरोपी की पहचान 32 वर्षीय कार्तिक पंकज के रूप में हुई है। आरोपी सोने के बाजार में ज्वैलर्स को इसी तरह बेवकूफ बनाता था। वह 2023 से वांछित था। पुलिस ने उसे ट्रैक किया और अब जालसाज को गिरफ्तार कर लिया गया है। मुंबई पुलिस कमिश्नर देवेन भारती के निर्देश पर डीसीपी ज़ोन 10 ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि उसने इस मामले में कितने लोगों और व्यापारियों को ठगा है।
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