अंतरराष्ट्रीय
महिला विश्व कप 2022 का कार्यक्रम जारी, भारत का पहला मैच 6 मार्च को

भारतीय महिला क्रिकेट टीम छह मार्च को क्वालीफायर टीम के खिलाफ होने वाले मुकाबले से 2022 महिला वनडे विश्व कप टूर्नामेंट में अपने अभियान की शुरूआत करेगी। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने 2022 में न्यूजीलैंड में होने वाले महिला विश्व कप का कार्यक्रम मंगलवार को जारी कर दिया। वनडे विश्व कप में चार मार्च से तीन अप्रैल तक 31 मैच खेले जाएंगे। आईसीसी वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, मैच न्यूजीलैंड और क्वॉलिफायर के बीच बे ओवल में चार मार्च को खेला जाएगा। पहले यह विश्व कप फरवरी मार्च 2021 में होना था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण एक साल तक के लिए स्थगित कर दिया गया था।
कोरोना वायरस महामारी के कारण इस साल आस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 विश्व कप के स्थगित होने के बाद से यह पहला वैश्विक महिला क्रिकेट टूर्नामेंट होगा।
भारतीय टीम को अपना पहला मुकाबला छह मार्च को क्वालीफायर टीम के साथ खेलना है। भारतीय महिला टीम ग्रुप चरण में सात मैच खेलेगी और इनमें से वह तीन मैच टीम क्वालीफायर के खिलाफ खेलेगी। क्वालीफायर टीम की घोषणा होनी अभी बाकी है।
भारतीय टीम ग्रुप चरण में मेजबान न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड की टीमों से भी भिड़ना है। भारतीय टीम 10 मार्च को मेजबान न्यूजीलैंड से, 12 मार्च को क्वालीफायर टीम से, 16 मार्च को इंग्लैंड से, 19 मार्च को आस्ट्रेलिया से, 22 मार्च को क्वालीफायर टीम से और 27 मार्च को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेलेगी।
वेलिंग्टन के बेसिन रिजर्व और क्राइस्टचर्च के हेग्ले ओवल में सेमीफाइनल मैच खेले जाएंगे। इसके बाद क्रास्टचर्च में ही तीन अप्रैल 2022 को फाइनल मैच खेला जाएगा।
टूर्नामेंट में आठ टीमें भाग लेंगी। भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीकी टीम ही विश्व कप के लिए क्वालिफाई कर पाईं हैं, अन्य तीन टीम का फैसला श्रीलंका में अगले साल जून-जुलाई में होने वाले क्वालिफाइंग टूर्नामेंट से होगा।
आईसीसी ने एक बयान में कहा, “महिला क्रिकेट के मैच 4 मार्च से 3 अप्रैल 2022 के बीच 31 दिनों में 31 मैच खेले जाएंगे। मार्च 2020 में ऑस्ट्रेलिया में महिला टी 20 विश्व कप के बाद खेला जाने वाला पहला वैश्विक महिला क्रिकेट कार्यक्रम होगा। इस टूनार्मेंट को कोरोना वायरस महामारी की वजह से क्रिकेट जगत में हुए बदलाव के बाद फरवरी-मार्च 2021 से स्थगित कर दिया गया था।”
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज ने कहा है कि वह विश्व कप में अपनी टीम की अगुवाई करने को लेकर उत्साहित हैं।
उन्होंने कहा, “हम सब बहुत मुश्किल साल से गुजरे हैं और जिस खेल को हम सभी प्यार करते हैं, उसे वापस पाकर खुश हैं। भारत पिछले तीन या चार वर्षों में आईसीसी टूर्नामेंटों में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। चाहे आप (वनडे) विश्व कप की बात करें या हाल ही में संपन्न टी20 विश्व कप की और अगर हम 2022 का यह टूर्नामेंट जीत लेते हैं तो अगली युवा पीढ़ी की लड़कियों के लिए यह बहुत प्रेरणादायी होगा।”
आईसीसी के सीईओ मनु सॉहनी ने कहा कि आईसीसी ने महिला क्रिकेट को लगातार बढ़ावा देने का संकल्प लिया है।
उन्होंने आगे कहा, “पिछले कुछ सालों में आईसीसी टूनार्मेंटों की पुरस्कार राशि बढ़ाकर हमने काफी अच्छा काम किया है। 2022 महिला क्रिकेट विश्व कप की पुरस्कार राशि 5.5 मिलियन न्यूजीलैंड डॉलर (करीब 29 करोड़ रुपए) होगी। यह 2017 के मुकाबले 60 प्रतिशत और 2013 के मुकाबले 1,000 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी है।”
अंतरराष्ट्रीय
म्यांमार : विनाशकारी भूकंप के बाद से महसूस किए गए 468 झटके

बैंकॉक, 12 अप्रैल। 28 मार्च को आए 7.7 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के बाद, शनिवार तक म्यांमार और आसपास के क्षेत्रों में कुल 468 झटके दर्ज किए गए।
थाई मौसम विभाग के भूकंप अवलोकन प्रभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार, 1.0 और 2.9 के बीच तीव्रता वाले 184 झटके, 3.0 और 3.9 के बीच तीव्रता वाले 198 झटके, 4.0 और 4.9 के बीच तीव्रता वाले 73 झटके, 5.0 और 5.9 के बीच तीव्रता वाले 13 झटके आए।
थाईलैंड में मुख्य रूप से माई होंग सोन प्रांत में कुल 21 हल्के झटके महसूस किए गए, जिनकी तीव्रता 1.0 से 5.9 के बीच रही।
म्यांमार के राज्य प्रशासन परिषद सूचना दल के अनुसार, शुक्रवार तक देश में आए विनाशकारी भूकंप में 3,689 लोगों की जान चली गई, 5,020 लोग घायल हुए, 139 अन्य लापता हैं।
इस बीच यूएन ने म्यांमार में अधिक से अधिक जरुरतमंदों तक मदद पहुंचाने के लिए, वित्तीय समर्थन बढ़ाने और तत्काल युद्धविराम लागू किए जाने की अपील की। फरवरी 2021 में सैन्य तख्तापलट के बाद से म्यांमार की सेना और विपक्षी हथियारबंद गुटों के बीच गृह युद्ध के कारण, देश पहले से ही संकट से गुज़र रहा था।
संयुक्त राष्ट्र और उसके सहयोगियों ने विनाशकारी भूकंप के बाद म्यांमार का समर्थन करने के लिए 275 मिलियन डॉलर की अपील शुरू की।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने दैनिक ब्रीफिंग में कहा कि यह फंड 2025-मानवीय आवश्यकताओं और प्रतिक्रिया योजना का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य 1.1 मिलियन लोगों तक तत्काल सहायता पहुंचाना है।
संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने अपने साझेदारों के साथ मिलकर प्रभावित लोगों की मदद के लिए चिकित्सा देखभाल, आश्रय, पानी और भोजन सहित सहायता तेजी से जुटाई है।
दुजारिक ने कहा कि जमीनी स्तर पर प्रयासों को और मजबूत करने के लिए, संयुक्त राष्ट्र केंद्रीय आपातकालीन प्रतिक्रिया कोष ने अतिरिक्त 5 मिलियन डॉलर आवंटित किए हैं, जो कुछ सप्ताह पहले प्रदान किए गए 5 मिलियन डॉलर के अतिरिक्त है।
अंतरराष्ट्रीय
स्लोवाकिया ने भारतीय समुदाय की कड़ी मेहनत को दी मान्यता : राष्ट्रपति मुर्मू

ब्रातिस्लावा, 11 अप्रैल। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत-स्लोवाकिया संबंधों को मजबूत बनाने में भारतीय समुदाय के योगदान की सराहना की। उन्होंने गुरुवार को ब्रातिस्लावा में आयोजित सामुदायिक स्वागत समारोह में यह बात कही।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “स्लोवाक नेताओं के साथ बातचीत में मुझे यह सुनकर खुशी हुई कि उन्होंने भारतीय समुदाय की कड़ी मेहनत को मान्यता दी। स्लोवाकिया के विकास और प्रगति में भारतीय समुदाय के बहुमूल्य योगदान के प्रति बहुत सम्मान की भावना रही है।”
उन्होंने भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा, “यह देखकर खुशी होती है कि भारत की विरासत और परंपराएं हमारे स्लोवाक मित्रों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। योग और आयुर्वेद से लेकर भारतीय व्यंजनों तक, स्लोवाकिया में भारतीय संस्कृति के प्रति प्रेम दोनों देशों के लोगों के बीच बढ़ते मजबूत संबंधों का प्रमाण है।”
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि उपनिषदों का स्लोवाक भाषा में अनुवाद यहां के लोगों को भारत की प्राचीन शिक्षाओं से जुड़ने का एक और अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय संस्कृति के प्रतिनिधि के रूप में भारतीय समुदाय की भूमिका भारत-स्लोवाकिया संबंधों को मजबूत करने में अमूल्य है।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के अपने राजदूत हैं जो दोनों देशों को जोड़ने के लिए पुल का काम करते हैं। लेकिन भारतीय समुदाय भी उन राजदूतों में से एक है क्योंकि वे भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं, भारत को गौरव दिलाते हैं और बढ़ाते हैं।”
गुरुवार को, राष्ट्रपति मुर्मू और स्लोवाकिया के प्रेसिडेंट पीटर पेलेग्रिनी ने संयुक्त रूप से स्लोवाकिया के नित्रा के सिहोट स्थित सिटी पार्क में स्लोवाकिया के राष्ट्रीय वृक्ष लिंडेन को लगाया।
यह लगभग तीन दशकों में किसी भारतीय राष्ट्रपति की स्लोवाकिया की पहली यात्रा है।
राष्ट्रपति मुर्मू की स्लोवाकिया की दो दिवसीय यात्रा इस बात का संकेत देती है कि भारत स्लोवाक गणराज्य के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को कितना महत्व देता है। इससे रक्षा, विज्ञान, टेक्नोलॉजी, शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में गहन सहयोग और नई पहलों के शुरू होने की उम्मीद है।
अंतरराष्ट्रीय
26/11 हमले के आतंकियों को मिले पाकिस्तान का ‘निशान-ए-हैदर’ सम्मान, तहव्वुर राणा की थी ख्वाहिश

नई दिल्ली, 11 अप्रैल। मुंबई पर 26/11 के आतंकी हमले का आरोपी तहव्वुर राणा चाहता था कि अटैक को अंजाम देने वाले ‘लश्कर-ए-तैयबा’ के आतंकवादियों को ‘निशान-ए-हैदर’ से सम्मानित किया जाए। अमेरिकी न्याय विभाग ने उसे लेकर एक बयान जारी किया है। इसके अलावा राणा और डेविड कोलमैन हेडली के बीच बातचीत के कुछ हिस्से भी जारी किया।
राणा 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी का करीबी सहयोगी है।
बयान में कहा गया, “हमले के बाद, राणा ने कथित तौर पर हेडली से कहा कि भारतीय ‘इसके लायक थे’। हेडली के साथ एक इंटरसेप्टेड बातचीत में, राणा ने कथित तौर पर हमले में मारे गए नौ लश्कर आतंकियों की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें ‘निशान-ए-हैदर’ दिया जाना चाहिए।”
‘निशान-ए-हैदर’ पाकिस्तान का सर्वोच्च सैन्य वीरता पुरस्कार है और केवल सशस्त्र बलों के सदस्यों को दिया जाता है। यह हवा, जमीन या समुद्र में दुश्मन का सामना करते हुए असाधारण बहादुरी के सर्वोच्च कार्यों को मान्यता देता है। 1947 में पाकिस्तान की आजादी के बाद से इसे केवल 11 बार ही प्रदान किया गया है।
अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका ने बुधवार (9 अप्रैल) को दोषी ठहराए गए आतंकवादी तहव्वुर हुसैन राणा, जो एक कनाडाई नागरिक और पाकिस्तान का मूल निवासी है, को भारत में 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में उसकी कथित भूमिका से जुड़े 10 आपराधिक आरोपों पर मुकदमा चलाने के लिए प्रत्यर्पित किया। राणा का प्रत्यर्पण जघन्य हमलों में मारे गए छह अमेरिकियों और कई अन्य पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
बयान के मुताबिक, “राणा के खिलाफ भारत की लंबित कार्यवाही पहली कार्यवाही नहीं है जिसमें राणा पर आतंकवाद के हिंसक कृत्यों को अंजाम देने की साजिश रचने का आरोप लगा। 2013 में, राणा को इलिनोइस के उत्तरी जिले में लश्कर को भौतिक सहायता प्रदान करने और डेनमार्क के कोपेनहेगन में लश्कर की एक नाकाम आतंकी कार्रवाई के लिए साजिश रचने के आरोप में 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। उसी आपराधिक कार्यवाही के एक भाग के रूप में, हेडली को 12 संघीय आतंकवाद के आरोपों में दोषी ठहराया गया, जिसमें मुंबई में छह अमेरिकियों की हत्या में सहायता करना और बाद में एक डेनिश समाचार पत्र पर हमला करने की योजना बनाना शामिल था, उसे 35 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई।”
राणा को लंबी कानूनी और कूटनीतिक लड़ाई के बाद भारत लाया जा सका।
अमेरिका से प्रत्यर्पित तहव्वुर राणा को गुरुवार को नई दिल्ली लाया गया जहां नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया। इसके बाद राना को एनआईए की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे एनआईए की 18 दिनों की कस्टडी में भेज दिया।
26 नवंबर 2008 की रात को 10 आतंकवादियों ने मुंबई में कई स्थानों पर एक साथ हमला किया था। 26/11 हमले में 164 लोग मारे गए और 300 से ज्यादा घायल हुए। आतंकवादियों ने भारतीयों और अन्य देशों के नागरिकों की हत्या की।
नौ आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया जबकि एक अजमल कसाब जिंदा पकड़ा गया जिसे बाद में फांसी की सजा हुई।
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