राजनीति
जीएचएमसी चुनाव : केटीआर, ओवैसी, किशन रेड्डी ने वोट डाले

तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामा राव, केंद्रीय राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी और एमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी उन नेताओं में शामिल रहे जिन्होंने मंगलवार को ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) चुनावों में पहले घंटे में अपना वोट डाला। चुनाव प्रचार अभियान में सत्तारूढ़ दल का नेतृत्व करने वाले रामाराव और उनकी पत्नी ने बंजारा हिल्स के नंदीनगर मतदान केंद्र पर अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
इस अवसर पर राज्य के नगरनिगम प्रशासन मंत्री ने सभी मतदाताओं से अपने वोट डालने की अपील की।
उन्होंने मतदाताओं से घरों से बाहर निकलकर वोट डालने की अपील करते हुए कहा, “लोकतंत्र में केवल वोट डालने वालों को ही सवाल करने का अधिकार है।”
मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के बेटे रामाराव ने मतदाताओं से मतदान में भाग लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा,”हैदराबाद के विकास के लिए आप किस तरह के जनप्रतिनिधि चाहते हैं, वोट देने से पहले सोचें।”
किशन रेड्डी और उनकी पत्नी ने काचीगुडा में एक मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला। केंद्रीय मंत्री ने सभी मतदाताओं से मताधिकार का प्रयोग करने की अपील की।
सिकंदराबाद से सांसद रेड्डी ने कहा, “डॉ. बीआर अंबेडकर द्वारा तैयार संविधान में, देश के राष्ट्रपति से लेकर एक सामान्य नागरिक तक, हर किसी को वोट देने का अधिकार है। सभी को इस महत्वपूर्ण हथियार का उपयोग करना चाहिए। लोगों को न केवल सरकारों के ठीक से काम नहीं करने के बारे में शिकायत करनी चाहिए, बल्कि अपने संवैधानिक अधिकार का उपयोग करना चाहिए। सुनिश्चित करें कि वे अच्छे जनप्रतिनिधि का चुनाव करें।”
भाजपा ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष के. लक्ष्मण अपना वोट डालने के लिए चिक्कड़पल्ली में एक मतदान केंद्र पर आए।
मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पुराने शहर के शास्त्रीपुरम में अपना वोट डाला। उन्होंने कहा, “मैंने मतदान करने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया। मैं मतदाताओं से अपील कर रहा हूं कि वे शहर, विशेष रूप से पुराने शहर के विकास खासकर पुराने शहर के, और शहर की समग्र संस्कृति, विरासत और भाषा की रक्षा के लिए अपने मतदान के अधिकार का उपयोग करें।”
ओवैसी ने मतदाताओं से मतदान प्रतिशत बढ़ाने और लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए घरों से बाहर निकलकर मतदान करने का आग्रह किया।
राजनीति
बिहार में 200 सीट जीतकर एनडीए बनाएगा मजबूत सरकार: सुशील सिंह

नई दिल्ली, 9 अक्टूबर : बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने के साथ ही राजनीतिक दलों ने सरकार बनाने के दावे शुरू कर दिए हैं। चुनाव की घोषणा के बाद एनडीए और महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर कवायद जारी है। इस बीच भाजपा नेता सुशील सिंह ने दावा किया है कि एनडीए इस बार बिहार में 200 सीटें जीतकर मजबूत सरकार बनाएगा।
आईएएनएस से बातचीत में सुशील सिंह ने कहा, “बिहार की जनता का भरोसा एनडीए के साथ है। हम पिछले चुनाव की तुलना में अधिक सीटें जीतेंगे और 200 सीटों के साथ मजबूत सरकार बनाएंगे।”
सीट बंटवारे को लेकर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की नाराजगी पर सुशील सिंह ने कहा, “कोई नाराजगी नहीं है, यह सामान्य बात है। हर पार्टी चाहती है कि उसे अधिक सीटें मिलें। इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है। राजनीतिक दल चुनाव में अधिक सीट की मांग करते हैं, जिससे वे अपने ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़ा सके। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
उन्होंने कहा कि एक-दो दिन में सीट बंटवारे की तस्वीर साफ हो जाएगी। नामांकन से पहले सभी चीजें समय पर पूरी हो जाएंगी।”
राजद नेता तेजस्वी यादव के बयानों पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि वे जो बोलते हैं, उसका कोई मतलब नहीं है। जनता उन्हें गंभीरता से नहीं लेती।
विधानसभा चुनाव को लेकर प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी की पहली लिस्ट पर सुशील सिंह ने कहा कि उनकी सूची जारी होने पर स्पष्ट हो जाएगा कि वे तेजस्वी यादव और महागठबंधन की मदद करना चाहते हैं या नहीं। बिहार की जनता जागरूक है और सब समझ रही है।
उन्होंने एक बार फिर इस बात को दोहराया कि बिहार में एनडीए की टक्कर में महागठबंधन दूर-दूर तक नहीं है। बिहार की जनता का भरोसा पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार के विकास पर है। 14 नवंबर को एनडीए सरकार बनाएगी और बिहार के लोगों के विकास के लिए निरंतर कार्य जारी रखेगी। हमें कोई भ्रम नहीं है। उन्होंने दोहराया कि एनडीए बिहार में अधिक सीटों के साथ सरकार बनाएगा।
राजनीति
‘बसपा को कमजोर करने के लिए रची गई साजिश’, मायावती ने लगाए बड़े आरोप

लखनऊ, 9 अक्टूबर : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने गुरुवार को पार्टी के संस्थापक कांशीराम के ‘परिनिर्वाण दिवस’ पर लखनऊ स्थित कांशीराम स्मारक स्थल पर आयोजित महारैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने विरोधी दलों पर तीखा हमला बोला।
रैली को संबोधित करते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी को केंद्र की सत्ता तक पहुंचने से रोकने के लिए कांग्रेस, भाजपा और सपा जैसे जातिवादी दलों ने मिलकर षड्यंत्र रचा। इन दलों ने न सिर्फ राजनीतिक रूप से बसपा को कमजोर करने की कोशिश की, बल्कि दलित वोटों को बांटने के लिए बिकाऊ लोगों को खरीदकर साजिश की।
मायावती ने कहा कि साल 2007 में जब उत्तर प्रदेश में बसपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी, तब इन जातिवादी पार्टियों के चेहरे बेनकाब हो गए। उन्होंने कहा, “कांग्रेस, भाजपा और सपा ने मिलकर षड्यंत्र किया कि बसपा को केंद्र की सत्ता तक न पहुंचने दिया जाए। रही-सही कसर ईवीएम ने पूरी कर दी।”
बसपा सुप्रीमो मायावती ने आरोप लगाया कि इन दलों ने बैलेट पेपर की जगह ईवीएम का इस्तेमाल कर लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ किया, जबकि चुनाव बैलेट पेपर से भी शांति और पारदर्शिता के साथ कराए जा सकते हैं।
बसपा प्रमुख ने अपने संबोधन में कांग्रेस पर सबसे पहले निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर देश के संविधान और बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के सिद्धांतों का अपमान किया था। मायावती ने तंज कसते हुए कहा, “कांग्रेस ने कभी भी डॉ. आंबेडकर और दलित समाज का सच्चा सम्मान नहीं किया। आज वही कांग्रेस नेता संविधान की कॉपी लेकर नाटकबाजी कर रहे हैं।”
उन्होंने सपा पर भी तीखा हमला बोला और कहा कि सपा के शासन में दलितों और पिछड़ों का उत्पीड़न हुआ। मायावती बोलीं, “सपा सरकार में कानून व्यवस्था चरमरा गई थी। गुंडों और अराजक तत्वों को संरक्षण दिया गया। प्रदेश में भय और अराजकता का माहौल था।”
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सवाल उठाते हुए कहा, “अभी मैंने सुना कि अखिलेश यादव कह रहे थे कि अगर उनकी सरकार बनी तो कांशीराम जी के नाम पर स्मारक बनाएंगे, लेकिन जब वे सत्ता में थे तो ऐसा क्यों नहीं किया? जब सत्ता से बाहर होते हैं, तभी इन्हें बसपा के नेता और दलित समाज के संतों की याद आती है। सत्ता में आते ही सब भूल जाते हैं।”
मायावती ने कहा कि बसपा की सरकार में जिन स्मारकों और संस्थानों का नाम कांशीराम जी के नाम पर रखा गया था, उन्हें सपा सरकार ने बदलने का काम किया। उन्होंने आगे कहा कि डॉ. आंबेडकर का सपना था कि दलितों और पिछड़ों को एकजुट होकर सत्ता की मास्टर चाबी अपने हाथ में लेनी चाहिए।
बसपा सुप्रीमो ने आगे कहा, “डॉ. आंबेडकर का यह सपना मान्यवर कांशीराम जी के जीवनकाल में तो पूरा नहीं हो सका, लेकिन हमने इसे पूरा किया। हमने तीन बार गठबंधन सरकार और एक बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाकर इतिहास रचा। हमने दलितों, पिछड़ों और समानतावादी विचारधारा रखने वाले लोगों को साथ लेकर ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ की नीति पर काम किया।”
उन्होंने फिर से आरोप लगाया कि जब बसपा सरकार मजबूत होती गई, तब कांग्रेस और भाजपा की केंद्र सरकारों ने सीबीआई और आयकर विभाग जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल कर उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश की। हम पर झूठे केस लगाए गए, ताकि बसपा का मनोबल टूट जाए। लेकिन हमने कभी हार नहीं मानी और न्याय पाने के लिए अदालतों का दरवाजा खटखटाया।
इस मौके पर मायावती ने कांशीराम जी को श्रद्धांजलि अर्पित की और बड़ी संख्या में पहुंचे कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि बसपा महज एक राजनीतिक दल नहीं बल्कि एक आंदोलन है, जो समाज के दबे-कुचले वर्गों को सम्मान और अधिकार दिलाने के लिए सतत संघर्षरत है।
उन्होंने कहा कि हमारे विरोधी चाहे कितनी भी साजिशें रच लें, बसपा का आंदोलन न कभी झुका है, न झुकेगा।
रैली के लिए रमाबाई अंबेडकर मैदान में बसपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के ठहरने की व्यवस्था की गई। रैली में प्रदेशभर से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पहुंचे। बसपा संगठन ने करीब पांच लाख लोगों के जुटान का दावा किया है।
सुरक्षा के लिए कई हजार से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए, जबकि ट्रैफिक पुलिस ने वैकल्पिक मार्ग भी निर्धारित किए। यह रैली सिर्फ श्रद्धांजलि कार्यक्रम नहीं, बल्कि राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन के रूप में भी देखी जा रही है।
राजनीति
कांग्रेस सांसद ने ‘जल जीवन मिशन’ के तहत मणिपुर में घोटाले का लगाया आरोप, जांच की मांग

नई दिल्ली/इंफाल, 8 अक्टूबर: कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि मणिपुर में केंद्र प्रायोजित योजना जल जीवन मिशन के तहत कई सौ करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। कांग्रेस ने अदालत की निगरानी में जांच की मांग की।
आंतरिक मणिपुर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के लोकसभा सांसद अंगोमचा बिमोल अकोईजाम ने दावा किया कि जल शक्ति मंत्रालय के आंकड़े दावा करते हैं कि मणिपुर के लगभग 80 प्रतिशत ग्रामीण घरों में नल का पानी पहुंचाया जा चुका है, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं है।
अकोईजाम ने कहा कि उन्होंने मणिपुर उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की है, जिसमें राज्य में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि जनहित याचिका में जल जीवन मिशन के तहत स्वीकृत और उपयोग की गई धनराशि का जिलावार व्यापक ऑडिट, सरकार द्वारा किए गए घरेलू नल जल कनेक्शन के दावों का सत्यापन और संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के मौलिक अधिकार के तहत सुरक्षित पेयजल तक पहुंच को मान्यता देने की मांग की गई है, जिसमें राज्य भर में प्रत्येक घर को प्रतिदिन कम से कम दो घंटे नल के पानी की आपूर्ति की गारंटी हो।
कांग्रेस सांसद ने नई दिल्ली स्थित एआईसीसी मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए खुलासा किया कि उन्होंने कई गांवों का दौरा करके सरकारी रिकॉर्ड में किए गए दावों की व्यक्तिगत रूप से जांच और सत्यापन करने का प्रयास किया था।
उन्होंने आधिकारिक दावों और हकीकत में भारी अंतर होने पर हैरानी जताई और दावा किया कि पाइप भी नहीं बिछाए गए थे, और यह भी कहा कि उनके द्वारा मामला उठाए जाने के बाद ही प्रशासन ने पाइप बिछाने का काम शुरू किया।
अकोईजाम ने बताया कि यह सरकार के अपने ही दावों को झूठा साबित करता है। एक ओर, सरकार दावा करती है कि काम पूरा हो गया है और लोगों को नल का पानी उपलब्ध कराया जा रहा है, जबकि सरकार ने पाइप बिछाने का काम शुरू कर दिया है। जबकि असल में, पाइप बिछाने का काम अभी शुरू ही हुआ है।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य को ऐसे समय में लूटा गया जब वह एक दुखद दौर से गुजर रहा था, जहां हर जगह हिंसा हो रही थी।
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