राजनीति
जम्मू-कश्मीर में 25 हजार करोड़ का रोशनी लैंड स्कैम गुपकार का असली चेहरा : अनुराग ठाकुर

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने गुपकार गठबंधन को देश की एकता के लिए खतरा बताया है। उन्होंने आईएएनएस से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि राष्ट्र विरोधी गुपकार गठबंधन कभी भी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाएगा। जम्मू कश्मीर के लोगों को गुपकार गैंग से सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि गुपकार गठबंधन वाले लाख चाहने पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की ²ढ़ इच्छाशक्ति द्वारा समाप्त किये गए अनुच्छेद 370 और 35ए की वापसी कभी नहीं करा पाएंगे। अनुराग ठाकुर ने कहा कि गुपकार के गुप्त इरादों का देश के सामने भंडाफोड़ हो चुका है। विकास की चाह रखने वाले जम्मू-कश्मीर के नागरिक गुपकार के इरादों को कभी पूरा नहीं होने देंगे। केंद्र की नीतियों का लाभ सीधे जम्मू-कश्मीर के लोगों तक पहुंच रहा है, जो कि गुपकार गठबंधन को बर्दाश्त नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि सारे भ्रष्ट एक ही छतरी के नीचे आ गए हैं।
अनुराग ठाकुर ने जम्मू-कश्मीर में 25 हजार करोड़ के रोशनी जमीन घोटाले में पीडीपी, नेशनल कांफ्ऱेस व कांग्रेस नेताओं के नाम सामने आने पर कहा कि भ्रष्टाचार और देश विरोधी गतिविधियां ही इन पार्टियों का असली चेहरा है। उन्होंने कहा कि कश्मीर जैसे स्वर्ग को इन भ्रष्टाचारी नेताओं ने नर्क बना दिया था। ये लोग दशकों तक जम्मू-कश्मीर के संसाधनों का दुरुपयोग करते आ रहे थे। अब जब सूबे की जनता विकास की ओर अग्रसर है, तो यह लोग पाकिस्तान और चीन की जुबान बोल रहे हैं। कश्मीर के युवाओं को भटकाने और बरगलाने का काम कर रहे हैं। इन राष्ट्र विरोधी ताकतों के मंसूबों को भारतीय जनता पार्टी कभी कामयाब नहीं होने देगी।
रोशनी जमीन घोटाले पर अनुराग ने कहा, जम्मू-कश्मीर में रोशनी लैंड स्कैम ना सिर्फ यहां का बल्कि अपनी तरह का देश का सबसे बड़ा भूमि घोटाला है। कुछ लोगों के एक गिरोह ने जम्मू-कश्मीर के संसाधनों को लूट लिया। इतना ही नहीं उन्होंने राज्य की जमीन भी हड़प ली। एक सुनियोजित साजिश के तहत जम्मू-कश्मीर में राज्य की जमीन लूट ली गई और जो लोग जमीन लूटते थे वो अब गुपकार बन गए हैं। दिन प्रतिदिन अपना जनाधार खोते और परत दर परत सच्चाई सामने आते देख इन लोगों ने गुपकार गठबंधन के नाम से एक ‘ठगबंधन’ बना लिया है। कश्मीर की स्वायत्तता की आवाज उठाने वाले सिर्फ अपने परिवार के लिए ही सुविधाएं जुटाते रहे। उन्होंने कहा कि अब्दुल्ला-मुफ्ती परिवार सदैव ही राष्ट्र के हितों के खिलाफ जाता रहा है। जिसे जहां मौका मिला उसने वहां घाटी को लूटा है।
जम्मू-कश्मीर में होने वाले चुनावों पर उन्होंने कहा कि भाजपा यहां के लोगों को सशक्त और समृद्ध बनाने का लक्ष्य लेकर जिला विकास परिषद चुनाव में उतरी है। पार्टी की कोशिश है कि ग्रामीण लोकतंत्र को मजबूत बनाकर जम्मू-कश्मीर के लोगों को तेज विकास का लाभ दिया जाए। उन्होंने कहा ”गुपकार गैंग जम्मू-कश्मीर में बैलेट की नहीं, बुलेट की राजनीति कर रहा है।”
उन्होंने कहा, जम्मू-कश्मीर में रोशनी एक्ट के जरिए घोटाला हुआ है। कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के नेता सभी सरकारी जमीन के दुरुपयोग में जुटे थे। जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने इस एक्ट को असंवैधानिक घोषित किया है। अब्दुल्ला परिवार सहित कई राजनीतिक और जाने माने लोगों ने इसका फायदा उठाया। अब्दुल्ला परिवार ने घर के लिए सुजवान गांव में तीन कनाल जमीन खरीदी, लेकिन सात कनाल पर कब्जा कर लिया, जिसे जहां मौका लगा, उसने वहां पर घाटी को लूटा है। हाईकोर्ट के निर्देश पर जारी सूची में फारूक अब्दुल्ला की बहन सुरैया माटू और बहनोई के नाम भी शामिल हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस का दफ्तर भी रोशनी एक्ट का फायदा उठा कर बनाया गया। यह दिखाता है कि दशकों से यहां कैसा अंधेरराज चल रहा था। सत्ता में आने का इनका मकसद सेवा नहीं बल्कि विलासिता होती थी और ये उसी संस्कृति को अभी तक पाल पोस रहे हैं। इनका असली चेहरा अब जनता के सामने आ चुका है। हम सामूहिक रूप से इस घोटाले से जुड़े सभी नेताओं व अधिकारियों की विधि पूर्वक जाच की मांग करते हैं।
उन्होंने कहा, भाजपा बैलेट से लोकतंत्र को मजबूत बनाने की राह पर है, जबकि गुपकार अलायंस गोली से लोगों को डराने की कोशिश कर रहा है। पर ये लोग ये भूल गए हैं कि जम्मू-कश्मीर के लोग सारी सच्चाई से वाकिफ हैं और इनके इरादों को समझते हैं। जम्मू-कश्मीर की जनता राष्ट्र द्रोहियों का कभी साथ नहीं देने वाली। जनता अब विकास चाहती है, इसीलिए भाजपा की जीत सुनिश्चित है।
अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा कि हार-हार कर बेहाल हुई कांग्रेस ने चीन व पाकिस्तान की भाषा बोलने वाले गुपकार गैंग से हाथ मिलाया है। कांग्रेस हार से इतना बौखला गई है कि आज उनका सहयोग मांग रही है, जो अनुच्छेद 370 बहाली के लिए पाकिस्तान व चीन से समर्थन मांग रहे हैं। हताशा में उसने राष्ट्र-विरोधी ताकतों से हाथ मिला लिया। दूसरी तरफ उनके नेता राहुल गांधी का इस मुद्दे पर मौन नहीं टूट रहा है। क्या वह चीन और पाकिस्तान के मंसूबों को अपनी मौन सहमति दे रहे हैं? उन्होंने कहा कि भाजपा ने हमेशा से ही विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ा है। पार्टी ने वादा किया था कि वह अनुच्छेद 370 और 35 ए को समाप्त कर देगी, जिसे पार्टी ने पूरा किया है। अनुराग ठाकुर ने तंज मारते हुए कहा जमीन कब्जाने वाले, अब गुपकार हो गये हैं।”
राष्ट्रीय समाचार
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एलपीजी घाटे के लिए तेल सार्वजनिक उपक्रमों को 30,000 करोड़ रुपये के मुआवजे को मंजूरी दी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को घरेलू एलपीजी की बिक्री पर हुए घाटे के लिए तीन सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल) को 30,000 करोड़ रुपये के मुआवजे को मंजूरी दी।
तेल विपणन कंपनियों के बीच मुआवज़े का वितरण पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा किया जाएगा। कैबिनेट की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुआवज़े का भुगतान 12 किस्तों में किया जाएगा।
सरकार के अनुसार, यह महत्वपूर्ण कदम इन सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों की वित्तीय स्थिति को बनाए रखते हुए वैश्विक ऊर्जा बाजारों में उतार-चढ़ाव से उपभोक्ताओं की रक्षा करने की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है।
घरेलू एलपीजी सिलेंडर सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों अर्थात् आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल द्वारा उपभोक्ताओं को विनियमित कीमतों पर आपूर्ति किए जाते हैं।
कैबिनेट नोट के अनुसार, एलपीजी की अंतर्राष्ट्रीय कीमतें 2024-25 के दौरान उच्च स्तर पर बनी रहेंगी और आगे भी ऊंची बनी रहेंगी।
हालांकि, उपभोक्ताओं को अंतर्राष्ट्रीय एलपीजी कीमतों में उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए, लागत में वृद्धि का भार घरेलू एलपीजी उपभोक्ताओं पर नहीं डाला गया, जिसके कारण तीनों तेल विपणन कंपनियों को काफी नुकसान हुआ।
मंत्रिमंडल की विज्ञप्ति में कहा गया है, “घाटे के बावजूद सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ने देश में किफायती कीमतों पर घरेलू एलपीजी की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित की है।”
इस मुआवजे से तेल विपणन कंपनियों को अपनी महत्वपूर्ण आवश्यकताओं, जैसे कच्चे तेल और एलपीजी की खरीद, ऋण की अदायगी, तथा अपने पूंजीगत व्यय को जारी रखने में मदद मिलेगी, जिससे देश भर के घरों में एलपीजी सिलेंडरों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।
कैबिनेट के बयान के अनुसार, यह कदम घरेलू एलपीजी के सभी उपभोक्ताओं को स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन की व्यापक उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य की पुष्टि करता है, जिसमें पीएम उज्ज्वला योजना जैसी प्रमुख योजनाओं के तहत आने वाले उपभोक्ता भी शामिल हैं।
इस बीच, देश भर में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के तहत कम से कम 10.33 करोड़ एलपीजी गैस कनेक्शन वितरित किए जा चुके हैं (1 जुलाई तक)।
मई 2016 में शुरू की गई पीएमयूवाई का उद्देश्य पूरे भारत में गरीब परिवारों की 8 करोड़ महिलाओं को जमा-मुक्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान करना है, जिसे सितंबर 2019 तक हासिल कर लिया गया।
राष्ट्रीय समाचार
भारत का एआई तकनीक पर खर्च 2028 तक 92 हजार करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान: रिपोर्ट

गुरुवार को एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का एआई प्रौद्योगिकी खर्च 2023 से 38 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़कर 2028 में 10.4 बिलियन डॉलर (लगभग 92 हजार करोड़ रुपये) तक पहुंचने का अनुमान है।
आईडीसी इन्फोब्रीफ और यूआईपाथ ने एक संयुक्त रिपोर्ट में कहा कि भारत में लगभग 40 प्रतिशत संगठनों ने पहले ही एजेंटिक एआई को लागू कर दिया है, और लगभग 50 प्रतिशत अगले 12 महीनों के भीतर इस तकनीक का उपयोग करने की योजना बना रहे हैं।
2025 में, एआई निवेश परिवर्तनकारी, उच्च-मूल्य उपयोग मामलों को सशक्त बनाने के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना के निर्माण पर केंद्रित होगा।
रिपोर्ट के अनुसार, तकनीक-प्रेमी कार्यबल, डिजिटल बुनियादी ढांचे का विस्तार और सरकार समर्थित पहलों के कारण इसे अपनाने की दर में तेजी आ रही है।
उद्यम स्वचालन, बहुभाषी एआई मॉडल और एजेंटिक तैनाती पर संगठनों का खर्च इस गति को और आगे बढ़ा रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके लाभ पहले से ही दिखाई दे रहे हैं, क्योंकि 80 प्रतिशत भारतीय कंपनियों का कहना है कि एजेंटिक एआई उत्पादकता को बढ़ाता है, जबकि 73 प्रतिशत का कहना है कि इससे निर्णय लेने में सुधार होता है।
रिपोर्ट के अनुसार, एजेन्टिक एआई विनिर्माण, खुदरा और थोक, स्वास्थ्य सेवा और जीवन विज्ञान उद्योगों में मजबूत गति प्राप्त कर रहा है, जो डेटा और दोहराव वाले निर्णय चक्रों पर बहुत अधिक निर्भर करते हैं।
“एजेंटिक ऑटोमेशन पूरे भारत में व्यावसायिक परिचालनों को तेज़ी से पुनर्परिभाषित कर रहा है। इस क्षेत्र के उद्यम कार्यप्रवाह को सुव्यवस्थित करने और जटिल व्यावसायिक प्रक्रियाओं को स्वायत्त रूप से निष्पादित करने के लिए एआई एजेंटों की पूरी क्षमता को अपना रहे हैं, लेकिन विश्वास और सुरक्षा व्यापक कार्यान्वयन में बाधा बने हुए हैं,” यूआईपाथ के दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष देबदीप सेनगुप्ता ने कहा।
सेनगुप्ता ने कहा कि हमारा एजेंटिक ऑटोमेशन प्लेटफॉर्म इन चुनौतियों का सीधे तौर पर समाधान करता है, सुरक्षा और अनुपालन को बढ़ाकर, एजेंटिक परिणामों के लिए सटीकता और विश्वसनीयता में सुधार करके उद्यम एआई को अपनाने में आने वाली बाधाओं को तोड़ता है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि लगभग 69 प्रतिशत भारतीय संगठन उत्पादकता बढ़ाने के लिए एजेंटिक एआई का उपयोग कर रहे हैं, 59 प्रतिशत व्यक्तिगत ग्राहक जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिए, जबकि 57 प्रतिशत इसे जोखिम और धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए लागू करते हैं, जो इस बात पर प्रकाश डालता है कि कैसे एजेंटिक एआई को फ्रंट और बैक-ऑफिस कार्यों में लागू किया जा रहा है।
आईडीसी एशिया/पैसिफिक की एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट दीपिका गिरी ने कहा, “आज के अप्रत्याशित माहौल में एआई-आधारित व्यवसाय बनना अब कोई विकल्प नहीं रह गया है। कई संगठनों के लिए, यह तेज़ी से एक रणनीतिक ज़रूरत बनता जा रहा है।”
गिरि ने कहा कि पूरे क्षेत्र में, संगठन बड़े पैमाने पर एजेंटिक एआई और एजेंटिक ऑटोमेशन को अपना रहे हैं।
महाराष्ट्र
‘2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले दो लोगों ने मुझसे मुलाकात की, 160 सीटों पर जीत की गारंटी’: एनसीपी (सपा) प्रमुख शरद पवार

नागपुर: राकांपा (सपा) प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को दावा किया कि 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले दो व्यक्तियों ने नई दिल्ली में उनसे मुलाकात की थी और 288 में से 160 निर्वाचन क्षेत्रों में विपक्ष की जीत की “गारंटी” दी थी।
नागपुर में मीडिया को संबोधित करते हुए पवार ने कहा कि उन्होंने दोनों को विपक्ष के नेता राहुल गांधी से मिलवाया।
पवार का यह खुलासा ऐसे समय में आया है जब गांधी द्वारा भाजपा और चुनाव आयोग के खिलाफ लगाए गए “वोट चोरी” के आरोप को लेकर काफी विवाद चल रहा है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने दावा किया, “महाराष्ट्र में 2024 के विधानसभा चुनावों से पहले दो लोगों ने मुझसे नई दिल्ली में मुलाकात की। उन्होंने विपक्ष (महा विकास अघाड़ी) को 288 में से 160 सीटें जीतने में मदद करने की गारंटी के साथ पेशकश की।”
उन्होंने कहा, “मैंने उन्हें राहुल गांधी से मिलवाया। उन्हें जो बताया गया, उन्होंने उसे अनसुना कर दिया। उनका भी यही मानना था कि हमें (विपक्ष को) ऐसी चीजों में नहीं पड़ना चाहिए और सीधे लोगों के पास जाना चाहिए।”
पवार ने दावा किया कि चूंकि वह दोनों व्यक्तियों द्वारा किए गए दावों को कोई महत्व नहीं देते, इसलिए उनके नाम और संपर्क विवरण उनके पास नहीं हैं।
भाजपा ने विधानसभा चुनावों में 132 सीटें जीतीं, जबकि सहयोगी दलों शिवसेना और राकांपा ने क्रमशः 57 और 41 सीटें जीतीं।
विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले महाराष्ट्र में 48 लोकसभा सीटों में से 30 पर जीत हासिल करने वाली महा विकास अघाड़ी ने अपनी हार के लिए ईवीएम में विसंगतियों और आंकड़ों में हेराफेरी को जिम्मेदार ठहराया था।
गांधी ने गुरुवार को भाजपा और चुनाव आयोग के बीच मिलीभगत के जरिए चुनावों में “बड़े पैमाने पर आपराधिक धोखाधड़ी” होने का विस्फोटक दावा किया था। उन्होंने कर्नाटक के एक निर्वाचन क्षेत्र में किए गए विश्लेषण का हवाला देते हुए कहा था कि यह “संविधान के खिलाफ अपराध” है।
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