राजनीति
मोदी का नाम ही जीत दिलाने में सक्षम : उमा भारती
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती का कहना है कि बिहार के चुनाव और अन्य राज्यों के उप-चुनाव के नतीजों से एक बात साफ हो गई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर हम कहीं भी जीत सकते हैं। अपने गृहनगर टीकमगढ़ आई उमा भारती ने बुधवार को संवाददाताओं के बिहार में एनडीए को मिली जीत के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि, बिहार में जो शराबबंदी हुई उससे महिलाएं खुश हुई क्योंकि शराब के कारण महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशान होना पड़ता है। शराब घर का पूरा पैसा खत्म कर देती है। इसके साथ ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बहुत ही शालीन और विनम्र व्यक्ति हैं।
मध्य प्रदेश के उप-चुनाव के नतीजों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उमा भारती ने कहा कि, मुझे भरोसा था कि राज्य की सभी सीटें जीतेंगे, जो सात-आठ सीटें हारे हैं, उसकी समीक्षा भी करेंगे। यहां हमें सारी सीटें जीतनी थी। वहीं बिहार में कांटे की टक्कर रही। वहां सरकार बनाने की स्थिति में हम आ गए। बिहार के चुनाव के दौरान कोरोना हुआ, कई नेता प्रचार के लिए नहीं जा पाए। इन चुनावों से एक बात स्पष्ट हो गई है कि अब हम प्रधानमंत्री नरेंद मोदी के नाम पर कहीं भी जीत सकते हैं। या मोदी खुद जाएंगे या मोदी का नाम लेंगे तो हमें वोट मिलेगा।
उन्होंने आगे कहा कि मध्य प्रदेश के उप-चुनाव में भी मोदी को ही जीत का श्रेय जाता है। दूसरा श्रेय ज्योतिरादित्य सिंधिया, शिवराज सिंह चौहान और विष्णु दत्त शर्मा की त्रिदेव को जाता है। इन तीनों ने मिलकर कार्यकतार्ओं की एकजुटता बनाई। मगर मुझे संतोष नहीं है।
महाराष्ट्र
मुंबई के वाशी नाका में काली माता की मूर्ति को माउंट मैरी में बदलने पर तनाव, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद मामला दर्ज, पुजारी गिरफ्तार

मुंबई; चेंबूर वाशी गांव के श्मशान में काली माता की मूर्ति को माउंट मैरी के आकार में बदल दिया गया, जिसके बाद इलाके में तनाव फैल गया, लेकिन पुलिस ने इस मामले में एक पुजारी को गिरफ्तार करने का दावा किया है, जिसने यह काम किया था, जिससे हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची थी। पुलिस ने स्थिति को काबू में कर लिया और केस भी सुलझा लिया। इस घटना के बाद माहौल खराब करने की कोशिश की गई, लेकिन बाद में पुजारी इसमें शामिल पाया गया, जिसके बाद अब यहां शांति बनी हुई है। मुंबई में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें चेंबूर वाशी गांव के श्मशान में स्थापित काली माता की मूर्ति को बदलकर माउंट मैरी जैसा बना दिया गया। इस घटना से इलाके के लोगों में सदमे और गुस्से की लहर है। सूचना मिलने पर RCF पुलिस मौके पर पहुंची, स्थिति का जायजा लिया और इसमें शामिल पुजारी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने घटना के संबंध में FIR भी दर्ज कर ली है। शुरुआती पूछताछ में आरोपी पुजारी ने पुलिस को बताया कि उसे काली माता की मूर्ति को माउंट मैरी जैसा बनाने का “सपने में निर्देश” मिला था। इस कथित “सपने के निर्देश” के बाद, उसने मूर्ति का आकार बदलने की कोशिश की। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधिकारी आगे की जांच कर रहे हैं। बदलाव के पीछे क्या मकसद था, और क्या बदलाव के पीछे कोई और वजह या झगड़ा था, इसकी भी जांच की जा रही है। स्थानीय लोगों और बजरंग दल के कुछ कार्यकर्ताओं ने पुलिस की कार्रवाई पर संतुष्टि जताई और कहा कि धार्मिक स्थलों पर बिना इजाजत किसी भी तरह का बदलाव मंजूर नहीं है। DCP समीर शेख ने कहा कि मूर्ति का आकार बदलने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और जांच जारी है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि आरोपी ने ऐसा संदिग्ध और विवादित काम क्यों किया, इसके पीछे कौन है, और किसके कहने पर उसने मूर्ति का आकार बदला। इन सभी बातों पर जांच जारी है। हालांकि, हालात को देखते हुए पुलिस ने यहां अतिरिक्त व्यवस्था तैनात कर दी है और हालात पर भी नजर रखी जा रही है। फिलहाल शांति है लेकिन तनाव बना हुआ है।
राजनीति
यूपी : संभल हिंसा का एक साल पूरा, स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन के कार्यों को सराहा

संभल, 24 नवंबर: उत्तर प्रदेश के संभल में भड़की हिंसा को सोमवार को एक साल पूरा हो गया। जामा मस्जिद सर्वे के दौरान यह हिंसा भड़की थी, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के एक साल पूरे होने पर स्थानीय लोगों ने मीडिया से बात की और जिले में प्रशासन के कार्यों की तारीफ की।
संभल के एक स्थानीय व्यक्ति ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “संभल की जनता को ऐसा प्रशासन पहले कभी नहीं मिला, जैसा अभी मिला है। प्रशासन ने जिस हिसाब से संभल में कार्य किया, उससे यहां बहुत बड़ा हादसा होने से रुक गया।”
उन्होंने कहा, “संभल की जनता आज अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रही है। यहां का हिंदू जनमानस अब पलायन नहीं करेगा; लोगों में ऐसी भावना आ गई है। हमारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल के लिए जो घोषणाएं की हैं, अगर वे क्रियान्वित हो जाती हैं, तो जिला और भी आगे बढ़ेगा। इस समय यहां का प्रशासन संभल को आगे बढ़ाने के लिए पूरी मेहनत से लगा हुआ है।”
स्थानीय ने बताया, “संभल के लिए आ रही योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए प्रशासन पूरी तरह से प्रयासरत है। 24 कोसी परिक्रमा के लिए जो योजना बनाई गई है, वह निश्चित रूप से संभल से पलायन कर चुके लोगों को वापस यहां पर बुलाने के लिए कारगर साबित होगी। मैं पूरी तरह आशान्वित हूं कि संभल का भविष्य बहुत उज्ज्वल है।”
एक अन्य स्थानीय ने कहा, “संभल में प्रशासन के कार्यों को सराहा। उन्होंने कहा कि संभल में प्रशासन बहुत अच्छा काम कर रहा है। पिछले 1 सालों में प्रशासन ने बहुत अच्छा काम किया है।”
शाही जामा मस्जिद के सेक्रेटरी मशहूद अली फारूकी ने कहा कि शाही जामा मस्जिद कमेटी अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रही है और पुलिस एडमिनिस्ट्रेशन भी अपनी ड्यूटी निभा रहा है। सब कुछ कंट्रोल में है। हम सभी से अपील करते हैं कि किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और भाईचारा बनाए रखने में सहयोग करें। पुलिस और मस्जिद कमेटी दोनों शांति बनाए रखने के लिए पूरी तरह से काम कर रहे हैं, और हमारी दिल से अपील है कि शहर के लोग शहर को शांत और शांतिपूर्ण बनाए रखने में मदद करें।”
राष्ट्रीय समाचार
नौसेना में शामिल हुआ साइलेंट हंटर-एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शेलो वॉटर क्राफ्ट ‘माहे’

नई दिल्ली, 24 नवंबर: सोमवार को ‘साइलेंट हंटर’ यानी एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शेलो वॉटर क्राफ्ट ‘माहे’ भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। नौसेना का यह एंटी-सबमरीन जहाज गोपनीय मिशन, सतर्कता और अटूट संकल्प का प्रतीक है।
नौसेना के मुताबिक ‘माहे’ को तटीय इलाकों में उच्च जोखिम वाले मिशनों के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी क्षमताएं इसे एक शक्तिशाली व उथले पानी का बेहतरीन योद्धा बनाती हैं। यह जहाज पनडुब्बी रोधी जैसे बड़े व खतरनाक अभियानों को अंजाम देने में सक्षम है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारतीय नौसेना के इस जहाज में इस्तेमाल की गई 80 प्रतिशत से अधिक सामग्री स्वदेशी है। माहे को अत्याधुनिक व उन्नत सेंसर्स से लैस किया गया है। इसके साथ ही इसमें हथियार और आधुनिक इंटीग्रेशन सिस्टम मौजूद हैं। थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी की मौजूदगी में सोमवार को यह जहाज नौसेना में शामिल किया गया।
इस अवसर पर वाइस एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन समेत अन्य अधिकारी, कर्मचारी, वेटरन्स और अन्य अतिथि मौजूद रहे। भारतीय नौसेना के मुताबिक ‘माहे’ नाम मालाबार तट स्थित ऐतिहासिक नगर ‘माहे’ पर रखा गया है। माहे को सांस्कृतिक समृद्धि और समुद्री इतिहास के लिए जाना जाता है। 24 नवंबर को भारतीय नौसेना का यह पहला माहे क्लास, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शेलो वॉटर क्राफ्ट आधिकारिक रूप से नौसेना में शामिल किया गया।
यह स्वदेशी रक्षा निर्माण क्षमता का प्रतीक है। माहे का निर्माण भारत में ही कोचीन शिपयार्ड द्वारा किया गया है। यही कारण है कि ‘माहे’ ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत का सशक्त उदाहरण भी पेश किया है। इस श्रेणी के कुल 8 एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शेलो वॉटर क्राफ्ट जहाज नौसेना में शामिल किए जाएंगे। माहे इनमें पहला है।
नौसेना के ‘माहे’ को तटीय इलाकों में उच्च जोखिम वाले मिशनों के लिए विशेष तौर पर डिजाइन किया गया है। इसकी क्षमताएं इसे एक शक्तिशाली उथले जल का योद्धा बनाती हैं। इसकी मुख्य परिचालन भूमिकाओं की बात करें तो यह एंटी-सबमरीन वॉरफेयर में उथले समुद्र में दुश्मन पनडुब्बियों की खोज और उन्हें नष्ट करेगा। कोस्टल पेट्रोलिंग व तटीय सुरक्षा और निगरानी में तैनात किया जाएगा। इससे मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस में वृद्धि होगी। प्रमुख समुद्री मार्गों एवं बंदरगाहों की सुरक्षा बढ़ेगी। विशेष मिशनों के लिए त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित होगी।
इस शेलो क्राफ्ट के क्रेस्ट में ‘उरुमि’ कलारीपयट्टू की लचीली तलवार को दर्शाया गया है। यह क्रेस्ट काफी आकर्षक है। नौसेना के अनुसार यह फुर्ती, सटीकता, घातक क्षमता व समुद्री चुनौतियों से निपटने की दक्षता का प्रतीक है। सोमवार को माहे की कमीशनिंग के उपरांत विशेषज्ञों ने कहा कि माहे की कमीशनिंग सिर्फ एक जहाज का नौसेना में शामिल होना भर नहीं है।
विशेषज्ञों के मुताबिक यह जहाज समुद्र में भारत की डिजाइन-टू-डिलीवरी क्षमता का प्रमाण है। यह तेज है, चपल है और आधुनिक स्वदेशी लड़ाकू समुद्री जहाजों के नए युग की शुरुआत है। विशेषज्ञ आज के इस दिन को भारतीय नौसेना के स्वदेशी युद्धपोत इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताते हैं।
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