राष्ट्रीय
धनतेरस से पहले बढ़ी सोने, चांदी की चमक, सुस्त पड़ी डॉलर की चाल
सोने-चांदी की खरीदारी का त्योहार धनतेरस से पहले महंगी धातुओं के दाम में लगातार तेजी का रुख बना हुआ है। वैश्विक बाजार से मिले मजबूत संकेतों से भारतीय वायदा बाजार में सोमवार को सोने और चांदी में तेजी का सिलसिला जारी था। अमेरिका में नये राष्ट्रपति चुने जाने के बाद डॉलर की चाल सुस्त पड़ गई है जिससे सोने और चांदी की चमक बढ़ गई है।
देश के सबसे बड़े वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सुबह 10.08 बजे सोने के दिसंबर एक्सपायरी अनुबंध में बीते सत्र से 273 रुपये यानी 0.52 फीसदी की तेजी के साथ 52,440 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले सोने का भाव 52,520 रुपये तक उछला। वहीं, एमसीएक्स पर चांदी के दिसंबर अनुबंध में बीते सत्र से 915 रुपये यानी 1.40 फीसदी की तेजी के साथ 66,250 रुपये प्रति किलो पर कारोबार चल रहा था जबकि इससे पहले चांदी का भाव 66,390 रुपये तक उछला।
बाजार के जानकार बताते हैं कि अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बाइडन के नए राष्ट्पति चुने जाने से कोरोना महामारी से मिल रही आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए बडे राहत पैकेज की उम्मीद बढ़ गई है। इसलिए, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी में तेजी देखी जा रही है।
अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार कॉमेक्स पर सोने के दिसंबर अनुबंध में सोमवार को बीते सत्र से 12.90 डॉलर यानी 0.66 फीसदी की तेजी के साथ 1,964.60 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार चल रहा था जबकि इससे पहले भाव 1,965.65 डॉलर प्रति औंस तक उछला।
कॉमेक्स पर चांदी के दिसंबर अनुबंध में बीते सत्र से 1.22 फीसदी की तेजी के साथ 25.97 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार चल रहा था जबकि इससे पहले चांदी का भाव 26.13 डॉलर प्रति औंस तक उछला।
केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने बताया कि डॉलर की कमजोरी के चलते सोना में तेजी आई है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में जो बाइडन के राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने के बाद कोरोनावायरस से निपटने के लिए बड़े राहत पैकेज मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। जाहिर है कि राहत पैकेज से बढ़ने वाली महंगाई से बचाव के लिए सोना निवेशकों के लिए एक पसंदीदा इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट है।
केडिया बताते हैं कि चीन समेत दुनिया के अन्य देशों में भी कोरोना से निपटने के लिए राहत पैकेज की बात चल रही है। ऐसे में सोने के प्रति निवेशकों का रुझान बना रहेगा।
भारत और चीन में सोने की खपत में वृद्धि होने से पीली धातु का भाव प्रीमियम पर चल रहा है।
एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट (एनर्जी व करेंसी रिसर्च) अनुज गुप्ता ने चीन गोल्ड एसोसिएशन के आंकड़ों का जिक्र करते हुए बताया कि चीन में जुलाई से सितंबर के दौरान सोने की खपत 224.8 टन रही है जो कि बीती तिमाही के मुकाबले 28.71 फीसदी अधिक है जबकि सोने की छड़ व सिक्कों की खपत बीती तिमाही के मुकाबले 66.73 फीसदी बढ़कर 65.54 टन हो गई है।
गुप्ता ने भी बताया कि डॉलर में आई कमजोरी से सोने और चांदी की तेजी को लगातार सपोर्ट मिल रहा है।
दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की ताकत का सूचक डॉलर इंडेक्स में बीते एक सप्ताह से कमजोरी बनी हुई है। बीते सोमवार को डॉलर इंडेक्स 94.14 पर बंद हुआ था जहां से टूटकर डॉलर इंडेक्स 92.19 पर आ गया है।
धनतेरस इस सप्ताह 13 नवंबर को है। भारत में लोग सोने और चांदी की सबसे ज्यादा एक दिनी खरीदारी धनतेरस के शुभ मुहूर्त में करते हैं, इसलिए दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद समेत देश के प्रमुख सर्राफा बाजारों में आभूषण कारोबारियों ने धनतेरस पर ग्राहकों को लुभाने के लिए आकर्षक स्कीम व उपहार रखे हैं। आभूषण कारोबारियों को धनतेरस पर जोरदार बिक्री की उम्मीद है।
महोत्सव
स्वतंत्रता दिवस 2024: थीम, इतिहास, महत्व और समारोह के बारे में अधिक जानें।
भारत 15 अगस्त, 2024 को अपना 78वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाएगा, यह एक महत्वपूर्ण अवसर है जो ब्रिटिश उपनिवेशवाद से मुक्ति के सत्तर से अधिक वर्षों का प्रतीक है। राष्ट्रीय गौरव और गहरी देशभक्ति की भावना के साथ मनाया जाने वाला यह वार्षिक कार्यक्रम स्वतंत्रता सेनानियों के बहादुर कार्यों और स्वायत्तता और विकास की दिशा में राष्ट्र की प्रगति को श्रद्धांजलि देता है। यह लेख 2024 में भारत के स्वतंत्रता दिवस से जुड़े महत्व, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और समारोहों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करता है।
क्या यह स्वतंत्रता दिवस की 77वीं या 78वीं वर्षगांठ है?
2024 में 78वाँ स्वतंत्रता दिवस समारोह 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश शासन से भारत की स्वतंत्रता का प्रतीक होगा। भले ही यह स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से 77वाँ वर्ष है, लेकिन स्वतंत्रता के बाद से यह दिन 78 बार मनाया जा चुका है। जानकारी का यह दोहरा स्रोत भ्रम पैदा कर सकता है, फिर भी प्रत्येक आंकड़ा अपने संदर्भ में सही है।
4 जुलाई 2024 की थीम
इस वर्ष की थीम, “विकसित भारत” या “विकसित भारत”, 2047 तक भारत को एक विकसित और प्रगतिशील राष्ट्र में बदलने के लक्ष्य को दर्शाती है, जो इसकी स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ है।
इतिहास में स्वतंत्रता दिवस का महत्व
इस विशेष दिन पर, भारत ने लगभग दो सौ वर्षों के औपनिवेशिक शासन के बाद ब्रिटिश नियंत्रण से स्वतंत्रता प्राप्त की। ब्रिटिश संसद ने 18 जुलाई, 1947 को भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम पारित किया, जिसने ब्रिटिश वर्चस्व को समाप्त करने में मदद की और परिणामस्वरूप भारत और पाकिस्तान का विभाजन हुआ।
स्वतंत्रता दिवस पर महत्वपूर्ण कार्यक्रम
प्रधानमंत्री का भाषण: 15 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी लाल किले से राष्ट्र के नाम भाषण देंगे।
स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान: स्वतंत्रता दिवस पर, हम उन कई लोगों को याद करते हैं जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।
नागरिक और सांस्कृतिक जुड़ाव: परेड, सांस्कृतिक कार्यक्रम, पारंपरिक नृत्य प्रदर्शन और देशभक्तिपूर्ण शैक्षिक पहल देशभक्ति गतिविधियों के उदाहरण हैं।
ध्वजारोहण: सरकारी भवनों और स्कूलों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है।
राष्ट्रीय
शेयर बाजारों में सुबह के कारोबार में उतार-चढ़ाव
भारतीय शेयर बाजारों में बुधवार को सुबह के कारोबार में उतार-चढ़ाव रहा।
हरे निशान में खुलने के बाद सेंसेक्स एक समय 337.63 अंक यानि 0.47 प्रतिशत टूटकर 71.674.42 अंक तक तक लुढ़क गया था। हालाँकि बाद में वापसी करते हुए 124.73 अंक की तेजी के साथ 72,136.78 अंक पर पहुँच गया।
निफ्टी भी 107.25 अंक टूटकर एक समय 21,710.20 अंक तक उतर गया था। लेकिन दोपहर होते-होते यह 39.50 अंक की बढ़त से साथ 21,852.80 अंक तक चढ़ गया।
निफ्टी50 में एशर मोटर के शेयर चार प्रतिशत और मारुति सुजुकी के तीन प्रतिशत की बढ़त में थे। वहीं, टाटा कंज्यूमर और टाटा मोटर्स में करीब ढाई-ढाई फीसदी की गिरावट रही।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व नीतिगत दरों पर निर्णय बुधवार को जारी करेगी। इससे अमेरिकी बाजार में रुझान तय होगा।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के रिटेल रिसर्च प्रमुख दीपक जसानी ने कहा कि फेडरल रिजर्व इस साल दर में कटौती के धीमे रुख का संकेत दे सकता है। इस चिंता के कारण बुधवार को एशियाई शेयरों में नरमी रही।
राष्ट्रीय
सेंसेक्स 600 अंक टूटा, एफएमसीजी शेयर हुए धड़ाम
फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) स्टॉक मंगलवार को सेक्टोरल इंडेक्स में 1.9 फीसदी की गिरावट के साथ कमजोर कारोबार कर रहे हैं। एफएमसीजी इंडेक्स टॉप सेक्टर लूजर्स में से एक है। नेस्ले में 3 फीसदी से ज्यादा की गिरावट है।
कोलगेट पामोलिव करीब 4 फीसदी नीचे है। होनासा कंज्यूमर 3.7 फीसदी, टाटा कंज्यूमर 3.4 फीसदी, पतंजलि फूड्स 3.2 फीसदी, यूनाइटेड ब्रुअरीज 3 फीसदी, गोदरेज कंज्यूमर 2 फीसदी से ज्यादा और ब्रिटानिया 2 फीसदी से ज्यादा नीचे है।
बिकवाली के कारण बीएसई सेंसेक्स 600 अंक से अधिक नीचे है। ज्यादातर सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं।
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज ने एक हालिया रिपोर्ट में कहा था कि वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में एफएमसीजी सेक्टर में मांग सुस्त है।
रिटेल डेटा पर नज़र रखने वाली नील्सन ने इस सेक्टर के लिए 4.5-6.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया है।
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज ने कहा, अल-नीनो का प्रभाव मई तक रहने के कारण कृषि क्षेत्र में वृद्धि कम रहेगी जिससे खपत में कोई महत्वपूर्ण बदलाव होने की संभावना नहीं है।
-
व्यापार4 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध2 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
अपराध2 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
न्याय3 months ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध2 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
अनन्य2 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
महाराष्ट्र4 years ago
31 जुलाई तक के लिए बढ़ा लॉकडाउन महाराष्ट्र में, जानिए क्या हैं शर्तें
-
राजनीति1 month ago
आज रात से मुंबई टोल-फ्री हो जाएगी! महाराष्ट्र सरकार ने शहर के सभी 5 प्रवेश बिंदुओं पर हल्के मोटर वाहनों के लिए पूरी तरह से टोल माफ़ करने की घोषणा की