खेल
आईपीएल-13 : कोलकाता के सामने चेन्नई की चुनौती
दो बार की चैंपियन कोलकाता नाइट राइडर्स इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 13वें सीजन में आज यहां दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में तीन बार की चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स से भिड़ेगी। चेन्नई तो प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हो चुकी है, लेकिन कोलकाता की उम्मीदें जिंदा है और इसके लिए जरूरी है कि इयोन मोर्गन की कप्तानी वाली टीम यह मैच जरूर जीते। इस समय वह 12 मैचों में छह जीत और छह हार के साथ 12 अंक लेकर पांचवें स्थान पर है। उसके दो मैच बचे हैं और दोनों में जीत उसे प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई करा देंगी।
कोलकाता अगर एक मैच भी हारती है तो उसे फिर दूसरी टीमों के आंकड़ों पर निर्भर रहना होगा। पिछले मैच में किंग्स इलेवन पंजाब ने कोलकाता को मात दी थी और इसी कारण कोलकाता के लिए अब हर मैच जीतना लाजमी हो गया है।
पिछले मैच में कोलकाता की बल्लेबाजी बुरी तरह से फ्लॉप रही थी। सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल और कप्तान इयोन मोर्गन के अलावा कोई और बल्लेबाज नहीं चला था। इन दोनों ने बेहतरीन साझेदारी की थी और टीम में अच्छे स्कोर की उम्मीद जगाई थी, लेकिन इन दोनों के आउट होते ही टीम बिखर गई और बड़ा स्कोर नहीं खड़ा कर पाई।
गेंदबाजों ने भी निराश किया था। मनदीप सिंह और क्रिस गेल के सामने सभी ने हथियार डाल दिए थे।
प्रदर्शन में निरंतरता न रहना ही टीम की सबसे बड़ी कमजोरी है और इसलिए कोलकाता करो या मरो जैसी स्थिति में है।
गिल कोलकाता के इकलौते बल्लेबाज हैं जो निरंतर अच्छा कर रहे हैं, लेकिन कोई और बल्लेबाज ऐसा नहीं कर सका है। राहुल त्रिपाठी और नीतीश राणा का बल्ला भी चला है, लेकिन निरंतरता नहीं है। दिनेश कार्तिक को इस सीजन फ्लॉप कहना सही होगा। उनके बल्ले से सिर्फ एक अर्धशतक निकला है और इसके अलावा वह कई दफा दहाई के आंकड़ें में भी पहुंचने में संघर्ष करते दिखे हैं।
कप्तान इयोन मोर्गन ने छोटी-छोटी पारियां खेली हैं, लेकिन अब समय है कि इंग्लैंड का यह विश्व विजेता कप्तान उस तरह की पारी खेले जो वह अपनी राष्ट्रीय टीम के लिए खेलता आया है।
सुनील नरेन पर भी नजरें रहेंगी। गेंदबाजी और बल्लेबाजी में भी। नरेन का बल्ला चलता है तो रन तेजी से आते हैं जो उन्होंने दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ मैच में दिखाया था, लेकिन गेंदबाजी में उनकी शैली बदली हुई दिखी है। एक्शन को लेकर शिकायत होने के बाद नरेन जब से लौटे हैं गेंद से असरदार नहीं रहे हैं। यह कोलकाता के लिए चिंताजनक है।
टीम की गेंदबाजी में वरुण चक्रवर्ती ने अपनी मिस्ट्री स्पिन से प्रभावित किया है। पैट कमिंस, शिवम मावी, कमलेश नागरकोटी और प्रसिद्ध कृष्णा पर तेज गेंदबाजी में काफी कुछ निर्भर करता है।
दूसरी ओर, चेन्नई सुपर किंग्स के पास खोने को कुछ नहीं है। उसने अपने पिछले मैच में एकतरफा प्रदर्शन किया था और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर को मात दी थी। टीम में कुछ बदलाव देखे गए थे जो असरदार साबित हुए थे। ऋतुराज गायकवाड़ ने बतौर सलामी बल्लेबाज आकर अर्धशतक जमाया था। अंबाती रायडू भी फॉर्म में दिखे थे।
फाफ डु प्लेसिस इस समय अच्छी फॉर्म में हैं। महेंद्र सिंह धोनी और रवींद्र जडेजा भी चाहेंगे कि टूनार्मेंट के अंत में उनके बल्ले से कुछ यादगार पारियां निकलें। सैम कुरैन इस सीजन टीम की खोज रहे हैं।
गेंदबाजी में दीपक चहर और शार्दूल ठाकुर भी टीम के लिए उपयोगी रहे हैं। स्पिन में मिशेल सैंटनर को पिछले मैच में मौका मिला था और चार ओवरों में 23 रन देकर एक विकेट लिया था। सैंटनर कोलकाता के खिलाफ भी दिखाई दे सकते हैं।
चेन्नई की सिर्फ एक ही कोशिश रहेगी कि वह इस टूनार्मेंट का अंत जीत के साथ करे, और अगर वह इसमें सफल होती है तो कुछ टीमों का प्लेऑफ में जाने का गणित बिगड़ सकता है। कोलकाता को इससे बचना होगा।
कोलकाता नाइट राइडर्स : इयोन मोर्गन (कप्तान), दिनेश कार्तिक आंद्रे रसेल, सुनील नरेन, कुलदीप यादव, शुभमन गिल, लॉकी फग्र्यूसन, नीतीश राणा, रिंकू सिंह, प्रसिद्ध कृष्णा, संदीप वॉरियर, कमलेश नागरकोटी, शिवम मावी, सिद्देश लाड, पैट कमिंस, टॉम बेंटन, राहुल त्रिपाठी, वरुण चक्रवर्ती, एम. सिद्धार्थ, निखिल नाइक, क्रिस ग्रीन।
चेन्नई सुपर किंग्स : महेंद्र सिंह. धोनी (कप्तान), केदार जाधव, रवींद्र जडेजा, पीयूष चावला, कर्ण शर्मा, शेन वाटसन, शार्दूल ठाकुर, अंबाती रायडू, मुरली विजय, फाफ डु प्लेसिस, इमरान ताहिर, दीपक चहर, लुंगी एनगिडी, मिशेल सैंटनर, केएम. आसिफ, नारायण जगदीशन, मोनू कुमार, रितुराज गायकवाड़, आर. साई किशोर, जोश हेजलवुड, सैम कुरैन।
अपराध
महाराष्ट्र में पिछले 10 सालों में मुंबई को छोड़कर 1 करोड़ निवेशकों से 22,552 करोड़ रुपये ठगे गए: फडणवीस

मुंबई, 2 जुलाई। साइबर और डिजिटल अपराधों के बढ़ते खतरे के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, जो राज्य के गृह मंत्री भी हैं, ने बुधवार को राज्य परिषद को बताया कि पिछले 10 सालों में मुंबई को छोड़कर राज्य में विभिन्न निवेश योजनाओं में एक करोड़ से अधिक निवेशकों से 22,552 करोड़ रुपये ठगे गए।
मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के अनुसार, पिछले 10 सालों में 2.71 लाख निवेशकों से 2,95,451 करोड़ रुपये ठगे गए। 2016 से मई 2025 तक निवेशकों से 11,033.97 करोड़ रुपये ठगने के लिए साइबर अपराध के लगभग 46,321 मामले दर्ज किए गए।
कांग्रेस विधायक सतेज पाटिल और अन्य के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, सीएम फडणवीस ने कहा कि वर्ष 2024 में महाराष्ट्र राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर निवेशकों को 1,187.46 करोड़ रुपये की ठगी करने की 58,157 शिकायतें प्राप्त हुईं।
मुंबई में 31,583 शिकायतें प्राप्त हुईं, जबकि पुणे में 13,971 और ठाणे में 12,582 शिकायतें दर्ज की गईं।
वर्ष 2025 में महाराष्ट्र राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर 540 शिकायतें प्राप्त हुईं।
सीएम फडणवीस ने कहा कि राज्य भर में 50 साइबर पुलिस स्टेशन संचालित हैं। निवेशकों को ठगने वाली धोखाधड़ी योजनाओं के बारे में नागरिकों को पहले से सचेत करने के लिए, सरकार ने मुंबई पुलिस आयुक्तालय में एक वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) की स्थापना की है, जबकि राज्य के बाकी हिस्सों में पुलिस आयुक्तों और पुलिस अधीक्षकों के अधिकार क्षेत्र में इसी तरह की एफआईयू स्थापित की गई हैं।
साइबर अपराधों की त्वरित जांच के लिए सरकार ने राज्य भर में साइबर लैब और साइबर पुलिस स्टेशनों को आधुनिक सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर उपलब्ध कराए हैं।
उन्होंने कहा कि साइबर अपराधों का पता लगाने के लिए पुलिस अधिकारियों और कांस्टेबलों को प्रशिक्षित किया गया है, जबकि इस सुविधा के लिए एक आधुनिक प्रयोगशाला भी स्थापित की गई है।
पुलिस नागरिकों, छात्रों, शिक्षकों, प्रशासनिक कर्मचारियों और अन्य लोगों को साइबर और डिजिटल अपराधों के बारे में चेतावनी देने के लिए बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चला रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नागरिकों से सोशल मीडिया, इंटरनेट और अन्य माध्यमों से साइबर अपराधों के बारे में कड़ी निगरानी रखने और सतर्क रहने का आग्रह किया गया है।
इस बीच, भाजपा विधायक परिणय फुके द्वारा उठाए गए एक अन्य प्रश्न में, सीएम फडणवीस ने कहा कि मेफेड्रोन के संबंध में 303 अपराध दर्ज किए गए थे – जिसे अक्सर इसके सड़क के नाम, ‘म्याऊ म्याऊ’ से संदर्भित किया जाता है, 2022 में, जबकि 642 2023 में और 545 2024 में दर्ज किए गए थे।
महाराष्ट्र
बॉम्बे हाईकोर्ट ने अवैध 34 मंजिला ताड़देव टावर को लेकर बीएमसी और डेवलपर को फटकार लगाई; कहा कि बिना ओसी के रहने वाले लोग अपने जोखिम पर रह रहे हैं

मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) की खिंचाई की और डेवलपर सैटेलाइट होल्डिंग्स की तीखी आलोचना की, जिसने ताड़देव में 34 मंजिला इमारत का निर्माण बिना किसी अनिवार्य अग्नि सुरक्षा मंजूरी के किया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि फ्लैट खरीदार बिना ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट (ओसी) के 17वीं से 34वीं मंजिल पर कब्जा कर रहे हैं, जो अपने जोखिम पर ऐसा कर रहे हैं।
न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की पीठ ने ताड़देव आरटीओ के पास विलिंगडन व्यू को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी के सदस्य सुनील बी. झावेरी (एचयूएफ) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, “बहुत सारी अवैधताएं हैं।”
अदालत ने कहा कि डेवलपर (प्रतिवादी संख्या 9) सैटेलाइट होल्डिंग्स ने 2020 से अनधिकृत निर्माण कार्य किया है और गंभीर उल्लंघनों के बावजूद इमारत को “दंड से मुक्ति” के साथ बनने दिया गया।
इस भवन का निर्माण वर्ष 1990 में शुरू हुआ और 2010 में पूरा हुआ, तथा सभी फ्लैटों पर कब्जा 2011 से है।
सबसे अधिक चिंताजनक अनियमितताओं में से एक यह थी कि 34 मंजिला इमारत के लिए मुंबई अग्निशमन विभाग के मुख्य अग्निशमन अधिकारी से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) का पूर्णतया अभाव था।
अदालत ने कहा, “34 मंजिलों वाली एक इमारत का निर्माण स्पष्ट रूप से अवैध है, जिसके लिए बीएमसी के मुख्य अग्निशमन अधिकारी से कोई मंजूरी नहीं ली गई है, जिसके बिना कोई भी व्यक्ति इमारत में नहीं रह सकता है।”
पीठ ने कहा, “जो बात और भी चौंकाने वाली है और हमारी अंतरात्मा को झकझोरती है, वह यह है कि 17वीं से 34वीं मंजिलों के पास कोई ओसी नहीं है। फिर भी, इन मंजिलों के संबंध में भी, जहां अवैध निर्माण हुआ है, उन पर कब्जा किया जा रहा है।”
अदालत ने डेवलपर और नागरिक अधिकारियों दोनों की तीखी आलोचना की: “हम यह समझने में पूरी तरह असमर्थ हैं कि इस तरह की अवैधता, और वह भी दंड से मुक्त होकर, नगर निगम द्वारा कैसे बर्दाश्त की जा सकती है… भवन निर्माण कानूनों और नियोजन अनुमतियों का घोर उल्लंघन किया जा रहा है, जिससे अराजकता की स्थिति पैदा हो रही है।”
इसने निर्माण को नियमित करने के प्रयासों को भी नकारात्मक रूप से देखा। अदालत ने टिप्पणी की, “ये सभी लोग यह समझाने का इरादा रखते हैं कि इन उल्लंघनों को कानूनी आवश्यकताओं को पूरी तरह से दरकिनार करके माफ कर दिया जाए और नियमितीकरण का नियमित मंत्र गाया जाए।”
अग्नि सुरक्षा के मुद्दे पर न्यायालय ने स्पष्ट कहा: “34 मंजिली इमारत में अग्नि सुरक्षा मानदंडों का अनुपालन, जिसमें 59 परिवार रहते हैं, गैर-समझौता योग्य है। किसी भी तरह से कोई छूट नहीं दी जा सकती।” कमला मिल्स अग्निकांड जैसी पिछली घटनाओं का जिक्र करते हुए पीठ ने कहा, “ऐसे उदाहरण बहुत हैं… और यह सार्वजनिक चिंता का विषय है।”
बुनियादी सवाल उठाते हुए पीठ ने पूछा: “क्या दिनदहाड़े अधिभोग आवश्यकताओं के उल्लंघन को अनदेखा किया जा सकता है? क्या अग्नि सुरक्षा मानदंडों की अनुपस्थिति में किसी भी ऊंची इमारत में अधिभोग की अनुमति दी जा सकती है? किसी भी विवेकशील व्यक्ति के लिए, इसका उत्तर निश्चित रूप से नकारात्मक होगा।”
अदालत ने मुख्य अग्निशमन अधिकारी को 3 जुलाई तक हलफनामा दाखिल कर यह बताने का निर्देश दिया कि इमारत में अग्नि सुरक्षा मानदंडों का अनुपालन किया गया है या नहीं। बीएमसी के बिल्डिंग प्रपोजल डिपार्टमेंट को हलफनामे के जरिए यह भी स्पष्ट करने का निर्देश दिया गया कि इमारत के किसी हिस्से के पास वैध ओसी है या नहीं।
अदालत ने अगले आदेश तक कहा, “सभी फ्लैट खरीदार, जो हमारी प्रथम दृष्टया राय में, 17वीं से 34वीं मंजिलों पर अवैध रूप से कब्जा कर रहे हैं, उन्हें आग सहित किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में अपने जोखिम और परिणामों पर ऐसा करना जारी रखना चाहिए।”
अदालत ने कहा, “इन लोगों को नगर निगम या किसी राज्य प्राधिकरण को किसी भी नागरिक या आपराधिक दायित्व के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए। वे नुकसान या चोट की स्थिति में गार्ड और घरेलू कर्मचारियों सहित तीसरे पक्ष के लिए भी उत्तरदायी होंगे।”
बीएमसी से यह भी पूछा गया कि अवैध मंजिलों की पानी और बिजली की आपूर्ति क्यों नहीं काटी गई है, और नगर निगम आयुक्त को निर्देश दिया गया कि वे हलफनामे जमा करने से पहले सभी हलफनामों की जांच करें। अदालत ने लिफ्ट के निरीक्षक से यह भी स्पष्टीकरण मांगा कि संरचना के लिए लिफ्ट की अनुमति कैसे दी गई।
अंतरराष्ट्रीय
ओबामा ने ईरान को बहुत कुछ दिया, मैं नहीं देने वाला: ट्रंप

वाशिंगटन, 30 जून। ईरान पर भविष्य में क्या अमेरिका हमला करेगा या नहीं, फिलहाल इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। ईरान के उप-विदेश मंत्री अमेरिका के साथ भविष्य में किसी भी कूटनीतिक और न्यूक्लियर वार्ता पर शर्त रख चुके हैं। ऐसे में ट्रंप ने कहा है कि अब वह ईरान से बात नहीं कर रहे हैं।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर लिखा, “मैं ईरान को कुछ भी नहीं दे रहा हूं। ओबामा की तरह, जिन्होंने ‘परमाणु हथियार जेसीपीओए (जो अब समाप्त हो जाएगा) के तहत अरबों डॉलर का भुगतान किया था। इतना ही नहीं, मैं उनसे इस विषय पर बात भी नहीं करने वाला हूं, क्योंकि हमने उनकी न्यूक्लियर फैसिलिटी को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।”
ट्रंप शुक्रवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर चुके थे, जिनमें कहा गया था कि उनके प्रशासन ने सिविलियन एनर्जी प्रोड्यूसिंग न्यूक्लियर प्रोग्राम बनाने के लिए ईरान को 30 बिलियन डॉलर तक की मदद करने की चर्चा की थी।
रविवार को ‘बीबीसी’ से बातचीत में माजिद तख्त-रवांची ने कहा था कि अमेरिका को ईरान के खिलाफ किसी भी हमले से इनकार करना चाहिए। इसके साथ ही उप-विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान के खिलाफ भविष्य के हमलों पर ट्रंप प्रशासन की स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।
माजिद ने बताया कि अमेरिका ने मध्यस्थ देशों से कहा है कि वह ईरान के साथ बातचीत करना चाहता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वह भविष्य में हमले करेगा या नहीं।
अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर फैसिलिटी नतांज, फोर्डो और इस्फाहान को नष्ट किया था। इस फैसले के साथ अमेरिका इजरायल-ईरान के बीच संघर्ष में कूद पड़ा था।
इसके जवाब में ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद ट्रंप ने ईरान-इजरायल के बीच युद्ध विराम की घोषणा की थी।
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