अंतरराष्ट्रीय समाचार
अमेरिकी चुनावी नतीजे भारत से संबंध पर असर नहीं डालेंगे: वरिष्ठ अधिकारी

एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने कहा है कि उन्हें लगता है कि 3 नवंबर के राष्ट्रपति चुनावों के नतीजों का भारत के साथ संबंध पर असर नहीं होगा क्योंकि “यह संबंध किसी भी एक राजनीतिक दल से ज्यादा बड़ा है।”
अमेरिका के उप विदेश सचिव स्टीफन बेगन ने मंगलवार को कहा, “अमेरिका-भारत संबंधों को लेकर खास बात यह है कि अमेरिका के प्रत्येक राष्ट्रपति ने अपने पूर्ववर्ती से विरासत में मिले रिश्ते को और बेहतर बनाया है और यह एक अद्भुत विरासत है।”
उन्होंने कहा, “अक्सर हम देखते हैं कि अमेरिका में राजनीतिक बदलाव होने के साथ अंतरराष्ट्रीय संबंधों में बदलाव आता है लेकिन भारत के मामले में यह हमेशा स्थिर रहा है। दुनिया को लेकर संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत कई एक जैसी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। ऐसे में यह भी हमें एक साथ लाता है।”
बेगन ने पिछले हफ्ते भारत यात्रा के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर और विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला के साथ हुई बैठकों के बाद लंदन में पत्रकारों से बातचीत की। इस बातचीत में उन्होंने नई दिल्ली-वॉशिंगटन के रिश्तों को लेकर आश्वस्त किया।
दरअसल, सवाल उठ रहे हैं कि आगामी राष्ट्रपति प्रगतिशील तबके के दबाव में आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कश्मीर नीति के अहम मुद्दे को प्राथमिकता देगा या भारत से जुड़े अन्य मुद्दों को। इसे लेकर वाशिंगटन के एक पब्लिक पॉलिसी विशेषज्ञ अनिक जोशी ने एक वेबसाइट पर लिखा है, “यदि बाइडन जीतते हैं तो उनके प्रशासन के सख्त रुख अपनाने की संभावना है, जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रुख की तुलना में ज्यादा सख्त होगा।”
उन्होंने हैरिस द्वारा की गई कश्मीर की नीति की आलोचना की ओर ध्यान दिलाते हुए लिखा, “पूर्व उपराष्ट्रपति बाइडेन खुद भी भारतीय राजनीतिक निर्णयों की आलोचना करने के लिए तैयार रहे हैं। अपने ‘मुस्लिम-अमेरिकी समुदायों के एजेंडे’ पर बाइडन ने कहा था कि भारत सरकार को कश्मीर के सभी लोगों के अधिकारों को बहाल करने के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए। वरना आगे जाकर ऐसे प्रतिबंध लोकतंत्र को कमजोर करते हैं।”
अपने ब्रीफिंग में बेगन ने कहा कि उनकी यात्रा “सुरक्षा मुद्दों पर बात करने के लिए थी। हम स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक रिश्तों को बढ़ावा देने के लिए कई भागीदारों के साथ काम कर रहे हैं, जो राष्ट्रों की संप्रभुता और समृद्धि को बढ़ावा देने वाले हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि “कोविड-19 महामारी को लेकर उठाए गए कदमों ने भारत और अमेरिका के बीच के सहयोग और रिश्तों को और गहरा किया है। श्रृंगला और मैंने कोविड-19 महामारी के खिलाफ काम करने के लिए आपसी समन्वय बनाए रखा ताकि कई अन्य इंडो-पैसिफिक साझेदारों के साथ एक स्थिर जुड़ाव बना रहे और हम देख रहे हैं कि हम इस महामारी से कैसे उबरते हैं।”
उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने यह सुनिश्चित करने में सहयोग किया है कि उनके बीच जीवनरक्षक दवाइयां और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण का आदान-प्रदान हो सके और उन नागरिकों की देश वापसी कराई जा सके जो यात्रा प्रतिबंधों के कारण विदेश में फंसे थे।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
भारत-सिंगापुर संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में बड़ा कदम, तीसरी मंत्रीस्तरीय बैठक आयोजित

नई दिल्ली, 13 अगस्त। दिल्ली में बुधवार को भारत और सिंगापुर के बीच तीसरी मंत्रीस्तरीय बैठक (भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय राउंड टेबल सम्मेलन – आईएसएमआर) का आयोजन हुआ। यह बैठक दोनों देशों के बीच मजबूत होते रिश्तों और व्यापक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम है।
भारत की तरफ से इस बैठक में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हिस्सा लिया।
वहीं, सिंगापुर की तरफ से उपप्रधानमंत्री गन किम योंग, राष्ट्रीय सुरक्षा एवं गृह मामलों के समन्वय मंत्री के. शन्मुगम, विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन, डिजिटल विकास एवं सूचना मंत्री जो टियो, श्रम मंत्री डॉ. टैन सी लेंग और परिवहन मामलों के कार्यवाहक मंत्री जेफरी सिओ ने भाग लिया।
बैठक में दोनों देशों के बीच सहयोग को 6 मुख्य क्षेत्रों में मजबूत करने पर चर्चा हुई, जिसमें डिजिटलाइजेशन, स्किल डेवलपमेंट, सस्टेनेबिलिटी, स्वास्थ्य सेवा, कनेक्टिविटी और एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग शामिल थे।
इस बात की जानकारी भारत के विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए दी।
वहीं, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “नई दिल्ली में तीसरे भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन आईएसएमआर में भाग लेकर प्रसन्नता हुई। उपप्रधानमंत्री गन किम योंग, राष्ट्रीय सुरक्षा एवं गृह मामलों के समन्वय मंत्री के. शन्मुगम, विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन, डिजिटल विकास एवं सूचना मंत्री जो टियो, श्रम मंत्री डॉ. टैन सी लेंग और कार्यवाहक परिवहन मंत्री जेफरी सिओ को हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की उनकी प्रतिबद्धता के लिए धन्यवाद।”
उन्होंने लिखा, “आईएसएमआर की भारत-सिंगापुर व्यापार गोलमेज सम्मेलन में आईएसबीआर प्रतिनिधिमंडल के साथ एक सार्थक बातचीत हुई। सरकार और उद्योग के बीच तालमेल भारत-सिंगापुर संबंधों के अगले चरण को गति देने की कुंजी है।”
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‘भारत के बीच संबंध अच्छे हैं’, अमेरिकी प्रवक्ता ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बचाव किया

न्यूयॉर्क, 13 अगस्त। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा है कि अमेरिका और भारत के बीच संबंध “अच्छे” हैं। उन्होंने पाकिस्तान के प्रति वाशिंगटन की बढ़ती दिलचस्पी का बचाव किया और कहा कि एक ऐसा राष्ट्रपति होना, जो सभी से संवाद करता है, यह फायदेमंद है।
विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस से मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक पत्रकार ने पूछा कि क्या अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख असीम मुनीर से संवाद भारत के साथ रिश्तों की कीमत पर हो रहा है, इस पर उन्होंने जवाब दिया, “दोनों देशों के साथ हमारे संबंध जैसे पहले थे, वैसे ही हैं, जो अच्छा है।”
उन्होंने पाकिस्तान के प्रति डोनाल्ड ट्रंप की कूटनीति का बचाव करते हुए कहा, “ऐसा राष्ट्रपति होना फायदेमंद है जो सबको जानता हो और सभी से बात करता हो। यही तरीका है जिससे हम मतभेदों को दूर कर सकते हैं। इसलिए यह स्पष्ट है कि यहां के राजनयिक दोनों देशों के प्रति प्रतिबद्ध हैं।”
जब रिपोर्टर ने यह पूछा कि क्या डोनाल्ड ट्रंप और असीम मुनीर के बीच बढ़ती नजदीकी पाकिस्तान को अधिक अमेरिकी सहायता और हथियारों की बिक्री में बढ़ोतरी की ओर ले जाएगी, तो टैमी ब्रूस ने इस पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया। हालांकि, उन्होंने इस्लामाबाद में हुई अमेरिका-पाकिस्तान आतंकवाद विरोधी वार्ता का जिक्र किया और कहा, “अमेरिका और पाकिस्तान ने आतंकवाद के सभी रूपों से लड़ने के अपने साझा संकल्प की फिर से पुष्टि की।”
प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने आगे कहा, “दोनों पक्षों ने आतंकवादी खतरों से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। मुझे लगता है कि यह क्षेत्र और दुनिया के लिए अच्छा है।”
डोनाल्ड ट्रंप ने इसी साल जून में व्हाइट हाउस में असीम मुनीर के साथ एक लंच मीटिंग की मेजबानी की थी। उन्होंने कहा था, “वह मुनीर को युद्ध में न जाने और उसे समाप्त करने के लिए धन्यवाद देना चाहते हैं।”
पाकिस्तानी सेना प्रमुख मुनीर पिछले हफ्ते फिर अमेरिका गए थे। वह फ्लोरिडा के टैम्पा में आयोजित अमेरिका की सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) के कमांडर जनरल माइकल कुरिल्ला के विदाई समारोह में शामिल हुए। मुनीर ने इस दौरान माइकल कुरिल्ला के उत्तराधिकारी एडमिरल ब्रैड कूपर का स्वागत किया था। सेंटकॉम मध्य और पश्चिम एशिया के अलावा पाकिस्तान को भी कवर करता है।
असीम मुनीर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए नोबेल शांति पुरस्कार की मांग कर चुके हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने बार-बार यह दावा किया कि उसने मई में भारत-पाकिस्तान के संघर्ष को समाप्त करने में मध्यस्थता की। भारत इन दावों को खारिज कर चुका है। हालांकि, पाकिस्तानी सेना के प्रमुख मुनीर ने ट्रंप की बात दोहराई और अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए नोबेल शांति पुरस्कार की मांग की।
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इजरायली राजदूत ने प्रियंका गांधी के बयान पर उठाए सवाल, कहा- ‘शर्मनाक है आपका कपट’

नई दिल्ली, 12 अगस्त। भारत में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने कांग्रेस महासचिव और सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के ‘नरसंहार’ वाले बयान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आपका ‘कपट’ शर्मनाक है। हमास के आंकड़ों पर भरोसा नहीं करना चाहिए।
दरअसल, प्रियंका गांधी ने मंगलवार को इजरायल के हमले में अल-जजीरा के 5 पत्रकारों की मौत को जघन्य अपराध बताया था। उन्होंने कहा, “इजरायल नरसंहार कर रहा है। उसने 60 हजार से ज्यादा लोगों की हत्या की है, जिनमें 18,430 बच्चे थे। उसने सैकड़ों लोगों को भूख से मार डाला है, जिनमें कई बच्चे भी शामिल हैं, और लाखों लोगों को भूख से मरने की धमकी दे रहा है।”
प्रियंका के इस बयान पर इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, “शर्मनाक बात तो आपका कपट है। इजरायल ने 25,000 हमास आतंकवादियों को मार गिराया। मानवीय जिंदगियों का यह भयानक नुकसान हमास की घिनौनी चालों के कारण हुआ है, जिसमें वे नागरिकों के पीछे छिपते हैं, सहायता के लिए या बाहर निकलने की कोशिश कर रहे लोगों पर गोलीबारी करते हैं और रॉकेट दागते हैं। इजरायल ने गाजा में 20 लाख टन खाद्य सामग्री पहुंचाई, जबकि हमास उसे जब्त करने की कोशिश कर रहा है, जिससे भुखमरी पैदा हो रही है।”
उन्होंने आगे कहा, “पिछले 50 सालों में गाजा की आबादी 450 प्रतिशत बढ़ी है; वहां कोई नरसंहार नहीं हुआ। हमास के आंकड़ों पर यकीन मत कीजिए। हमास के आंकड़ों पर भरोसा न करें।”
कांग्रेस सांसद प्रियंका वाड्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक बयान में कहा, “अल जजीरा के 5 पत्रकारों की निर्मम हत्या फिलिस्तीनी धरती पर किया गया एक और जघन्य अपराध है। जो लोग सत्य के लिए खड़े होने की हिम्मत करते हैं, उनका असीम साहस इजरायल की हिंसा और घृणा से कभी नहीं टूटेगा। ऐसी दुनिया में जहां अधिकांश मीडिया सत्ता और व्यापार का गुलाम है, इन बहादुरों ने हमें याद दिलाया कि सच्ची पत्रकारिता क्या होती है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।”
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