अपराध
नेपाली युवती ने लखनऊ से भागकर नागपुर में दुष्कर्मी के खिलाफ मामला दर्ज कराया
उत्तर प्रदेश पुलिस पर भरोसा न करते हुए 22 वर्षीय एक नेपाली युवती अपहर्ता और दुष्कर्मी के चंगुल से बचकर किसी तरह 900 किलोमीटर दूर नागपुर पहुंची और उसके खिलाफ मामला दर्ज कराया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
दुष्कर्म पीड़िता की दर्दनाक कहानी सुनकर महाराष्ट्र पुलिस ने तुरंत ‘जीरो एफआईआर’ दर्ज कर आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए पीड़िता को महिला पुलिस एस्कॉर्ट के साथ लखनऊ भेज दिया।
कोराडी पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर वजीर शेख ने कहा कि पीड़िता 2018 में काठमांडू से आई थी। वह हाईस्कूल तक पढ़ी है और उत्तर प्रदेश के नोएडा में इवेंट मैनेजमेंट फील्ड में काम करती रही है।
शेख ने आईएएनएस को लड़की के बारे में बताया, “छह महीने तक नोएडा में काम करने के बाद, एक दोस्त सूफी विश्वकर्मा ने बेहतर नौकरी की संभावनाओं का लालच देकर उसे सूरत (गुजरात) बुलाया। वहां सूफी ने उसका परिचय 25 वर्षीय ‘राखी भाई’ प्रवीण जे. यादव से यह बताकर करवाया कि वह दुबई में काम करने वाला सॉफ्टवेयर इंजीनियर है।”
मार्च में, लॉकडाउन के दौरान जब सूरत में कोरोना के कारण हालात ठीक नहीं रहे, सूफी पीड़िता को लखनऊ ले गया, जहां वह सेमरा इलाके में किराए के फ्लैट में रहने लगी।
शेख ने कहा, “भारत में इतने लंबे समय तक काम करने के बाद पीड़िता ने लगभग 1.50 लाख रुपये बचाय थे, जो उसने सूफी को नेपाल में रह रही अपनी छोटी सौतेली बहन की पढ़ाई के लिए ट्रांसफर करने के लिए दिए थे। मध्य सितंबर में, उसने सूफी को पैसे वापस करने के लिए कहा। लेकिन उसने इनकार कर दिया। उसने नेपाली युवती के साथ झगड़ा किया, मारपीट की। उसका पासपोर्ट ले लिया और घर से निकाल दिया।”
अजनबी शहर में असहाय अवस्था में उसने अपनी आपबीती बताने के लिए दुबई में रहने वाले यादव को फोन किया। यादव ने युवती के लिए पास के ट्रांस होटल में एक कमरा बुक किया।
शेख ने जीरो एफआईआर के हवाले से बताया कि कुछ ही समय बाद, आरोपी यादव ने दुबई से उड़ान भरी और होटल के कमरे में उसके साथ रहने लगा और कथित रूप से तीन दिन तक उसके साथ दुष्कर्म किया। फिर, वह उसे एक दोस्त के घर ले गया और वहां उसके साथ एक सप्ताह तक दुष्कर्म किया।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि यादव ने वीडियो, तस्वीरें ले लीं, युवती का फेसबुक और इंस्टाग्राम पासवर्ड हैक किए और उन्हें उसके परिवार, रिश्तेदारों और दोस्तों को पोस्ट कर दिया।
युवती ने यादव को पुलिस में शिकायत करने की धमकी दी, लेकिन उसने डॉन होने और पुलिस को अपनी जेब में रखने का दावा किया।
यह यादव का प्रभाव ही था कि पीड़िता ने एक स्थानीय पुलिसकर्मी को बुलाया, उसे अपनी दुखद कहानी सुनाई, लेकिन पुलिसकर्मी ने यह कहते हुए मदद करने से इनकार कर दिया कि ‘यह तुम्हारा निजी मामला है।’
पीड़िता ने महाराष्ट्र पुलिस को बताया कि यूपी पुलिस से न्याय की उम्मीद खो देने पर, उसने कुछ दिनों के लिए अहमदाबाद में एक दोस्त से मिलने और लखनऊ लौटने का नाटक किया, क्योंकि सूफी और यादव ने पहले ही उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया था। इस जोड़ी ने अनिच्छा से उस पर भरोसा किया और पीड़िता ने चुपचाप नागपुर में फोन कर एक नेपाली दोस्त, मंदिरा अनूप मिश्रा को अपनी दर्दनाक कहानी सुनाकर मदद मांगी।
शेख ने कहा, “मिश्रा दंपति आसानी से सहमत हो गए और होटल व्यवसायी अनूप मिश्रा ने 29 सितंबर को लखनऊ से नागपुर के लिए लगभग 900 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए एक ओला कैब बुक की और वह अगले दिन यहां पहुंची।”
लखनऊ में पीड़िता ने वकीलों सहित कई लोगों से सलाह ली और अंत में कोराडी पुलिस से संपर्क किया।
शेख ने कहा, “हमने उसे उसके कानूनी अधिकारों के बारे में समझाया और 3 अक्टूबर को जीरो एफआईआर दर्ज की। रविवार को हमने पुलिस की दो सदस्यीय टीम को अन्य औपचारिकताओं के लिए कैब से लखनऊ भेजा। वे उसे फिर नागपुर ले आएंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में किसी भी जोखिम का सामना करने के लिए उसे नहीं छोड़ा जाएगा।
लखनऊ में, स्थानीय पुलिस से तीनों स्थानों का ‘पंचनामा बनाने, पीड़िता का मेडिकल कराने, उसके (सूफी और यादव) आरोपियों का पता लगाते हुए एक पूरी प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू किए जाने की उम्मीद है।
नागपुर पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कोराडी पुलिस अधिकारियों द्वारा त्वरित कार्रवाई की सराहना की है, ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके।
नागपुर पुलिस की जांच में पता चला कि लखनऊ के डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी से स्नातक यादव को हाल ही में हथियार तस्करी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था।
अपराध
दिल्ली: संगम विहार थाने की महिला उप-निरीक्षक रिश्वत लेते गिरफ्तार

crime
नई दिल्ली, 5 दिसंबर: दिल्ली पुलिस की भ्रष्टाचार विरोधी नीति ‘जीरो टॉलरेंस’ के तहत बड़ी कार्रवाई हुई है। विजिलेंस यूनिट ने संगम विहार थाना में तैनात महिला उप-निरीक्षक नमिता को 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। यह अभियान दिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोल्चा द्वारा शुरू किए गए भ्रष्टाचार-रोधी अभियान का हिस्सा है।
दिल्ली पुलिस की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 4 दिसंबर को संगम विहार की एक महिला ने विजिलेंस यूनिट से शिकायत की कि उप-निरीक्षक नमिता, जो उसके दर्ज मामले की जांच अधिकारी थीं, ने केस को कमजोर करने की धमकी देते हुए 2 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की थी। शिकायत मिलने के बाद विजिलेंस यूनिट ने तुरंत कार्रवाई की योजना बनाई। इसके बाद, उसी दिन शाम को सतर्कता इकाई द्वारा संगम विहार थाने में एक ट्रैप ऑपरेशन आयोजित किया गया।
तय समय पर शिकायतकर्ता एसआई नमिता के दफ्तर पहुंची, जहां नमिता ने कथित रूप से रिश्वत की पहली किस्त के रूप में 15 हजार रुपए की मांग की और उसे अपनी टेबल पर रखी एक फाइल में रखने को कहा। जैसे ही शिकायतकर्ता ने पैसे फाइल में रखे, विजिलेंस टीम ने दफ्तर में प्रवेश किया और एसआई नमिता को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। मौके से 15 हजार रुपए की राशि भी बरामद कर ली गई।
घटना के बाद विजिलेंस पुलिस स्टेशन में एफआईआर संख्या 23/25, धारा 7, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत दर्ज की गई है। आरोपी एसआई को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
विजिलेंस यूनिट ने कहा कि इस मामले की आगे की जांच जारी है। साथ ही नागरिकों से अपील की गई है कि वे किसी भी पुलिसकर्मी द्वारा रिश्वत मांगने की स्थिति में तुरंत शिकायत दर्ज कराएं। ऐसी शिकायतें विजिलेंस हेल्पलाइन नंबर 1064 पर भी की जा सकती हैं।
अपराध
लखनऊ : एसटीएफ ने 80 लाख के ड्रग्स के साथ दो तस्करों को किया गिरफ्तार, कई राज्यों में करते थे सप्लाई

लखनऊ, 3 दिसंबर: उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 80 लाख रुपए के ड्रग्स के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। दोनों तस्कर अंतर्राज्यीय नेटवर्क से जुड़े हुए थे।
मुखबिर से सूचना मिलने पर स्पेशल टास्क फोर्स ने लखनऊ के गोसाईगंज इलाके में सुल्तानपुर रोड पर स्थित गब्बर ढाबे के पास से एक टाटा सफारी कार में सवार दो तस्करों को पकड़ा। कार की तलाशी लेने पर उसमें 523 ग्राम एमडीएमए (मिथाइलेंडीऑक्सी-मेथाम्फेटामाइन) बरामद किया गया, जो एक प्रतिबंधित मादक पदार्थ है।
एसटीएफ के डिप्टी एसपी धर्मेश कुमार शाही ने बताया कि उनकी टीम लंबे समय से नशे के तस्करी नेटवर्क पर नजर रखे हुए थी। उन्हें जानकारी मिली थी कि दो तस्कर भारी मात्रा में ड्रग्स लेकर गुजरने वाले हैं। इस पर एसटीएफ ने त्वरित कार्रवाई करते हुए गब्बर ढाबा के पास घेराबंदी की और दोनों तस्करों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार तस्करों की पहचान मोहम्मद मुजीब और मुकेश सिंह के रूप में हुई है। मुजीब लखनऊ के खंदारी बाजार का निवासी है, जबकि मुकेश भदोही के रविदासनगर का रहने वाला है। पूछताछ में इन दोनों ने बताया कि वे एक अंतर्राज्यीय ड्रग तस्करी गिरोह से जुड़े हुए हैं, जो उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मुंबई और बिहार तक एमडीएमए की सप्लाई करता था।
मुजीब ने यह भी खुलासा किया कि वह अपने घर पर रसायन मिलाकर एमडीएमए तैयार करता था और उसे यह प्रक्रिया वाराणसी निवासी अभय सिंह ने सिखाई थी। अभय सिंह पहले मुंबई में एमडीएमए के साथ गिरफ्तार हो चुका है और हाल ही में जेल से रिहा हुआ है।
एसटीएफ ने बताया कि पकड़े गए तस्करों ने इस बात का भी खुलासा किया कि वे विभिन्न जिलों और राज्यों में एमडीएमए की सप्लाई कर रहे थे। इस मामले में गोसाईगंज थाने में एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
धर्मेश कुमार शाही ने बताया कि दोनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। इनके गिरोह में कितने लोग शामिल हैं और एमडीएमए किसे सप्लाई करने जा रहे थे, इन सवालों का जवाब भी पता किया जा रहा है।
अपराध
मुंबई: रिटायर्ड पुलिसकर्मी ने सोसायटी की लिफ्ट में की नाबालिग से छेड़छाड़, गिरफ्तार

CRIME
मुंबई, 3 दिसंबर: मुंबई के कस्तूरबा मार्ग पुलिस ने 67 वर्षीय रिटायर्ड पुलिस अधिकारी को उसी सोसायटी में रहने वाली नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न के आरोप में मंगलवार देर रात गिरफ्तार कर लिया। लड़की की मां की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई की।
आरोपी और पीड़िता दोनों एक ही इमारत में रहते हैं।
पुलिस के अनुसार, घटना मंगलवार शाम लड़की लिफ्ट के पास खड़ी थी, तभी आरोपी वहां पहुंचा। उसने लड़की को लिफ्ट के अंदर खींच लिया और उसके साथ छेड़छाड़ की। डर के कारण बच्ची चुप रही, लेकिन घर पहुंचते ही उसने रोते-बिलखते हुए मां को सारी बात बताई।
परिवार तुरंत बच्ची को लेकर कस्तूरबा मार्ग थाने पहुंचा और लिखित शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के साथ-साथ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। मेडिकल जांच के बाद आरोपी को उसके फ्लैट से गिरफ्तार कर लिया गया।
आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया। सबूतों और मामले की गंभीरता को देखते हुए मजिस्ट्रेट ने उसे 12 दिसंबर तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया। पुलिस पूछताछ में यह भी पता लगा रही है कि आरोपी ने पहले कभी ऐसी कोई हरकत तो नहीं की।
पुलिस ने बताया कि पीड़िता के साथ पूरी संवेदनशीलता से पेश आया जा रहा है। दोषी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी।
लोगों में गुस्सा है और मांग की जा रही है कि ऐसे मामलों में तुरंत और सख्त कार्रवाई हो। फिलहाल जांच जारी है। बच्ची का बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराया जाएगा और आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अधिकारियों का कहना है कि बच्ची के साथ पूरा सहानुभूति के साथ व्यवहार किया जा रहा है और दोषी को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। चाहे वह कभी पुलिस की वर्दी में रहा हो, आज कानून सबके लिए बराबर है।
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