अंतरराष्ट्रीय
माइक्रोसॉफ्ट ने 2019 में 1300 करोड़ द्वेषपूर्ण ईमेल ब्लॉक किए

माइक्रोसॉफ्ट ने 2019 में 1300 करोड़ से अधिक द्वेषपूर्ण और संदिग्ध मेल ब्लॉक किए, जिनमें से 100 करोड़ से अधिक क्रेडेंशियल हमले वाले मेल थे। टेक दिग्गज साल 2020 में कोविड-19 से जुड़ी गलत सूचनाओं से निपटने में व्यस्त रहा, क्योंकि साइबर अपराधी लगातार विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और अन्य राष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठनों जैसे विश्वसनीय स्रोतों की नकल करने के लिए यूजर्स को दुर्भावनापूर्ण लिंक और अटैचमेंट पर क्लिक करने का लालच दे रहे थे।
माइक्रोसॉफ्ट की वार्षिक डिजिटल डिफेंस रिपोर्ट के अनुसार, कोविड जैसे विषयों वाले हमले के लिए साइबर अपराधी अपने नेटवर्क या लोगों पर जासूसी करने के लिए प्रमुख सरकारी स्वास्थ्य सेवा, शैक्षणिक और वाणिज्यिक संगठनों को निशाना बना रहे हैं।
उन्होंने कहा, “पिछले साल 90 प्रतिशत राष्ट्र व राज्य के नोटिफिकेशन उन संगठनों को भेजी गई हैं, जो महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे का संचालन नहीं करते हैं, इनमें गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ), एडवोकेसी ग्रूप, मानवाधिकार संगठन और थिंक टैंक शामिल हैं।”
चीन, अमेरिका और रूस सबसे ज्यादा प्रभावित थे, लेकिन दुनिया के हर देश को कम से कम एक कोविड-19 थीम हमले का सामना करना पड़ा।
रिपोर्ट में पाया गया कि पिछले एक साल में ऐसे द्वेषपूर्ण मेल करने वालों में तेजी से वृद्धि हुई है, इसका कारण है कि वे ऐसी तकनीकों का उपयोग करते हैं, जिससे उन्हें पकड़ पाना कठिन हो जाता है। इन तकनीकों के कारण सबसे सुरक्षित लक्ष्यों को भी खतरा होता है।
यह आंकड़े 120 करोड़ से अधिक पीसी, सर्वर और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) उपकरणों से एकत्र किया गया था, जो माइक्रोसॉफ्ट सेवाओं तक पहुंच के साथ-साथ 63,000 करोड़ ऑथेंटिकेशन इवेंट्स, खतरों के लिए 47,000 करोड़ ईमेल और 1.8 करोड़ से अधिक यूआरएल स्कैन किए गए।
एशिया के माइक्रोसॉफ्ट डिजिटल क्राइम यूनिट में असिस्टेंस जनरल काउंसिल मैरी जो श्रेड ने कहा, “साइबर क्रिमिनल अवसरवादी हैं और उन्होंने कोविड-19 महामारी और अन्य विघटनकारी घटनाओं से संबंधित रुचि और भय को भुनाने का काम किया है।”
उन्होंने आगे कहा, “उन्होंने अपने रैनसमवेयर गतिविधियों के मद्देनजर उन संस्थाओं को भी निशाना बनाया है जो महामारी के दौरान ऑफलाइन या बिना रिकॉर्ड के कार्य नहीं कर सकते, जैसे अस्पतालों या चिकित्सा अनुसंधान संस्थान।”
माइक्रोसॉफ्ट की डिजिटल क्राइम यूनिट ने 2010 से ही 22 मालवेयर व्यवधानों पर कानून प्रवर्तन और अन्य भागीदारों के साथ सहयोग किया है, जिसके परिणामस्वरूप साइबर अपराधियों से 50 करोड़ से अधिक डिवाइस बच गए हैं।
व्यापार
सीबीआईसी ने जीएसटी रजिस्ट्रेशन की प्रोसेसिंग के लिए जारी किए संशोधित दिशानिर्देश

नई दिल्ली, 18 अप्रैल। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने शुक्रवार को जीएसटी रजिस्ट्रेशन आवेदनों की प्रोसेसिंग के लिए अधिकारियों को संशोधित निर्देश जारी किए हैं, इससे करदाताओं पर अनुपालन का बोझ कम होगा और नियम-आधारित पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।
सरकार के इस कदम को व्यापार में आसानी करने के एक प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।
जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के दौरान आवेदकों को होने वाली परेशानियों को लेकर राजस्व विभाग (सीबीआईसी) को कई शिकायतें प्राप्त हुई हैं।
ये शिकायतें मुख्य रूप से जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के दौरान अधिकारियों की ओर से मांगे जाने वाले अतिरिक्त दस्तावेजों को लेकर थीं।
शिकायतों का निवारण करने और जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्रोसेस को आसान बनाने के लिए सीबीआईसी ने नये दिशानिर्देश जारी किए हैं।।
वित्त मंत्रालय ने कहा, “अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे रजिस्ट्रेशन आवेदन पत्र में दिए गए दस्तावेजों की निर्धारित सूची का सख्ती से पालन करें। नए निर्देशों में विशिष्ट मामलों की स्थिति में रजिस्ट्रेशन आवेदन पत्र के साथ अपलोड किए जाने वाले आवश्यक दस्तावेजों की भी जानकारी दी गई है।”
मीडिया ने अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे छोटी-मोटी विसंगतियों या ऐसे अतिरिक्त दस्तावेजों के आधार पर नोटिस जारी न करें, जो आवेदनों के प्रोसेसिंग के लिए आवश्यक नहीं हैं।
इसके अतिरिक्त सरकारी एजेंसी ने कहा है कि विशिष्ट मामलों में संबंधित उप/सहायक आयुक्त से अनुमोदन लेने का भी निर्देश दिया गया है, जहां सूचीबद्ध दस्तावेजों के अलावा अन्य दस्तावेज मांगे जाने की आवश्यकता है।
मीडिया की ओर से मुख्य आयुक्तों को सलाह दी गई है कि वे जहां भी आवश्यक हो, बारीकी से निगरानी रखें और जरूरी ट्रेड नोटिस जारी करने के लिए सिस्टम विकसित करें।
साथ ही, यह भी सलाह दी गई है कि इन निर्देशों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
मंत्रालय ने कहा, “इससे जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्राप्त करने की प्रक्रिया में और सुविधा होगी, अनुपालन बोझ कम होगा और व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा मिलेगा।”
व्यापार
यूएस रेसिप्रोकल पर टैरिफ 90 दिनों की रोक से हरे निशान में खुला शेयर बाजार

नई दिल्ली, 11 अप्रैल। भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत शुक्रवार को हरे निशान में हुई। सुबह 9:38 पर सेंसेक्स 1,349 अंक या 1.83 प्रतिशत की बढ़त के साथ 75,196 और निफ्टी 444 अंक की तेजी के साथ 22,843 पर था।
बाजार में तेजी की वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रेसिप्रोकल टैरिफ पर 90 दिनों के लिए रोक लगाना है। वहीं, 10 अप्रैल को महावीर जयंती की छुट्टी के कारण बाजार इस खबर पर प्रतिक्रिया नहीं दे पाया था, जिसके कारण आज बाजार में तेजी देखने को मिल रही है।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप भी हरे निशान में हैं। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 899 अंक या 1.81 प्रतिशत की तेजी के साथ 50,481 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 311 अंक या 2.04 प्रतिशत की बढ़त के साथ 15,568 पर था।
सेक्टोरल आधार पर ऑटो, फार्मा, एफएमसीजी, मेटल, रियल्टी, मीडिया, प्राइवेट बैंक और इन्फ्रा के साथ करीब सभी इंडेक्स हरे निशान में हैं।
सेंसेक्स में टाटा मोटर्स, सन फार्मा, टाटा स्टील, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, बजाज फिनसर्व, अदाणी पोर्ट्स, बजाज फाइनेंस, इटरनल, एमएंडएम, पावर ग्रिड टॉप गेनर्स थे। वहीं, टीसीएस और एशियन पेंट्स ही लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।
एशिया के ज्यादातर बाजारों में गिरावट के साथ कारोबार हो रहा था। टोक्यो, हांगकांग, बैंकॉक और सोल लाल निशान में थे, जबकि जकार्ता और शंघाई हरे निशान में थे। गुरुवार के कारोबारी सत्र में अमेरिकी शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट हुई। डाओ 2.50 प्रतिशत और नैस्डैक 4.31 प्रतिशत फिसलकर बंद हुआ।
भारतीय रुपया बुधवार के 86.69 के पिछले बंद स्तर के मुकाबले शुक्रवार को 51 पैसे बढ़कर 86.18 प्रति डॉलर पर खुला। वहीं, शुक्रवार को सोना पहली बार 3,200 डॉलर प्रति औंस के महत्वपूर्ण स्तर को पार कर एक नए उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जिसका कारण कमजोर डॉलर और बढ़ते व्यापार युद्ध था, जिसके कारण निवेशक सुरक्षित संपत्तियों में निवेश कर रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय
म्यांमार की मदद के लिए चीन की आपात सामग्री की तीसरी खेप यांगून पहुंची

बीजिंग, 5 अप्रैल। म्यांमार की मदद के लिए चीन सरकार की आपात मानवीय भूकंप राहत सामग्री की तीसरी खेप यांगून पहुंची। सामग्री की इस खेप में 1,048 जल शोधन उपकरण, 10,000 मच्छरदानियां, 15,000 प्राथमिक चिकित्सा किट और 400 टेंट आदि विभिन्न तत्काल आवश्यक सामग्री शामिल हैं।
म्यांमार की मदद के लिए चीन सरकार की आपात मानवीय सामग्री की पहली खेप और दूसरी खेप 31 मार्च को और 3 अप्रैल को क्रमशः म्यांमार पहुंची थी और आपदा पीड़ितों में वितरित की गई थी।
स्थानीय समयानुसार 28 मार्च को म्यांमार में 7.9 तीव्रता का भूकंप आया और चीन के युन्नान प्रांत के कई हिस्सों में इसके जोरदार झटके महसूस किए गए। यह भूकंप इस साल की शुरुआत से पूरी दुनिया में 6 या इससे अधिक तीव्रता वाला 17वां भूकंप है। वर्ष 2025 की शुरुआत से अब तक यह सबसे बड़ा भूकंप है और पिछले दशक में महाद्वीप पर आया सबसे शक्तिशाली भूकंप है।
स्थानीय समय पर 4 अप्रैल की रात 8 बजे तक, 28 मार्च को म्यांमार में आए शक्तिशाली भूकंप के कारण पूरे देश में 3,354 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि, 220 लोग लापता हैं।
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