अंतरराष्ट्रीय
अमेजन सेलर्स को फेस्टिव सीजन में बिक्री में इजाफे की उम्मीद : सर्वे
अमेजन ने मंगलवार को कंपनी के एक विशेष सर्वे के निष्कर्षों को साझा किया। यह सर्वेक्षण आने वाले फेस्टिव सीजन से अमेजन पर बिक्री करने वाले एसएमबी (एसएमबी) सेलर्स की उम्मीदों और इसके लिए की जाने वाली तैयारी का अनुमान लगाना शामिल है। यह अध्ययन 2000 से अधिक अमेजन सेलर्स के बीच नीएल्सन द्वारा 12-22 सितम्बर 2020 के दौरान किया गया था। पूरे भारत के 17 शहरों में अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाओं में किये गये इस अध्ययन में दिल्ली एनसीआर, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु, पुणे, अहमदाबाद, लखनऊ, लुधियाना, इंदौर, नागपुर, कोयम्बटूर, कोच्चि, पटना, जयपुर और राजकोट के सेलर्स शामिल थे।
खास बात यह है कि सर्वे में शामिल 98 फीसदी सेलर्स (2036) फेस्टिव सीजन के दौरान ई-कॉमर्स का लाभ उठाने की उम्मीद कर रहे हैं।
इस फेस्टिव सीजन से सर्वे में शामिल अमेजन सेलर्स (2001) की शीर्ष उम्मीदों के मुताबिक 89 फीसदी सेलर्स ने नए ग्राहकों तक पहुंचने की बात कही जबकि 85 फीसदी ने बिक्री में वृद्धि का उल्लेख किया। इसी तरह 74 फीसदी ने लॉकडाउन के बाद बिजनेस की रिकवरी होने की उम्मीद जताई जबकि 78 फीसदी ने प्रॉडक्ट्स की बिजिबिलिटी में वृद्धि का उल्लेख किया।
सर्वे में शामिल 29 फीसदी सेलर्स सफल फेस्टिव सीजन के लिए अतिरिक्त निवेश करने की योजना बना रहे हैं। उनमें से 62 प्रतिशत सेलर्स मांग में होने वाली वृद्धि को पूरा करने के लिए सीजनल हायरिंग, यानी मौसमी जरूरत के अनुसार कर्मचारियों की भर्ती करने में, निवेश करने की योजना बना रहे हैं; गैर-मेट्रो शहरों में प्रतिशत अधिक है जहां 76 प्रतिशत सेलर्स ने कहा कि वे सीजनल हायरिंग में निवेश करेंगे।
इसके अलावा सीजनल हायरिंग की योजना बनाने वाले 69 प्रतिशत सेलर्स इस फेस्टिव सीजन में कम से कम 5 लोगों को काम पर रखने की बात कर रहे हैं जबकि 23 प्रतिशत सेलर्स की योजना 25 से अधिक लोगों को नियुक्त करने की है। इसी तरह 62 प्रतिशत सेलर्स कर्मचारी प्रशिक्षण में निवेश करने की योजना बना रहे हैं।
इसी तरह 59 प्रतिशत सेलर्स की योजना इन्वेंट्री और वेयरहाउसिंग को बढ़ाने के लिए निवेश करने की है जबकि 77 प्रतिशत की योजना मार्केटिंग संबंधी गतिविधियों में निवेश करने की है। सर्वे में शामिल 48 प्रतिशत सेलर्स फेस्टिव सीजन के दौरान अमेजन पर पहली बार बिक्री करेंगे।
इस साल फिर से फेस्टिव सीजन के दौरान बिक्री करने वाले सेलर्स में से 75 प्रतिशत सेलर्स को इस वर्ष बिक्री में वृद्धि की उम्मीद है। उनमें से 57 प्रतिशत सेलर्स को पिछले वर्ष की तुलना में इस फेस्टिव सीजन में वृद्धि की उम्मीद है। लगभग 30 प्रतिशत सेलर्स को पिछले साल के फेस्टिव सीजन की तुलना में बिजनेस में 25 प्रतिशत से अधिक वृद्धि की उम्मीद है।
सर्वे के निष्कर्षो पर टिप्पणी करते हुए अमेजन इंडिया के वीपी मनीष तिवारी ने कहा कि “फेस्टिव सीजन इवेन्ट्स के लिए हमारा प्रमुख पैमानों में से एक यह है कि हमारे सेलर्स इससे कैसे लाभ उठाते हैं और इस फेस्टिव सीजन में, हमारे सेलर्स के लिए बिजनेस को ठीक करने और उसमें तेजी लाने में मदद करना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। नीएल्सन रिपोर्ट के निष्कर्ष बताते हैं कि हमारे प्रयासों का सेलर्स और छोटे व्यवसायों की जरूरतों के साथ तालमेल बना हुआ है। जैसा कि हम नए नियमों को देखते हैं, अपने घरों के सुरक्षित माहौल में बैठे ग्राहकों की सेवा करने, पूरे भारत में ग्राहकों के व्यापक समूह तक पहुंचने के नए अवसर पैदा करने, और उन व्यवसायों के प्रॉडक्ट्स के लिए अधिक वैल्यू जनरेट करने के लिए ई-कॉमर्स सही विकल्प है।
व्यापार
सीबीडीटी ने सीपीसी बेंगलुरु को कर सुधार और रिफंड में तेजी लाने का अधिकार दिया

TAX
बेंगलुरु, 10 नवंबर: इनकम टैक्स प्रोसेसिंग की गति और सटीकता में सुधार लाने के लिए केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने केन्द्रीयकृत प्रसंस्करण केन्द्र (सीपीसी), बेंगलुरु के आयकर आयुक्त को गलतियों को सुधारने और आयकर अधिनियम के तहत डिमांड नोटिस जारी करने का अधिकार दिया है।
नए निर्देश के साथ, सीबीडीटी ने बेंगलुरु में सीपीसी को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 120(1) और 120(2) के तहत दी गई शक्तियों का प्रयोग करने के लिए अधिकृत किया है, जिससे कम्प्यूटेशन एरर या रिफंड मिसमैच से उत्पन्न करदाता शिकायतों का तेज समाधान सुनिश्चित हो सकेगा।
वित्त मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी एक अधिसूचना के अनुसार, आयकर आयुक्त, सीपीसी, बेंगलुरु को अब अधिनियम की धारा 156 के तहत डिमांड नोटिस जारी करने और धारा 154 के तहत रिकॉर्ड्स में पाई गई गलतियों को ठीक करने का अधिकार है।
इनमें गलत रिफंड कम्प्यूटेशन को ठीक करना, टीडीएस, टीसीएस या एडवांस टैक्स जैसे प्रीपेड टैक्स क्रेडिट को बाहर करना और डबल टैक्सेशन एग्रीमेंट या धारा 244ए के तहत ब्याज कम्प्यूटेशन के तहत रिफंड पर विचार न करना शामिल है।
यह निर्देश प्राधिकृत आयुक्त को अतिरिक्त या संयुक्त आयकर आयुक्तों को मूल्यांकन अधिकारियों को विशिष्ट सुधार या अनुवर्ती कार्य सौंपने का लिखित अधिकार भी देता है। इसका उद्देश्य जवाबदेही में सुधार लाना और समाधान प्रक्रिया में तेजी लाना है।
यह फ्रेमवर्क सीपीसी-बेंगलुरु को डिजिटल इंटरफेस के माध्यम से सुधार संबंधी मुद्दों को सीधे हल करने का अधिकार देता है, जिन्हें पहले सीपीसी और क्षेत्रीय मूल्यांकन अधिकारियों द्वारा संभाला जाता था। यह कदम प्रशासनिक प्राधिकरण का विकेंद्रीकरण और डिजिटलीकरण करके प्रभावी करदाता सेवाएं प्रदान करने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
यह अधिसूचना आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशन के साथ ही तत्काल प्रभावी हो जाएगी।
पिछले महीने की शुरुआत में, सीबीडीटी ने आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 139 की उप-धारा (1) के अंतर्गत आने वाले करदाताओं के लिए आयकर रिटर्न जमा करने की समय सीमा 31 अक्टूबर से बढ़ाकर 10 दिसंबर करने का निर्णय लिया था।
इसके अतिरिक्त, अधिनियम की धारा 139 की उप-धारा (1) के स्पष्टीकरण 2 के खंड (क) में सूचीबद्ध करदाताओं के लिए, आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के तहत पिछले वर्ष 2024-25 (कर निर्धारण वर्ष 2025-26) के लिए ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करने की आखिरी तारीख को 30 सितंबर, 2025 से बढ़ाकर 31 अक्टूबर, 2025 कर दिया गया है।
व्यापार
भारतीय शेयर बाजार तेजी के साथ खुला, मेटल और फार्मा स्टॉक्स में खरीदारी

मुंबई, 10 नवंबर: भारतीय शेयर बाजार सोमवार के कारोबारी सत्र में तेजी के साथ खुला। शुरुआती कारोबार में बाजार के ज्यादातर सूचकांक हरे निशान में थे। सुबह 9:37 पर सेंसेक्स 248 अंक या 0.30 प्रतिशत की तेजी के साथ 83,469 और निफ्टी 78 अंक या 0.31 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,570 पर था।
शुरुआती कारोबार में बाजार में तेजी का नेतृत्व मेटल और फार्मा सेक्टर के शेयर कर रहे थे। निफ्टी मेटल (0.81 प्रतिशत), निफ्टी फार्मा (0.79 प्रतिशत), निफ्टी एनर्जी (0.69 प्रतिशत), निफ्टी रियल्टी (0.57 प्रतिशत), निफ्टी आईटी (0.45 प्रतिशत) और निफ्टी प्राइवेट बैंक (0.30 प्रतिशत) की तेजी के साथ हरे निशान थे।
सेंसेक्स पैक में बीईएल, एशियन पेंट्स, एलएंडटी, इन्फोसिस, टाइटन, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, एक्सिस बैंक, एचसीएल टेक, आईटीसी, एचयूएल, आईसीआईसीआई बैंक, सन फार्मा और टीसीएस टॉप गेनर्स थे। ट्रेंट, पावर ग्रिड, एमएंडएम, अल्ट्राटेक सीमेंट, इटरनल (जोमैटो), टाटा स्टील, एसबीआई, मारुति सुजुकी और कोटक महिंद्रा बैंक लूजर्स थे।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप भी तेजी के साथ कारोबार हो रहे थे। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 211 अंक या 0.35 प्रतिशत की तेजी के साथ 60,054 अंक पर और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 80 अंक या 0.45 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,156 अंक पर था।
चॉइस ब्रोकिंग के मुताबिक, निफ्टी इंडेक्स के 25,500 के स्तर से ऊपर न टिक पाने के बाद हल्का दबाव देख रहा है, जो संभावित रूप से साइडवेज कंसोलिडेशन के संकेत देता है। नीचे की ओर, सपोर्ट 25,400 और 25,300 पर है, जो गिरावट पर खरीदारी के अवसर प्रदान करता है। ऊपर की ओर, रुकावट का स्तर 25,600 और 25,700 पर है, जबकि 25,800 से ऊपर का ब्रेकआउट होने पर यह 26,000-26,200 की रेंज की ओर जा सकता है।
लगातार छह सत्रों की बिकवाली के बाद, एफआईआई 7 नवंबर को फिर से खरीदार बन गए थे और इस दौरान उन्होंने 4,581 करोड़ रुपए मूल्य की इक्विटी खरीदी, जबकि डीआईआई ने 11वें सत्र के लिए अपनी खरीदारी जारी रखी और 6,674 करोड़ रुपए का निवेश किया।
व्यापार
एफपीआई ने अक्टूबर में भारतीय शेयर बाजारों में की वापसी, फ्रांस रहा सबसे आगे

मुंबई, 7 नवंबर: एनएसडीएल के डेटा के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अक्टूबर में भारतीय शेयर बाजारों में अपनी जोरदार वापसी दर्ज करवाई है, जो कि उनकी तीन महीनों की लगातार बिकवाली के बाद एक महत्वपूर्ण बदलाव है।
एफपीआई द्वारा भारतीय शेयर बाजारों में निवेश को लेकर फ्रांस सबसे आगे रहा है, जिसने 2.58 अरब डॉलर का निवेश भारतीय शेयरों और 152 मिलियन डॉलर का निवेश डेट इंस्ट्रूमेंट में किया है।
एफपीआई की ओर से संयुक्त रूप से भाारतीय शेयरों में बीते महीने 1.66 अरब डॉलर का निवेश किया गया है। जबकि इससे पहले सितंबर में एफपीआई की ओर से 2.7 अरब डॉलर की बिकवाली दर्ज की गई थी।
फ्रांस के अलावा, अमेरिका और जर्मनी भी भारतीय शेयरों में निवेश करने को लेकर आगे रहे हैं। दोनों ही देशों में प्रत्येक ने भारतीय शेयरों में 520 मिलियन डॉलर का निवेश किया है।
इसके अलावा, अमेरिका की ओर से डेट इंस्ट्रूमेंट में 765 मिलियन डॉलर और जर्मनी की ओर से 309 मिलियन डॉलर का निवेश दर्ज किया गया है।
कुछ और देशों का भारतीय शेयर बाजारों की ओर सकारात्मक रुख दर्ज किया गया। आयरलैंड ने 400 मिलियन डॉलर इक्विटी में और 138 मिलियन डॉलर का निवेश डेट इंस्ट्रूमेंट में किया। मलेशिया की ओर से 342 मिलियन डॉलर इक्विटी में और 68 मिलियन डॉलर का निवेश डेट इंस्ट्रूमेंट में किया।
हांग कांग ने भारतीय इक्विटी में 177 मिलियन डॉलर का निवेश किया और डेनमार्क और नॉर्वे दोनों की ओर से करीब 100 मिलियन डॉलर का निवेश भारतीय इक्विटी में किया गया।
मजबूत कॉर्पोरेट अर्निंग, यूएस फेडरल द्वारा ब्याज दरों में कटौती और भारत-अमेरिका के बीच संभावित व्यापार वार्ता जैसे कारकों के कारण एफपीआई की ओर से खरीदारी दर्ज की गई।
हालांकि, सिंगापुर की ओर से इस महीने इक्विटी से 98 मिलियन डॉलर की बिकवाली दर्ज की गई है, जबकि 260 मिलियन डॉलर का निवेश डेट मार्केट में किया गया है। जिससे सिंगापुर की नेट पॉजिशन सकारात्क दर्ज की गई। इसके अलावा, अन्य देशों की ओर से 3 अरब डॉलर की बिकवाली रही।
विदेशी निवेशकों की वापसी के साथ बीते महीने अक्टूबर में भारतीय बेंचमार्क सूचकांकों सेंसेक्स और निफ्टी में प्रत्येक ने 4.5 प्रतिशत की बढ़त दर्ज करवाई।
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