राजनीति
बिहार चुनाव के पहले ‘सियासी पोस्टर वार’

बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर ऐसे तो राजनीतिक दलों के बीच जुबानी जंग धीरे-धीरे परवान चढ़ रही है, लेकिन दूसरी ओर राजनीतिक दल सड़कों पर भी एक नई लड़ाई लड़ रहे है। राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप लगाने या कटाक्ष करने के लिए पोस्टरों का सहारा ले रहे हैं।
ये पोस्टर पटना की सड़कों के किनारे लगाए जा रहे हैं, जो आने-जाने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र भी बने हुए हैं। पिछले एक सप्ताह से यहां की सड़कों पर पोस्टर वार जोरों पर है।
पटना की सड़कों पर गुरुवार को जदयू ने एक पोस्टर लगाया है, जिसके जरिए राजद पर जोरदार कटाक्ष किया गया है। पीले रंग की पृष्ठभूमि वाले इस पोस्टर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर है, जिसमें लिखा गया है, ‘पूरा बिहार, हमारा परिवार’। इसी पोस्टर के एक कोने में ‘न्याय के साथ तरक्की, नीतीश की बात पक्की’ का नारा लिखा हुआ है।
कहा जा रहा है कि इस पोस्टर के जरिए जदयू ने लालू परिवार को निशाना बनाने की कोशिश की है।
इससे पहले शनिवार को पटना की सड़कों पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद के परिवार पर तीखा राजनीतिक प्रहार करते हुए एक पोस्टर लगाया गया था। ‘एक ऐसा परिवार, जो बिहार पर भार’ शीर्षक से लगे इन पोस्टरों के सबसे ऊपर राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद को बतौर कैदी दिखाया गया।
पोस्टर के निचले हिस्से में तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव की तस्वीर लगाई जिसे विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी की तस्वीर पर उन्हें विधानपार्षद और मीसा भारती की तस्वीर पर राज्यसभा सांसद लिखा गया है।
इसके एक दिन बाद ही फिर से लालू प्रसाद और उनके परिवार के लोगों पर नए स्लोगन से पोस्टर से ‘वार’ किया गया है। लालू प्रसाद और तेजस्वी को ‘लूट एक्सप्रेस’ का संचालक बताया गया। पोस्टर में एक बस को लूट एक्सप्रेस के तौर पर दिखाया गया है, जिसके अंदर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, तेजप्रताप यादव और मीसा भारती को बैठे हुए दिखाया गया है जबकि लालू और तेजस्वी बस के ऊपर खड़े दिख रहे हैं।
इस पोस्टर के एक छोर पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा गया ‘एक परिवार बिहार पर भार’।
इसके बाद बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए पोस्टर पटना की सड़कों पर चस्पा कर दिए गए।
पोस्टर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर है। पोस्टर में प्रधानमंत्री को यह कहते दिखाया गया है, “नीतीश कुमार के डीएनए में ही गड़बड है। मारते रहे पलटी, नीतीश की हर बात कच्ची।”
इसके अलावा एक और पोस्टर लगाया गया है। इस पोस्टर में भी प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की तस्वीर है। जिसमें बिहार की जनता को यह बोलते दिखाया गया है कि भाजपा को तो बिहार की जनता विपक्ष में बैठाई थी, फिर आप सत्ता में कैसे पहुंच गए।
हालांकि पोस्टर जारी करने वाले पोस्टर पर अपने नाम का भी उल्लेख नहीं कर रहे हैं।
जदयू के प्रवक्ता संजय सिंह कहते हैं कि जदयू अपने प्रचार के लिए पोस्टर लगा रहा है। राजद या लालू प्रसाद के परिवार के विरोध में लगाए पोस्टर के विषय में उन्होंने कहा कि यह पोस्टर कौन लगाया है, उन्हें नहीं पता। उन्होंने कहा कि पोस्टर के जरिए चुनाव नहीं जीते जा सकते। पोस्टर लगाकर अगर चुनाव जीते जा सकते, तो कोई बात नहीं।
इधर, राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी पोस्टर से वार कर रही है जबकि लालू प्रसाद को बिहार की जनता दिल में बसाए हुए है। इस चुनाव में ऐसे पोस्टर लगाने वालों को पता चल जाएगा।
राजनीति
कांग्रेस सांसद ने ‘जल जीवन मिशन’ के तहत मणिपुर में घोटाले का लगाया आरोप, जांच की मांग

नई दिल्ली/इंफाल, 8 अक्टूबर: कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि मणिपुर में केंद्र प्रायोजित योजना जल जीवन मिशन के तहत कई सौ करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। कांग्रेस ने अदालत की निगरानी में जांच की मांग की।
आंतरिक मणिपुर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के लोकसभा सांसद अंगोमचा बिमोल अकोईजाम ने दावा किया कि जल शक्ति मंत्रालय के आंकड़े दावा करते हैं कि मणिपुर के लगभग 80 प्रतिशत ग्रामीण घरों में नल का पानी पहुंचाया जा चुका है, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं है।
अकोईजाम ने कहा कि उन्होंने मणिपुर उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की है, जिसमें राज्य में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि जनहित याचिका में जल जीवन मिशन के तहत स्वीकृत और उपयोग की गई धनराशि का जिलावार व्यापक ऑडिट, सरकार द्वारा किए गए घरेलू नल जल कनेक्शन के दावों का सत्यापन और संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के मौलिक अधिकार के तहत सुरक्षित पेयजल तक पहुंच को मान्यता देने की मांग की गई है, जिसमें राज्य भर में प्रत्येक घर को प्रतिदिन कम से कम दो घंटे नल के पानी की आपूर्ति की गारंटी हो।
कांग्रेस सांसद ने नई दिल्ली स्थित एआईसीसी मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए खुलासा किया कि उन्होंने कई गांवों का दौरा करके सरकारी रिकॉर्ड में किए गए दावों की व्यक्तिगत रूप से जांच और सत्यापन करने का प्रयास किया था।
उन्होंने आधिकारिक दावों और हकीकत में भारी अंतर होने पर हैरानी जताई और दावा किया कि पाइप भी नहीं बिछाए गए थे, और यह भी कहा कि उनके द्वारा मामला उठाए जाने के बाद ही प्रशासन ने पाइप बिछाने का काम शुरू किया।
अकोईजाम ने बताया कि यह सरकार के अपने ही दावों को झूठा साबित करता है। एक ओर, सरकार दावा करती है कि काम पूरा हो गया है और लोगों को नल का पानी उपलब्ध कराया जा रहा है, जबकि सरकार ने पाइप बिछाने का काम शुरू कर दिया है। जबकि असल में, पाइप बिछाने का काम अभी शुरू ही हुआ है।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य को ऐसे समय में लूटा गया जब वह एक दुखद दौर से गुजर रहा था, जहां हर जगह हिंसा हो रही थी।
महाराष्ट्र
गाजा पर इजरायली आक्रमण के खिलाफ 10 अक्टूबर को विरोध प्रदर्शन पुलिस अलर्ट पर है और सभी स्थितियों पर नजर रख रही है।

मुंबई: गाजा में इजरायली आक्रामकता और फिलिस्तीनियों पर लगातार बमबारी के खिलाफ मुंबई के आजाद मैदान में विरोध प्रदर्शन किया गया है। इस विरोध प्रदर्शन को देखते हुए मुंबई पुलिस भी अलर्ट पर है। मुंबई में फिलिस्तीनियों के समर्थन में हो रहे विरोध प्रदर्शन के चलते बैठकों का दौर शुरू हो गया है। विधायक अबू आसिम आजमी, रईस शेख और नेताओं ने विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की है। इतना ही नहीं, विरोध प्रदर्शन के लिए कई इलाकों में नुक्कड़ सभाएं और एनजीओ की बैठकें भी शुरू हो गई हैं।
शुक्रवार, 10 अक्टूबर को भारत-फिलिस्तीन एकजुटता मंच के बैनर तले एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया है। पूर्व सांसद और पत्रकार कुमार किटकर, फिरोज मेथी बोरवाला, कॉमरेड शैलेंद्र कांबले, कॉमरेड अजीत पाटिल, एम.ए. खालिद और सईद खान इस विरोध प्रदर्शन को संबोधित करेंगे। फिलिस्तीन में हुए नरसंहार के खिलाफ दुनिया भर में विरोध प्रदर्शनों का एक लंबा सिलसिला चल रहा है, लेकिन इजरायल की हठधर्मिता अभी भी कायम है और आक्रमण व बमबारी जारी है।
मुंबई में हो रहे विरोध प्रदर्शन के चलते पुलिस हालात पर नज़र रख रही है। इतना ही नहीं, पुलिस ने आज़ाद मैदान की सुरक्षा व्यवस्था और सोशल मीडिया पर भी नज़र रखनी शुरू कर दी है। मुंबई में फ़िलिस्तीन के समर्थन में हो रहे विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों के शामिल होने की उम्मीद है, इसलिए पुलिस भी अलर्ट पर है। सिर्फ़ मुंबई ही नहीं, बल्कि आसपास के इलाकों और उपनगरों से भी मुसलमान और इंसाफ़ पसंद लोग इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे।
गाज़ा में लगातार हो रहे इसराइली आक्रमण के ख़िलाफ़ अब मुस्लिम देश भी एकजुट हो गए हैं। ऐसे में मुंबई में हो रहे विरोध प्रदर्शन पर भी पुलिस की नज़र है। इसके साथ ही, भड़काऊ और विवादित बयानों से लेकर विवादित और भड़काऊ बैनर-पोस्टर तक, हर चीज़ पर पुलिस की नज़र है।
शुक्रवार को फ़िलिस्तीन के विरोध प्रदर्शन के दौरान बरेली में हुई हिंसा के बाद मुसलमानों के घरों पर बुलडोज़र चलाने, हिंसा के बाद मुसलमानों को गिरफ़्तार करने और मौलाना तौकीर रज़ा की गिरफ़्तारी और रिहाई की मांग की संभावना है। ऐसे में पुलिस ने आज़ाद मैदान में विरोध प्रदर्शन की इजाज़त दे दी है। नेता और राष्ट्रीय दल भी इस विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए सोशल मीडिया पर अपील जारी कर रहे हैं, जिससे बड़ी संख्या में प्रतिभागियों के आकर्षित होने की संभावना है।
राजनीति
मुस्लिम मतदाता गलती न करें, वोटों का बंटवारा न हो: उदित राज

नई दिल्ली, 8 अक्टूबर : बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। इस बीच, एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है, जिससे यह चुनाव और भी रोमांचक होने की संभावना है। इस पर कांग्रेस नेता उदित राज ने मुस्लिम मतदाताओं से अपील की है कि वे इस बार अपने वोटों का बंटवारा न करें।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि पिछली बार की गलती को दोहराने से बचें, जिसके कारण पांच साल तक परेशानियां और कठिनाइयां झेलनी पड़ीं। इस बार एकजुट होकर वोट करें ताकि मजबूत नेतृत्व चुना जा सके।
चीफ जस्टिस का अपमान करने वाले आरोपी वकील के दावे पर कि उसे ‘दैवीय सिग्नल’ प्राप्त हुआ था। इस पर कांग्रेस नेता उदित राज ने कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि सनातनी तो रावण भी था, सनातनी गोडसे भी था जिसने गांधी जी की हत्या की। क्या सनातन धर्म का मतलब हिंसा, नफरत और घृणा फैलाना है? सनातनियों को इस पर जवाब देना चाहिए कि क्या वे इस आरोपी वकील का समर्थन करते हैं, जो खुद को सनातनी कहता है।
उन्होंने कहा कि हिंदू-मुस्लिम के बीच जहर फैलाने की राजनीति अब सर्वत्र फैल रही है, जिसके कारण हिंसा, गाली-गलौज और नफरत आम हो गए हैं।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के विदेश दौरे पर भाजपा नेता के बयानों पर उदित राज ने कहा कि भाजपा को चिंता क्यों हो रही है। राहुल गांधी तो भाजपा को नहीं चला रहे। वे कभी-कभी विदेश जाते हैं, इसमें हाय-तौबा मचाने की क्या जरूरत है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के केंद्र सरकार पर लगाए गए आरोपों का समर्थन करते हुए उदित राज ने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों के साथ भेदभाव कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान संघीय है, लेकिन इसे तोड़ा जा रहा है। मनरेगा का फंड रोका जा रहा है, बड़े प्रोजेक्ट्स को मंजूरी नहीं दी जा रही, और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों के साथ भी बुरा बर्ताव हो रहा है।
भारत में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का दो दिवसीय दौरे को लेकर कांग्रेस नेता ने कहा कि स्वागत है। उन्होंने कहा जब भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव था, तब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने निष्पक्ष रुख नहीं अपनाया और न ही भारत का साथ दिया। देखते हैं कि दो दिवसीय उनके दौरे से भारत को क्या लाभ होता है।
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