अंतरराष्ट्रीय
आईपीएल 13 : राहुल-कुंबले की जोड़ी से किंग्स इलेवन पंजाब नई शुरुआत के लिए उत्सुक

कप्तान लोकेश राहुल और मुख्य कोच अनिल कुंबले की नई जोड़ी के साथ किंग्स इलेवन पंजाब की टीम शनिवार से शुरू होने जा रही इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 13वें सीजन में अपना जादू बिखेर सकती है। पंजाब की टीम लीग के इतिहास में अब तक केवल दो बार ही प्लेआफ में पहुंची है। सीमित ओवरों के क्रिकेट में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए हाल में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले राहुल को सीजन से पहले पंजाब का कप्तान नियुक्त किया गया था। उनके अलावा पूर्व भारतीय कप्तान और दिग्गज आफ स्पिनर अनिल कुंबले को मुख्य कोच निुयक्त किया गया था।
राहुल ने हाल में दुबई से आईएएनएस से कहा था, “मैंने हमेशा कप्तानी की भूमिका का लुत्फ उठाया है और मैंने हमेशा अपने कंधे पर इस जिम्मेदारी को उठाया है। मैं इसे खुले दिमाग से करने जा रहा हूं। मैं प्रत्येक मैच से प्रत्येक दिन इससे सीखूंगा।”
राहुल और कुंबले दोनों बेंगलुरू से आते हैं और ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इससे टीम को फायदा मिलनी चाहिए।
कुंबले ने कहा था, “राहुल और अन्य खिलाड़ियों को पहले से ही जानने से स्पष्ट रूप से एक दूसरे को अच्छी तरह से समझने में मदद मिलती है। मैंने राहुल को बहुत कम उम्र से एक खिलाड़ी के रूप में देखा है। यह उनका पहला प्रमुख (कप्तानी कार्यकाल) होगा। वह एक जूनियर स्तर पर कप्तानी करते हैं, लेकिन एक उच्च स्तरीय मैच में नहीं। अब तक वह शानदार रहे हैं।”
किंग्स इलेवन पंजाब की टीम इस बार कागजों पर बहुत मजबूत दिख रही है। टीम के साथ ग्लैन मैक्सवेल, क्रिस गेल और डेविड वार्नर जैसे विस्फोटक बल्लेबाज हैं, जोकि पहले भी टीम के साथ थे। गेल और मैक्सवेल के पास तूफानी बल्लेबाजी की कमी नहीं होनी चाहिए। कुंबले ने कहा है कि वह चाहते हैं कि ‘यूनिवर्स बॉस’ नेतृत्व समूह के हिस्से के रूप में अधिक सक्रिय हो।
टॉप आर्डर में मयंक अग्रवाल को टीम को मजबूती देना चाहिए और उनका साथ देने के लिए मनदीप सिंह और करुण नायर होंगे। भारतीय टीम के लिए राहुल का फॉर्म शानदार रहा है और पंजाब को उम्मीद होगी कि राहुल अपने इस फॉर्म को यहां भी बरकरार रखें।
गेंदबाजी में अनुभवी भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी तेज गेंदबाजी की अगुवाई करेंगे। शमी का साथ देने के लिए क्रिस वोक्स, शेल्डन कॉटरेल, जेम्स नीशम, इशान पोरेल, दर्शन नालकांडे और अर्शदीप सिंह होंगे।
स्पिन विभाग में अफगानिस्तान के लेग स्पिनर मुजीब उर रहमान यूएई में टीम को टॉप क्वालीटी स्पिन विकल्प देंगे। उनके अलाव मुर्गन अश्विन, कृष्णप्पा गौतम और रवि बिश्नोई भी टीम को मजबूती देंगे।
किंग्स इलेवन पंजाब की टीम 2008 और 2014 में प्लेआफ में पहुंची थी। यूएई में टीम का शानदार रिकॉर्ड रहा है और उसने 2014 के संस्करण में पांच मैचों में से एक भी मैच नहीं हारा था।
ताकत:
टीम की किस्मत राहुल और कुंबले की साझेदारी पर बहुत अधिक निर्भर करेगी और वे किस तरह टीम का नेतृत्व करेंगे यह देखने वाली बात होगी। राहुल के असाधारण रूप और शांत स्वभाव से उन्हें एक कप्तान और बल्लेबाज के रूप में मदद करनी चाहिए और इसके बदले में टीम को फायदा होगा।
कमजोरी :
किंग्स इलेवन के अंदर हमेशा आईपीएल जीतने की क्षमता रही है, लेकिन वास्तव में टीम कभी भी एक एकजुट होकर नहीं खेली है। किसी भी कीमत पर दबाव खिलाड़ियों पर बहुत अधिक भारी पड़ सकता है और टीम के प्रदर्शन में एक भूमिका निभा सकता है।
टीम : लोकेश राहुल (कप्तान और विकेटकीपर) क्रिस गेल, मयंक अग्रवाल, करुण नायर, सरफराज खान, मनदीप सिंह, शेल्डन कॉटरेल, इशान पोरेल, रवि बिश्नोई, मोहम्मद शमी, मुजीब उर रहमान, अर्शदीप सिंह, हार्डस विलोजेन, एम अश्विन, हरप्रीत बराड़, दर्शन नलकांडे, ग्लेन मैक्सवेल, जेम्स नीशम, क्रिस जॉर्डन, कृष्णप्पा गौतम, दीपक हुड्डा, तजिंदर सिंह ढिल्लों, निकोलस पूरन (विकेटकीपर), प्रभसिमरन सिंह (विकेटकीपर)।
सपोर्ट स्टाफ : अनिल कुंबले (मुख्य कोच), एंडी फ्लावर (सहायक कोच), वसीम जाफर (बल्लेबाजी कोच), जोंटी रोड्स (फील्डिंग कोच), चार्ल लैंगवेल्ड्ट (गेंदबाजी कोच), एंड्रयू लेक्सस (फिजियोथेरेपिस्ट), एड्रियन ले रूक्स (ताकत और कंडीशनिंग कोच)।
अंतरराष्ट्रीय
ओबामा ने ईरान को बहुत कुछ दिया, मैं नहीं देने वाला: ट्रंप

वाशिंगटन, 30 जून। ईरान पर भविष्य में क्या अमेरिका हमला करेगा या नहीं, फिलहाल इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। ईरान के उप-विदेश मंत्री अमेरिका के साथ भविष्य में किसी भी कूटनीतिक और न्यूक्लियर वार्ता पर शर्त रख चुके हैं। ऐसे में ट्रंप ने कहा है कि अब वह ईरान से बात नहीं कर रहे हैं।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर लिखा, “मैं ईरान को कुछ भी नहीं दे रहा हूं। ओबामा की तरह, जिन्होंने ‘परमाणु हथियार जेसीपीओए (जो अब समाप्त हो जाएगा) के तहत अरबों डॉलर का भुगतान किया था। इतना ही नहीं, मैं उनसे इस विषय पर बात भी नहीं करने वाला हूं, क्योंकि हमने उनकी न्यूक्लियर फैसिलिटी को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।”
ट्रंप शुक्रवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर चुके थे, जिनमें कहा गया था कि उनके प्रशासन ने सिविलियन एनर्जी प्रोड्यूसिंग न्यूक्लियर प्रोग्राम बनाने के लिए ईरान को 30 बिलियन डॉलर तक की मदद करने की चर्चा की थी।
रविवार को ‘बीबीसी’ से बातचीत में माजिद तख्त-रवांची ने कहा था कि अमेरिका को ईरान के खिलाफ किसी भी हमले से इनकार करना चाहिए। इसके साथ ही उप-विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान के खिलाफ भविष्य के हमलों पर ट्रंप प्रशासन की स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।
माजिद ने बताया कि अमेरिका ने मध्यस्थ देशों से कहा है कि वह ईरान के साथ बातचीत करना चाहता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वह भविष्य में हमले करेगा या नहीं।
अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर फैसिलिटी नतांज, फोर्डो और इस्फाहान को नष्ट किया था। इस फैसले के साथ अमेरिका इजरायल-ईरान के बीच संघर्ष में कूद पड़ा था।
इसके जवाब में ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद ट्रंप ने ईरान-इजरायल के बीच युद्ध विराम की घोषणा की थी।
अंतरराष्ट्रीय
ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरु ने ट्रंप-नेतन्याहू के खिलाफ जारी किया ‘फतवा’

तेहरान, 30 जून। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ने एक ‘फतवा’ जारी करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को ‘ऊपर वाले का दुश्मन’ बताया है। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरुओं में से एक हैं।
शीर्ष शिया धर्मगुरु ने अपने फतवे में कहा, “कोई भी व्यक्ति या शासन जो नेता या मरजा को धमकाता है, उसे ऊपर वाले का दुश्मन माना जाता है।”
सेमी-ऑफिशियल मेहर समाचार एजेंसी के अनुसार, “रविवार को अपने ऑफिस के एक बयान में शिराजी ने दुनियाभर के मुसलमानों से ऐसी धमकियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को कहा है। शिराजी ने कहा है कि अगर कोई मुस्लिम जो अपने मुस्लिम कर्तव्य का पालन करता है, उसे अपने अभियान में कठिनाई या नुकसान उठाना पड़ता है, तो उसे ऊपर वाले की राह में एक योद्धा के रूप में इनाम से नवाजा जाएगा।”
फतवे में कहा गया है, “मुसलमानों या इस्लामी देशों के जरिए उस दुश्मन को दिया जाने वाला कोई भी सहयोग या समर्थन हराम या निषिद्ध है। दुनियाभर के सभी मुसलमानों के लिए यह जरूरी है कि वह इन दुश्मनों को उनके शब्दों और गलतियों पर पछतावा करवाएं।”
रिपोर्ट्स के अनुसार यह फतवा राष्ट्रपति ट्रंप और इजरायली अधिकारियों के ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के खिलाफ कथित धमकियों के बाद आया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने खामेनेई को ‘एक बहुत ही भयावह और अपमानजनक मौत’ से बचाया है। इसके साथ ही ट्रंप ने ईरानी सर्वोच्च नेता के ऊपर इजरायल पर जीत के बारे में गलत बयान देने का आरोप लगाया।
हाल ही में इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने एक इंटरव्यू में कहा कि ईरान के साथ अपने 12-दिवसीय संघर्ष के दौरान, इजरायल ने खामेनेई को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन इस ऑपरेशन को अंजाम देने का मौका कभी नहीं आया।
कैट्ज ने इजराइल के ‘चैनल 13’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “अगर वह हमारी नजर में होते, तो हम उन्हें मार गिराते। हम खामेनेई को खत्म करना चाहते थे, लेकिन कोई ऑपरेशनल मौका नहीं था।”
इजरायल ने 13 जून को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया, जिसमें ईरान की प्रमुख सैन्य और न्यूक्लियर एसेट्स को निशाना बनाया गया। इसके बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ गया।
जवाबी कार्रवाई में, ईरान ने इजरायली शहरों और बाद में कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। तेहरान के इस कदम से पहले फोर्डो, नतांज और इस्फाहान में उसकी न्यूक्लियर फैसिलिटी पर अमेरिकी हमले हुए थे।
संघर्ष के बारह दिन बाद ट्रंप ने दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा की।
अंतरराष्ट्रीय
सीजफायर की उम्मीदों के बीच गाजा में इजरायली सैनिक की मौत

यरूशलम, 30 जून। उत्तरी गाजा पट्टी में एक इजरायली सैनिक की मौत की सूचना सामने आई है, जिसकी जानकारी इजरायली सेना ने दी है।
‘सिन्हुआ समाचार एजेंसी’ के अनुसार सेना ने बताया है कि 401वीं ब्रिगेड की 601वीं कॉम्बैट इंजीनियरिंग बटालियन के सार्जेंट यिसरायल नतन रोसेनफेल्ड (20) लड़ाई के दौरान मारे गए।
इजरायल के सरकारी स्वामित्व वाले ‘कान टीवी’ ने बताया कि रोसेनफेल्ड की मौत जबालिया में एक विस्फोटक उपकरण की वजह से हुई। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां सेना ने उत्तरी गाजा में एक नियोजित बफर जोन के हिस्से के रूप में चौकियों के निर्माण की तैयारी में इमारतों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया था।
जून की शुरुआत से गाजा पट्टी में 21 इजरायली सैनिक मारे गए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 तक सैनिकों की मौत का आंकड़ा 880 तक पहुंच चुका था।
इससे पहले रविवार को, फिलिस्तीनी सूत्रों ने उत्तरी गाजा में भारी बमबारी की सूचना दी। गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायली हमलों में करीब 88 लोग मारे गए और 365 घायल हो गए।
इजरायली डिफेंस फोर्सेज ने गाजा के भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाकों के अलावा स्कूल, स्टेडियम और शरणार्थी टेंट को निशाना बनाया।
यह हमला तब हुआ जब इजरायली सेना ने नई इवैक्युएशन वॉर्निंग जारी की। इस चेतावनी में गाजा शहर और जबालिया के निवासियों से तुरंत अल-मवासी क्षेत्र की ओर जाने को कहा गया।
यह हमले ऐसे समय पर हुए, जब एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगले हफ्ते तक सीजफायर का संकेत दिया था, लेकिन इजरायल की इस कार्रवाई ने इन उम्मीदों को धूमिल कर दिया है।
इस बीच, गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को बताया कि अक्टूबर 2023 से इजरायली सैन्य अभियानों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या कम से कम 56,500 हो गई है।
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