अपराध
दुनियाभर में म मामलों की संख्या 2.91 करोड़ के पार : जॉन्स हॉपकिन्स

दुनियाभर में कोरोनावायरस के मामलों की संख्या बढ़कर 2 करोड़ 91 लाख के पार पहुंच गई है जबकि 927,000 से अधिक लोग इस बीमारी से जान गंवा चुके हैं। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी ने यह जानकारी दी। यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर सिस्टम्स साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) ने अपने नवीनतम अपडेट में खुलासा किया कि मंगलवार सुबह तक, कुल मामलों की संख्या 29,182,198 रही और मरने वालों की संख्या बढ़कर 927,015 हो गई।
सीएसएसई के अनुसार, 6,553,303 मामलों और 194,489 मौतों के साथ अमेरिका दुनिया में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों की सूची में शीर्ष पर है।
वहीं, 4,846,427 मामलों के साथ भारत वर्तमान में दूसरे स्थान पर है, जबकि देश में 79,722 लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है।
सीएसएसई के आंकड़ों ने दर्शाया कि कोरोना मामलों में ब्राजील तीसरे (4,345,610) स्थान पर है और उसके बाद रूस (1,064,438), पेरू (729,619), कोलंबिया (716,319), मेक्सिको (671,716), दक्षिण अफ्रीका (650,749), स्पेन (593,730), अर्जेटीना (565,446), चिली (436,433), फ्रांस (425,870), ईरान (404,648), ब्रिटेन (373,553), बांग्लादेश (339,332), सऊदी अरब (326,258), पाकिस्तान (302,020), इराक (294,478), तुर्की (292,878), इटली (288,761), फिलीपींस (265,888), जर्मनी (263,222), इंडोनेशिया (221,523), यूक्रेन (160,679), इजरायल (160,368), कनाडा (140,072), बोलीविया (127,619), कतर (121,975), इक्वाडोर (118,911), कजाकिस्तान (106,920), रोमानिया (104,187), डोमिनिकन रिपब्लिक (104,110), पनामा (102,204) और मिस्र (101,177) हैं।
10,000 से अधिक मौतों वाले अन्य देश ब्राजील (132,006), मेक्सिको (71,049), ब्रिटेन (41,726), इटली (35,624), फ्रांस (30,958), पेरू (30,710), स्पेन (29,848), ईरान (23,313) कोलंबिया (22,924), रूस (18,573), दक्षिण अफ्रीका (15,499), चिली (12,013), अर्जेटीना (11,667) और इक्वाडोर (10,922) हैं।
अपराध
मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर बड़ा हादसा: 15-20 गाड़ियों की टक्कर में एक की मौत, कई घायल; भीषण ट्रैफिक जाम की सूचना

पुणे, 26 जुलाई: शनिवार को मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर एक सुरंग के प्रवेश द्वार पर एक चौंकाने वाली घटना घटी। यह दुर्घटना श्री दत्ता स्नैक्स के पास हुई, जो हाईवे पर लोनावाला-खंडाला घाट के बाद स्थित है। सोशल मीडिया पर चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आई हैं, जहाँ हाईवे पर ब्रेक फेल होने के बाद एक कंटेनर के दुर्घटनाग्रस्त होने से लगभग 16 वाहन आपस में टकरा गए।
खबर है कि इस हादसे में करीब 16 लोग घायल हुए हैं। शुरुआती खबरों के मुताबिक , एक कंटेनर ट्रक के ब्रेक फेल होने के बाद करीब 18 से 20 गाड़ियाँ आपस में टकरा गईं। बताया जा रहा है कि तेज़ रफ़्तार ट्रक ने फ़ूड मॉल के पास एक गाड़ी को टक्कर मार दी, जिससे दोनों गाड़ियों के बीच भीषण टक्कर हो गई।
क्या हुआ?
1. यह दुर्घटना भारत के सबसे व्यस्त एक्सप्रेसवे में से एक पर हुई।
2. कंटेनर ट्रक ने नियंत्रण खो दिया और एक वाहन को टक्कर मार दी, जिससे चेन क्रैश हो गया।
3. इस टक्कर से कई वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए, कम से कम तीन वाहन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए।
4. कई लोग घायल हुए, कुछ गंभीर रूप से घायल हुए।
एक्सप्रेसवे कई घंटों तक जाम रहा। वाहन 5 किलोमीटर तक लंबी कतारों में फंसे रहे। पुलिस और आपातकालीन टीमें घायलों की मदद और मलबा हटाने के लिए तुरंत मौके पर पहुँचीं। जाम कम करने के लिए यातायात को दूसरे रास्तों पर मोड़ना पड़ा।
इस घटना ने सड़क सुरक्षा को लेकर नई चिंताएँ पैदा कर दी हैं, खासकर घाट वाले इलाकों में, जहाँ सड़क सुरक्षा को जोखिम भरा माना जाता है। इसके लिए सख्त गति जाँच, बेहतर निगरानी और वाहनों, खासकर भारी ट्रकों, के नियमित रखरखाव की आवश्यकता है।
मामले के संबंध में जांच शुरू कर दी गई है और पुलिस सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है तथा इस बड़ी दुर्घटना का सही कारण जानने के लिए गवाहों से पूछताछ कर रही है।
अपराध
मुंबई: 11 महीने बाद भी कलिना में निर्दोष व्यक्ति के घर ड्रग्स रखने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं

मुंबई: कलिना में चार पुलिसकर्मियों से संबंधित मादक पदार्थ रखने की घटना में लगभग 11 महीने बाद भी कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं हुई है।
वकोला पुलिस ने न तो चारों आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की है, न ही आरोपपत्र दाखिल किया है और न ही प्रत्यक्षदर्शियों के बयान ठीक से दर्ज किए हैं। उन्होंने मामले में एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंसेज) की अतिरिक्त धाराएँ भी नहीं जोड़ी हैं, बल्कि केवल जमानती धाराएँ ही लगाई हैं। नतीजतन, आरोपियों को अग्रिम ज़मानत मिल गई।
मामले के बारे में
30 अगस्त, 2024 को, चार पुलिसकर्मियों ने सांताक्रूज़ पूर्व के कलिना स्थित एक पशुधन फार्म में काम करने वाले 31 वर्षीय निर्दोष डायलन एस्टबेरो की जेब में कथित तौर पर ड्रग्स रख दिए। यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, जिससे चारों पुलिसकर्मियों की पोल खुल गई।
घटना 30 अगस्त, 2024 की है, जब खार पुलिस स्टेशन से सादे कपड़ों में पीएसआई विश्वनाथ ओम्बले और तीन कांस्टेबल – इमरान शेख, सागर कांबले और योगेंद्र शिंदे (जिन्हें दबंग शिंदे भी कहा जाता है) – सांताक्रूज़ पूर्व के कलिना में शाहबाज़ खान के पशु फार्म पर पहुँचे, जहाँ डायलन एस्टबेरो काम कर रहा था। उन्होंने कथित तौर पर डायलन की तलाशी ली और एक बनावटी तलाशी के दौरान उसकी जेब में 20 ग्राम मेफेड्रोन रख दिया, और बाद में उस पर ड्रग रखने का आरोप लगाया।
पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई, जिसकी बाद में शाहबाज़ खान ने समीक्षा की और उसे सार्वजनिक रूप से साझा किया। फुटेज जारी होने के बाद, डायलन को खार पुलिस ने रिहा कर दिया। इस वीडियो के बाद लोगों में आक्रोश फैल गया और तत्कालीन उपायुक्त राज तिलक रौशन ने 31 अगस्त को चारों अधिकारियों को निलंबित कर दिया। घटना के लगभग साढ़े तीन महीने बाद, भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।
अपराध
ईडी ने 3,000 करोड़ रुपए के यस बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में अनिल अंबानी से जुड़ी संस्थाओं पर छापे मारे

नई दिल्ली, 24 जुलाई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को 3,000 करोड़ रुपए के यस बैंक लोन धोखाधड़ी मामले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह से संबंधित 35 से ज्यादा परिसरों, 50 कंपनियों और 25 से अधिक लोगों के कई ठिकानों पर छापे मारे हैं।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के बाद, ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध की जांच शुरू कर दी।
सूत्रों के अनुसार, इस मामले में नेशनल हाउसिंग बैंक, सेबी, नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (एनएफआरए), बैंक ऑफ बड़ौदा जैसी अन्य एजेंसियों और संस्थानों ने भी ईडी के साथ जानकारी साझा की।
ईडी की प्रारंभिक जांच में बैंकों, शेयरधारकों, निवेशकों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों के साथ धोखाधड़ी करके जनता के पैसों को इधर-उधर करने/निपटाने की एक सुनियोजित और सोची-समझी योजना का खुलासा हुआ है। साथ ही, यस बैंक लिमिटेड के प्रमोटर सहित बैंक अधिकारियों को रिश्वत देने का अपराध भी जांच के दायरे में है।
प्रारंभिक जांच में यस बैंक से (2017 से 2019 तक) लगभग 3,000 करोड़ रुपए के अवैध लोन डायवर्जन का पता चला है। ईडी ने पाया है कि लोन स्वीकृत होने से ठीक पहले, यस बैंक के प्रमोटरों को पैसा दिया गया था। एजेंसी रिश्वतखोरी और लोन के इस गठजोड़ की भी जांच कर रही है।
नियामक ने अनिल अंबानी से जुड़ी कंपनियों को यस बैंक द्वारा दिए गए लोन में कई नियमों का करते हुए उल्लंघन पाया है, जैसे कि क्रेडिट अप्रूवल मैमोरेंडम (सीएएम) पिछली तारीख के थे, बैंक की लोन नीति का उल्लंघन करते हुए बिना किसी उचित जांच/लोन विश्लेषण के निवेश प्रस्तावित किए गए थे।
लोन शर्तों का उल्लंघन करते हुए, इन लोन को आगे कई समूह कंपनियों और मुखौटा कंपनियों में डायवर्ट किया गया।
जानकारी के मुताबिक, सेबी ने आरएचएफएल मामले में अपने निष्कर्ष ईडी के साथ साझा किए हैं। आरएचएफएल द्वारा कॉर्पोरेट लोन में नाटकीय वृद्धि भी ईडी की जांच के घेरे में है। आरएचएफएल के कॉर्पोरेट लोन वित्त वर्ष 2017-18 में 3,742.60 करोड़ रुपए से एक ही साल में बढ़कर वित्त वर्ष 2018-19 में 8,670.80 करोड़ रुपए हो गए थे।
सूत्रों के अनुसार, जांच फिलहाल चल रही है। ईडी यस बैंक के अधिकारियों, समूह की कंपनियों और अनिल अंबानी की कंपनियों से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं के बीच संबंधों का पता लगाने की कोशिश कर रहा है।
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