महाराष्ट्र
शिवसेना सासंद ने दी सफाई, बोले- ‘महिलाओं के सम्मान के लिए हमेशा लड़ते रहेंगे’

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में कंगना रनौत और शिवसेना सांसद संजय राउत के बीच वाकयुद्ध बढ़ता जा रहा है। कंगना को वाई श्रेणी सुरक्षा दे दी गई है। इधर संजय राउत ने कहा है कि जो लोग उनके ऊपर महिलाओं का अपमान करने का आरोप लगा रहे हैं, वे लोग मुंबा देवी का अपमान कर रहे हैं।
कंगना रनौत और उनके बीच चल रहे विवाद पर उन्होंने बिना किसी का नाम लिए सफाई दी है। हालांकि उनकी सफाई देने के तरीके पर भी लोग सवाल उठा रहे हैं। शिवसेना सांसद संजय राउत ने ट्वीट किया कि शिवसेना हिंदुत्व की विचारधारा वाली पार्टी है। उन लोगों को महिलाओं का सम्मान करना सिखाया जाता है।
संजय राउत ने ट्वीट किया, ‘शिवसेना छत्रपति शिवाजी महाराज और महाराणा प्रताप जैसे हिंदुओं के आदर्श विचारधारा का अनुसरण करती है। उन्होंने हमें महिलाओं का सम्मान करना सिखाया है। हालांकि, कुछ लोग यह अफवाह फैला रहे हैं कि शिवसेना ने महिलाओं का जानबूझकर अपमान किया है। जो लोग इस तरह के आरोप लगा रहे हैं, उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि वह मुंबई और मुंबई की मुंबा देवी का अपमान कर रहे हैं। शिवसेना महिलाओं की गरिमा के लिए लड़ती रहेगी। शिवसेना के महान सुप्रीमो (बाला ठाकरे) ने भी हमें यही सिखाया है।’
इधर, गुजरात भाजपा ने रविवार को शिवसेना नेता संजय राउत से अहमदाबाद को ‘मिनी पाकिस्तान’ कहने के लिए माफी मांगने की मांग की है। पार्टी प्रवक्ता भरत पंड्या ने राउत के कथित बयान की निंदा की और उसे इस मामले में माफी मांगने को कहा है।
आपको बता दें की सोमवार को कंगना रनौत को गृह मंत्रालय की तरफ से वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है। कंगना को मुंबई में वापस न आने की मिली तमाम धमकियों के बाद उनके पिता ने हिमाचल प्रदेश सरकार से पुलिस सुरक्षा मांगी थी। वह 9 सितम्बर को मुंबई जानेवाली हैं। अब कंगना ने इस सुरक्षा के लिए ट्वीट कर अमित शाह को धन्यवाद कहा है और लिखा- ये प्रमाण है कि अब किसी देशभक्त आवाज़ को कोई फ़ासीवादी नहीं कुचल सकेगा।
बता दें कि कंगना ट्विटर पर आने के बाद से ही एक बार फिर से चर्चा में हैं। मुंबई पुलिस को लेकर बयान के बाद से कंगना को लेकर शिवसेना हमलावर हो गई है। शिवसेना ने कंगना को लेकर अपने तेवर काफी तीखे कर लिए हैं और इन हालात को देखते हुए कंगना के पिता ने हिमाचल प्रदेश सरकार से पुलिस सुरक्षा की मांग की थी। अब खबर है कि गृह मंत्रालय की ओर से अब कंगना को वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है।
बताना चाहेंगे कि Y कैटिगरी की सुरक्षा व्यवस्था में देश के वो वीआईपी लोग आते हैं, जिनको इसके तहत 11 सुरक्षाकर्मी मिले होते हैं, जिनमें 1 या 2 कमांडो और 2 पीएसओ भी शामिल होते हैं।
कंगना ने खुद को मिली इस सुरक्षा को लेकर खुशी जताते हुए गृह मंत्री अमित शाह को टैग करते हुए लिखा, ‘ये प्रमाण है कि अब किसी देशभक्त आवाज़ को कोई फ़ासीवादी नहीं कुचल सकेगा,मैं अमित शाह जी की आभारी हूं। वो चाहते तो हालातों के चलते मुझे कुछ दिन बाद मुंबई जाने की सलाह देते मगर उन्होंने भारत की एक बेटी के वचनों का मान रखा, हमारे स्वाभिमान और आत्मसम्मान की लाज रखी, जय हिंद।’
महाराष्ट्र
हनी ट्रैप के जाल में फंसे महाराष्ट्र के बड़े अधिकारी और पूर्व मंत्री: शिकायत की गई पर जांच अब तक अधूरी

मुंबई: महाराष्ट्र के एक बड़े अधिकारी और पूर्व मंत्री के खिलाफ हनी ट्रैप का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्हें महिलाओं द्वारा जाल में फंसाया गया। इस मामले में शिकायत दर्ज की गई है, लेकिन जांच की स्थिति अभी भी अस्पष्ट है।
जानकारी के अनुसार, एक पूर्व मंत्री और एक सीनियर सरकारी अधिकारी के ऊपर यह आरोप लगाया गया है कि उन्हें कुछ महिलाओं ने अपने जाल में फंसाया, जिससे उन्हें न केवल व्यक्तिगत बल्कि पेशेवर जीवन में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि इन अधिकारियों को महिलाओं ने अपने आकर्षण से प्रभावित करके संवेदनशील जानकारियाँ हासिल कीं।
हालांकि, यह मामला पुलिस के पास पहुंचने के बावजूद जांच की गति धीमी चल रही है। सूत्रों के अनुसार, अधिकारीयों की पहचान के बाद भी कार्यवाही में कोई खास प्रगति नहीं हुई है, जिससे कई सवाल उठ रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि यह मामला राजनीतिक दबाव के चलते ठंडा हो सकता है।
इस संदर्भ में एक स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता का कहना है कि ऐसे मामलों की गहराई से जांच होनी चाहिए, ताकि सच्चाई सामने आ सके। उन्होंने यह भी जोर दिया कि सत्ता में बैठे लोगों को इन मामलों में जवाबदेह ठहराना जरूरी है, ताकि भविष्य में कोई और हनी ट्रैप का शिकार न हो।
शहर की पुलिस ने इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। इस घटना ने पूरे महाराष्ट्र में हलचल मचा दी है और राजनीतिक गलियारों में भी इसकी गूंज सुनाई दे रही है।
आशंका व्यक्त की जा रही है कि यदि इस मामले की गहन जांच नहीं की गई, तो यह लोगों के बीच सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल उठा सकता है। आगामी दिनों में इस मामले पर और अधिक अपडेट की उम्मीद है, जब पुलिस विभाग इस जांच की दिशा में कोई ठोस कदम उठाएगा।
महाराष्ट्र की राजनीति में इस घटना ने न केवल सुरक्षा को लेकर चर्चा को जन्म दिया है, बल्कि हनी ट्रैप जैसे मामलों में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता को भी उजागर किया है।
महाराष्ट्र
राज्य मंत्रिमंडल में व्यापक फेरबदल, उपमुख्यमंत्रियों के बदलने की संभावना, कई विवादास्पद मंत्रियों के मंत्रालयों से हटने का डर

मुंबई: राज्य में बड़े पैमाने पर मंत्रियों के फेरबदल पर विचार किया जा रहा है और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस कई मंत्रियों को बदल सकते हैं, जिससे राजनीतिक उथल-पुथल और उथल-पुथल मच गई है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे इस बदलाव से प्रभावित होने को लेकर चिंतित हैं क्योंकि मुख्यमंत्री ने विवादास्पद मंत्रियों को हटाने या बदलने का फैसला किया है। इसमें उपमंत्री अजित पवार और एकनाथ शिंदे के कई मंत्री शामिल हैं, जिनके बदलाव की राष्ट्रीय संभावना है। राज्य मंत्रिमंडल में जल्द ही बड़ा बदलाव होने की संभावना है। कई वरिष्ठ मंत्रियों को उनकी कुर्सियों से हटाया जा सकता है और उनके विभाग छीने जा सकते हैं। इसमें कई नए चेहरों को मौका मिलने की भी संभावना है। इसलिए अब सबकी नजर राज्य की राजनीति पर है। महायोद्धा जल्द ही बैठक बुलाकर बड़े पैमाने पर बदलाव कर सकती है। मंत्रियों को बाहर करने के बाद अब कई नए चेहरों को मंत्रालय दिए जाने की संभावना स्पष्ट हो गई है जिन मंत्रियों को बदला जाएगा, उनमें उपमुख्यमंत्री कोटे के मंत्री, विवादास्पद मंत्री भी शामिल हैं और उनसे उनके मंत्रालय छीने जाने की संभावना है।
महाराष्ट्र
महायोति सरकार की नीति प्यारी बहनों का जीवन तबाह कर रही है, शराब की दुकानों के लाइसेंस के खिलाफ महायोति सरकार का विरोध

मुंबई: चुनावों में राज्य का खजाना खाली करने वाली सरकार अब राजस्व बढ़ाने के लिए शराब के लाइसेंस दे रही है, जिन पर 1972 से प्रतिबंध लगा हुआ था। महाकास अघाड़ी के सदस्यों ने शराब की दुकानों के लाइसेंस देने की नीति के खिलाफ विधान भवन की सीढ़ियों पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। शराब प्यारी बहनों का जीवन तबाह कर रही है।
महायोति सरकार ने शराब के लाइसेंस देकर जन-जीवन को अस्त-व्यस्त करने वाली नीति बनाई है। राज्य विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने सत्तारूढ़ दलों की कड़ी आलोचना की और कहा कि सत्तारूढ़ दल अपने हितों को साधने के लिए राज्य की प्यारी बहनों का जीवन तबाह कर रहे हैं।
इस अवसर पर महाविकास अघाड़ी के विधायकों ने नारे लगाए, “बोतल रखने वाली सरकार धिक्कार है, शराब रखने वाली सरकार धिक्कार है, शराब को बढ़ावा देने वाली सरकार धिक्कार है, शराब का व्यापार करने वाली सरकार धिक्कार है।” विपक्ष ने शराब की दुकानों के खिलाफ प्रदर्शन किया और सरकार को बहनों का घर उजाड़ने वाली सरकार बताया।
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