राजनीति
पृथ्वीराज चव्हाण, देवड़ा और वासनिक को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व को लेकर पत्र लिखने पर कड़ी फटकार
कांग्रेस में राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे घटनाक्रम के बीच महाराष्ट्र कांग्रेस ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में अपना विश्वास जताया है। वहीं, महाराष्ट्र के पशुपालन मंत्री सुनील केदार ने पृथ्वीराज चव्हाण, मिलिंद देवड़ा और मुकुल वासनिक को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व को लेकर पत्र लिखने पर कड़ी फटकार लगाई है। उन्होंने तीनों नेताओं को फौरन इस बात के लिए माफी मांगने को कहा है। साथ ही चेतावनी दी है कि ऐसा न करने पर कांग्रेस के कार्यकर्ता उन्हें महाराष्ट्र में घूमने नहीं देंगे।
महाराष्ट्र के पशुपालन मंत्री मंत्री सुनील केदार ने ट्वीट कर अपना गुस्सा जताया है। उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘मैं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का तहे दिल से समर्थन करता हूं। यह बड़े ही दुख की बात है कि पृथ्वीराज चव्हाण, मिलिंद देवड़ा और मुकुल वासनिक ने गांधी परिवार के नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं। उन्हें तुरंत इस बात के लिए माफी मांगनी चाहिए।
वरना कांग्रेस के कार्यकर्ता उन्हें महाराष्ट्र में घूमने नहीं देंगे।’ इसके बाद नागपुर में एक संवाददाता सम्मेलन में सुनील केदार ने कहा कि वह अपनी बात पर अडिग हैं। कांग्रेस के तथाकथित बुद्धिजीवियों ने नेतृत्व के मुद्दे पर एक स्टैंड लिया है जो हमारे जैसे आम कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है।
महाराष्ट्र के राहत और पुनर्वास मंत्री विजय वडेट्टीवार ने कहा कि कांग्रेस का नेतृत्व सोनिया गांधी और राहुल गांधी को ही करना चाहिए। उनके नेतृत्व में पार्टी एक बार फिर पुराने वैभव को प्राप्त करेगी। विजय वडेट्टीवार ने कहा, ‘गांधी परिवार से ही कोई व्यक्ति राष्ट्रीय अध्यक्ष होना चाहिए। राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी चर्चा की थी और उनकी मंजूरी से ही हमने मिलकर सरकार बनाई है। अगर वह बोलेंगे तो हम महाराष्ट्र की सरकार से अलग भी हो सकते हैं। एक कांग्रेसी होने के नाते हाईकमान के फैसले के साथ हम रहेंगे’।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
झूठी खबरें फैलाने वाला पाकिस्तान अब खुद फेक न्यूज से डरा, 2 अरब रुपये करेगा खर्च
इस्लामाबाद, 7 जनवरी। भारत के खिलाफ लगातार झूठी खबरें और प्रचार चलाने वाले पाकिस्तान को अब खुद फेक न्यूज का डर सता रहा है। इसका मुकाबल करने के लिए सरकार ने भारी भरकम रकम भी जारी करने का फैसला किया है।
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक संघीय सरकार ने राज्य संस्थाओं को निशाना बनाकर फर्जी खबरों और गलत सूचना अभियानों के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए 2 अरब रुपये आवंटित किए हैं।
वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब की अध्यक्षता में आर्थिक समन्वय समिति [ईसीसी] की बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया। इस कदम का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और राजनीतिक स्थिरता को कमजोर करने के लिए जानबूझकर फैलाई जा रही गलत सूचनाओं का मुकाबला करने की कोशिशों को मजबूत करना है।
आवंटित बजट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा, [1.945 बिलियन रुपये], रक्षा मंत्रालय को जाएगा। बताया जा रहा है कि इस कदम को पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर का भी समर्थन हासिल है।
रिपोर्ट के मुताबिक विस्तृत ब्रीफिंग में ईसीसी को बताया गया कि सेना की पब्लिस रिलेशंस विंग, इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस [आईएसपीआर] गलत सूचनाओं से निपटने में सबसे आगे है। हालांकि, गलत सूचना फैलाने की रणनीति के लगातार विकसित होने की वजह से आईएसपीआर की क्षमताओं को बढ़ाने की जरुरत है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार के इस फैसले ने पाकिस्तान के नागरिकों को और अधिक नाराज कर दिया है जो रिकॉर्ड-उच्च मुद्रास्फीति, गरीबी और बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं। बता दें पाकिस्तान लंबे समय से आर्थिक संकट का सामना कर रहा है और उसकी सारी उम्मीदें विदेशी कर्ज पर ही टिकी हैं।
आलोचकों ने स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और खाद्य सुरक्षा जैसे तत्काल घरेलू संकटों को संबोधित करने के बजाय नैरेटिव कंट्रोल पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सरकार की आलोचना की है।
राजनीति
यूपी : मिल्कीपुर में पांच फरवरी को होगा चुनाव, जिला प्रशासन ने की तैयारी
अयोध्या, 8 जनवरी। उत्तर प्रदेश के अयोध्या स्थित मिल्कीपुर में पांच फरवरी को उपचुनाव होना है। इसे लेकर जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। इस बारे में जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह ने बुधवार को पत्रकारों को जानकारी दी है।
उन्होंने बताया कि 273 मिल्कीपुर विधानसभा के लिए उपचुनाव हो रहा है। इस बार चुनाव आयोग ने कार्यक्रम जारी कर दिया है। उपचुनाव की निर्वाचन की अधिसूचना 10 जनवरी को जारी होगी, जिसके बाद नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 जनवरी है, जबकि नामांकन पत्रों की जांच 18 जनवरी को होगी। वहीं नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 20 जनवरी तय की गई है। तत्पश्चात 5 फरवरी को मतदान प्रक्रिया संपन्न होगी। मतगणना 8 फरवरी को होगी। निर्वाचन प्रक्रिया 10 फरवरी तक पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने बताया कि आयोग के निर्देश के मुताबिक चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू कर दी गई है।
डीएम चंद्र विजय ने बताया कि इस सीट पर तीन लाख 70 हजार 829 मतदाता है। युवा मतदाता चार हजार आठ सौ 11 हैं। कुल 414 बूथ हैं। मतदान केंद्र 255 हैं। इस चुनाव को कराने के लिए चार जोन और 41 सेक्टर में बांटा गया है। जितने भी जोनल सेक्टर मजिस्ट्रेट है उनकी तैनाती हो गई है। उनका प्रशिक्षण भी हो चुका है। इस चुनाव में जितने भी अधिकारी लगे हैं उनकी बैठक बुलाई गई है। सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक की जाएगी। आचार संहिता के बारे भी ब्रीफ किया जाएगा।
ज्ञात हो 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में मिल्कीपुर सीट से समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद ने जीत दर्ज की थी। वर्ष 2024 में पार्टी ने उन्हें अयोध्या संसदीय सीट से लोकसभा का उम्मीदवार बनाया। इसमें भी अवधेश प्रसाद ने जीत हासिल की। इसके बाद मिल्कीपुर सीट से उन्होंने त्यागपत्र दे दिया। इससे यह सीट खाली हो गई थी। अब इस पर उपचुनाव हो रहा है।
राष्ट्रीय समाचार
झारखंड में एचएमपीवी के संदिग्धों की स्क्रीनिंग के लिए रिम्स और एमजीएम में बने नोडल सेंटर
रांची, 8 जनवरी। झारखंड में स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर एचएमपीवी (ह्यूमन मेटान्यनूमो वायरस) के संदिग्धों की स्क्रीनिंग की प्रक्रिया बुधवार से शुरू हो गई है। रांची स्थित राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) और जमशेदपुर स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज को नोडल सेंटर बनाते हुए सैंपल की जांच की व्यवस्था की गई है।
पड़ोसी राज्य बंगाल में एचएमपीवी के केस मिलने की वजह से एहतियाती तौर पर एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर भी स्क्रीनिंग शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर सभी प्रमुख अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए जा रहे हैं। ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम का रियलिटी चेक कराया जा रहा है, ताकि किसी भी तरह की आपात स्थिति में अफरा-तफरी न हो। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने राज्य के सभी जिलों के सिविल सर्जन को पत्र लिखकर एचएमपीवी के संदिग्ध मामलों की निगरानी और नियंत्रण के सभी एहतियाती उपाय करने का निर्देश दिया है। सांस के मरीजों, इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस यानी सर्दी, खांसी, बुखार के लक्षण वाले मरीजों, बच्चों और बुजुर्गों की विशेष तौर पर निगरानी करने को कहा गया है। अपर सचिव ने सिविल सर्जनों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी की है। सरकार के निर्देश पर सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर कार्यरत कर्मियों को इन्फेक्शन कंट्रोल प्रैक्टिस को लेकर प्रशिक्षित किया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने बताया कि सिविल सर्जनों को मुख्यतः चार बिंदुओं पर निर्देश दिया गया है। चूंकि यह कोई नया वायरस नहीं है, इसलिए इसे लेकर किसी तरह की घबराहट और अफरा-तफरी न फैले, यह सुनिश्चित करने को कहा गया है। लोगों को इसके लक्षणों और इससे बचाव के लिए हाइजीन के नियमों के प्रति जागरूक करने का अभियान शुरू करने को कहा गया है। कोविड के दौरान लोगों ने जिस तरह के प्रोटोकॉल का पालन किया था, उसी तरह की सतर्कता अपनाई जानी चाहिए। हॉस्पिटल में बेड, ऑक्सीजन और दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
इधर, रिम्स के निदेशक डॉ. राजकुमार ने कहा है कि एचएमपीवी को लेकर लोगों को पैनिक होने की जरूरत नहीं है, लेकिन इसे लेकर सावधानी जरूर बरती जानी चाहिए। समय पर इसकी पहचान होने से सामान्य उपचार से मरीज ठीक हो जाता है। फ्लू, सर्दी, खांसी और संक्रमण अगर सात दिनों तक रहता है तो इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है।
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