खेल
राष्ट्रमंडल खेल, एशियाई खेल-2022 में अच्छा करना लक्ष्य : निकहत

साल 2020 की शुरुआत में सुर्खियां बटोरनी वाली भारत की महिला मुक्केबाज निकहत जरीन टोक्यो ओलंपिक में क्वालीफाई न करने पाने की निराशा से आगे बढ़ चुकी हैं और अब उनका ध्यान 2022 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई खेलों पर है।
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) द्वारा इस बात के संकेत दिए जाने के बाद कि ओलंपिक क्वालीफायर्स के लिए ट्रायल्स नहीं होगी और मैरी कॉम सीधे क्वालीफायर्स खेलेंगी, तब से निकहत और मैरी कॉम के बीच विवाद गहरा गया था।
निकहत ने इसके खिलाफ आवाज उठाई थी और महासंघ को ट्रायल्स करानी पड़ी थी, जिसमें मैरी कॉम ने निकहत को 9-1 से हरा दिया था।
निकहत ने आईएएनएस से कहा, “हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वह ओलंपिक में अपने देश का प्रतिनिधित्व करे। इसलिए जब मैं टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकी तो मैं निराश हो गई।”
उन्होंने कहा, “लेकिन मैंने अपने कदम उठाए और विश्वास किया कि जो कुछ होता है किसी कारण से होता है और इस बारे में सोचने के बजाए हमें उसे कबूल करना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए। मैंने आगे देखने का फैसला किया। मेरा ध्यान भविष्य के टूर्नामेंट्स पर है मैं उनके लिए तैयारी कर रही हूं।”
कोविड-19 के कारण हालांकि टोक्यो ओलम्पिक खेलों को एक साल के लिए टाल दिया गया और अब यह खेल 2021 में होंगे।
कोविड-19 के कारण देश में लॉकडाउन लगा था और इसी कारण मुक्केबाज ट्रेनिंग नहीं कर पाई थीं। उन्होंने इस दौरान अपने घर पर अपनी फिटनेस पर काम किया और यह सुनिश्चित किया कि वह सकारात्मक मानसिकता में रहें।
निकहत ने कहा, “आमतौर पर मेरा रूटीन कड़ी ट्रेनिंग से भरा होता है और मैं रोज बॉक्सिंग हॉल जाती हूं। लेकिन जब से लॉकडाउन शुरू हुआ तो मुझे अपना कार्यक्रम बनाए रखने में परेशानी आई, क्योंकि मेरे घर में कोई उपकरण नहीं थे और यह मेरे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ पर असर डाल रहा था।”
इस मुक्केबाज ने कहा, “स्थिति के साथ तालमेल बिठाने और सीमित संसाधनों के साथ ट्रेनिंग करने के लिए मैंने कुछ उपकरण खरीदे और घर में ट्रेनिंग शुरू की। इसने आश्वस्त किया कि मैं अपनी फिटनेस बनाए रख सकूं और अपना खेल सुधार सकूं, ताकि जब हालात सामान्य हो सकें तो मैं रिंग में उतरने को तैयार रहूं।”
उन्होंने कहा, “एक बार जब स्थिति सामान्य हो जाएगी तो मुझे पूरा भरोसा है कि मैं कुछ ही महीनों में अपनी फिटनेस के शीर्ष स्तर पर होऊंगी।”
24 साल की इस खिलाड़ी ने कहा कि इस साल कोई टूर्नामेंट्स नहीं होना है, इसलिए वे 2021 में होने वाले टूर्नामेंट्स के लिए अपनी फिटनेस और फुर्ती पर काम करेंगी।
उन्होंने कहा, “अब मैंने 2022 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई खेलों को अपना लक्ष्य बनाया है। इन टूर्नामेंट्स में शानदार प्रदर्शन करने के लिए मैं तैयारी कर रही हूं।
निकहत ने कहा, “इस साल कोई टूर्नामेंट्स नहीं होने हैं, इसलिए मैं अपने आप को 2021 में होने वाले टूर्नामेंट्स के लिए फिटनेस सुधारने और फुर्ती लाने की चुनौती दे रही हूं।”
निकहत ने वेल्सपन के साथ किए करार को लेकर भी अपनी बात रखी और कहा, “इस सफर में वेल्सपन ने मेरा काफी साथ दिया है। मैं उनके लगातार समर्थन और मार्गदर्शन के लिए शुक्रिया अदा करती हूं। वेल्सपन मेरे खेल के कई पहलुओं का ध्यान रख रहा है, जिससे मैं पूरी तरह से अपनी ट्रेनिंग पर फोकस कर पा रही हूं।”
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिकी ड्रग ऑपरेशन में ऑस्ट्रेलियाई व्यक्ति को मिली आजीवन कारावास की सजा

सिडनी, 12 जून। अमेरिकी मादक पदार्थ तस्करी में कथित संलिप्तता के आरोप में ऑस्ट्रेलियाई व्यक्ति को संघीय अधिकारियों ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
ऑस्ट्रेलियाई संघीय पुलिस (एएफपी) और ऑस्ट्रेलियाई सीमा बल (एबीएफ) ने गुरुवार को कहा कि सिडनी के 38 वर्षीय व्यक्ति पर अमेरिकी अभियान में उसकी कथित संलिप्तता से संबंधित पांच अपराधों के आरोप लगाए गए हैं, जिसके तहत ऑस्ट्रेलिया में 48 किलोग्राम अवैध ड्रग्स का आयात किया गया था।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2023 में शुरू हुई जांच के बाद मंगलवार को इस व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया, जब एबीएफ अधिकारियों ने तीन महीने की अवधि में अमेरिका से अवैध दवाओं से भरी 24 अलग-अलग खेपों को रोका था।
एएफपी और एबीएफ ने एक संयुक्त बयान में कहा कि इन खेपों में कुल मिलाकर 18 किलोग्राम मेथेम्फेटामाइन और 30 किलोग्राम कोकीन था।
उन्होंने बताया कि 38 वर्षीय व्यक्ति ने खेपों की निगरानी की और ऑस्ट्रेलिया पहुंचने पर उन्हें लेने के लिए तैयार था। उस पर संदिग्ध अपराध की आय में 125,000 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (81,113.5 अमेरिकी डॉलर) प्राप्त करने और दो व्यक्तियों की ओर से इसे लूटने का भी आरोप है।
एएफपी अधिकारियों ने मंगलवार को पश्चिमी सिडनी की दो संपत्तियों पर तलाशी ली और नकदी, 1 किलो कोकीन, गोला-बारूद और चार पिस्तौल जब्त किए। गिरफ्तारी के समय व्यक्ति के पास मौजूद तीन मोबाइल फोन भी जब्त किए गए।
उन पर सीमा-नियंत्रित दवा की व्यावसायिक मात्रा के आयात में सहायता करने और उसे बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया था, जिसके लिए अधिकतम आजीवन कारावास की सजा हो सकती है, साथ ही उन पर आग्नेयास्त्र, नशीली दवाओं की आपूर्ति और आपराधिक अपराधों की आय से निपटने का भी आरोप लगाया गया था।
अंतरराष्ट्रीय
ईरान के साथ तनाव के बीच मध्य पूर्व से अमेरिकी लोगों की वापसी, राष्ट्रपति ट्रंप कहा- क्योंकि यह खतरनाक हो सकता है

वाशिंगटन, 12 जून। अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु वार्ता के रुक जाने और बढ़ते क्षेत्रीय तनाव को देखते हुए व्हाइट हाउस ने कुछ मध्य पूर्वी देशों से अपने कुछ कर्मचारियों को वापस बुलाने का फैसला किया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यह फैसला एहतियात के तौर पर लिया गया है, क्योंकि यह इलाका अब संभावित रूप से “खतरनाक” बन गया है।
जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या अमेरिका अपने सैनिकों को मध्य पूर्व से हटाने की योजना बना रहा है, तो उन्होंने मीडिया से कहा, “हम अपने लोगों को वहां से हटा रहे हैं, क्योंकि वह इलाका खतरनाक हो सकता है। हम देखेंगे आगे क्या होता है। हमने वहां से हटने का नोटिस दे दिया है।”
जब उनसे पूछा गया कि क्या तनाव कम करने के लिए कोई कदम उठाए जा सकते हैं, तो राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अपना सख्त रुख दोहराया।
ट्रंप ने ईरान को लेकर कहा, “उनके पास परमाणु हथियार नहीं होने चाहिए। यह बहुत सीधी बात है। हम उन्हें परमाणु हथियार बनाने की इजाजत नहीं देंगे।”
ट्रंप का यह बयान उन रिपोर्टों के बाद आया है, जिनमें कहा गया है कि अमेरिका इराक में अपने दूतावास को आंशिक रूप से खाली करने की तैयारी कर रहा है।
अमेरिकी विदेश विभाग ने बुधवार को एक बयान में कहा, “हमारे हालिया विश्लेषण के आधार पर हमने इराक में अपने मिशन की उपस्थिति को कम करने का फैसला किया है।”
बयान में कहा गया है, “हम अपने सभी दूतावासों में कर्मचारियों की स्थिति की लगातार समीक्षा कर रहे हैं।”
बुधवार को ही अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने मध्य पूर्व में तैनात अमेरिकी सैनिकों के परिवारों को वहां से स्वेच्छा से लौटने की मंजूरी दे दी। इराक से कर्मचारियों को हटाने के पीछे की सुरक्षा चिंताएं अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं।
तनाव को और बढ़ाते हुए अर्कांसस के अमेरिकी सीनेटर टॉम कॉटन ने गुरुवार को कहा कि रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने यह पुष्टि की है कि ईरान सक्रिय रूप से परमाणु हथियार बनाने की कोशिश कर रहा है। यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौते को दोबारा शुरू करने की बातचीत लंबे समय से रुकी हुई है।
अपराध
बिहार : तेज रफ्तार वाहन ने पुलिसकर्मियों को मारी टक्कर, ड्राइवर फरार

पटना, 12 जून। बिहार की राजधानी पटना में बुधवार देर रात को श्रीकृष्णापुरी थाना क्षेत्र के पास एक तेज रफ्तार वाहन ने ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को टक्कर मार दी। इस हादसे में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इस हादसे के बारे में एसएसपी अवकाश कुमार ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि शुरुआती जांच में सामने आया है कि एक तेज रफ्तार वाहन ने बैरिकेडिंग तोड़ते हुए पुलिस पर ही गाड़ी चढ़ा दी। इस हादसे में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस मामले में अब तक दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि ड्राइवर फरार है।
पुलिस की मानें तो इस घटना को अंजाम देने के बाद ड्राइवर तुरंत मौके से फरार हो गया था। हालांकि, पुलिस ने आश्वस्त किया है कि जल्द ही ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पुलिस के मुताबिक, कार की पहचान कर ली गई है और जल्द ही रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर गाड़ी के मालिक को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पुलिस का कहना है कि अभी तक यह साफ नहीं हो पा रहा है कि यह महज एक हादसा था या इसे जानबूझकर अंजाम दिया गया था। हालांकि, इस मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है। ड्राइवर को पकड़ने के लिए जगह-जगह लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला जा रहा है। अब तक कई कैमरे खंगाले भी जा चुके हैं। लेकिन, अभी तक कोई ऐसी जानकारी सामने नहीं आई है, जिससे किसी नतीजे पर पहुंचा जा सके।
वहीं, प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि गाड़ी की रफ्तार बहुत ज्यादा थी, इसलिए यह हादसा हो गया। अगर गाड़ी की स्पीड ज्यादा नहीं होती, तो इस तरह की स्थिति पैदा ही नहीं होती।
अस्पताल का कहना है कि इस हादसे में घायल हुए दो लोगों की हालत अब स्थिर है। वे खतरे से पूरी तरह से बाहर आ चुके हैं। घायल पुलिसकर्मियों में एक एएसआई और दो पुलिस कांस्टेबल हैं।
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