राजनीति
मध्य प्रदेश में बासमती का जीआई टैग बनता सियासी मुद्दा

मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा उप-चुनाव के मद्देनजर बासमती चावल को जीआई टैग देने का मामला सियासी मुददा बनने लगा है। कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे पर हमलावर है, साथ ही अपने को किसानों का सबसे बड़ा हितैषी बताने में लग गई है।
ज्ञात हो कि मध्य प्रदेश के बासमती चावल को जीआई टैग दिलाए जाने का मामला फि लहाल सर्वोच्च न्यायालय में है। मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा मध्य प्रदेश की जीआई टैग की याचिका खारिज किए जाने के बाद राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील की है। पिछले दिनों पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मध्य प्रदेश को जीआई टैग देने पर विरोध दर्ज कराया था। उसके बाद से बासमती चावल को जीआई टैग दिलाने का मसला धीरे-धीरे सियासी मुद्दा बनने लगा है।
राज्य में 27 विधानसभा क्षेत्रों में उप-चुनाव होने वाले हैं। इनमें से अधिकांश स्थान ग्रामीण बाहुल्य वाले हैं, लिहाजा दोनों दलों के लिए किसानों की बात करना मजबूरी हो गया है। वर्तमान में राजनेता और राजनीतिक दलों को बासमती चावल को जीआई टैग का मुद्दा मिल गया है और दोनों ही दल अपनी-अपनी तरह से बात उठाते हुए एक-दूसरे पर हमला बोल रहे हैं और बासमती को जीआई टैग न मिलने के लिए जिम्मेदार भी ठहरा रहे हैं।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय िंसंह ने कहा है कि पिछले कुछ वषरें में राज्य के कई जिलों में बासमती धान की पैदावार काफी होने लगी है। उन्होंने कहा, यूपीए की सरकार के समय मेरी ओर से प्रयास किए गए थे कि जीआई टैग मिले। हैरानी इस बात की है कि शिवराज सिंह चौहान अपने कार्यकाल में इस मांग को नहीं उठा पाए। पिछले 13-14 साल मुख्यमंत्री रहे, अब वर्तमान में कृषि मंत्री नरेंद्र सिह तोमर भी राज्य के ही हैं। राज्य और केंद्र में भाजपा की सरकार है। अब आखिर क्या दिक्कत है।
दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज िंसंह चौहान को पत्र लिखकर कहा, प्रदेश के किसानों के हित में बासमती चावल सहित अन्य कृषि उत्पादों की उनकी श्रेष्ठता के आधार पर जी आाई टैग दिलवाये जाने के लिए दिल्ली चलिए और सभी सांसदों के साथ प्रधानमंत्री आवास पर धरना दीजिये। दलीय राजनीति से हटकर मैं भी आपके धरने में शामिल होने के लिये तैयार हूँ। आप यदि प्रधानमंत्री के सामने किसानों की मांग को लेकर धरना देने के लिए तैयार हैं तो तारीख से अवगत कराने का कष्ट करें।
पूर्व मुख्यमंत्री सिंह को जवाब देने के लिए कृषि मंत्री कमल पटेल आगे आए हैं। उनका कहना है, दिग्विजय सिंह बहुत देरी से जागे हैं। राज्य में 15 माह कमल नाथ की सरकार रही है और उसे दिग्विजय सिंह ही चलाते रहे हैं, उस दौरान सिर्फ लूट में लगे रहे। तब उन्हें जीआई टैग की याद नहीं आई। मद्रास उच्च न्यायालय में अपना पक्ष रखने और सर्वोच्च न्यायालय में अपील तक करने की नहीं सोची। अब तो पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह जो कांग्रेस के है वे ही मध्य प्रदेश को जीआई टैग दिए जाने का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख रहे हैं। वास्तव में दिग्विजय सिंह को पंजाब के मुख्यमंत्री को पत्र लिखना चाहिए कि वे मध्य प्रदेश का विरोध न करें।
पटेल ने आगे कहा कि किसानों के मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सजग हैं और उन्होंने सरकार की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में अपील की है जिसे स्वीकार कर लिया गया है। भरोसा है कि राज्य को जीआई टैग मिलेगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राज्य में विधानसभा के उप-चुनाव में दोनों ही राजनीतिक दलों को मुद्दों की तलाश है, लिहाजा वे हर संभव यह कोशिश कर रहे हैं कि किसी भी तरह जनता और वगरें को यह संदेश पहुंचा सके कि वो उनके हितों की लड़ाई के लिए तैयार है। उप-चुनाव उन क्षेत्रों में होने वाले हैं जहां किसानी से जुड़ा वर्ग बड़ा मतदाता है, इसलिए बासमती को जीआई टैग का मुद्दा उन मतदाताओं का दिल जीतने की जुगत से ज्यादा कुछ नहीं है। दोनों दलों की सरकारें रही, उस दौरान उन्होंने क्या किया, इसका भी तो ब्यौरा दें, वास्तव में इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
महाराष्ट्र
मुंबई के आजाद मैदान में आंदोलन कर पाएंगे मनोज जरांगे, पुलिस ने शर्तों के साथ दी मंजूरी

मुंबई, 27 अगस्त : मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल को मुंबई पुलिस ने कुछ शर्तों के साथ आजाद मैदान में आंदोलन की अनुमति दे दी है। यह आंदोलन 29 अगस्त को सुबह 9 बजे शुरू होगा और शाम 6 बजे समाप्त होगा।
इससे पहले, बॉम्बे हाई कोर्ट ने मनोज जरांगे को मराठा आरक्षण के मुद्दे पर मुंबई के आजाद मैदान में विरोध प्रदर्शन करने से रोक दिया था। कोर्ट ने राज्य सरकार को उन्हें (मनोज जरांगे) खारघर या नवी मुंबई में कहीं और प्रदर्शन की अनुमति देने का निर्देश दिया था।
बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद मुंबई पुलिस ने मनोज जरांगे पाटिल को कुछ शर्तों के साथ आजाद मैदान में आंदोलन की अनुमति दे दी है।
मुंबई पुलिस ने बताया कि इस आंदोलन के लिए केवल एक दिन की अनुमति दी गई है, जो 29 अगस्त को होगा। इसमें अधिकतम 5,000 लोग ही शामिल हो सकते हैं।
पुलिस ने यह भी निर्देश दिया है कि आंदोलन के लिए केवल 7,000 वर्ग मीटर का क्षेत्र उपलब्ध होगा, जो 5,000 लोगों को समायोजित करने की क्षमता रखता है। यह आंदोलन सुबह 9 बजे शुरू होगा और इसका समापन शाम 6 बजे करना होगा।
पुलिस ने मनोज जरांगे के आंदोलन के लिए निर्देश भी जारी किए हैं।
मुंबई पुलिस के अनुसार, आंदोलन के लिए केवल एक दिन की अनुमति दी जाएगी। शनिवार, रविवार या सार्वजनिक/शासकीय अवकाश के दिन कोई अनुमति नहीं दी जाएगी। कुछ निश्चित वाहनों को अनुमति होगी। वाहनों के पार्किंग के लिए यातायात पुलिस से समन्वय करना होगा। आपके वाहन ईस्टर्न फ्री वे से वाडीबंदर जंक्शन तक आएंगे। वहां से केवल 5 वाहन आजाद मैदान तक जा सकेंगे, बाकी वाहनों को शिवडी, ए शेड, या कॉटनग्रीन में पुलिस द्वारा निर्दिष्ट स्थान पर पार्क करना होगा।
इसके अलावा, आंदोलन में अधिकतम 5,000 प्रदर्शनकारी हो सकते हैं। आजाद मैदान का 7,000 वर्ग मीटर क्षेत्र आंदोलन के लिए आरक्षित है, जो केवल 5,000 लोगों को समायोजित कर सकता है। अन्य आंदोलनकारियों ने भी 29 अगस्त के लिए अनुमति मांगी है, इसलिए मैदान की जगह शेयर करनी होगी।
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र : 20 साल बाद राज ठाकरे के घर पहुंचे उद्धव ठाकरे, ‘शिवतीर्थ’ में किए गणपति बप्पा के दर्शन

मुंबई, 27 अगस्त : महाराष्ट्र में गणेश उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस अवसर पर ‘ठाकरे ब्रदर्स’ एक बार फिर इकट्ठा हुए। लगभग 20 साल के बाद यह मौका आया है, जब राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने साथ मिलकर गणेश उत्सव मनाया।
राज ठाकरे के घर पर डेढ़ दिन का गणपति उत्सव होता है। राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे को फोन किया था और उन्हें गणपति के लिए अपने घर आने का निमंत्रण दिया था। इस निमंत्रण को स्वीकार करते हुए, उद्धव ठाकरे बुधवार को राज ठाकरे के आवास पर गए।
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने बेटे व विधायक आदित्य ठाकरे और पत्नी रश्मि ठाकरे के साथ राज ठाकरे के घर ‘शिवतीर्थ’ पहुंचे। उद्धव ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे के घर पर गणपति बप्पा के दर्शन किए और पूजा-अर्चना की। गणेश उत्सव पर ठाकरे परिवार के एक साथ आने से ‘शिवतीर्थ’ का माहौल बदल गया। पूजा अर्चना के बाद दोनों भाइयों (राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे) ने साथ में फोटो खिंचवाई। बाद में एक फैमिली फोटो भी खिंचाई गई।
गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों में ठाकरे बंधुओं की यह तीसरी मुलाकात है। हाल के कुछ महीनों में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच नजदीकियां बढ़ी हैं। पिछले कुछ सालों से ठाकरे बंधुओं के बीच रिश्ते तनावपूर्ण थे।
मनमुटाव को दूर करते हुए 5 जुलाई को दोनों भाई एक विजय रैली के लिए एक साथ आए। हिंदी को अनिवार्य करने के फैसले के विरोध में राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक साथ दिखे। राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे हिंदी को अनिवार्य करने के फैसले के खिलाफ एक संयुक्त मार्च निकालने वाले थे, लेकिन फैसला रद्द होने के बाद, मार्च की जगह विजय रैली निकाली गई।
उसके बाद, 27 जुलाई को राज ठाकरे उद्धव ठाकरे के जन्मदिन पर उनके आवास ‘मातोश्री’ गए थे। करीब 20 साल के बाद मौका आया था, जब राज ठाकरे ‘मातोश्री’ गए थे।
राजनीति
पीएम मोदी वैष्णो देवी मार्ग में भूस्खलन पर पल-पल की अपडेट ले रहे हैं: जितेंद्र सिंह

नई दिल्ली, 27 अगस्त : जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर 26 अगस्त को हुए भूस्खलन के बाद केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बुधवार को स्थिति पर अपडेट साझा किया है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि जम्मू संभाग आयुक्त रमेश कुमार उनके लगातार संपर्क में हैं और विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि हम सभी के लिए एक बेहद आश्वस्त करने वाली बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर नजर रख रहे हैं और अपडेट प्राप्त कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू संभाग के मौजूदा हालात पर अपडेट देते हुए बताया कि पुंछ और राजौरी जिलों को छोड़कर पूरे जम्मू संभाग में बारिश जारी है, लेकिन इसकी तीव्रता कम हो गई है।
तवी नदी का जलस्तर कम हुआ है, जो राहत की बात है, लेकिन चिनाब नदी अभी भी खतरे के निशान के करीब बह रही है। तत्काल प्राथमिकता बिजली, पानी की आपूर्ति और मोबाइल सेवाओं की बहाली है, जिसके लिए अधिकारी रात भर लगातार काम कर रहे हैं। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, अर्धसैनिक बल, सेना और वायु सेना के अधिकारी नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि स्कूलों और कॉलेजों को बंद रखने का आदेश दिया गया है, और आम जनता को उनकी सुरक्षा के लिए अनावश्यक आवाजाही से बचने की सलाह दी गई है।
आगे कहा कि क्षतिग्रस्त संरचनाओं में ऐतिहासिक माधोपुर पुल भी शामिल है, जो 11 मई 1953 को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की इसी पुल के बीचों-बीच गिरफ्तारी के बाद इतिहास का हिस्सा बन गया था। आज सुबह लगभग 3 बजे से इस पुल पर यातायात रोक दिया गया है।
जनता से अपील है कि बिना घबराए, हम सभी आपस में और अधिकारियों के साथ सहयोग करें। हम सभी के लिए एक बेहद आश्वस्त करने वाली बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर नज़र रख रहे हैं और अपडेट प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा प्रत्येक जिले के लिए हेल्पलाइन नंबर दिए गए हैं।
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