खेल
भारतीय टीम फीफा विश्व कप क्वालीफायर 2022 के स्थगित होने से खुश

भारतीय पुरुष फुटबाल टीम के खिलाड़ियों ने कोविड-19 महामारी के कारण 2022 फीफा विश्व कप और 2023 एएफसी एशियाई कप के लिए एशिया में होने वाले आगामी क्वालीफाइंग मैचों के अगले साल तक के लिए स्थगित होने के फीफा और एशियाई फुटबाल परिसंघ (एएफसी) के फैसले का स्वागत किया है। एएफसी ने बुधवार को एक बयान में कहा था, “कई देशों में वर्तमान कोविड-19 स्थिति को देखते हुए, फीफा और एशियाई फुटबाल परिसंघ (एएफसी) ने संयुक्त रूप से फैसला किया है कि फीफा विश्व कप कतर 2022 और एएफसी एशियाई कप चीन 2023 के लिए आगामी क्वालीफाइंग मैच, जोकि मुल रूप से अक्टूबर और नवंबर 2020 में अंतरराष्ट्रीय मैच विंडों के दौरान होने थे, उसे अब 2021 में पुनर्निर्धारित की जाएगी।”
टीम के गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू ने स्पष्ट करते हुए कहा कि खिलाड़ियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक बहुत ही अच्छा निर्णय था।
संधू ने अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) टीवी से कहा, ” मुझे इसका अहसास था। महामारी के कारण अभी अंतर्राष्ट्रीय फुटबाल को फिर से शुरू करने के मामले में स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। सुरक्षा को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है।”
उन्होंने कहा, ” मैं मैदान में वापसी करने को लेकर उत्साहित हूं। मैं आश्वस्त हूं कि बाकी खिलाड़ियों के लिए भी ऐसा ही है। एक खिलाड़ी के नजरिए से यदि आपको खेलने का एक मौका नहीं मिलता है तो आप अगले मौके के लिए तैयार हो जाते हैं।”
मिडफील्डर अनिरुद्ध थापा ने कहा, ” इस घोषणा के बाद मेरा पहला विचार यह था कि वापसी के लिए हमारा इंतजार और लंबा होगा। लेकिन हमें बड़े नजरिए से भी सोचने की जरूरत है। सभी की सुरक्षा महत्वपूर्ण है। मैं पूरी तरह से फैसले के साथ खड़ा हूं।”
डिफेंडर आदिल खान का मानना है कि यह स्थगन ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है लेकिन इसे सभी खिलाड़ियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
उन्होंने कहा, ” क्वालीफायर्स का स्थगित होना दुर्भाग्यपूर्ण है। लेकिन मैं समझता हूं कि यह एक सही फैसला था। हम सभी मैदान पर नहीं जाने से काफी दुखी है। लेकिन दूसरी ओर, हमें किसी मैच के आयोजन में शामिल सभी की सुरक्षा का भी ध्यान रखना होगा।”
प्रीतम कोटल का मानना है कि खेलने के लिए अलग-अलग स्थलों पर जाने वाले खिलाड़ियों के लिए यह बड़ा खतरा हो सकता है।
कोटल ने कहा, ” हम सभी ने देखा कि बांग्लादेश के खिलाड़ियों और भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ियों के साथ क्या हुआ। उनमें से कई जांच में संक्रमित पाा गए। मुझे लगता है कि जब आपके सामने इस तरह की स्थिति होती है, तो अंतर्राष्ट्रीय खेल कार्यक्रमों में देरी करना समझदारी है।”
राजनीति
पीएम मोदी वैष्णो देवी मार्ग में भूस्खलन पर पल-पल की अपडेट ले रहे हैं: जितेंद्र सिंह

नई दिल्ली, 27 अगस्त : जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर 26 अगस्त को हुए भूस्खलन के बाद केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बुधवार को स्थिति पर अपडेट साझा किया है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि जम्मू संभाग आयुक्त रमेश कुमार उनके लगातार संपर्क में हैं और विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि हम सभी के लिए एक बेहद आश्वस्त करने वाली बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर नजर रख रहे हैं और अपडेट प्राप्त कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू संभाग के मौजूदा हालात पर अपडेट देते हुए बताया कि पुंछ और राजौरी जिलों को छोड़कर पूरे जम्मू संभाग में बारिश जारी है, लेकिन इसकी तीव्रता कम हो गई है।
तवी नदी का जलस्तर कम हुआ है, जो राहत की बात है, लेकिन चिनाब नदी अभी भी खतरे के निशान के करीब बह रही है। तत्काल प्राथमिकता बिजली, पानी की आपूर्ति और मोबाइल सेवाओं की बहाली है, जिसके लिए अधिकारी रात भर लगातार काम कर रहे हैं। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, अर्धसैनिक बल, सेना और वायु सेना के अधिकारी नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि स्कूलों और कॉलेजों को बंद रखने का आदेश दिया गया है, और आम जनता को उनकी सुरक्षा के लिए अनावश्यक आवाजाही से बचने की सलाह दी गई है।
आगे कहा कि क्षतिग्रस्त संरचनाओं में ऐतिहासिक माधोपुर पुल भी शामिल है, जो 11 मई 1953 को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की इसी पुल के बीचों-बीच गिरफ्तारी के बाद इतिहास का हिस्सा बन गया था। आज सुबह लगभग 3 बजे से इस पुल पर यातायात रोक दिया गया है।
जनता से अपील है कि बिना घबराए, हम सभी आपस में और अधिकारियों के साथ सहयोग करें। हम सभी के लिए एक बेहद आश्वस्त करने वाली बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर नज़र रख रहे हैं और अपडेट प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा प्रत्येक जिले के लिए हेल्पलाइन नंबर दिए गए हैं।
अंतरराष्ट्रीय
गाजा के नासिर अस्पताल पर हुए दोहरे हमले का उद्देश्य कैमरे को नष्ट करना था : इजरायली सेना

यरूशलम, 27 अगस्त : इजरायल रक्षा बलों ने अपनी प्रारंभिक जांच में दावा किया है कि गाजा के नासिर अस्पताल पर हुए दोहरे हमले का उद्देश्य हमास द्वारा लगाए गए कैमरे को नष्ट करना था।
गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, नासिर अस्पताल पर हुए दोहरे हमले में कम से कम 20 लोग मारे गए, जिनमें पांच पत्रकार और कई स्वास्थ्यकर्मी शामिल थे।
नासिर अस्पताल दक्षिणी गाजा में आंशिक रूप से कार्यरत अंतिम चिकित्सा केंद्र था। इजराइल के 22 महीने के सैन्य अभियानों ने गाजा के स्वास्थ्य ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया है, जिसके चलते अधिकांश अस्पताल या तो पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हैं।
एक बयान में, सेना ने कहा कि गोलानी ब्रिगेड के सैनिकों ने खान यूनिस के नासिर अस्पताल क्षेत्र में एक निगरानी कैमरे की पहचान की थी, जिसे कथित तौर पर हमास ने आईडीएफ की गतिविधियों पर नज़र रखने और आतंकवादी गतिविधियों को निर्देशित करने के लिए लगाया था।
सेना ने अपने दावे के समर्थन में कोई सबूत नहीं दिया, लेकिन हमास पर नासिर अस्पताल सहित अस्पतालों का सैन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
सेना ने कहा, “सैनिकों ने कैमरे को नष्ट करके खतरे को दूर करने के लिए कार्रवाई की और जांच से पता चला कि सैनिकों ने खतरे को दूर करने के लिए कार्रवाई की।” हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि एक कैमरे को नष्ट करने के लिए दो हमले क्यों जरूरी थे।
प्रारंभिक जांच के निष्कर्ष सैन्य प्रमुख इयाल जमीर को प्रस्तुत किए गए। जांच में दावा किया गया कि हमला हमास द्वारा लगाए गए एक निगरानी कैमरे को नष्ट करने के लिए था, जिसे आईडीएफ की गतिविधियों पर नजर रखने और आतंकवादी गतिविधियों को निर्देशित करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। हालांकि, इस दावे का कोई ठोस सबूत नहीं दिया गया।
जमीर ने कहा कि मारे गए छह आतंकवादी हमास और इस्लामिक जिहाद के आतंकवादी थे, जिनमें से एक 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के नेतृत्व में हुए घातक हमले में शामिल था। सेना ने कहा कि उसे गैर-संलिप्त व्यक्तियों को हुए किसी भी नुकसान के लिए खेद है।
अंतरराष्ट्रीय निंदा के बीच, इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को कहा कि नासिर अस्पताल में हुई “दुखद दुर्घटना पर इजराइल को गहरा खेद है।”
गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, अक्टूबर 2023 से इजरायली हमलों और गोलीबारी में कम से कम 62,819 लोग मारे गए और 158,629 अन्य घायल हुए।
खेल
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान बॉब सिम्पसन का निधन, स्टीव वॉ किया उनके योगदान को याद

नई दिल्ली, 16 अगस्त। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान बॉब सिम्पसन का शनिवार को निधन हो गया। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज स्टीव वॉ ने अपने करियर और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में बॉब सिम्पसन के योगदान की प्रशंसा की।
स्टीव वॉ ने इंस्टाग्राम पर लिखा, “बॉब सिम्पसन से ज्यादा ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट को किसी ने नहीं दिया। कोच, खिलाड़ी, कमेंटेटर, लेखक, चयनकर्ता, मार्गदर्शक और पत्रकार के तौर पर उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के उत्थान और टीम को सर्वश्रेष्ठ बनाने में बड़ी भूमिका निभाई।”
वॉ ने लिखा कि वह खेल के अपने ज्ञान को दूसरों तक पहुंचाने की इच्छा रखने वाले सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट कोच थे। उन्होंने मुझे एक बेहतर खिलाड़ी और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट को महान बनाया।
ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच शनिवार को होने वाले तीसरे टी20 मैच से पहले उन्हें मौन रहकर श्रद्धांजलि दी जाएगी। मैच के दौरान ऑस्ट्रेलियाई टीम अपने हाथ पर काली पट्टी भी बांधेगी।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के मुताबिक बॉब सिम्पसन का निधन 89 साल की उम्र में शनिवार को सिडनी में हो गया। बॉब सिम्पसन ने 1957 से लेकर 1978 के बीच ऑस्ट्रेलिया के लिए 62 टेस्ट और 2 वनडे मैच खेले। टेस्ट मैचों में 10 शतक और 27 अर्धशतक लगाते हुए उन्होंने 4,869 रन बनाए। उनके नाम तिहरा शतक लगाने की उपलब्धि है। उनका सर्वाधिक स्कोर 311 था। इसके अलावा 71 विकेट भी उन्होंने लिए थे। वहीं, वनडे में उन्होंने 36 रन बनाए थे और 2 विकेट लिए थे।
प्रथम श्रेणी क्रिकेट में बॉब का रिकॉर्ड असाधारण है। 257 प्रथम श्रेणी मैचों में 60 शतक और 100 अर्धशतक लगाते हुए उन्होंने 21,029 रन बनाए थे। इसके अलावा उन्होंने 349 विकेट भी लिए थे।
सिम्पसन ने 39 टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी की थी। वह 1986 से 1996 तक ऑस्ट्रेलिया के मुख्य कोच रहे। ऑस्ट्रेलिया ने 1987 का विश्व कप, 1989 में इंग्लैंड में एशेज, और 1995 में वेस्टइंडीज के खिलाफ विदेशी सीरीज उनकी कोचिंग में जीती थी।
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