राजनीति
गांवों में घर-घर की बनेगी डिजिटल प्रोफाइल, सरकार और जनता के बीच घटेगी दूरी

गांवों में सरकारी सेवाओं की डिजिटल डिलीवरी के लिए मोदी सरकार बड़ी योजना पर काम करने में जुटी है। अगले साल तक गांवों में घर-घर की डिजिटल प्रोफाइल बनाने की तैयारी है। मकसद है कि देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर वर्ष 2022 तक गांव का हर व्यक्ति घर बैठे सभी योजनाओं का लाभ उठाने में सफल हो सके।
इस महत्वाकांक्षी योजना की नोडल मिनिस्ट्री, ग्रामीण विकास मंत्रालय के एक अफसर ने आईएएनएस से कहा- आसान शब्दों में कहा जाए तो यह सरकार और जनता के बीच की दूरी घटाने की कवायद है। गांवों में ऑनलाइन उपलब्धता से बिना वजह सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने की झंझट से लोगों को छुटकारा मिलेगा।
दरअसल, मोदी सरकार ने ग्रामीण भारत के विकास के लिए एक विजन डाक्यूमेंट तैयार कराया है। जिसमें 2024 तक चलने वाली सभी योजनाओं का ब्लू प्रिंट है। आईएएनएस के पास मौजूद इस विजन डाक्यूमेंट में गांवों के विकास का जो खाका खींचा गया है, उसके चैप्टर 8 में इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी से गांवों के विकास की बात है। इसमें कहा गया है, गांवों में रहने वाले लोगों से स्थानीय भाषा में टू वे कम्युनिकेशन (दोतरफा संचार) स्थापित करते हुए सभी सरकारी सेवाओं की डिजिटल उपलब्धता सुनिश्चित होगी। मोबाइल केंद्रित तकनीक से ग्रामीणों की कार्यक्षमता में बढ़ोतरी कर उन्हें और जिम्मेदार नागरिक बनाया जाना है। इसके लिए स्थानीय भाषाओं में संचालित वेबसाइट भी बनाए जाएंगे।
मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि सरकारी विभागों और जनता को तकनीक के जरिए एक दूसरे के नजदीक लाने की सरकार कोशिश कर रही है। अभी फिलहाल गांवों में डिजिटल आधारभूत ढांचे के निर्माण पर सरकार जोर दे रही है। 2021-22 में हर घर की डिजिटल प्रोफाइल बनेगी। इस दौरान इंटरनेट, मोबाइल, डेस्कटॉप और डिजिटिल लिटरेसी के बारे में सर्वे कर प्रोफाइल तैयार किया जाएगा, ताकि गांवों में घर-घर इलेक्ट्रॉनिक रूप से सेवाओं को जनता तक पहुंचाया जा सके, वहीं डिजिटल साक्षरता को भी बढ़ाया जा सके।
सूत्रों का कहना है कि यही वजह है कि गांवों को हाईस्पीड इंटरनेट से जोड़ने की दिशा में पहले से सरकार काम कर रही है। ताकि गांवों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की सभी योजनाएं आगामी वर्षों में परवान चढ़ सकें। गांवों में डिजिटल ढांचा तैयार होने पर बगैर कागज के ही सरकारी सेवाएं डिजिटल रूप से जनता तक पहुंच सकेंगी। ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से तैयार विजन डाक्यूमेंट में कहा गया है कि इस योजना के जरिए देश की 70 प्रतिशत आबादी तक सूचना, शिक्षा और संचार(आईईसी) को बढ़ावा मिलेगा।
राजनीति
एमसीडी में 25 अप्रैल को महापौर और उपमहापौर के होंगे चुनाव, भाजपा का पलड़ा दिख रहा है भारी

नई दिल्ली, 16 अप्रैल। दिल्ली में विधानसभा चुनाव के बाद अब दूसरे रण की तैयारी शुरू हो चुकी है। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में महापौर और उपमहापौर पदों के लिए चुनाव 25 अप्रैल को होंगे। हर वित्तीय वर्ष की पहली बैठक में महापौर का चुनाव होता है, जो आमतौर पर अप्रैल में आयोजित की जाती है। चुनाव होने तक मौजूदा महापौर पद पर बने रहते हैं। वर्तमान में आम आदमी पार्टी (आप) के महेश खींची इस पद पर काबिज हैं और चुनाव तक वही कार्यरत रहेंगे।
11 अप्रैल को जारी आदेश में एमसीडी सचिव शिव प्रसाद ने कहा, “एमसीडी की अप्रैल की सामान्य बैठक 25 अप्रैल, 2025 को दोपहर 2 बजे अरुणा आसफ अली सभागार, सिविक सेंटर में आयोजित की जाएगी, जिसमें महापौर और उपमहापौर का चुनाव भी कराया जाएगा।”
दिल्ली में निगम चुनाव हर पांच साल में होते हैं जबकि महापौर का चुनाव हर साल होता है। पिछला महापौर चुनाव नवंबर 2024 में हुआ था, क्योंकि अप्रैल 2024 में उस समय के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के कारण समय पर मंजूरी नहीं मिल पाई थी। इस साल महापौर पद सभी पार्षदों के लिए खुला है, क्योंकि पहले कार्यकाल में महिलाओं और तीसरे कार्यकाल में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण लागू होता है। इस बार कोई आरक्षण लागू नहीं है।
फरवरी में दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत के बाद, आम आदमी पार्टी (आप) के कई पार्षद भाजपा में शामिल हो गए, जिससे भाजपा को आगामी महापौर चुनाव में बढ़त मिल गई है। महापौर चुनाव के लिए निर्वाचन मंडल में 250 पार्षद, सात लोकसभा सांसद, तीन राज्यसभा सांसद और दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष द्वारा नामित 14 विधायक शामिल होते हैं। 10 नामित पार्षद (एल्डरमेन) भी प्रक्रिया में भाग लेते हैं, लेकिन उन्हें मतदान का अधिकार नहीं होता।
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने 22 मार्च को एमसीडी के लिए 14 विधायकों को नामित किया, जिनमें 11 भाजपा और तीन आप के विधायक हैं। 2022 के निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 134 सीटें जीतकर भाजपा (104 सीटें) को हराया था। 14 नवंबर, 2024 को हुए महापौर चुनाव में ‘आप’ उम्मीदवार को केवल तीन वोटों के अंतर से जीत मिली थी, जिसमें क्रॉस वोटिंग की भूमिका रही। वर्तमान में 274 सदस्यीय निर्वाचन मंडल में भाजपा के पास 135 और आप के पास 119 सदस्यों का समर्थन है। 12 सीटें खाली हैं क्योंकि 11 पार्षद विधायक और एक सांसद चुने जा चुके हैं। इस बार के एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी का गठबंधन कांग्रेस के साथ नहीं है, जो माना जा रहा है कि नतीजा भाजपा के पक्ष में जाने वाला है।
महाराष्ट्र
यूसुफ अब्राहनी घर लौटे और समाजवादी पार्टी में शामिल हुए

मुंबई: महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और इस्लाम जिमखाना के चेयरमैन एडवोकेट यूसुफ अब्राहनी कांग्रेस छोड़कर घर लौट आए हैं और राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं। समाजवादी पार्टी के नेता और विधायक अबू आसिम आज़मी ने यूसुफ अब्राहानी के सपा में शामिल होने की घोषणा की है और कहा है कि यूसुफ अब्राहानी महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी को मजबूत करने के लिए पार्टी में शामिल हुए हैं। समाजवादी पार्टी भाजपा से मुकाबला करने में सबसे आगे है और यह पार्टी सांप्रदायिकता से लड़ने वाली पार्टी है, इसलिए यूसुफ अब्रहानी को पार्टी में शामिल किया गया है। मुझे उम्मीद है कि अब्राहमानी पार्टी के संगठनात्मक मामलों को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत करते रहेंगे। यूसुफ अब्राहनी को अभी तक पार्टी में कोई पद नहीं दिया गया है। यह निर्णय अबू आसिम आज़मी द्वारा लिया जाएगा। यूसुफ के बेटे शहजाद अब्राहानी, ज़ेबा मलिक भी पार्टी में शामिल हो गए हैं।
अपराध
नासिक : धार्मिक स्थल को लेकर उड़ी अफवाह के बाद बवाल, पथराव में कई घायल

नासिक, 16 अप्रैल। नासिक के काठे गली इलाके में मंगलवार रात पुलिस पर पथराव किया गया। यह घटना तब हुई जब क्षेत्र में बिजली कट गई और इसी अंधेरे का फायदा उठाकर भीड़ ने अचानक पुलिस और आसपास खड़े वाहनों पर पत्थर बरसाने शुरू कर000000 दिए। इस हिंसक घटनाक्रम में तीन से चार पुलिसकर्मी घायल हो गए, जबकि पांच वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। हंगामे की वजह एक धार्मिक स्थल को लेकर उड़ी अफवाह बताई जा रही है।
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को तत्काल कार्रवाई करनी पड़ी। रात में करीब 500 पुलिसकर्मियों को मौके पर तैनात किया गया ताकि हालात और न बिगड़ें। बताया जा रहा है कि हंगामे के समय करीब 400 से 500 लोग मौजूद थे। पुलिस ने किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए इलाके में ट्रैफिक मार्गों में बदलाव भी कर दिए हैं। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने मिलकर हालात पर कड़ी नजर रखी और रात भर गश्त जारी रही।
सूत्रों ने बताया कि इस पूरे मामले की जड़ एक विवादास्पद धार्मिक स्थल है, जिस पर पिछले कुछ दिनों से तनाव की स्थिति बनी हुई थी। नगरपालिका ने 1 अप्रैल को अदालत के आदेश के बाद एक अनधिकृत निर्माण पर नोटिस दिया था, जिसमें कहा गया था कि यदि निर्माण को स्वयं नहीं हटाया गया तो प्रशासन उचित कार्रवाई करेगा। इस चेतावनी के बावजूद धार्मिक स्थल को नहीं हटाया गया, जिससे स्थानीय लोगों में असंतोष और तमाम तरह की अफवाह फैल गई।
अधिकारियों ने बताया कि इस क्षेत्र में कुछ धार्मिक स्थलों का निर्माण बिना अनुमति के किया गया था और इन्हें हटाने के लिए नोटिस दिया गया था, जिसके बाद यह घटना हुई है। अगले दो दिनों में ऐसे सभी अनधिकृत धार्मिक स्थलों को हटाया जाएगा। नासिक पुलिस का कहना है पुलिस पूरे इलाके में शांति बनाए रखने के लिए कार्रवाई कर रही है। पुलिस और प्रशासनिक अमले की मौजूदगी अब भी इलाके में बनी हुई है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
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