राजनीति
बागी विधायकों का दिल जीतने की कोशिश करूंगा : गहलोत

सचिन पायलट और उनके खेमे के कांग्रेस विधायकों के बागी तेवरों से उत्पन्न संकट का समाधान होने के बाद, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि वह उनकी शिकायतों को जानने और उनका दिल जीतने की कोशिश करेंगे। गहलोत कांग्रेस विधायक दल की बैठक की अध्यक्षता करने के लिए जैसलमेर रवाना होने से पहले मीडिया से बात कर रहे थे, जहां उनके खेमे के विधायक रह रहे हैं।
उन्होंने कहा, “बतौर मुख्यमंत्री अपने विधायकों का दिल जीतना मेरी जिम्मेदारी है, अगर उनके पास मुझसे नाराज होने का कोई कारण है। हम यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि उनसे क्या वादे किए गए थे और क्यों वे नाराज हैं।”
गहलोत ने बताया कि कांग्रेस आलाकमान द्वारा विधायकों की शिकायतों को देखने के लिए 3 सदस्यीय समिति बनाई गई है।
हालांकि, कांग्रेस में पायलट की वापसी पर जब गहलोत की राय जानने की कोशिश की गई तो वह इस सावल को टाल गए। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने पूर्व उममुख्यमंत्री को ‘निकम्मा’ और ‘नकारा’ तक कह डाला था।
जुलाई में उपमुख्यमंत्री और पीसीसी प्रमुख के पद से बर्खास्त किए गए पायलट पार्टी नेतृत्व से मिलने के बाद सड़क मार्ग से राज्य की राजधानी जयपुर लौट रहे हैं और उनका समर्थकों द्वारा विभिन्न स्थानों पर स्वागत किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने भाजपा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सभी योजनाएं और अनुमान बुरी तरह विफल रही हैं।
उन्होंने कहा, “उस स्थिति की कल्पना कीजिए जब उनके द्वारा हायर किए गए 3 विमान खड़े ही रह गए क्योंकि विधायकों ने एक नई जगह जाने से इनकार कर दिया था। वे कैम्पिंग के लिए भी अपने विधायकों को ले जाना चाहते थे, वह भी नहीं किया जा सका। मंगलवार को एक होटल में विधायकों की एक बैठक भी होने वाली थी, वह भी रद्द हो गया। देखिए, वे कितनी बुरी तरह से विफल हुए हैं।”
गहलोत ने कहा कि वह कांग्रेस के उन विधायकों का बहुत सम्मान करते हैं जो एक महीने तक होटलों में रहे और उनमें से एक भी प्रतिद्वंद्वी खेमे में शामिल नहीं हुआ।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार 5 साल पूरे करेगी और अगले विधानसभा चुनाव में भी सत्ता में आएगी।
अपराध
दिल्ली दंगा मामला : सुप्रीम कोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया

suprim court
नई दिल्ली, 22 सितंबर। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को 2020 दिल्ली दंगा साजिश मामले में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद, शरजील इमाम, मीरान हैदर और गुलफिशा फातिमा की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। इस मामले पर 7 अक्टूबर को अगली सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद, शरजील इमाम, मीरान हैदर और गुलफिशा फातिमा की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया। याचिकाकर्ताओं की तरफ से कहा गया कि इनमें से अधिकतर लोग छात्र हैं और 5 साल से जेल में बंद हैं।
इससे पहले, इस मामले पर 19 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी, लेकिन किसी कारण टल गई थी। जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एन वी अंजारिया की बेंच जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही है।
जमानत के लिए याचिका दायर करने वालों पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोप हैं, जो फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के पीछे कथित बड़ी साजिश से जुड़ा है।
इससे पहले, दिल्ली हाई कोर्ट ने 2 सितंबर को इमाम, खालिद और मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा, अतर खान, शिफा-उर-रहमान, मोहम्मद सलीम खान, शादाब अहमद और खालिद सैफी समेत 7 अन्य आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया था। एक अन्य आरोपी, तस्लीम अहमद, को भी अलग बेंच ने जमानत देने से इनकार कर दिया था।
दिल्ली पुलिस ने जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया है। पुलिस का दावा है कि 2020 में हुए दंगे पूर्व नियोजित और सुनियोजित साजिश का नतीजा थे। पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने हिंसा भड़काने में सक्रिय भूमिका निभाई थी।
आरोपियों को जमानत देने से इनकार करते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया उमर खालिद और शरजील इमाम की गंभीर संलिप्तता प्रतीत होती है। कोर्ट ने उन पर लगाए गए आरोपों का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने जो भाषण दिए, वे सांप्रदायिक प्रकृति के थे और उनका मकसद बड़ी भीड़ इकट्ठा करना था।
2020 की हिंसा नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) के खिलाफ देश भर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच शुरू हुई थी। इस हिंसक घटना में 53 लोगों की मौत हो गई और 700 से अधिक लोग घायल हो गए।
महाराष्ट्र
मुंबई : गोवंडी में देवी की मूर्ति क्षतिग्रस्त करने के आरोप में 6 आरोपी गिरफ्तार, स्थिति तनावपूर्ण

crime
मुंबई: मुंबई के गोवंडी साठेनगर में दुर्गा माता की मूर्ति को क्षतिग्रस्त करने और उसे खंडित करने के मामले में पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दंगाइयों ने देवी की मूर्ति के अनावरण के दौरान हिंसा की और नारे लगाने पर आपत्ति जताई। जब मूर्ति ले जा रहे श्रद्धालुओं और भक्तों ने नारे लगाए, तो उपद्रवियों ने उन पर हमला कर दिया और आरोपियों ने उन पर तलवारों, लाठियों और अन्य हथियारों से हमला किया। पुलिस ने इस मामले में शिकायत दर्ज कर छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इसके बाद गोवंडी में हालात बिगड़ गए, लेकिन शांति स्थापित होने के बावजूद तनाव बना हुआ है।
यह घटना गोवंडी के साठेनगर में हुई। मुंबई पुलिस ने एक प्राथमिकी दर्ज कर छह लोगों को गिरफ्तार किया है। मूर्ति ले जा रहे श्रद्धालुओं का दावा है कि पहले उन्हें संगीत बजाने से रोका गया। उसके बाद, उन्हें नारे लगाने से रोका गया। जब उन्होंने नारे लगाए, तो तलवारों, डंडों और लाठियों से लैस दंगाई आ गए, उन पर हमला कर दिया और मूर्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया। पुलिस ने मामले के हर पहलू की जांच शुरू कर दी है और यह भी पता लगा रही है कि क्या आरोपी उसी इलाके के हैं और क्या उनके खिलाफ कोई निजी दुश्मनी या द्वेष था।
महाराष्ट्र
मुंबई: आई लव मुहम्मद बैनर पर विवाद; भायखला में तनाव; बिना अनुमति रैली निकालने पर अशफाक डेविड के खिलाफ मामला दर्ज

CRIME
मुंबई: मुंबई में आई लव मुहम्मद बैनर पर हुए विवाद के बाद अब पुलिस ने अशफाक डेविड के खिलाफ भायखला घोरुप देव में अनधिकृत रैली निकालने का मामला दर्ज किया है। मोदी कंपाउंड में कल दोपहर आई लव मुहम्मद (PBUH) की तख्ती लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया था। पुलिस से कोई अनुमति नहीं ली गई थी, जिसके बाद पुलिस ने कल रात अशफाक के खिलाफ मामला दर्ज किया और रात में ही नोटिस देकर उसे रिहा कर दिया। अशफाक के खिलाफ अनधिकृत रैली निकालने का मामला दर्ज किया गया है। यह मामला आई लव मुहम्मद (PBUH) लिखने के कारण दर्ज नहीं किया गया है। इसके साथ ही इस मामले को धार्मिक रंग देने की कोशिश की जा रही है और आई लव मुहम्मद बैनर की आड़ में सांप्रदायिक तत्व मुंबई शहर में कानून व्यवस्था को बिगाड़ने की साजिश रच रहे हैं, इसलिए पुलिस भी अलर्ट पर है। बैकोला पुलिस द्वारा अशफाक के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर बीएनएस की धारा 223, 37, 135 के तहत दर्ज की गई है। मुंबई पुलिस ने आई लव मुहम्मद आंदोलन के तहत अनधिकृत रैली निकालने के आरोप में बीएनएस की धारा 223, 37, 135 के तहत मामला दर्ज किया है। का पहला मामला दर्ज किया गया है, जिसके बाद इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है। एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने कहा कि जो मामला दर्ज किया गया है वह गलत है, पुलिस इसमें एनसी दर्ज कर सकती थी। उन्होंने कहा कि आई लव मुहम्मद मामले में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई सही नहीं है। हमें विरोध करने का अधिकार है। मुसलमानों के खिलाफ जहर फैलाने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, लेकिन पुलिस तुरंत मुसलमानों के खिलाफ मामला दर्ज कर लेती है। इसके बाद पुलिस ने भी इसका खंडन किया है। पुलिस की इस कार्रवाई से मुसलमानों में नाराजगी है और कहा जा रहा है कि पुलिस मुसलमानों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करती है। उसके बाद, पुलिस ने भी इसका खंडन किया है और कहा है कि यह मामला आई लव मुहम्मद बैनर प्रदर्शित करने के लिए दर्ज नहीं किया गया है। इसे दूसरा रूप देने की कोशिश नहीं होनी चाहिए।
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