Connect with us
Saturday,19-July-2025
ताज़ा खबर

अंतरराष्ट्रीय समाचार

सऊदी ने ओआईसी को दी धमकी के बाद पाक का वित्तीय समर्थन वापस लिया

Published

on

Shah-Mehmood-Qureshi

सऊदी अरब ने इमरान खान सरकार द्वारा कश्मीर मुद्दे पर इस्लामिक देशों के संगठन (ओआईसी) को विभाजित करने की धमकी देने के बाद पाकिस्तान के लिए ऋण पर तेल के प्रावधान को रोक दिया है। अक्टूबर 2018 में सऊदी अरब ने पाकिस्तान को तीन साल के लिए 6.2 अरब डॉलर का वित्तीय पैकेज देने का ऐलान किया था। इसमें तीन अरब डॉलर की नकद सहायता शामिल थी, जबकि बाकी के पैसों के एवज में पाकिस्तान को तेल और गैस की सप्लाई की जानी थी।

एक गंभीर आर्थिक संकट से घिरे पाकिस्तान ने सऊदी अरब से ऋण लिया था। पाकिस्तान के हालिया बर्ताव के कारण सऊदी ने अपने वित्तीय समर्थन को वापस ले लिया है।

पाकिस्तानी मीडिया ने शनिवार को कहा कि इस्लामाबाद के लिए प्रावधान दो महीने पहले समाप्त हो गया है और इसे रियाद द्वारा नवीनीकृत नहीं किया गया है।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने पेट्रोलियम डिवीजन के प्रवक्ता साजिद काजी के हवाले से कहा कि इस्लामाबाद ने समय से चार महीने पहले ही एक अरब डॉलर का सऊदी का ऋण लौटा दिया है।

हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक समाचार चैनल पर एक टॉक शो के दौरान धमकी दी थी कि अगर सऊदी अरब के नेतृत्व वाले ओआईसी ने कश्मीर मुद्दे पर मुस्लिम देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक नहीं बुलाई, तो प्रधानमंत्री इमरान खान अपने सहयोगी इस्लामी देशों के बीच बैठक करेंगे, जो इस मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ दे सकें।

पाकिस्?तानी न्?यूज चैनल एआरवाई को दिए साक्षात्?कार में कुरैशी ने कहा, मैं एक बार फिर से पूरे सम्?मान के साथ ओआईसी से कहना चाहता हूं कि विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक हमारी अपेक्षा है। यदि आप इसे बुला नहीं सकते हैं तो मैं प्रधानमंत्री इमरान खान से यह कहने के लिए बाध्?य हो जाऊंगा कि वह ऐसे इस्?लामिक देशों की बैठक बुलाएं जो कश्?मीर के मुद्दे पर हमारे साथ खड़े होने के लिए तैयार हैं।

विश्व में इस्लामी देशों के सबसे बड़े संगठन ओआईसी से पाकिस्तान कई बार गुजारिश कर चुका है कि वह कश्मीर मुद्दे पर एक बैठक आयोजित करे, मगर संगठन ने हर बार उसकी अपील को दरकिनार किया है। यही वजह है कि पाकिस्तान बौखलाया हुआ है।

दरअसल ओआईसी में किसी भी कदम के लिए सऊदी अरब का साथ सबसे ज्?यादा जरूरी होता है। ओआईसी पर सऊदी अरब और उसके सहयोगी देशों का दबदबा है। कश्?मीर पर सऊदी अरब के कदम नहीं उठाने से पाकिस्?तान की कुंठा बढ़ती ही जा रही है।

पिछले साल अगस्त में भारत ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को निरस्त कर दिया था, जिसके बाद जम्मू-कश्मीर दो हिस्सों लद्दाख व जम्मू-कश्मीर में केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर बांट दिया गया। पाकिस्तान भारत के इस कदम का विरोध कर रहा है और इमरान खान सरकार इस मुद्दे पर 57 सदस्यीय ओआईसी का समर्थन मांग रही है।

अंतरराष्ट्रीय समाचार

ट्रंप ने कई समाचार कंपनियों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया

Published

on

TRUMP

वाशिंगटन, 19 जुलाई। अदालती रिकॉर्ड के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई समाचार कंपनियों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है।

ट्रंप ने वॉल स्ट्रीट जर्नल के दो पत्रकारों के साथ-साथ समाचार कंपनियों डॉव जोन्स, न्यूज़ कॉर्प और मीडिया दिग्गज रूपर्ट मर्डोक के खिलाफ भी मुकदमा दायर किया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह मामला मियामी, फ्लोरिडा में दायर किया गया था।

यह मुकदमा वॉल स्ट्रीट जर्नल द्वारा उस शुभकामना संदेश की रिपोर्ट के बाद आया है जो ट्रंप ने कथित तौर पर 2003 में दोषी मानव तस्कर जेफरी एपस्टीन को एपस्टीन के जन्मदिन पर भेजा था। इसमें एक ऐसा चित्र शामिल था जो संभवतः यौन रूप से अश्लील था।

वॉल स्ट्रीट जर्नल ने कथित चित्र के बारे में बताया, “छोटे-छोटे चाप महिला के स्तनों को दर्शाते हैं, और भावी राष्ट्रपति के हस्ताक्षर उसकी कमर के नीचे एक टेढ़ा-मेढ़ा ‘डोनाल्ड’ है, जो जघन बालों की नकल करता है।” शुभकामना संदेश में लिखा था: “जन्मदिन मुबारक हो – और हर दिन एक और अद्भुत रहस्य हो।”

ट्रंप ने इस रिपोर्ट का खंडन किया और कहा कि वह पत्र असली नहीं था। सोशल मीडिया पर ट्रंप ने चेतावनी दी कि वह मुकदमा दायर करने की योजना बना रहे हैं।

“श्री मर्डोक ने कहा था कि वह इस मामले को संभाल लेंगे, लेकिन ज़ाहिर है, उनके पास ऐसा करने का अधिकार नहीं था… इसके बजाय, वे एक झूठी, दुर्भावनापूर्ण और मानहानिकारक कहानी के साथ आगे बढ़ रहे हैं। राष्ट्रपति ट्रंप जल्द ही वॉल स्ट्रीट जर्नल, न्यूज़कॉर्प और श्री मर्डोक पर मुकदमा करेंगे,” ट्रंप ने पहले ट्रुथ सोशल पोस्ट में कहा था।

Continue Reading

अंतरराष्ट्रीय समाचार

दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून ने अपनी गिरफ़्तारी की वैधता की समीक्षा के लिए आवेदन दायर किया

Published

on

सियोल, 16 जुलाई। दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून सुक येओल ने अपनी गिरफ़्तारी की वैधता की समीक्षा के लिए आवेदन दायर किया है। उनके वकीलों ने बुधवार को बताया कि मार्शल लॉ लागू करने के उनके असफल प्रयास के कारण हिरासत में रखे जाने के एक हफ़्ते बाद, उनकी रिहाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

वकीलों ने प्रेस को दिए एक बयान में कहा कि यह याचिका सियोल सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में दायर की गई थी ताकि यह बताया जा सके कि गिरफ़्तारी मूल रूप से और प्रक्रियात्मक रूप से “अवैध” और “अन्यायपूर्ण” थी।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, क़ानूनन अदालत को अनुरोध दायर होने के 48 घंटों के भीतर संदिग्ध से पूछताछ करनी होती है और सबूतों का अध्ययन करना होता है, उसके बाद ही यह तय करना होता है कि गिरफ़्तारी वैध थी या नहीं और उसे बरकरार रखा जाना चाहिए या नहीं।

परिणाम के आधार पर, यून को सियोल डिटेंशन सेंटर से रिहा किया जा सकता है, जहाँ उन्हें पिछले गुरुवार से रखा गया है। अदालत ने मार्शल लॉ लागू करने के उनके प्रयास से जुड़े पाँच प्रमुख आरोपों में उनकी गिरफ़्तारी का वारंट जारी किया था।

यून ने अपनी पहली गिरफ़्तारी के बाद जनवरी में भी इसी तरह के कदम उठाए थे।

उस समय, उनकी हिरासत को वैध माना गया था, लेकिन बाद में उनकी गिरफ्तारी रद्द करने के अनुरोध को अदालत ने स्वीकार कर लिया और मार्च में उनकी रिहाई की अनुमति दे दी।

इससे पहले, एक विशेष वकील दल ने मंगलवार को पूर्व राष्ट्रपति यून सुक येओल को उनके सैन्य कानून लागू करने के प्रयास के संबंध में पूछताछ के लिए हिरासत कक्ष से बाहर लाने का दूसरा प्रयास किया।

विशेष वकील चो यून-सुक के नेतृत्व वाली टीम ने राजधानी के दक्षिण में उइवांग स्थित सियोल हिरासत केंद्र से यून को दोपहर 2 बजे तक पूछताछ कक्ष में लाने का अनुरोध किया है।

पूर्व राष्ट्रपति ने पिछले गुरुवार को अपनी दूसरी गिरफ्तारी के बाद से विशेष वकील दल द्वारा बार-बार भेजे गए सम्मन का पालन करने से इनकार कर दिया है।

Continue Reading

अंतरराष्ट्रीय समाचार

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप को शिक्षा विभाग को छोटा करने की अनुमति दी

Published

on

TRUMP

वाशिंगटन, 15 जुलाई। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने मई में एक अमेरिकी जिला न्यायाधीश द्वारा जारी प्रारंभिक निषेधाज्ञा पर रोक लगाते हुए ट्रंप प्रशासन को शिक्षा विभाग को भंग करने की अपनी योजना पर आगे बढ़ने की अनुमति दे दी।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 6-3 के बहुमत से दिए गए आपातकालीन फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने सामूहिक छंटनी में बर्खास्त कर्मचारियों को बहाल करने के जिला न्यायाधीश के आदेश को रद्द कर दिया।

22 मई को, बोस्टन स्थित अमेरिकी जिला न्यायाधीश म्योंग जौन ने ट्रंप प्रशासन को विभाग में सामूहिक छंटनी से प्रभावित लगभग 1,400 कर्मचारियों को बहाल करने का आदेश दिया।

बोस्टन में अमेरिकी जिला न्यायाधीश म्योंग जौन ने कहा कि छंटनी “विभाग को संभवतः पंगु बना देगी।”

यह एक हफ्ते के भीतर सुप्रीम कोर्ट से ट्रंप की दूसरी महत्वपूर्ण जीत है। पिछले हफ्ते, कोर्ट ने संघीय कर्मचारियों की संख्या कम करने की ट्रंप की व्यापक योजना का मार्ग प्रशस्त किया, निचली अदालत के उन फैसलों को पलट दिया जिन्होंने इस पहल को अस्थायी रूप से रोक दिया था।

शिक्षा विभाग को ख़त्म करना अमेरिकी राष्ट्रपति की शिक्षा में संघीय सरकार की भूमिका को कम करने और राज्य के नियंत्रण को बढ़ाने की योजना का हिस्सा है।

21 डेमोक्रेटिक अटॉर्नी जनरल के एक समूह ने स्कूल ज़िलों और यूनियनों के साथ मिलकर दो कानूनी चुनौतियाँ दायर की हैं, जिनमें कहा गया है कि शिक्षा विभाग को बंद करने के ट्रम्प के प्रयास उसकी ज़रूरी ज़िम्मेदारियों को पूरा करने की क्षमता में बाधा डाल सकते हैं।

1979 में कांग्रेस द्वारा स्थापित, शिक्षा विभाग की कई प्रमुख भूमिकाएँ हैं, जिनमें कॉलेज ऋणों का प्रबंधन, छात्रों के प्रदर्शन की निगरानी और स्कूलों में नागरिक अधिकारों को लागू करना शामिल है। इसके अतिरिक्त, यह कम वित्तपोषित ज़िलों की सहायता और विकलांग छात्रों की सहायता के लिए संघीय धन भी प्रदान करता है।

Continue Reading
Advertisement
राजनीति2 mins ago

महाराष्ट्र में भाषा विवाद: राज ठाकरे के खिलाफ एफआईआर की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका

अंतरराष्ट्रीय समाचार18 mins ago

ट्रंप ने कई समाचार कंपनियों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया

राजनीति43 mins ago

सामना में उद्धव ने कहा, ठाकरे सिर्फ़ एक ब्रांड नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की पहचान हैं

अपराध1 hour ago

ठाणे में सनसनी: दिवा स्टेशन पर यौन उत्पीड़न का विरोध करने पर महिला को मालगाड़ी के आगे धकेला गया; आरोपी गिरफ्तार

राष्ट्रीय समाचार2 hours ago

अजमेर दरगाह विवाद में आज अंतिम सुनवाई

राष्ट्रीय समाचार2 hours ago

जम्मू-कश्मीर पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस विंग ने आतंकी भर्ती मामले में 10 ठिकानों पर छापेमारी की

महाराष्ट्र19 hours ago

मुंबई: जेजे अस्पताल में महिला डॉक्टर ने की आत्महत्या की कोशिश; हालत स्थिर, जांच जारी

महाराष्ट्र21 hours ago

मुंबई: एनसीपी (सपा) विधायक जितेंद्र आव्हाड पर विधानसभा के बाहर पुलिस वाहन को रोकने का मामला दर्ज

व्यापार23 hours ago

कमजोर एफआईआई धारणा के बीच सेंसेक्स-निफ्टी निचले स्तर पर खुला, मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने बाजार को सहारा दिया

महाराष्ट्र1 day ago

कांग्रेस ने हनी ट्रैप कांड में मंत्रियों और अधिकारियों के फंसे होने का आरोप लगाया; महाराष्ट्र विधानसभा में जांच की मांग की

रुझान