राजनीति
प्रधानमंत्री ने हिंदू राष्ट्र की नींव रखी : असदुद्दीन ओवैसी
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए पहली ईंट रखकर एक हिंदू राष्ट्र की नींव रखी है। हैदराबाद के सांसद ने पांच अगस्त को हिंदुत्व की जीत और धर्मनिरपेक्षता की हार का दिन कहा।
यहां बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए औवेसी ने उस स्थल पर मंदिर के भूमि पूजन में भाग लेने के लिए मोदी की आलोचना की, जहां छह दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किया गया था।
ओवैसी ने कहा कि भारत का एक धर्मनिरपेक्ष देश के रूप में कोई धर्म नहीं है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में भाग लेकर मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में ली गई शपथ का उल्लंघन करने के साथ ही संविधान की मूल संरचना का भी उल्लंघन किया है जो कि धर्मनिरपेक्ष है।
उन्होंने कहा, आज का दिन हिंदुत्व और बहुसंख्यकवाद की जीत और लोकतंत्र व धर्मनिरपेक्षता की हार का दिन है।
ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मंदिर को सिंबल ऑफ इंडिया कहा है जबकि देश का सिंबल कोई भी धार्मिक जगह, ना मंदिर, ना मस्जिद, नहीं हो सकती है।
एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं भावुक हूं। मैं कहना चाहता हूं कि मैं भी उतना ही भावुक हूं, क्योंकि मैं नागरिकता के सह-अस्तित्व और समानता में विश्वास करता हूं। मंदिर की नींव उस स्थान पर रखी गई, जहां 450 सालों तक मस्जिद खड़ी थी और इसे आपकी पार्टी और आपके वैचारिक संगठनों जैसे आरएसएस, विहिप, बजरंग दल और तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दलों द्वारा ध्वस्त कर दिया गया था।
औवेसी ने मोदी द्वारा पांच अगस्त को 15 अगस्त जैसा बताने को स्वतंत्रता सेनानियों की तौहीन करार दिया। उन्होंने कहा कि एक मंदिर के आंदोलन को देश की स्वतंत्रता के समान कैसे कहा जा सकता है।
ओवैसी ने इस दौरान कांग्रेस और अन्य तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दलों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह दल भाईचारे की बात करते हैं जबकि बिना न्याय के भाईचारा कैसे हो सकता है।
उन्होंने मुसलमानों को सलाह दी कि वे हिम्मत न हारें और उन्हें याद दिलाया कि लाखों हिंदू भाई ऐसे हैं, जो हिंदुत्व की विचारधारा को नहीं मानते हैं। उन्होंने कहा, हम सभी को एक साथ काम करना होगा और लोकतांत्रिक तरीके से देश को हिंदू राष्ट्र में बदलने के प्रयासों को रोकना होगा।
एक मस्जिद को हमेशा एक मस्जिद बताते हुए सांसद ने कहा कि बाबरी मस्जिद की लड़ाई सिर्फ मुसलमानों के लिए लड़ाई नहीं थी, बल्कि यह भारत को बचाने के लिए एक संघर्ष था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को श्री राम जन्मभूमि मंदिर का शिलान्यास करने के बाद कहा कि राम मंदिर राष्ट्रीय एकता और राष्ट्रीय भावना का प्रतीक है और इससे समूचे अयोध्या क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार स्वतंत्रता दिवस लाखों बलिदानों और स्वतंत्रता की भावना का प्रतीक है, उसी तरह राम मंदिर का निर्माण कई पीढ़ियों के अखंड तप, त्याग और संकल्प का प्रतीक है।
महाराष्ट्र
एमपी पुलिस थाने से महाराष्ट्र ड्रग रैकेट का पर्दाफाश, 4 गिरफ्तार

मुंबई : मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मध्य प्रदेश से महाराष्ट्र में ड्रग्स की तस्करी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया है और इसमें शामिल चार आरोपियों को एमपी से गिरफ्तार किया है। इन चारों पर महाराष्ट्र में ड्रग रैकेट चलाने का आरोप है। 3 नवंबर को, नौपारा के इमरान उर्फ बाबू खान (38), वकास अब्दुल रब खान (30), तकदीन रफीक खान (30), कमलेश अजय चव्हाण (23) को मध्य प्रदेश से ड्रग्स की आपूर्ति करने और उन्हें महाराष्ट्र में बेचने की सूचना मिली थी। इसके बाद पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर लिया और उनके कब्जे से एक किलो से अधिक एमडी जब्त की, जिसकी कीमत 2 करोड़ रुपये से अधिक बताई जाती है। यह जानकारी यहां डीसीपी क्राइम ब्रांच अमर सिंह जाधव ने दी। उन्होंने कहा कि एक बड़े ड्रग रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है और और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।
महाराष्ट्र
गौतम अडानी और शरद पवार फिर आए साथ नजर, सीएम फडणवीस भी रहे मौजूद

लोनावाला : उद्योगपति गौतम अडानी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता शरद पवार एक बार फिर एक साथ नजर आए। दोनों हाल ही में महाराष्ट्र में आयोजित एक पारिवारिक शादी समारोह में शामिल हुए। यह समारोह आईपीएस अधिकारी प्रवीण रामराव पवार की बेटी और प्रशांत निलावर के बेटे की शादी के अवसर पर आयोजित किया गया था।
इस मौके पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित कई वरिष्ठ राजनेता, प्रशासनिक अधिकारी और विशिष्ट अतिथि मौजूद थे।
अडानी और पवार की मुलाकात ने राजनीतिक हलकों में उत्सुकता बढ़ा दी, क्योंकि दोनों नेताओं को एक-दूसरे से गर्मजोशी से बातचीत करते और अभिवादन करते देखा गया। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई जब महाराष्ट्र की राजनीति में लगातार नए समीकरण बनते नजर आ रहे हैं।
शरद पवार अपने सौम्य स्वभाव और सभी दलों के नेताओं व उद्योगपतियों से अच्छे संबंध रखने के लिए जाने जाते हैं। वहीं गौतम अडानी का इस समारोह में शामिल होना उनके राजनीतिक और सामाजिक जुड़ाव को दर्शाता है।
यह विवाह समारोह भव्य तरीके से संपन्न हुआ, जिसमें कई नामी हस्तियों की मौजूदगी ने इसे और खास बना दिया।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
भारत–अमेरिका वायुसेना का युद्धाभ्यास, आपसी तालमेल और तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन

नई दिल्ली, 13 नवंबर: भारतीय वायुसेना और संयुक्त राज्य अमेरिका की वायुसेना के बीच एक बेहद महत्वपूर्ण द्विपक्षीय वायु अभ्यास चल रहा है। दोनों देशों के इस संयुक्त अभ्यास का उद्देश्य वायु सेनाओं के बीच आपसी समझ, सामरिक सहयोग और अंतरसंचालन क्षमता को बढ़ाना है।
गुरुवार, 13 नवंबर को इस अभ्यास का फाइनल व अंतिम दिन है। खास बात यह भी है कि इस अभ्यास में अमेरिकी वायुसेना ने अपने अत्याधुनिक बी-1बी लांसर सुपरसॉनिक बमवर्षक विमान के साथ भाग लिया है। सटीक व घातक मारक क्षमता बी-1बी लांसर अपनी लंबी दूरी की प्रहार क्षमता और सटीक टारगेट तकनीक के लिए प्रसिद्ध है।
भारतीय वायुसेना की ओर से यहां विभिन्न अत्याधुनिक लड़ाकू विमान, परिवहन विमान और वायु रक्षा प्रणालियों ने हिस्सा लिया है। अभ्यास के दौरान दोनों सेनाओं ने एक साथ कई जटिल युद्ध परिदृश्यों पर कार्य किया है। इनमें एयर डिफेंस ऑपरेशन, स्ट्राइक मिशन, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, हवा में ईंधन भरना और संयुक्त मिशन योजना शामिल रही।
इस दौरान पायलटों और तकनीकी दलों ने एक-दूसरे की रणनीतियों, तकनीकों और संचालन प्रक्रियाओं से महत्वपूर्ण अनुभव साझा किया। अभ्यास का मुख्य उद्देश्य भविष्य के बहुराष्ट्रीय अभियानों में बेहतर सामंजस्य स्थापित करना और उभरते सुरक्षा परिदृश्य में संयुक्त प्रतिक्रिया क्षमता को मजबूत बनाना है। भारतीय वायुसेना के मुताबिक भारत व अमेरिकी वायु सेना के बीच यह अभ्यास 10 नवंबर को शुरू हुआ था और आज 13 नवंबर को पूरा होने जा रहा है।
रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि यह अभ्यास दोनों देशों के बीच सामरिक साझेदारी को और सुदृढ़ करेगा तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएगा। संयुक्त वायुसेना अभ्यास के दौरान अमेरिकी व भारतीय वायुसेना के जांबाजों ने एक दूसरे देश के पायलटों की पेशेवर क्षमता और सामरिक सोच को नजदीक से अनुभव किया।
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार इस तरह के अभ्यास दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग के नए आयाम खोलते हैं। संयुक्त रूप में यह संकल्प भी है कि भारत और अमेरिका के बीच रक्षा साझेदारी आगे भी और मजबूत होगी तथा साझा सुरक्षा हितों की रक्षा में निरंतर सहयोग जारी रहेगा।
गौरतलब है कि जहां एक ओर दोनों देशों की वायु सेनाएं यह संयुक्त अभ्यास कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी इन दिनों अमेरिका की एक महत्वपूर्ण आधिकारिक यात्रा पर हैं। उनकी यह यात्रा बुधवार 12 नवंबर को शुरू हुई थी।
नौसेना के मुताबिक एडमिरल त्रिपाठी की इस यात्रा का उद्देश्य भारतीय नौसेना और संयुक्त राज्य अमेरिका की नौसेना के बीच पहले से प्रगाढ़ और सुदृढ़ समुद्री साझेदारी को और अधिक मजबूत बनाना है। भारतीय नौसेना और संयुक्त राज्य अमेरिका की नौसेना के बीच ये मजबूत संबंध, भारत–अमेरिका रक्षा सहयोग का एक प्रमुख स्तंभ है।
भारतीय नौसेना प्रमुख 17 नवंबर तक संयुक्त राज्य अमेरिका के आधिकारिक दौरे पर हैं। अपनी यात्रा के दौरान नौसेना प्रमुख, अमेरिकी युद्ध विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात व वार्ता करेंगे। इन बैठकों में अन्य वरिष्ठ नौसैनिक अधिकारियों और गणमान्य व्यक्तियों के साथ भी विचार-विमर्श होगा।
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