राष्ट्रीय समाचार
बिहार : बाढ़ प्रभावित सभी परिवारों को मिलेगी 6-6 हजार रुपये की सहायता

बिहार के सभी बाढ़ प्रभावित परिवारों को छह-छह हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके लिए लिए सूची को बनाने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही बाढ़ का पानी कम होने के बाद कृषि विभाग फसलों व बिचड़ों के नुकासन का सर्वेक्षण करेगा। नुकसान की भरपाई के लिए कृषि इनपुट अनुदान के साथ ही मृत मवेशियों व कच्चे मकानों की क्षति के लिए भी राशि दी जाएगी।
बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा के नेता सुशील कुमार मोदी शनिवार को सीतामढ़ी, शिवहर और दरभंगा जिले के बाढ़ प्रभावित प्रखंडों के भाजपा अध्यक्षों व विधायकों से वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिए बाढ़ की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि सरकार की ओर से सभी बाढ़ प्रभावित परिवारों को छह-छह हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी, इसके लिए सूची को अद्यतन करने का निर्देश दिया गया है।
उन्होंने कहा, “कृषि विभाग फसलों व बिचड़ों के नुकसान का भी सर्वेक्षण करेगा तथा इसकी भरपाई के लिए कृषि इनपुट अनुदान के साथ ही मृत मवेशियों व कच्चे मकानों की क्षति के लिए भी राशि दी जाएगी।”
मोदी ने कहा कि आकलन के बाद यदि आवश्यकता होगी तो वर्षा आधारित फसल क्षेत्र के लिए 6,800 रुपये और सुनिश्चित सिंचाई वाले क्षेत्रों के लिए 13,500 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से अधिकतम दो हेक्टेयर के लिए कृषि इनपुट अनुदान दिया जाएगा।
इसके साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कच्चे मकानों के क्षतिग्रस्त होने पर 95,100 और झोपड़ी के लिए 4,100 रुपये, गाय, भैंस, बैल जैसे बड़े मवेशी के मरने पर 30 हजार व भेड़, बकरी आदि के लिए 3 हजार रुपये देने का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने दावा करते हुए कहा, “बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में सर्पदंश सहित अन्य दवाएं व पॉलीथिन शीट उपलब्ध हैं, जिसका आवश्यकता अनुसार वितरण किया जा रहा है। राज्य सरकार के निर्देश पर दरभंगा सहित अन्य इलाकों में हेलीकॉप्टर से फुड पॉकेट का वितरण व बड़ी संख्या में सामुदायिक रसोई भी चलाए जा रहे हैं।”
समीक्षा के दौरान प्रखंड अध्यक्षों व विधायकों ने बताया कि स्थानीय प्रशासन तत्पर है लेकिन बाढ़ की वजह से फसलों के नुकसान के साथ धान के करीब 80 फीसद बिचड़े नष्ट हो गए हैं। सड़कों के क्षतिग्रस्त होने से अनेक क्षेत्रों में आवागमन बाधित हो गया है। भाजपा नेताओं ने और अधिक नावों की आवश्यकता पर जोर दिया।
राजनीति
दिल्ली में हर 70 पार बुजुर्ग को मिलेगा ‘आयुष्मान कार्ड’,अप्रैल के अंत तक लागू होगी योजना

नई दिल्ली, 17 अप्रैल। दिल्ली सरकार अप्रैल के अंंत तक 70 साल से अधिक उम्र के सभी के लोगों के लिए ‘आयुष्मान कार्ड’ लॉन्च करेगी।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बुधवार को अन्य कैबिनेट मंत्रियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें राज्य और केंद्र सरकार के विधायक और अधिकारी मौजूद थे।
यह पहल आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य हर परिवार को साल भर में 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर देना है, ताकि वे माध्यमिक और तृतीयक देखभाल अस्पतालों में इलाज करा सकें।
बैठक का उद्देश्य आयुष्मान कार्डों का क्रियान्वयन और वितरण करने के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में आरोग्य मंदिर खोलने पर चर्चा करना था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई सालों के इंतजार के बाद दिल्ली को आयुष्मान भारत योजना मिली है और इसे लागू करने के लिए आज हम बैठक कर रहे हैं, ताकि सभी कार्ड जल्दी से बनकर जनता तक पहुंच सकें। सभी विधायकों को यह जिम्मेदारी दी गई है। 70 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को इसका लाभ देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
दिल्ली के हर इलाके में 1,139 आरोग्य मंदिर खोलने के लिए जगह की पहचान का काम तुरंत शुरू करना चाहिए, क्योंकि पिछली सरकारों ने समय बर्बाद किया और दिल्ली को नुकसान हुआ। अब हम नहीं चाहते कि और समय बर्बाद हो। हमारी सरकार आज से इस पर काम करना शुरू कर देगी।
सभी आयु वर्ग के 70 साल या उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक आयुष्मान कार्ड के लिए पात्र होंगे।
यह कार्ड हर साल हर परिवार को 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर देता है, जिसमें 1500 से ज्यादा चिकित्सा प्रक्रियाएं शामिल हैं।
दिल्ली सरकार शहर भर में 1,139 आरोग्य मंदिर खोलने की योजना बना रही है। ये आरोग्य मंदिर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेंगे, जो मोहल्ला क्लीनिकों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं से अलग होंगी।
विधायकों को जिलाधिकारियों के साथ मिलकर मौजूदा आयुष्मान कार्ड वितरित करने और आरोग्य मंदिर खोलने का काम सौंपा गया है।
दिल्ली की सीएम गुप्ता ने कहा, “विधायकों को जिलाधिकारियों (डीएम) के साथ मिलकर मौजूदा आयुष्मान कार्डों को जल्द से जल्द वितरित करने और राज्य के सभी हिस्सों में आरोग्य मंदिर खोलने का काम करने का निर्देश दिया गया है।”
इस बीच, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने कहा कि सरकार दिल्ली के लोगों के लिए 1,139 आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनाएगी।
उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य दिल्ली के लोगों के लिए 1,139 आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनाना है और हम इसे हासिल करेंगे। इस पर चर्चा हुई कि 70 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को यह सुविधा जल्द से जल्द कैसे दी जा सकती है। हमारे आरोग्य मंदिर मोहल्ला क्लीनिकों से पूरी तरह अलग होंगे। आप उनकी संरचना और काम करने का तरीका अलग देखेंगे। दिल्ली के लोग इसे पसंद करेंगे।”
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत दिल्ली सरकार और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के बीच 5 अप्रैल 2025 को नई दिल्ली में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
राष्ट्रीय समाचार
वक्फ परिषद के गठन में हिंदू सदस्यों की भूमिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से स्पष्टीकरण मांगा, गुरुवार को फिर सुनवाई

नई दिल्ली, 16 अप्रैल। वक्फ (संशोधन) अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की पीठ ने मुस्लिम पक्ष और संशोधन समर्थक दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। सुनवाई के दौरान विभिन्न संशोधित धाराओं जैसे कि धारा 3, 9, 14, 36 और 83 पर विशेष चर्चा हुई।
मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ताओं ने दलील दी कि इन संशोधनों से उनके संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। विशेष रूप से संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 में मिले धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों का हनन हुआ है। उनका कहना था कि संशोधन उनके धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करता है।
वहीं, केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल और अधिनियम के समर्थकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिलाया कि वक्फ अधिनियम में किए गए संशोधन पूरी तरह संविधान सम्मत हैं और इनमें मौलिक अधिकारों के उल्लंघन की कोई बात नहीं है।
सुनवाई के दौरान माननीय न्यायालय ने अपने प्रारंभिक अवलोकन में यह कहा कि अधिकांश संशोधन संविधान के अनुरूप प्रतीत होते हैं। हालांकि, न्यायालय ने ‘यूजर’ की परिभाषा पर स्पष्टता मांगी है। इसके अलावा, वक्फ परिषद के गठन में हिंदू सदस्यों की भूमिका को लेकर भी कोर्ट ने केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की है।
कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल और हिंदू पक्ष के अधिवक्ताओं से इन दोनों मुद्दों पर विशेष रूप से सहायता और स्पष्टीकरण देने को कहा है। अब इस मामले की अगली सुनवाई गुरुवार दोपहर 2 बजे होगी।
इससे पहले मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष इस अहम मामले में वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने अपनी दलीलें रखनी शुरू कीं। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने बहस की शुरुआत की, जिसके बाद अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी दलीलें पेश कीं।
अधिवक्ता सिंघवी ने कोर्ट के समक्ष कहा कि देशभर में करीब आठ लाख वक्फ संपत्तियां हैं, जिनमें से चार लाख से अधिक संपत्तियां ‘वक्फ बाई यूजर’ के तौर पर दर्ज हैं। उन्होंने इस बात को लेकर चिंता जताई कि वक्फ अधिनियम में किए गए संशोधन के बाद इन संपत्तियों पर खतरा उत्पन्न हो गया है।
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कहा कि जब वे दिल्ली हाईकोर्ट में थे, तब उन्हें बताया गया था कि वह जमीन वक्फ संपत्ति है। उन्होंने कहा, “हमें गलत मत समझिए, हम यह नहीं कह रहे हैं कि सभी वक्फ बाई यूजर संपत्तियां गलत हैं।”
इसके साथ ही बुधवार को दोनों पक्षों के बीच बहस जारी रही और सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दो बजे फिर से सुनवाई का समय दिया है।
राष्ट्रीय समाचार
वक्फ पर सर्वोच्च न्यायालय में बहस, सीजेआई बोले- आर्टिकल 26 धर्मनिरपेक्ष, यह सभी पर लागू

suprim court
नई दिल्ली, 16 अप्रैल। वक्फ कानून को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष इस अहम मामले में वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने अपनी दलीलें रखनी शुरू कीं। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने बहस की शुरुआत की, जिसके बाद अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी दलीलें पेश कीं।
सिब्बल ने अनुच्छेद 26 का जिक्र किया। फिर कहा अगर मुझे वक्फ बनाना है तो मुझे सबूत देना होगा कि मैं 5 साल से इस्लाम का पालन कर रहा हूं, अगर में मुस्लिम ही जन्मा हूं तो मैं ऐसा क्यों करूंगा? मेरा पर्सनल लॉ यहां पर लागू होगा। अगर वक्फ बनाने वाला कागजात देता है तो वक्फ कायम रहेगा। इस पर सीजीआई ने कहा अनुच्छेद 26 धर्मनिरपेक्ष है और ये सभी समुदायों पर लागू होता है।
वहीं, अधिवक्ता सिंघवी ने कोर्ट के समक्ष कहा कि देशभर में करीब आठ लाख वक्फ संपत्तियां हैं, जिनमें से चार लाख से अधिक संपत्तियां ‘वक्फ बाई यूजर’ के तौर पर दर्ज हैं। उन्होंने इस बात को लेकर चिंता जताई कि वक्फ अधिनियम में किए गए संशोधन के बाद इन संपत्तियों पर खतरा उत्पन्न हो गया है।
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कहा कि जब वे दिल्ली हाईकोर्ट में थे, तब उन्हें बताया गया था कि वह जमीन वक्फ संपत्ति है। उन्होंने कहा, “हमें गलत मत समझिए, हम यह नहीं कह रहे हैं कि सभी वक्फ बाई यूजर संपत्तियां गलत हैं।”
बहस के दौरान सिंघवी ने यह भी कहा कि उन्हें यह तक सुनने में आया है कि संसद भवन की जमीन भी वक्फ की है। उन्होंने कोर्ट से पूछा कि क्या अयोध्या केस में जो फैसले दिए गए, वे इस मामले में लागू नहीं होते? उन्होंने संशोधित वक्फ अधिनियम पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की और कहा कि जब तक इस पर अंतिम निर्णय नहीं आता, तब तक संशोधन लागू नहीं किया जाना चाहिए।
इस बीच, अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने भी कहा कि अधिनियम की धारा 3(आर) के तीन पहलुओं पर ध्यान देना जरूरी है। खासकर इस बात पर कि ‘इस्लाम का पालन करना’ यदि आवश्यक धार्मिक अभ्यास माना जाता है, तो इसका प्रभाव नागरिकों के मौलिक अधिकारों पर भी पड़ सकता है। अहमदी ने कहा कि यह अस्पष्टता पैदा करता है ।
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