राजनीति
मप्र में कांग्रेस की पहली ‘अग्निपरीक्षा’ उम्मीदवारों का चयन

मध्यप्रदेश में आगामी समय में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के लिए पहली अग्निपरीक्षा है उम्मीदवारों का चयन। एक तरफ जहां पार्टी में मंथन जारी है, वहीं दूसरी ओर सर्वे कराए जा रहे हैं। सर्वे के आधार पर ही टिकट देने की बात कही जा रही है। मगर भाजपा के असंतुष्टों पर भी कांग्रेस की पैनी नजर है।
राज्य में आगामी समय में 26 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होना है, इनमें 24 विधानसभा क्षेत्र वे हैं, जहां से कांग्रेस के निर्वाचित विधायकों ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के साथ भाजपा का दामन थाम लिया है। वहीं दो स्थान विधायकों के निधन के कारण रिक्त हुए हैं।
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा भी मानते हैं कि जिन 26 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होने वाले हैं, उनमें अब तक 17 उम्मीदवारों के नाम लगभग तय कर लिए गए हैं, तो शेष स्थानों के लिए उम्मीदवारों का चयन जल्द ही कर लिया जाएगा।
दूसरी ओर, पूर्व जनसंपर्क मंत्री पी.सी. शर्मा का कहना है कि इस बार उम्मीदवारों का चयन सर्वे रिपोर्ट के आधार पर होगा, किसी नेता के कहने पर उम्मीदवार तय नहीं किए जाएंगे, क्योंकि अगर नेता चला जाता है तो उसके साथ ही विधायक भी चले जाते हैं।
कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी समस्या यह है कि भाजपा का दामन थामने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ पहले 22 और उसके बाद जो दो सदस्य भाजपा में गए हैं, वे जिन क्षेत्रों से निर्वाचित हुए थे, उन इलाकों में दूसरी पंक्ति का कोई बड़ा चेहरा और नाम उनके पास नहीं है। यही कारण है कि पार्टी फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रही है और जमीनी स्तर पर सर्वे कराने पर जोर है।
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस ने अब तक तीन सर्वे करा लिए हैं और उसने एक-एक सीट पर तीन-तीन नाम की सूची तैयार कर ली है। इसके बाद भी उसकी नजर भाजपा के असंतुष्ट लोगों पर है जो नाराज चल रहे हैं। पार्टी को उम्मीद इस बात की है कि भाजपा के कई असंतुष्ट नेता उसके साथ आ सकते हैं और इसी इंतजार में उम्मीदवारों के नाम अंतिम तौर पर तय नहीं हो पा रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस के लिए उम्मीदवारों का चयन वर्तमान में सबसे बड़ी चुनौती है, क्योंकि जिन स्थानों पर चुनाव होने वाले हैं, वहां से उसकी प्रथम पंक्ति के नेता भाजपा का दामन थाम चुके हैं। उम्मीदवार चयन की अग्निपरीक्षा में सफल होने के बाद ही कांग्रेस की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकेगा।
कांग्रेस में भले ही नेताओं की पसंद के आधार पर नहीं, बल्कि सर्वे के आधार पर टिकट दिए जाने की बात कही जा रही हो, मगर ऐसा संभव होता नहीं लगता, क्योंकि कांग्रेस में टिकट हमेशा नेताओं की पसंद से ही टिकट बंटते आए हैं और पार्टी आज जिस स्थिति में है, उसकी वजह भी यही है।
राजनीति
मुंबई भाजपा प्रमुख आशीष शेलार ने मराठी गौरव के तहत व्यक्तिगत एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए उद्धव और राज ठाकरे की आलोचना की

मुंबई: महाराष्ट्र के मंत्री आशीष शेलार ने शनिवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और मनसे प्रमुख राज ठाकरे की संयुक्त रैली में दिए गए भाषणों को अप्रासंगिक, ध्यान भटकाने वाला और अस्पष्ट बताया।
रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए मुंबई भाजपा प्रमुख ने ठाकरे बंधुओं पर राज्य में हिंदी भाषा को ‘थोपने’ के विरोध के नाम पर अपने एजेंडे और नैरेटिव को बेचने की कोशिश करने के लिए कटाक्ष किया। आशीष शेलार ने कहा, “ठाकरे बंधुओं ने मराठी गौरव के लिए एक साथ आने का दावा किया, लेकिन असली मकसद अपना नैरेटिव बेचना और अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाना था।”
उन्होंने कहा कि संयुक्त रैली में दोनों नेताओं के भाषणों में सच्चाई से ज़्यादा राजनीतिक दिखावा था। “राज ठाकरे ने अपने भाषण में जो बातें कहीं, वे अधूरी और अप्रासंगिक थीं। वह दूसरे राज्यों से आए अप्रवासियों को डराने-धमकाने और उसे सही ठहराने का अपना नैरेटिव सेट करने की कोशिश कर रहे थे, जबकि उद्धव सत्ता से बेदखल होने के बारे में शिकायत करते और रोते हुए नज़र आए,” शेलार ने कहा।
राज ठाकरे के इस बयान पर आपत्ति जताते हुए कि गैर-मराठी भाषी लोगों की पिटाई की जानी चाहिए, लेकिन उसका वीडियो नहीं बनाया जाना चाहिए, भाजपा ने इसे बिल्कुल बेतुका और निंदनीय बताया। उन्होंने कहा, “ऐसे बयान बहुत दर्दनाक हैं। मैं इस तरह के बयानों से बहुत आहत हूं।” आशीष शेलार ने केंद्र की तीन-भाषा नीति का समर्थन करते हुए कहा कि राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर इस तरह की राजनीति से बचना चाहिए। उन्होंने कहा, “वे पूछते हैं कि किन राज्यों में तीन-भाषा फॉर्मूला लागू किया गया। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि 20 राज्यों ने तीन-भाषा फॉर्मूला अपनाया है। राज ठाकरे मुंबई के बच्चों के लिए इसका विरोध करते हैं, लेकिन उन्होंने अपने बच्चों के लिए इसका कभी विरोध नहीं किया। यह अन्याय है।”
उन्होंने कहा कि त्रिभाषा नीति के तहत बच्चों को अपनी मातृभाषा में पढ़ने का मौका मिलता है, लेकिन ये नेता उन्हें इस अवसर से वंचित करना चाहते हैं। ठाकरे बंधुओं के पुनर्मिलन पर उन्होंने कहा कि दोनों भाइयों का एक साथ आना अच्छा है और उनके परिवार भी इससे खुश होंगे, लेकिन यह उन्हें तय करना है कि वे एक साथ चुनाव लड़ेंगे या अलग-अलग।
अपराध
मुंबई 1993 दंगों के वांछित आरोपी को 32 साल बाद गिरफ्तार किया गया

मुंबई: पुलिस ने 1993 के मुंबई दंगों में शामिल मोस्ट वांटेड आरोपियों में से एक को गिरफ्तार करने का दावा किया है। मुंबई की वडाला पुलिस ने वांछित आरोपियों की तलाश के लिए चलाए गए अभियान के दौरान 32 साल से फरार चल रहे एक भगोड़े आरोपी को गिरफ्तार किया है। 54 वर्षीय आरिफ अली हाशिमुल्लाह खान को एंटाप हिल से गिरफ्तार किया गया है। आरोपी सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश नहीं होता था। उसके खिलाफ वारंट भी जारी किया गया था, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया और कोर्ट ने उसकी रिमांड का आदेश दिया। इस ऑपरेशन को मुंबई पुलिस कमिश्नर देवेन भारती और पोर्ट जोन के डीसीपी विजय सागर ने अंजाम दिया।
अपराध
मलाड में 2 करोड़ रुपये की कोकीन के साथ नाइजीरियाई नागरिक गिरफ्तार; एएनसी वर्ली ने ड्रग रैकेट का भंडाफोड़ किया

मुंबई: एंटी-नारकोटिक्स सेल (एएनसी) वर्ली यूनिट ने मुंबई के मलाड इलाके से एक नाइजीरियाई नागरिक को ड्रग तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास 200 ग्राम कोकीन बरामद हुई, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब ₹2 करोड़ है। एनडीपीएस अधिनियम, 1985 की धारा 8(सी) और 21(सी) तथा विदेशी अधिनियम, 1946 की धारा 14ए(बी) के तहत गिरफ्तारी की गई।
एएनसी टीम ने एक गुप्त सूचना के आधार पर जेपी कॉलोनी, ओरलेम, मार्वे रोड, मलाड में संदिग्ध को पकड़ा। उसकी तलाशी लेने पर टीम ने कोकीन, 5 लाख रुपये की कीमत की होंडा सिविक कार और 70,000 रुपये के तीन मोबाइल फोन बरामद किए।
आरोपी की पहचान 43 वर्षीय फ्रैंक नेंडी के रूप में हुई है, जो वैध यात्रा दस्तावेजों के बिना भारत में रह रहा था। पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि उसका पहले भी आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। कोकीन को एक खतरनाक उत्तेजक मादक पदार्थ माना जाता है, जो अक्सर गंभीर स्वास्थ्य और कानूनी परिणामों से जुड़ा होता है।
यह कार्रवाई पुलिस उपायुक्त नवनाथ धावले और सहायक आयुक्त सुधीर हिरदेकर के मार्गदर्शन में की गई। टीम का नेतृत्व वरिष्ठ निरीक्षक संतोष सालुंखे ने किया, जिसमें पुलिस उपनिरीक्षक प्रकाश सावंत और उनकी टीम ने गिरफ्तारी की। आगे की जांच जारी है।
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