खेल
छेत्री के बाद कोई नहीं, यह चिंता का विषय : बाइचुंग भूटिया

भारतीय फुटबाल के साथ एक स्थायी समस्या है कि उसके पास गोल मशीन की कमी रही है। आई.एम. विजयन, बाइचुंग भूटिया और सुनील छेत्री जैसे स्टार देश के पास तो रहे हैं लेकिन कभी भी खिलाड़ियों का पूल नहीं रहा है जिसमें से गोल मशीन निकल सकें। एक समय भूटिया और छेत्री की साझेदारी शानदार थी लेकिन भूटिया के जाने के बाद छेत्री अकेले पड़ गए हैं और भूटिया के लिए खिलाड़ियों की कमी एक चिंता का विषय है।
भूटिया ने आईएएनएस से बात करते हुए छेत्री के संन्यास लेने के बाद उनका स्थान लेने वाले खिलाड़ियों पर बात की। साथ ही कहा कि भारतीय क्रिकेट की तरह फुटबाल में भी पूर्व खिलाड़ियों को आगे आना चाहिए।
छेत्री के साथ जो लोग बेहतरीन साझेदारी बना सकते हैं उनमें दो नाम सबसे पहले आते हैं जिनमें जेजे लालपेखुलआ और बलवंत सिंह शामिल हैं। लेकिन दोनों अभी तक वो प्रभाव नहीं छोड़ पाए हैं जिनकी उनसे उम्मीद थी और भूटिया को लगता है कि इसमें चोट का अहम रोल रहा है।
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान ने कहा, “यह बड़ी चिंता है क्योंकि छेत्री के बाद कोई नहीं है। यह कहना काफी मुश्किल है कि भारत में स्ट्राइकर अपना रास्ता क्यों भटक रहे हैं। निरंतरता मुझे लगता है कि काफी जरूरी है। जेजे को काफी चोटें लगी और अब उनकी उम्र (29) भी उनके पक्ष में नहीं है। जेजे ने हालांकि अच्छा काम किया है। मुझे लगता है कि चोट मुख्य कारण है। बलवंत को भी चोट के कारण काफी कुछ झेलना पड़ा।”
भूटिया ने कहा कि यह दोनों चोट के कारण ज्यादा खेल भी नहीं पाए। उन्होंने कहा, “मैं यही कह रहा हूं कि वह चोट के कारण खेल नहीं पाए। लेकिन फिर भी यह कहना काफी मुश्किल है कि वह कहां अपने रास्ते से भटक गए। मुझे लगता है कि निरंतरता काफी जरूरी है।”
क्या भूटिया को लगता है कि अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) का स्ट्राइकर बनाने में रोल है? पूर्व स्ट्राइकर ने कहा है कि शीर्ष स्तर पर इस मामले में एआईएफएफ ज्यादा कुछ नहीं कर सकती।
उन्होंने कहा, “महासंघ ज्यादा कुछ नहीं कर सकती। क्लब वेतन दे रहे हैं और वह ट्रॉफियां जीतना चाहते हैं और चाहते हैं कि खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करें। चूंकि क्लब वेतन दे रहे हैं तो महासंघ उनसे यह कुछ नहीं कह सकती कि आप उसे खेलाएं और उसे खेलाएं। वह यह तब तक नहीं कह सकती जब तक वह वेतन न दे।”
भूटिया को हालांकि लगता है कि खिलाड़ियों का पूल बनाना एक विकल्प हो सकता है क्योंकि सारे क्लब इसी समस्या से गुजर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “निश्चित तौर पर मुझे लगता है कि स्ट्राइकरों की कमी एक समस्या है। यह क्लब पर निर्भर करता है क्योंकि हर कोई इसी समस्या से जूझ रहा है। हां, छेत्री के बाद कमी रहेगी। यह बड़ी चिंता का विषय है क्योंकि छेत्री के बाद कोई नहीं है। हमें जमीनी स्तर पर स्ट्राइकरों की कमी पर काम करना होगा।”
भूटिया से जब पूछा गया कि क्या एआईएफएफ बीसीसीआई की तरह पूर्व खिलाड़ियों को सिस्टम में ला सकती है जिस तरह राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली आए?
भूटिया ने कहा, “अगर सक्षम हैं तो क्यों नहीं? यह आसान नहीं है, यह मुश्किल है। लेकिन अगर वह कर सकते हैं तो उन्हें आगे आना चाहिए।”
खेल
आईपीएल 2025 : हार्दिक पांड्या कभी हार नहीं मानते हैं- अजय जडेजा

मुंबई, 18 अप्रैल। भारत के पूर्व क्रिकेटर अजय जडेजा ने कहा कि उन्हें मुंबई इंडियंस (एमआई) के कप्तान हार्दिक पांड्या की सबसे अच्छी बात यह लगती है कि वह कभी हार नहीं मानते और हर मौके पर टीम की अगुवाई आगे बढ़कर करते हैं।
पिछले हफ्ते तक एमआई की स्थिति बहुत खराब थी, लेकिन हार्दिक पांड्या की कप्तानी में टीम ने लगातार दो मैच जीत लिए। पहले दिल्ली कैपिटल्स को हराया, फिर सनराइजर्स हैदराबाद को मात दी। हार्दिक खुद अब आईपीएल 2025 में 6 मैचों में 11 विकेट लेकर सबसे ज्यादा विकेट लेने वालों की सूची में दूसरे नंबर पर हैं, उनके साथ कुलदीप यादव, खलील अहमद और शार्दुल ठाकुर भी हैं।
जडेजा ने जियोहॉटस्टार पर कहा, “हार्दिक पंड्या एक अलग ही शख्सियत हैं। चाहे बल्लेबाज़ी हो, गेंदबाजी हो, फील्डिंग हो या मैदान के बाहर का माहौल, वह हर जगह टीम का नेतृत्व करते हैं और हमेशा मुस्कुराते रहते हैं। हार मानना उन्हें आता ही नहीं। पिछले साल उनका प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं था, लेकिन इस साल उन्होंने शुरुआत में अच्छे नतीजे न मिलने के बावजूद अपना आत्मविश्वास नहीं खोया।”
उन्होंने यह भी कहा कि एमआई की वापसी की असली शुरुआत दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ उस रोमांचक मैच से हुई, जिसे उन्होंने 12 रन से जीता था। जडेजा ने कहा, “मेरा मानना है कि असली बदलाव दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ हुए मैच से आया। वह मैच लगभग हाथ से निकल गया था। ज्यादातर टीमें हार मान लेती, लेकिन मुंबई इंडियंस ने हार नहीं मानी और यही हार्दिक पांड्या का असली व्यक्तित्व है। वह मैच शायद पूरे सीजन का रुख बदलने वाला था। ताजा जीत आसान थी, लेकिन दिल्ली कैपिटल्स वाला मैच दिखाता है कि हार्दिक और मुंबई इंडियंस किस मिट्टी के बने हैं। जब हार्दिक पांड्या क्रीज पर होते हैं, चाहे एक ओवर में 10, 12 या 15 रन चाहिए हों, तब भी लगता है कि मैच जीतने की उम्मीद है।”
अब आईपीएल 2025 की अंकतालिका में एमआई सातवें स्थान पर है। टीम की कोशिश होगी कि रविवार को वानखेड़े स्टेडियम में एमएस धोनी की अगुवाई वाली चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ होने वाले बड़े मुकाबले में जीत की हैट्रिक पूरी करे।
खेल
आईपीएल 2025 : बेस्ट फिटनेस में न होने के बावजूद धोनी ने हिम्मत नहीं हारी- बांगर

लखनऊ, 15 अप्रैल। पूर्व भारतीय ऑलराउंडर संजय बांगड़ ने चेन्नई सुपर किंग्स की पांच मैचों की हार का सिलसिला खत्म होने के बाद एम.एस. धोनी की फिटनेस और उनके मैच खत्म करने की क्षमता पर बात की। उन्होंने कहा कि धोनी भले ही अपनी पूरी फिटनेस में नहीं थे, लेकिन फिर भी उन्होंने हिम्मत दिखाई और टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया।
मैच में जब रचिन रवींद्र और डेब्यू कर रहे शेख राशिद ने चेन्नई को 167 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए अच्छी शुरुआत दी, तभी लखनऊ सुपर जायंट्स के स्पिन गेंदबाजों ने मैच में वापसी की। लेकिन धोनी ने 11 गेंदों में नाबाद 26 रन बनाकर, और शिवम दुबे के 37 गेंदों में नाबाद 43 रन के साथ, मैच को फिर से चेन्नई के पक्ष में कर दिया और टीम ने पांच विकेट से जीत दर्ज की।
बांगड़ ने जियोहॉटस्टार पर कहा, “धोनी पूरी तरह फिट नहीं थे। आखिरी ओवरों में जब वह विकेट के पीछे गेंद पकड़ रहे थे, तब वह हल्के से लड़खड़ा रहे थे। लेकिन फिर भी उन्होंने पूरी कोशिश की और शानदार बल्लेबाजी की। विकेटों के बीच दौड़ते समय वह थोड़े संघर्ष कर रहे थे, लेकिन फिर भी शांत दिमाग से खेलते रहे और एक मजबूत साझेदारी की। जैसे-जैसे मैच नजदीक आता है, विरोधी टीम से गलती की संभावना बढ़ जाती है। यही धोनी की खासियत है कि वह आखिरी समय में मौका ढूंढ ही लेते हैं और मैच को शानदार तरीके से खत्म करते हैं।”
पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज वरुण आरोन ने भी धोनी की मौजूदगी की अहमियत पर बात करते हुए कहा, “मैदान पर धोनी का होना बहुत बड़ी बात है, खासकर मैच के अंतिम ओवरों में। आज ऊपर के बल्लेबाजों ने उन्हें एक ऐसा लक्ष्य दिया जो हासिल करना मुमकिन था। इससे पहले के मैचों में निचले क्रम को बहुत कठिन लक्ष्य मिल रहे थे। हर ओवर में 14-15 रन चाहिए होते थे, जो हर बार मुमकिन नहीं होता। लेकिन आज का लक्ष्य आसान था, और जब ऐसा होता है, तो धोनी ज्यादातर बार मैच जिता ही देते हैं।”
आरोन ने यह भी कहा कि लखनऊ के गेंदबाजों ने आखिरी ओवरों में एक ही तरह की गेंदबाजी की। सिर्फ वाइड लाइन डाली, न तो बाउंसर फेंकी और न ही ऑफ स्टंप के बाहर धीमी गेंद आजमाई। रवि बिश्नोई को एक और ओवर न देना भी उनके लिए नुकसानदायक साबित हुआ।
पांच लगातार हार के बाद चेन्नई सुपर किंग्स ने आखिरकार जीत का रास्ता पाया। अब सात मैचों में उनके पास दो जीत हैं। अगला मुकाबला 20 अप्रैल को वानखेड़े स्टेडियम में मुंबई इंडियंस के खिलाफ होगा।
संजय बांगड़ ने कहा, “यह जीत बिल्कुल आसान नहीं थी क्योंकि चेन्नई के बल्लेबाजों को बीच के ओवरों में संघर्ष करना पड़ा। लेकिन जब कोई टीम लगातार हार रही होती है, तब इस तरह की संघर्षपूर्ण जीत से ही लय वापस मिलती है। ये दो अंक चेन्नई सुपर किंग्स के लिए बहुत कीमती हैं, और खिलाड़ी इसका महत्व समझेंगे। जब आप लगातार पांच मैच हारते हैं, तो टीम का माहौल भारी हो जाता है। ऐसे में धोनी का इस मुश्किल रन चेज को सफलतापूर्वक पूरा कराना बहुत अहम था। अगर वह नहीं होते, तो शायद यह मैच फिर हाथ से निकल सकता था। उम्मीद है कि यह जीत चेन्नई के अभियान को एक नई ऊर्जा देगी।”
अंतरराष्ट्रीय
भारत ने मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए किया अनुरोध, बेल्जियम ने की पुष्टि

ब्रसेल्स, 14 अप्रैल। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में वांछित हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी बेल्जियम में पकड़ा गया। बेल्जियम की संघीय लोक न्याय सेवा (एफपीएस) ने सोमवार को इस बात की पुष्टि की कि चोकसी को 12 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया।
एफपीएस ने कहा, “बेल्जियम की संघीय लोक न्याय सेवा पुष्टि कर सकती है कि मेहुल चोकसी को शनिवार, 12 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया। उन्हें हिरासत में रखा गया है और उनके वकीलों को इसकी जानकारी दी गई है।”
एफपीएस ने कहा कि भारत सरकार की ओर से मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए पहले ही अनुरोध किया जा चुका है। चूंकि मामला न्यायिक प्रक्रिया में है, इसलिए इस पर और कोई विवरण साझा नहीं किया जा सकता।
सूत्रों के अनुसार, मेहुल चोकसी को मीडिया के अनुरोध पर बेल्जियम पुलिस ने एंटवर्प में गिरफ्तार किया गया। वह वहां अपनी पत्नी प्रीति चोकसी के साथ रह रहा था और उसके पास बेल्जियम का ‘रेजिडेंसी कार्ड’ भी था।
माना जा रहा है कि 65 वर्षीय चोकसी अब जमानत के लिए याचिका दाखिल कर सकता है, जिसमें वह स्वास्थ्य कारणों का हवाला दे सकता है।
मेहुल चोकसी और उसका भतीजा नीरव मोदी पीएनबी के 13,850 करोड़ रुपये के घोटाले में सीबीआई और ईडी द्वारा वांछित हैं। उन पर मुंबई के ब्रैडी हाउस ब्रांच के अधिकारियों को रिश्वत देकर फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग और फॉरेन लेटर ऑफ क्रेडिट के जरिए धोखाधड़ी करने का आरोप है।
यह दोनों जनवरी 2018 में भारत से फरार हो गए थे, ठीक उसी समय जब पीएनबी घोटाला सामने आया।
मेहुल चोकसी ने एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले ली थी और बाद में वहां से इलाज के बहाने निकल गया। 2021 में वह एंटीगुआ से अचानक गायब हो गया था और बाद में डोमिनिका में पाया गया था। चोकसी ‘गीतांजलि जेम्स’ का संस्थापक है। वहीं, नीरव मोदी अभी भी ब्रिटेन की जेल में बंद है और भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहा है।
सूत्रों ने बताया कि इंटरपोल द्वारा चोकसी के खिलाफ रेड नोटिस हटाए जाने के बावजूद भारतीय एजेंसियों ने नया प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा, जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी संभव हो पाई। अब भारतीय एजेंसियां उसे जल्द से जल्द भारत लाने का प्रयास कर रही हैं, हालांकि बेल्जियम की अदालतों में कानूनी प्रक्रिया लंबी चल सकती है।
-
व्यापार5 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
अपराध3 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
न्याय8 months ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अनन्य2 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
अपराध3 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार2 months ago
नासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा
-
महाराष्ट्र5 years ago
31 जुलाई तक के लिए बढ़ा लॉकडाउन महाराष्ट्र में, जानिए क्या हैं शर्तें