अपराध
विकास दुबे ने कैसे लिखी अपनी बॉलीवुड-स्टाइल गिरफ्तारी की स्क्रिप्ट

उत्तरप्रदेश के दुर्दात अपराधी विकास दुबे ने आज मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में बॉलीवुड स्टाइल में सरेंडर कर दिया। दुबे ने महाकाल परिसर में संजय दत्त के खलनायक स्टाइल में ‘मैं हूं विकास दुबे कानपुरवाला’ कहते हुए सरेंडर किया। दुबे लगभग एक हफ्ते से फरार था। पुलिस उसे आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में तलाश रही थी। पुलिस ने उसे धर दबोचने के लिए हरियाणा, दिल्ली और भारत-नेपाल सीमा पर चौकसी बढ़ा दी थी। कहा जाता है कि कानपुर के रहने वाले दुबे ने सन्नी देओल के ‘अर्जुन पंडित’ से प्रभावित होकर अपराध की दुनिया में कदम रखा था और वह खुद को पंडित कहलवाना पसंद करता था।
सूत्रों के अनुसार, विकास दुबे गुरुवार सुबह करीब 8 बजे महाकाल मंदिर दर्शन करने पहुंचा। उसने सुरक्षाकर्मियों को अपने बारे में बताया और उनसे पुलिस को सूचना देने के लिए कहा।
एक वायरल हुए फोटो में, दुबे को मंदिर परिसर के अंदर एक सोफा पर आराम से बैठे देखा जा सकता है।
उत्तरप्रदेश की पुलिस ने आधिकारिक रूप से विकास दुबे की गिरफ्तारी की पुष्टि कर दी है। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने गैंगस्टर की गिरफ्तारी का क्रेडिट लेने की कोशिश की।
मिश्रा ने कहा, “हमारी पुलिस किसी को नहीं छोड़ती। हमारे जांबाज पुलिस जवानों ने उसे धर दबोचा।”
मंत्री ने कहा कि उसकी गिरफ्तारी और इससे जुड़ी जानकारी पुलिस द्वारा बाद में सार्वजनिक की जाएगी। मिश्रा ने कहा कि खुफिया एजेंसियों ने पुलिस को अलर्ट कर दिया था।
कई चैनलों द्वारा दिखाए जा रहे वीडियो क्लिप में दिख रहा है कि विकास दुबे को जब पुलिस ने पकड़ा तब वह चिल्लाते हुए बताता है कि ‘मैं विकास दुबे हूं कानपुर वाला।’
विकास को बुधवार को फरीदाबाद में देखा गया था और वह आज पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने से बचने के लिए उच्च सुरक्षा वाले महाकाल मंदिर पहुंच गया। बताया जा रहा है कि उसके गैंग के दो सदस्यों को भी गिरफ्तार किया गया है।
मध्यप्रदेश पुलिस गैंगस्टर को महाकाल पुलिस स्टेशन ले गई और उप्र पुलिस अब उसे ट्रांजिट रिमांड पर लेकर कानपुर लाना चाह रही है।
मंदिर के अधिकारियों ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि विकास ने काउंटर पर अपना नाम बताया और डोनेशन के लिए पैसे दिए। उसके बाद उसने पुलिस को सूचित करने के लिए कहा।
दुबे ने कहीं भी भागने की कोशिश नहीं की और उसके पास कोई हथियार भी नहीं था।
एक सेवानिवृत्त डीजीपी ने कहा, “यह पूर्वनियोजित सरेंडर था, क्योंकि यह स्पष्ट तौर पर दिख रहा है। विकास ने एक सप्ताह तक तीन राज्यों की पुलिस को चकमा दिया और बिना मास्क के ही मंदिर में खुद की गिरफ्तारी के लिए गया। उसको पता था कि यदि उसने यूपी पुलिस के समक्ष सरेंडर किया तो उसे मार दिया जाएगा।”
एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दुबे का सरेंडर करना पूरी तरह से पूर्व नियोजित लगता है।
उन्होंने कहा, “गैंगस्टर एक सुरक्षित राज्य में खुद को सरेंडर करना चाहता था। वह पुलिस की उपस्थिति की वजह से कोर्ट नहीं जाना चाहता था और इसलिए इसके लिए मंदिर को चुना। जब तक पुलिस कोई दूसरी गलती नहीं करती, विकास दुबे को शाारीरिक रूप से क्षति नहीं पहुंचेगी।”
दुबे के पांच सहयोगियों को पुलिस ने हालांकि मार गिराने में सफलता प्राप्त की है।
घटना के बाद ही उसके दो सहयोगी प्रेम प्रकाश और अतुल दुबे को मार गिराया गया था। वहीं अमर दुबे को बुधवार को हमीरपुर में और प्रभात व बऊवा दुबे को गुरुवार सुबह क्रमश: कानपुर और इटावा में मार गिराया गया।
सभी कथित रूप से शूटआउट में शामिल थे।
दुबे की मप्र से गिरफ्तारी यूपी स्पेशल टास्क फोर्स के लिए एक चिंताजनक बात है। एसटीएफ बुधवार तक दावा कर रही थी कि दुबे दिल्ली-एनसीआर में छुपा बैठा है, जबकि पुलिस इस बात से पुरी तरह अनजान थी कि वह फरीदाबाद से 773 किलोमीटर की यात्रा कर मध्यप्रदेश के उज्जैन तक पहुंच गया।
एसटीएफ ने विकास के पांच सहयोगियों को बेशक ढेर किया, लेकिन सभी एनकाउंटर में पुलिस ने एक ही बात कही, “हमने उन्हें रोकने की बहुत कोशिश की, लेकिन उन्होंने हमपर फायरिंग कर दी और बचाव में हमने फायरिंग की।”
अपराध
दादर पुलिस ने स्कूली छात्रा का पीछा करने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया; पोस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज

मुंबई: दादर पुलिस ने गुरुवार को 23 वर्षीय अमित केदारनाथ गुप्ता को एक किशोरी स्कूली छात्रा का पीछा करने और उसके साथ छेड़छाड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया। गुप्ता ने कथित तौर पर दादर पश्चिम के गैराज गली में तीन महीने तक पीड़िता का पीछा किया।
पुलिस में दर्ज शिकायत के अनुसार, 14 वर्षीय पीड़िता स्थानीय स्कूल में पढ़ती है और अपने घर से पैदल ही स्कूल जाती थी। गैराज गली में, आरोपी गुप्ता ने कथित तौर पर उसे बुरी नीयत से घूरना शुरू कर दिया और उसका पीछा करने लगा। शुरुआत में छात्रा ने उसकी हरकतों को नज़रअंदाज़ करने की कोशिश की।
हालांकि, जब गुप्ता ने करीब जाने की कोशिश की तो डरी हुई छात्रा ने अपने परिवार को इसकी जानकारी दी। उनकी मदद से दादर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई।
पुलिस ने 3 जुलाई को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) अधिनियम की धारा 78 और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम की धारा 12 के तहत मामला दर्ज किया और बाद में आरोपी गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी दादर इलाके का निवासी है और पुलिस गहन जांच कर रही है।
अपराध
मुंबई: अंधेरी के पान विक्रेता का अपहरण कर 43,000 रुपये की नकदी वसूलने के आरोप में दो पुलिसकर्मियों सहित चार गिरफ्तार

मुंबई: डीएन नगर पुलिस ने 26 जून को स्थानीय शस्त्र (एलए) डिवीजन के दो पुलिस कांस्टेबलों सहित चार लोगों को अंधेरी पश्चिम में एक पान दुकान विक्रेता का अपहरण करने और उससे 24 जून को 43,000 रुपये की जबरन वसूली करने के आरोप में गिरफ्तार किया।
मोहम्मद आरिफ फैजान खान, 35, की शिकायत के आधार पर पुलिस ने दो कांस्टेबलों हेमंत कापसे और सागर वाघ के साथ-साथ उनके सहयोगियों नितिन गढ़वे और चंद्रशेखर दरंडे के खिलाफ मामला दर्ज किया।
एफआईआर के अनुसार, शाम 4.45 बजे एक अर्टिगा कार खान के स्टॉल पर रुकी और कापसे और वाघ कार से उतरे और खुद को खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) का अधिकारी बताया। आरोपियों में से एक ने खान से कहा कि उन्हें उसके पास गुटखा मिला है और उसे जबरदस्ती कार में बिठा लिया और दावा किया कि वे उसे एफडीए के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस कार्यालय में ले जाकर उसके खिलाफ मामला दर्ज करेंगे।
डॉकयार्ड रोड की यात्रा के दौरान, आरोपियों ने उसे छोड़ने के लिए 3 लाख रुपए मांगे। जब खान ने कहा कि उसके पास केवल 10,000 रुपए हैं, तो उन्होंने उसे अतिरिक्त धनराशि का प्रबंध करने के लिए कहा। खान को भुगतान स्कैन के माध्यम से आकाश वाघमारे के खाते में 40,000 रुपए भेजने के लिए मजबूर किया गया।
अपराध
मुंबई: बांद्रा पुलिस ने स्कूली बच्चों के अपहरण की कोशिश करने के आरोप में दो महिलाओं पर मामला दर्ज किया

मुंबई: बांद्रा पुलिस ने गुरुवार को एक प्रतिष्ठित स्कूल के दो छात्रों का अपहरण करने की कोशिश करने के आरोप में दो महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस इस कोशिश के पीछे के मकसद का पता लगाने के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है।
हालांकि संदिग्धों की पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन पुलिस का मानना है कि यह आपसी रंजिश का मामला हो सकता है। एक अधिकारी ने बताया कि घटना बांद्रा के चैपल रोड स्थित एक कॉन्वेंट स्कूल में हुई, जहां संदिग्ध महिलाओं ने बुधवार को स्कूल काउंटर पर आवेदन जमा किया था।
पत्र में महिला ने पांच और सात साल के दो नाबालिग भाइयों को स्कूल से ले जाने की अनुमति मांगी और दावा किया कि वे उनकी दादी और चाची हैं। हालांकि, स्कूल के कर्मचारियों को संदेह हुआ और उन्होंने बच्चों के रिश्तेदारों को सत्यापन के लिए बुलाया। बच्चों के असली माता-पिता ने दोनों महिलाओं के बारे में कोई जानकारी देने या उनकी पहचान बताने से इनकार कर दिया।
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