राजनीति
ममता सरकार से हल्के गतिरोध के बाद भारत-बांग्लादेश सीमा पर व्यापार अब शुरू

पश्चिम बंगाल सरकार ने बेनापोल लैंड पोर्ट के जरिए जाशोर तक बांग्लादेशी वस्तुओं को आने की अनुमति दे दी है। बांग्लादेश के निर्यातकों द्वारा भारतीय वस्तुओं के आयात को बंद करने के तीन दिन बाद यह अनुमति दी गई।
बेनापोल-पेट्रापोल लैंड पोर्ट के माध्यम से बांग्लादेश व भारत में निर्यात और आयात गतिविधियां रविवार शाम को फिर से शुरू हुईं। बांग्लादेशी निर्यातकों की हड़ताल के तीन दिन बाद यह व्यापार शुरू हुआ है। स्थानीय निर्यातकों का कहना है कि भारत द्वारा अपना माल बांग्लादेश भेजने लेकिन बांग्लादेशी सामान के आयात को रोकने के फैसले की जवाबी कार्रवाई में उन्होंने हड़ताल की।
बेनापोल लैंड पोर्ट पर व्यापारिक संगठनों ने भारतीय वस्तुओं के आयात पर एक जुलाई को रोक लगा दी थी। इन्होंने भारतीय पक्ष पर बांग्लादेशी निर्यात वस्तुओं के प्रवेश को अनुमति देने से इनकार का आरोप लगाया था।
बांग्लादेश के विदेश मंत्री, ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग, बेनापोल के सीमा शुल्क अधिकारी, बेनापोल भूमि बंदरगाह प्राधिकरण और दोनों देशों के व्यापारिक संगठन रविवार को सुलह के लिए सामने आए। परिणामस्वरूप, भारतीय सामान से लदे पांच ट्रकों ने बांग्लादेश में प्रवेश किया, जबकि शाम को निर्यात वस्तुओं वाले पांच बांग्लादेशी ट्रकों ने भारत में प्रवेश किया।
बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए. के. अब्दुल मोमन ने कहा कि पश्चिम बंगाल राज्य सरकार के साथ लंबी बातचीत के बाद बेनापोल-पेट्रापोल भूमि बंदरगाह के माध्यम से भारत-बांग्लदेश व्यापार फिर से शुरू हुआ।
बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने एक वीडियो ब्रीफिंग में कहा, “हमने, भारत और बांग्लादेश की सरकारों ने, मिलकर फैसला किया कि हम अपना व्यापार जारी रखेंगे। लेकिन, पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा लगाए गए अचानक प्रतिबंध के कारण हमारा व्यापार रोक दिया गया।”
उन्होंने कहा, “बीती 23 मार्च से हमारे देश से माल ले जाने वाले किसी भी ट्रक को पेट्रापोल-बेनापोल पोर्ट लैंड के माध्यम से प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई। जबकि, बांग्लादेशी उत्पाद हमेशा की तरह त्रिपुरा और भारत के अन्य स्थानों पर जा रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “केवल पश्चिम बंगाल सरकार ने यह बात कही कि लॉकडाउन के कारण वे किसी भी ट्रक को बांग्लादेश जाने नहीं देंगे।”
मोमन ने कहा, “ममता बनर्जी सरकार ने कहा था कि अगर कोई भारतीय ट्रक बांग्लादेश में प्रवेश करता है, तो ड्राइवर को अनुमति नहीं दी जाएगी, केवल उत्पादों को दी जाएगी। लिहाजा, ड्राइवर सामान लेकर बांग्लादेश नहीं आए।”
विदेश मंत्री ने कहा, “फिर यह तय किया गया कि ड्राइवर बांग्लादेश में प्रवेश नहीं करेंगे। वे सिर्फ अपना माल उतारेंगे जिन्हें बांग्लादेशी ट्रकों में अपलोड किया जाएगा। इस तरह से भारतीय माल का आयात किया जाएगा। लेकिन यह काफी महंगा साबित हुआ। इसके अलावा एक दिन में 4-5 से अधिक ट्रक से माल नहीं उतारे जा सके। इस कारण इस व्यवस्था को छोड़ दिया गया।”
उन्होंने कहा कि लंबी चर्चा के बाद, रेल द्वारा माल ले जाने का निर्णय लिया गया और रेल से माल आ रहा है।
मोमन ने कहा, “इस बीच भारतीय सामान पेट्रापोल लैंड पोर्ट की सीमा पर आ रहे थे, हमें कोई आपत्ति नहीं थी। यह जारी रहा।”
मोमन ने कहा, “लेकिन, पश्चिम बंगाल सरकार ने हमारे ट्रक को पेट्रापोल लैंड पोर्ट में प्रवेश नहीं करने दिया। लॉकडाउन के कारण बांग्लादेश के निर्यात को रोक दिया गया जिससे सी एंड एफ एजेंट परेशान हो गए।”
चूंकि, बांग्लादेश के व्यापारियों को बहुत नुकसान हो रहा था, इसलिए उन्होंने भारतीय पक्ष द्वारा बांग्लादेशी निर्यात वस्तुओं को रोके जाने के विरोध में बांग्लादेश में भारतीय वस्तुओं के आयात को रोक दिया।
मोमन ने कहा, “हमने पश्चिम बंगाल के नीति निर्माताओं के साथ लंबी चर्चा की। आखिरकार एक समझौता हुआ और अब बेनापोल-पेट्रापोल भूमि बंदरगाह से दोनों देशों के लिए माल ढुलाई शुरू हो गई है।”
राजनीति
अंतिम सुनवाई के बाद भी लगे कि वक्फ कानून असंवैधानिक है तो कोर्ट इसे रद्द कर सकता है : सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता

suprim court
नई दिल्ली, 22 मई। सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को भी नए वक्फ कानून को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की बेंच के सामने केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलीलें रखीं।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने किसी भी तरह के अंतरिम आदेश का विरोध करते हुए दलील दी कि अगर अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट को लगता है कि कानून असंवैधानिक है तो कोर्ट इसे रद्द कर सकता है। लेकिन, अगर कोर्ट अंतरिम आदेश से कानून पर रोक लगाता है और इस दौरान कोई संपत्ति वक्फ को चली जाती है, तो उसे वापस पाना मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि वक्फ अल्लाह का होता है और एक बार जो वक्फ हो गया, उसे पाना आसान नहीं होगा।
सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कहा, “वक्फ बनाना और वक्फ को दान देना दोनों अलग हैं। यही कारण है कि मुसलमानों के लिए 5 साल की प्रैक्टिस की जरूरत रखी गई है, ताकि वक्फ का इस्तेमाल किसी को धोखा देने के लिए न किया जाए।”
तुषार मेहता ने सर्वोच्च अदालत को बताया कि मान लीजिए कि मैं हिंदू हूं और मैं वक्फ के लिए दान करना चाहता हूं, तो भी वक्फ को दान दिया जा सकता है।
सॉलिसिटर जनरल ने ट्राइबल एरिया का जिक्र करते हुए कहा, “ट्राइबल इलाकों में वक्फ संपत्तियों के बढ़ने के मामले में कोई आम व्यक्ति वहां जमीन नहीं खरीद सकता, क्योंकि राज्य का कानून इसकी अनुमति नहीं देता। लेकिन, अगर वही व्यक्ति वक्फ करना चाहे तो वक्फ करने के बाद मुतवल्ली (ट्रस्टी या देखभाल करने वाला) जो चाहे कर सकता है। यह व्यवस्था इतनी खतरनाक है, जिस पर रोक लगाए जाने की जरूरत है।”
तुषार मेहता ने बेंच के सामने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट अपने एक फैसले में कह चुका है कि संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत वक्फ अपने आप में राज्य है। ऐसे में यह दलील नहीं दी जा सकती कि इसमें किसी एक संप्रदाय के लोग ही शामिल होंगे।
बता दें कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बुधवार को सरकार का पक्ष रखते हुए कहा था कि ट्रस्ट की जमीन को सरकार सभी नागरिकों के लिए सुनिश्चित करना चाहती है।
तुषार मेहता ने कहा था, “वक्फ कानून 2013 के संशोधन से पहले अधिनियम के सभी संस्करणों में कहा गया था कि केवल मुसलमान ही अपनी संपत्ति वक्फ कर सकते हैं। लेकिन, 2013 के आम चुनाव से ठीक पहले एक संशोधन किया गया था, जिसके मुताबिक कोई भी अपनी संपत्ति वक्फ कर सकता है।”
इससे पहले, मंगलवार को सुनवाई के दौरान सीजेआई बीआर गवई ने खजुराहो के एक मंदिर का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि वह मंदिर पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है और फिर भी लोग वहां जाकर पूजा कर सकते हैं। इस पर कपिल सिब्बल ने दलील दी कि नया कानून कहता है कि अगर यह एएसआई संरक्षित क्षेत्र है तो यह वक्फ नहीं हो सकता है।
इस पर कपिल सिब्बल ने दलील दी थी कि नया कानून कहता है कि अगर यह एएसआई संरक्षित क्षेत्र है तो यह वक्फ नहीं हो सकता है।
राष्ट्रीय समाचार
दिल्ली-एनसीआर में आईएसआई की आतंकी साजिश नाकाम, दो जासूस गिरफ्तार

नई दिल्ली, 22 मई। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने दिल्ली और एनसीआर में बड़े आतंकी हमले की पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की साजिश को नाकाम कर दिया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गुरुवार को तीन महीने के गुप्त ऑपरेशन के बाद दो जासूसों को गिरफ्तार किया, जिनमें एक नेपाली मूल का पाकिस्तानी नागरिक और दूसरा भारतीय है। इस ऑपरेशन से देश की सुरक्षा को बड़ा खतरा टल गया।
सुरक्षा एजेंसियों को जनवरी में खुफिया जानकारी मिली थी कि आईएसआई ने भारत में हमले की साजिश रची है और इसके लिए एक पाकिस्तानी जासूस को नेपाल के रास्ते भारत भेजा गया है। इस जानकारी के आधार पर दिल्ली पुलिस ने जनवरी से मार्च तक गुप्त ऑपरेशन चलाया। 15 फरवरी को सेंट्रल दिल्ली से स्पेशल सेल ने पाकिस्तानी जासूस अंसारुल मियां अंसारी को गिरफ्तार किया, जब वह नेपाल के रास्ते पाकिस्तान वापस जाने की कोशिश कर रहा था। अंसारुल के पास से भारतीय सेना से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बरामद किए गए।
जांच में पता चला कि अंसारुल नेपाली मूल का है, लेकिन वह 2008 से कतर में टैक्सी चला रहा था। वहीं उसका आईएसआई से संपर्क हुआ। जून 2024 में वह रावलपिंडी पहुंचा और अपने पाकिस्तानी हैंडलर से मिलकर भारत में जासूसी और हमले की योजना बनाई। अंसारुल को भारतीय सेना की खुफिया जानकारी जुटाने की जिम्मेदारी दी गई थी।
इसके बाद मार्च में रांची के रहने वाले अखलाक आजम को गिरफ्तार किया गया, जो अंसारुल का सहयोगी था। दोनों जासूस लगातार पाकिस्तानी हैंडलर के संपर्क में थे। सुरक्षा एजेंसियों ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है।
यह ऑपरेशन भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और समन्वय का परिणाम है। इस सफलता ने न केवल आतंकी साजिश को नाकाम किया, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा को और मजबूत करने का संदेश भी दिया है।
राजनीति
‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र कर पीएम मोदी बोले, ‘22 अप्रैल का बदला 22 मिनट में लिया’

बीकानेर, 22 मई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राजस्थान के बीकानेर में एक सभा को संबोधित करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि हमने 22 अप्रैल का बदला 22 मिनट में ले लिया।
पीएम मोदी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, “22 अप्रैल के हमले के जवाब में हमने 22 मिनट में आतंकियों के 9 सबसे बड़े ठिकाने तबाह कर दिए। दुनिया ने और देश के दुश्मनों ने भी देख लिया है कि जब सिंदूर बारूद बन जाता है तो नतीजा क्या होता है।”
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ने तीनों सेनाओं को खुली छूट दी। तीनों सेनाओं ने मिलकर ऐसा चक्रव्यूह रचा कि पाकिस्तान को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया। राजस्थान की ये वीर धरा हमें सिखाती है कि देश और देशवासियों से बड़ा और कुछ नहीं है। 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने धर्म पूछकर हमारी बहनों की मांग का सिंदूर उजाड़ दिया था। वो गोलियां पहलगाम में चली थी, लेकिन उन गोलियों से 140 करोड़ देशवासियों का सीना छलनी हुआ था। इसके बाद हर देशवासी ने एकजुट होकर संकल्प लिया था कि आतंकवादियों को मिट्टी में मिला देंगे। उन्हें कल्पना से भी बड़ी सजा देंगे। आज आपके आशीर्वाद से देश की सेना के शौर्य से हम सब उस प्रण पर खरे उतरे हैं।”
प्रधानमंत्री ने आतंकवाद से निपटने के लिए तीन सूत्रों पर भी बात की। पीएम मोदी ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवाद से निपटने के तीन सूत्र तय कर दिए हैं। पहला- भारत पर आतंकी हमला हुआ तो करारा जवाब मिलेगा। समय हमारी सेनाएं तय करेंगी, तरीका भी हमारी सेनाएं तय करेंगी और शर्तें भी हमारी होंगी। दूसरा- एटम बम की गीदड़ भभकियों से भारत डरने वाला नहीं है। तीसरा- हम आतंक के आकाओं और आतंक की सरपरस्त सरकार को अलग-अलग नहीं देखेंगे, उन्हें एक ही मानेंगे। पाकिस्तान का ये खेल अब नहीं चलेगा।”
पीएम मोदी ने पाकिस्तान को भारी कीमत चुकाने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अब भारत ने दो टूक साफ कर दिया है कि हर आतंकी हमले की पाकिस्तान को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। ये कीमत पाकिस्तान की सेना और वहां की अर्थव्यवस्था चुकाएगी। पाकिस्तान ने अगर आतंकियों को एक्सपोर्ट करना जारी रखा तो उसको पाई-पाई के लिए मोहताज होना होगा। पाकिस्तान को भारत के हक का पानी नहीं मिलेगा। भारतीयों के खून से खेलना पाकिस्तान को अब महंगा पड़ेगा।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि ये संयोग ही है कि 5 साल पहले जब बालाकोट में देश ने एयर स्ट्राइक की थी, उसके बाद मेरी पहली जनसभा राजस्थान में ही सीमा पर हुई थी। वीरभूमि का ही ये तप है कि ऐसा संयोग बन जाता है। अब इस बार जब ऑपरेशन सिंदूर हुआ, तो उसके बाद मेरी पहली जनसभा फिर यहां बीकानेर में आप सभी के बीच हो रही है।
उन्होंने आगे कहा, “एयर स्ट्राइक के बाद मैं जब चुरू आया था, तो मैंने कहा था कि “सौगंध मुझे इस मिट्टी की, मैं देश नहीं मिटने दूंगा, मैं देश नहीं झुकने दूंगा।” आज मैं राजस्थान की धरती से देशवासियों से बड़ी नम्रता से कहना चाहता हूं कि जो सिंदूर मिटाने निकले थे, उन्हें मिट्टी में मिलाया गया है। जो हिंदुस्तान का लहू बहाते थे, आज कतरे-कतरे का हिसाब चुकाया है। जो सोच चुके थे कि भारत चुप रहेगा, आज वो घरों में दुबके पड़े हैं। जो अपने हथियारों पर घमंड करते थे, आज वो मलबे के ढेर में दबे हुए हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “ये शोध-प्रतिशोध का खेल नहीं, ये न्याय का नया स्वरूप है। ये ‘ऑपरेशन सिंदूर’ है। ये सिर्फ आक्रोश नहीं है, ये समग्र भारत का रौद्र रूप है। ये भारत का नया स्वरूप है। पहले घर में घुसकर वार किया था, अब सीधा सीने पर प्रहार किया है। आतंक का फन कुचलने की यही नीति है, यही रीति है। यही भारत है, नया भारत है।”
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