व्यापार
ओला ने दुनिया भर में पेश किया अपना ‘टिपिंग’ फीचर

भारत का अग्रणी मोबिलिटी प्लेटफॉर्म और दुनिया की सबसे बड़ी राइड-हेलिंग कंपनियों में से एक, ओला ने एक ग्लोबल फीचर की शुरूआत की है। इसमें ग्राहकों को ये सुविधा मिलती है कि वे राइड का सुरक्षित और शानदार अनुभव देने वाले अपने ड्राइवर के प्रति आभार जता सकें और उसे अपनी तरफ से कुछ ईनाम दे सकें। ओला ऐप के इस नए ‘टिपिंग’ फीचर की मदद से ग्राहक राइड का बेहतरीन अनुभव देने के लिए ड्राइवर की प्रतिबद्धता के टोकन के तौर पर और उसे प्रोत्साहन देने के लिए उसे अपनी तरफ से टिप दे सकते हैं। यह फीचर भारत, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और यूनाइटेड किंगडम के ओला ग्राहकों के लिए शुरू किया गया है।
देश भर में प्रतिबंधों में दी गई ढील के बाद ओला प्लेटफॉर्म से जुड़े ड्राइवर सुरक्षित, साफ-सुथरी और बेहतरीन राइड देने के लिए बिल्कुल तैयार हैं। एक व्यापक सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने और हर ट्रिप के बाद अपनी कार को सैनिटाइज करने के अलावा ड्राइवर खुद को और अपने परिवारों को सुरक्षित रखने के लिए निजी तौर पर अतिरिक्त सावधानी बरतने लगे हैं।
ऐसे में, ओला ऐप के टिपिंग फीचर से ग्राहकों को अपने ड्राईवरों के अतिरिक्त प्रयासों को पुरस्कृत करने का अवसर मिलेगा। साथ ही, यह ड्राईवरों की कमाई बढ़ाने में उनकी तरफ से एक योगदान भी होगा। ग्राहक अपनी इच्छा से ड्राईवरों को टिप देने का विकल्प चुन सकते हैं। यह पूरी राशि ड्राइवरों की नियमित कमाई के साथ सीधे उनके बैंक खाते में जाएगी।
बारे में जागरुकता फैलाने के लिए, ओला ने एक सोशल मीडिया अभियान भी लॉन्च किया है। इसके जरिये उन ड्राईवरों की पहचान और उन्हें पुरस्कृत किया जाता है, जो राइड का शानदार अनुभव देने के लिए अतिरिक्त प्रयासों के साथ अपनी ड्यूटी करते हैं।
ओला के प्रवक्ता आनंद सुब्रमण्यिन कहते हैं, “महामारी की शुरूआत से ही, हमारे ड्राइवर-पार्टनर्स ने अपनी जिंदगी की चुनौतियों की परवाह न करते हुए सभी जरूरतमंदों को यात्रा की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कड़ी मेहनत की है। सेवाओं के बहाल होने के बाद से उन्होंने खुद अपने प्रयासों से ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए उन्हें यात्रा का एक आरामदायक अनुभव दिया है। ऐसी बेहतर सेवाओं को ईनाम से जोड़ते हुए हम ग्राहकों को हमसे जुड़ने के लिए आमंत्रित करते हैं कि वे इस मुश्किल वक्त में ड्राईवरों को प्रोत्साहन और उनको शाबासी देने की मुहिम में हमारा साथ दें। इस नए फीचर से न केवल ड्राईवरो को अतिरिक्त कमाई का अवसर मिलेगा, बल्कि यह भी प्रदर्शित होगा कि ग्राहकों की तरफ से सद्भावना भरा एक छोटा-सा प्रोत्साहन हमारे ड्राईवरों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा।”
आज से ही, कैशलेस टिपिंग का यह फीचर पेमेंट के आखिरी चरण में दिखाई देने लगेगा। इससे ग्राहकों के सामने एक निश्चित राशि या फिर अपनी इच्छानुसार टिप देने का विकल्प होगा, जो इन ड्राईवरों के लिए अतिरिक्त कमाई का जरिया होगा। सभी श्रेणियों में उपलब्ध इस नए फीचर से ओला के 25 लाख से ज्यादा वाले ड्राइवर समुदाय को फायदा पहुंचेगा।
गौरतलब है कि इसी वर्ष अप्रैल में ओला इमरजेंसी को लॉन्च किया गया था। इस सुविधा के तहत भारत के 25 शहरों में घरों से अस्पतालों व अस्पतालों से घरों तक की आवश्यक मेडिकल ट्रिप लोगों को उपलब्ध कराई गई थी। इस स्पेशल सर्विस के तहत पूरे देश में सैकड़ों ड्राइवरों ने तमाम चुनौतियों के बावजूद सुरक्षा और साफ-सफाई के उच्चतम मानकों का पालन करते हुए लोगों को आवश्यक सेवाएं प्रदान कीं।
व्यापार
सीबीआईसी ने जीएसटी रजिस्ट्रेशन की प्रोसेसिंग के लिए जारी किए संशोधित दिशानिर्देश

नई दिल्ली, 18 अप्रैल। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने शुक्रवार को जीएसटी रजिस्ट्रेशन आवेदनों की प्रोसेसिंग के लिए अधिकारियों को संशोधित निर्देश जारी किए हैं, इससे करदाताओं पर अनुपालन का बोझ कम होगा और नियम-आधारित पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।
सरकार के इस कदम को व्यापार में आसानी करने के एक प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।
जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के दौरान आवेदकों को होने वाली परेशानियों को लेकर राजस्व विभाग (सीबीआईसी) को कई शिकायतें प्राप्त हुई हैं।
ये शिकायतें मुख्य रूप से जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के दौरान अधिकारियों की ओर से मांगे जाने वाले अतिरिक्त दस्तावेजों को लेकर थीं।
शिकायतों का निवारण करने और जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्रोसेस को आसान बनाने के लिए सीबीआईसी ने नये दिशानिर्देश जारी किए हैं।।
वित्त मंत्रालय ने कहा, “अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे रजिस्ट्रेशन आवेदन पत्र में दिए गए दस्तावेजों की निर्धारित सूची का सख्ती से पालन करें। नए निर्देशों में विशिष्ट मामलों की स्थिति में रजिस्ट्रेशन आवेदन पत्र के साथ अपलोड किए जाने वाले आवश्यक दस्तावेजों की भी जानकारी दी गई है।”
मीडिया ने अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे छोटी-मोटी विसंगतियों या ऐसे अतिरिक्त दस्तावेजों के आधार पर नोटिस जारी न करें, जो आवेदनों के प्रोसेसिंग के लिए आवश्यक नहीं हैं।
इसके अतिरिक्त सरकारी एजेंसी ने कहा है कि विशिष्ट मामलों में संबंधित उप/सहायक आयुक्त से अनुमोदन लेने का भी निर्देश दिया गया है, जहां सूचीबद्ध दस्तावेजों के अलावा अन्य दस्तावेज मांगे जाने की आवश्यकता है।
मीडिया की ओर से मुख्य आयुक्तों को सलाह दी गई है कि वे जहां भी आवश्यक हो, बारीकी से निगरानी रखें और जरूरी ट्रेड नोटिस जारी करने के लिए सिस्टम विकसित करें।
साथ ही, यह भी सलाह दी गई है कि इन निर्देशों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
मंत्रालय ने कहा, “इससे जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्राप्त करने की प्रक्रिया में और सुविधा होगी, अनुपालन बोझ कम होगा और व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा मिलेगा।”
व्यापार
यूएस रेसिप्रोकल पर टैरिफ 90 दिनों की रोक से हरे निशान में खुला शेयर बाजार

नई दिल्ली, 11 अप्रैल। भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत शुक्रवार को हरे निशान में हुई। सुबह 9:38 पर सेंसेक्स 1,349 अंक या 1.83 प्रतिशत की बढ़त के साथ 75,196 और निफ्टी 444 अंक की तेजी के साथ 22,843 पर था।
बाजार में तेजी की वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रेसिप्रोकल टैरिफ पर 90 दिनों के लिए रोक लगाना है। वहीं, 10 अप्रैल को महावीर जयंती की छुट्टी के कारण बाजार इस खबर पर प्रतिक्रिया नहीं दे पाया था, जिसके कारण आज बाजार में तेजी देखने को मिल रही है।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप भी हरे निशान में हैं। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 899 अंक या 1.81 प्रतिशत की तेजी के साथ 50,481 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 311 अंक या 2.04 प्रतिशत की बढ़त के साथ 15,568 पर था।
सेक्टोरल आधार पर ऑटो, फार्मा, एफएमसीजी, मेटल, रियल्टी, मीडिया, प्राइवेट बैंक और इन्फ्रा के साथ करीब सभी इंडेक्स हरे निशान में हैं।
सेंसेक्स में टाटा मोटर्स, सन फार्मा, टाटा स्टील, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, बजाज फिनसर्व, अदाणी पोर्ट्स, बजाज फाइनेंस, इटरनल, एमएंडएम, पावर ग्रिड टॉप गेनर्स थे। वहीं, टीसीएस और एशियन पेंट्स ही लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।
एशिया के ज्यादातर बाजारों में गिरावट के साथ कारोबार हो रहा था। टोक्यो, हांगकांग, बैंकॉक और सोल लाल निशान में थे, जबकि जकार्ता और शंघाई हरे निशान में थे। गुरुवार के कारोबारी सत्र में अमेरिकी शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट हुई। डाओ 2.50 प्रतिशत और नैस्डैक 4.31 प्रतिशत फिसलकर बंद हुआ।
भारतीय रुपया बुधवार के 86.69 के पिछले बंद स्तर के मुकाबले शुक्रवार को 51 पैसे बढ़कर 86.18 प्रति डॉलर पर खुला। वहीं, शुक्रवार को सोना पहली बार 3,200 डॉलर प्रति औंस के महत्वपूर्ण स्तर को पार कर एक नए उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जिसका कारण कमजोर डॉलर और बढ़ते व्यापार युद्ध था, जिसके कारण निवेशक सुरक्षित संपत्तियों में निवेश कर रहे हैं।
व्यापार
सेंसेक्स 1,000 अंक से अधिक फिसला, आईटी और फाइनेंशियल शेयरों में बिकवाली

मुंबई, 1 अप्रैल। भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार के कारोबारी सत्र में बड़ी बिकवाली देखने को मिल रही है। आईटी और फाइनेंशियल शेयरों में गिरावट के चलते सुबह 11:26 पर सेंसेक्स 1,122.60 अंक या 1.45 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 76,292.32 और निफ्टी 285.80 अंक या 1.22 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,233 पर था।
बाजार में गिरावट की वजह 2 अप्रैल से अमेरिकी द्वारा अपने ट्रेडिंग पार्टनर देशों पर लगाए जाने वाले जवाबी टैरिफ को माना जा रहा है।
सेंसेक्स में इंडसइंड बैंक, जोमैटो, नेस्ले, आईटीसी और भारती एयरटेल टॉप गेनर्स थे। बजाज फिनसर्व, इन्फोसिस, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, बजाज फाइनेंस, एचसीएल टेक, टीसीएस और सन फार्मा टॉप लूजर्स थे।
लार्जकैप के साथ-साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी बिकवाली देखी जा रही है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 359.10 अंक या 0.69 प्रतिशत की गिरावट के साथ 51,313.35 पर और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 99.35 अंक या 0.61 प्रतिशत की गिरावट के साथ 15,997.15 पर था।
कैपिटलमाइंड रिसर्च के कृष्ण अप्पाला के अनुसार, वैश्विक चुनौतियों के बीच निवेशक सतर्क बने हुए हैं। बाजार के लिए संभावित टैरिफ घोषणाएं और उनके आर्थिक नतीजों से सेंटीमेंट प्रभावित होना प्रमुख चिंताएं बनी हुई हैं।”
सेक्टोरल आधार पर निफ्टी आईटी इंडेक्स में 2 प्रतिशत से अधिक की गिरावट हुई।
इसके अलावा निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा, मेटल, रियलिटी और ऑटो समेत करीब सभी इंडेक्स लाल निशान में थे।
एशिया के करीब सभी बाजार हरे निशान में बने हुए हैं। शंघाई, टोक्यो, सोल, बैंकॉक और हांगकांग के बाजारों में तेजी है। अमेरिकी बाजार सोमवार को सात महीनों के निचले स्तर से रिकवर करके एक प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुए थे।
लगातार छह सत्रों तक खरीदारी करने के बाद शुक्रवार को विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) ने इक्विटी में 4,352 करोड़ रुपये की बिकवाली की। दूसरी तरफ, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 7,646 करोड़ रुपये का इक्विटी में निवेश किया।
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