राजनीति
भारत को विनिर्माण हब बनाने प्रधानमंत्री ने मंत्रियों से मांगे विचार
चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रिपरिषद से देश को वैश्विक विनिर्माण केंद्र में बदलने के लिए यथार्थवादी विचार (आइडिया) मांगे हैं।
प्रधानमंत्री ने मंत्रियों को ऐसे मूल और यथार्थवादी विचारों को पेश करने के लिए कहा है, जो औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने और रोजगार पैदा करने के लिए एक नीति में बदल सके।
प्रधानमंत्री ने 20 जून की शाम पांच बजे शुरू हुई 165 मिनट की अपनी वर्चुअल (वीडियो कांफ्रेंस) बातचीत में मंत्रियों को अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने के लिए कहा।
इस दौरान मोदी ने चीन के साथ ही विनिर्माण चुनौतियों के बारे में बातचीत की। वार्ता के लिए वर्चुअल प्लेटफॉर्म को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा स्थापित किया गया था।
रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री सहित कुछ मंत्री इस बातचीत में मौजूद नहीं थे।
मंत्रियों को 19 जून को बातचीत के एजेंडे के बारे में बताया गया था। उस दौरान प्रधानमंत्री ने मंत्रियों को योग्य सुझावों पर अपनी प्रस्तुतियां (प्रेजेंटेशन) देने के लिए कहा, मगर एक मंत्री को छोड़कर बाकी किसी की भी प्रेजेंटेशन तैयार नहीं थी।
इस बैठक के बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों ने आईएएनएस को यह जानकारी दी है।
सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस संबंध में ज्यादा कुछ नहीं करने के लिए कुछ मंत्रियों की खिंचाई भी की। उन्होंने कहा कि मंत्री कोई राजा या रानी नहीं हैं और न ही वे राजसी सत्ता में हैं। उन्होंने कहा कि सभी (मंत्रियों) ने इस स्थिति तक पहुंचने के लिए वर्षों से जमीनी स्तर पर संघर्ष किया है और अभी तक कोई भी नवीन विचार सामने नहीं आ रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि वह विभागों, मंत्रालयों या नौकरशाहों से विचार नहीं चाहते हैं और मंत्रियों को अपने स्वयं के मूल और यथार्थवादी विचारों के साथ आने को कहा गया है, जिन्हें लागू किया जा सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि नौकरशाह अपने पहले कार्यकाल के दौरान शासन के नए विचारों और आईडिया से कैसे विमुख हैं। उन्होंने मंत्रियों से नौकरशाहों के शब्दों को अंतिम शब्द (फाइनल वर्डस) के रूप नहीं लेने के लिए भी कहा।
यह इंगित करते हुए कि भारत के वर्तमान आर्थिक विकास का प्रमुख चालक सेवा क्षेत्र है, प्रधानमंत्री ने उन्हें ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा कि देश को वैश्विक विनिर्माण केंद्र कैसे बनाया जाए।
बाद में 25 जून को कुछ मंत्री प्रधानमंत्री के निवास पर गए और सुबह 11 बजे से 12.30 बजे के बीच उन्होंने अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने वे सुझाव और विचार प्रस्तुत किए कि भारत कैसे एक विनिर्माण केंद्र बन सकता है।
चीन के खिलाफ अविश्वास बढ़ रहा है और सरकार व्यापार निर्भरता को कम करना चाहती है। प्रधानमंत्री ने देश को विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए भारत को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया है।
राष्ट्रीय समाचार
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई गहरी चिंता, 1 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई

suprim court
नई दिल्ली, 27 नवंबर: दिल्ली-एनसीआर में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। इस मामले पर 1 दिसंबर यानी सोमवार को सुनवाई का निर्णय लिया गया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि हवा की गुणवत्ता की समस्या गंभीर है और इसे तुरंत हल करने की दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
एमिकस क्यूरी अपराजिता सिंह ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बहुत गंभीर है और इसे एक स्वास्थ्य आपातकाल (हेल्थ इमरजेंसी) के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सामान्य नागरिकों की जान और स्वास्थ्य दोनों खतरे में हैं।
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत ने इस मुद्दे पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “क्या किसी भी ज्यूडिशियल फोरम के पास कौन सी जादू की छड़ी है, जिसे घुमा कर यह समस्या खत्म हो सके? मुझे पता है कि यह दिल्ली-एनसीआर के लिए खतरनाक समय है। हमें बताएं कि हम क्या आदेश दे सकते हैं ताकि लोगों को तुरंत साफ हवा मिल सके।”
सीजेआई ने आगे कहा कि प्रदूषण के पीछे कोई एक कारण नहीं है और इसे केवल विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों पर छोड़ देना सही नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हमें सभी कारणों की पहचान करनी होगी। हर इलाके के लिए अलग समाधान की जरूरत है। इसके लिए सरकार की बनाई कमेटियों और उनके कामकाज की भी समीक्षा करनी होगी। साथ ही रेगुलर मॉनिटरिंग की प्रक्रिया को मजबूत करना जरूरी है।
सीजेआई सूर्यकांत ने यह भी कहा कि प्रदूषण के मामले पर नियमित सुनवाई होनी चाहिए। उन्होंने नोट किया कि अक्सर दीपावली के समय प्रदूषण से संबंधित मामलों पर सुनवाई होती है, लेकिन उसके बाद यह मामले की लिस्ट से गायब हो जाता है। ऐसे मामलों में निरंतर निगरानी और नियमित सुनवाई आवश्यक है ताकि ठोस और प्रभावी निर्णय लिए जा सकें।
अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 1 दिसंबर को अगली सुनवाई की तारीख तय की है और इस दौरान यह देखा जाएगा कि तत्काल और दीर्घकालिक उपाय क्या किए जा सकते हैं। कोर्ट की यह पहल नागरिकों की सेहत और दिल्ली-एनसीआर की हवा की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में बढ़ता प्रदूषण न सिर्फ श्वसन रोगों को बढ़ाता है, बल्कि बच्चों, बुजुर्गों और अस्वस्थ लोगों के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न करता है। सुप्रीम कोर्ट की इस सक्रिय भूमिका से उम्मीद जताई जा रही है कि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए ठोस रणनीति तैयार की जाएगी।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
ट्रंप ने नेशनल गार्ड्स पर हमले को बताया ‘आतंकी कृत्य’, वाशिंगटन में 500 और सैनिकों को भेजने का दिया आदेश

TRUMP
वाशिंगटन, 27 नवंबर: अमेरिका के वाशिंगटन में व्हाइट हाउस के पास हुई गोलीबारी में दो नेशनल गार्ड्समैन गंभीर रूप से घायल हो गए। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले को ‘आतंकवादी कृत्य’ बताया। राष्ट्रपति ट्रंप ने वाशिंगटन में 500 और सैनिकों को भेजने का आदेश दिया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने बुधवार शाम (स्थानीय समय) देश को संबोधित करते हुए कहा, “यह घिनौना हमला बुराई, नफरत और आतंक का काम था। यह देश और इंसानियत के खिलाफ एक जुर्म था।”
उन्होंने आगे कहा कि हिरासत में लिया गया संदिग्ध व्यक्ति अफगानिस्तान से हमारे देश में आया है, जो धरती पर एक नरक है।” इसके साथ ही उन्होंने हमलावर को शरणार्थी स्टेटस के तहत देश में आने देने के लिए पिछली बाइडेन सरकार को दोषी ठहराया।
इससे पहले अमेरिकी मीडिया ने कथित शूटर की पहचान रहमानुल्लाह लकनवाल के रूप में की थी। वह एक अफगानिस्तानी नागरिक है, जो 2021 में देश में आया था। राष्ट्रपति ट्रंप ने बाइडेन सरकार के तहत अफगानिस्तान से अमेरिका में आए हर एक नागरिक की फिर से जांच करने का भी वादा किया।
उन्होंने आगे कहा, “हमें अब अफगानिस्तान से हमारे देश में आए हर एक नागरिक की फिर से जांच करनी चाहिए, और हमें किसी भी देश से किसी भी नागरिक को हटाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने चाहिए जो यहां का नहीं है या हमारे देश को फायदा नहीं पहुंचाता है। अगर वे हमारे देश से प्यार नहीं कर सकते तो हम उन्हें नहीं चाहते हैं।”
ट्रंप ने वाशिंगटन शहर की सुरक्षा में मदद के लिए 500 और सैनिकों की तैनाती की भी घोषणा की। गोलीबारी व्हाइट हाउस से 500 मीटर से भी कम दूरी पर हुई। पश्चिमी वर्जीनिया से वाशिंगटन में तैनात दो नेशनल गार्ड की हालत अभी भी गंभीर है।
अभी वाशिंगटन में लगभग 2,400 नेशनल गार्ड तैनात हैं, जिनमें डीसी डीसी नेशनल गार्ड के लगभग 958 और आठ दूसरे राज्यों के लगभग 1,300 सैनिक शामिल हैं।
एक घंटे पहले ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर लिखा, “मैं ठीक रात 9:15 बजे हमारे ग्रेट नेशनल गार्ड योद्धाओं पर हुए भयानक हमले पर बोलूंगा। इस मामले पर ध्यान देने के लिए आपका धन्यवाद। भगवान अमेरिका को आशीर्वाद दें!”
महाराष्ट्र
मुंबई मौसम अपडेट: धूप खिलने के बावजूद शहर धुंध से घिरा; कुल AQI 250 के साथ अस्वस्थ श्रेणी में

मुंबई: गुरुवार की सुबह मुंबई में हल्की और ठंडी सुबह हुई, जहाँ न्यूनतम तापमान 23°C से थोड़ा नीचे चला गया। लेकिन शुरुआत में जो सुकून भरी शुरुआत लग रही थी, वह जल्द ही बेचैनी में बदल गई जब बाहर निकले यात्रियों ने शहर को धुंध की मोटी चादर में लिपटा हुआ पाया। सुबह-सुबह लोगों ने दृश्यता में कमी, आँखों और गले में जलन और साँस लेने में तकलीफ की शिकायत की।
एक सुहावनी ठंडी सुबह ने जल्द ही मुंबई की बिगड़ती वायु गुणवत्ता की एक और याद दिला दी। मुख्य सड़कों, हाउसिंग सोसाइटियों, व्यावसायिक जिलों और प्रमुख परिवहन गलियारों में घनी धुंध छा गई। हल्की हवाएँ भी उम्मीद की किरण नहीं दिखा रही थीं, क्योंकि नवंबर भर से लगातार जमा हो रहे प्रदूषकों को तितर-बितर करने में नाकाम रहीं।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, शहर में दिन भर आसमान साफ़ रहेगा और दोपहर तक अधिकतम तापमान 33°C के आसपास पहुँचने की उम्मीद है। मौसम विज्ञानियों ने बताया कि आने वाले दिनों में सुबह-सुबह ठंडक बनी रह सकती है, लेकिन अभी इस बात का कोई संकेत नहीं है कि शहर की बिगड़ती वायु गुणवत्ता में कब सुधार होगा।
गुरुवार को मुंबई का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 250 तक पहुँच गया, जिससे यह पूरी तरह से ‘अस्वास्थ्यकर’ श्रेणी में आ गया। यह उछाल इस महीने की शुरुआत की तुलना में काफ़ी ज़्यादा है, जब कई इलाकों में अभी भी AQI का स्तर मध्यम या ख़राब दर्ज किया जा रहा था। आज के आंकड़े शहर भर में गिरावट दर्शाते हैं, तटीय क्षेत्रों, औद्योगिक क्षेत्रों और उच्च घनत्व वाले आवासीय क्षेत्रों में भी AQI के स्तर समस्याग्रस्त दर्ज किए गए हैं।
वडाला ट्रक टर्मिनल दिन का सबसे प्रदूषित स्थान रहा, जहाँ खतरनाक वायु गुणवत्ता सूचकांक 348 दर्ज किया गया। मज़गांव में 316 और वर्ली में 301 दर्ज किया गया, दोनों ही गंभीर श्रेणी में आते हैं। कई पश्चिमी और पूर्वी उपनगरों का भी प्रदर्शन खराब रहा: देवनार में वायु गुणवत्ता सूचकांक 280 दर्ज किया गया, जबकि बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में 277 दर्ज किया गया, जिससे संकेत मिलता है कि प्रदूषण मुंबई के मध्य, पश्चिमी और पूर्वी गलियारों में समान रूप से फैल गया है।
कुछ उपनगरीय इलाकों का प्रदर्शन थोड़ा बेहतर रहा, लेकिन फिर भी वे स्वस्थ स्तर से दूर रहे। परेल-भोईवाड़ा में दिन का सबसे कम AQI 173 दर्ज किया गया, जिससे यह खराब श्रेणी में आ गया। मलाड पश्चिम में 193, पवई में 210, कांदिवली पूर्व में 223 और बोरीवली पश्चिम में 227 दर्ज किया गया, जो सभी खराब से अस्वस्थ श्रेणी में हैं।
संदर्भ के लिए, 0-50 के बीच के AQI को अच्छा, 51-100 के बीच के AQI को मध्यम, 101-150 के बीच के AQI को खराब, 151-200 के बीच के AQI को अस्वस्थ और 200 से ऊपर के AQI को गंभीर या खतरनाक माना जाता है। शहर का अधिकांश हिस्सा अब इस सीमा से ऊपर है, और मुंबई वायु गुणवत्ता के संकट से जूझ रहा है, जिसके कम होने के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं।
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