राजनीति
मनमोहन ने वित्त मंत्री रहते हुए आरजीएफ को आवंटित किए थे 100 करोड़, बीजेपी हुई हमलावर
राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) की फंडिंग को लेकर भारतीय जनता पार्टी लगातार हमलावर है। अब पता चला है कि 1991-92 के आम बजट से इस फाउंडेशन को सौ करोड़ रुपये आवंटित हुए थे। इसको लेकर भाजपा ने पूर्व प्रधानमंत्री और तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधा है। उधर, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रधानमंत्री रिलीफ फंड से भी राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा देने पर सवाल उठाया है। कहा है कि सोनिया गांधी की अध्यक्षता में यह फाउंडेशन पैसा लेने के लिए बनाया गया था। यह कांग्रेस के भ्रष्टाचार का उदाहरण है।
भाजपा ने 1991-92 के आम बजट भाषण के दस्तावेज जारी करते हुए इस मुद्दे को उठाया है। बजट भाषण में कहा गया था कि सरकार ने राजीव गांधी फाउंडेशन को सौ करोड़ देने का फैसला किया है। यह धनराशि 20 करोड़ रुपये प्रति वर्ष की दर से पांच वर्षों के लिए दी जाएगी। हालांकि, बताया जा रहा है कि उस वक्त विपक्ष के हंगामे के कारण बजट आवंटन के बावजूद सरकार यह धनराशि फाउंडेशन को जारी करने में सफल नहीं हुई थी।
बजट दस्तावेजों के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके नाम पर बने फाउंडेशन को आम बजट में सौ करोड़ रुपये आवंटित करने की घोषणा तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने की थी।
बजट भाषण में उन्होंने कहा था, “राजीव गांधी फाउंडेशन की स्थापना पूर्व प्रधानमंत्री की यादों को चिरस्थाई बनाने और उनके विचारों को प्रमोट करने के लिए की गई है। यह फाउंडेशन विकास के लिए साइंस और टेक्नोलॉजी, साक्षरता, पर्यावरण संरक्षण, सांप्रदायिक सौहार्द, राष्ट्रीय एकता के लिए काम करता है। इसके साथ ही वंचित तबके के जीवनस्तर में सुधार करने और ग्लोबल इकोनमी में भारत के रोल को तय करने में भी फाउंडेशन अहम भूमिका निभाएगा। इसलिए सरकार ने राजीव गांधी को श्रद्धांजलि के रूप में इसे सौ करोड़ रुपये आवंटित करने का फैसला किया है।”
बीजेपी के अमित मालवीय ने कहा, “1991 के बजट भाषण डाक्यूमेंट्स से पता चलता है कि जब डॉ. मनमोहन सिंह वित्त मंत्री थे, उन्होंने राजीव गांधी फाउंडेशन को सौ करोड़ रुपये आवंटित किए थे। 20 करोड़ प्रति वर्ष की दर से पांच साल के लिए। गांधी परिवार के हितों की सेवा करते हुए भी श्रीमान ईमादार पूर्व प्रधानमंत्री वहां तक गए, जहां तक कोई जा सकता है।”
उधर, भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, “तीन-तीन बार पीएम रिलीफ फंड से राजीव गांधी फाउंडेशन के नाम पर पैसा लिया गया। शेल कंपनी बनाकर पैसा लिया गया है। रामेश्वर ठाकुर इसके ऑडिटर थे। नियम है कि ऑडिटर को तीन साल में बदला जाएगा, लेकिन इन्होंने क्यों नहीं बदला। दो बार पार्टी ने उन्हें राज्यसभा का सांसद बनाया और संसदीय कार्य मंत्री भी बनाया। सोनिया गांधी के प्रमुख पद पर रहते हुए यह फाउंडेशन पैसे लेने के लिए बनाया गया। सोचिए, कांग्रेस कैसे भ्रष्टाचार कर रही है।”
राष्ट्रीय समाचार
भारत में एचएमपीवी वायरस का तीसरा केस मिला, अहमदाबाद में 2 महीने का बच्चा पॉजिटिव
अहमदाबाद, 6 जनवरी। चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। भारत में भी एचएमपीवी वायरस के मामले सामने आने लगे हैं। बेंगलुरु के बाद गुजरात के अहमदाबाद में 2 महीने के बच्चे की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। बच्चे का एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
भारत में अब तक एचएमपीवी वायरस के तीन मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से दो कर्नाटक में और अब एक मामला गुजरात के अहमदाबाद से सामने आया है। बच्चे में सर्दी और बुखार के लक्षण हैं। निजी अस्पताल की एक लैब के अनुसार, बच्चे की एचएमवीपी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। बच्चा मोडासा के नजदीक एक गांव का रहने वाला है। बच्चे की तबीयत सामान्य बताई जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को हेल्थ एडवाइजरी जारी की है। विभाग ने वायरस की गंभीरता को देखते हुए लोगों को सलाह दी है कि यदि आप खांसते या छींकते हैं तो अपने मुंह और नाक को रुमाल से ढके रहें। बीमार हैं तो सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें। यदि सांस संबंधी समस्या होने पर तुरंत डॉक्टरों को दिखाएं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एचएमपीवी वायरस वायरस मुख्य रूप से पीड़ित व्यक्ति के श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। इसके लक्षण कई मामलों में कोविड-19 के समान ही होते हैं। हालांकि, ये वायरस मुख्य रूप से शिशुओं और छोटे बच्चों को संक्रमित करता है। इस वायरस से संक्रमित मरीज में सबसे आम लक्षण खांसी है। इसके साथ हल्का बुखार, घरघराहट, नाक बहना या गले में खराश जैसे परेशानी भी हो सकती है। वायरस से संक्रमित होने के बाद कुछ मामलों में गंभीर लक्षण आ सकते हैं। सांस लेने में तकलीफ भी हो सकती है।
राष्ट्रीय समाचार
मुंबई: पश्चिमी रेलवे यात्रियों के लिए डिजिटल लाउंज शुरू करने की तैयारी में
मुंबई: पश्चिमी रेलवे यूरोपीय रेलवे स्टेशनों पर इसी तरह की सुविधाओं से प्रेरित होकर चुनिंदा स्टेशनों और टर्मिनलों पर सह-कार्य स्थल शुरू करने की योजना बना रहा है। दफ़्तर जाने वालों को जल्द ही स्टेशनों पर अपनी ट्रेनों का इंतज़ार करते समय डिजिटल लाउंज में काम करने का विकल्प मिलेगा। भारतीय रेलवे स्टेशनों को आधुनिक बनाने की पहल के तहत, पश्चिमी रेलवे एक नया प्रयोग करने जा रहा है, जिसे गैर-किराया राजस्व (एनएफआर) योजना के तहत विकसित किया जाएगा।
पश्चिमी रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 2025 में यात्रियों की सुविधाओं के लिए 1,000 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे, जिसमें प्रमुख टर्मिनल स्टेशनों पर कामकाजी व्यक्तियों के लिए डिजिटल लाउंज बनाने की योजना भी शामिल है। इन डिजिटल लाउंज का प्रस्ताव जल्द ही रेलवे बोर्ड को सौंपा जाएगा।
भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) प्रमुख टर्मिनस स्टेशनों पर डीलक्स लाउंज शुरू करने जा रहा है, जिससे यात्रियों को आराम करने के लिए आरामदायक जगह मिलेगी। इन डिजिटल लाउंज में वातानुकूलित कार्यालय जैसा वातावरण होगा, जिसमें लैपटॉप और मोबाइल चार्जिंग पॉइंट जैसी सुविधाएँ होंगी, साथ ही वाई-फाई-सक्षम टेबल भी होंगी।
इसके अलावा, चाय और कॉफी की भी व्यवस्था होगी, जो इसे उन लोगों के लिए आदर्श स्थान बनाएगी जो शोरगुल वाले इलाकों से दूर काम करना चाहते हैं। प्रत्येक डिजिटल लाउंज में 40 लोगों के बैठने की जगह होगी, जिससे वे एक साथ काम कर सकेंगे। पश्चिमी रेलवे के अधिकारियों ने पहले ही उन स्टेशनों की पहचान शुरू कर दी है, जहाँ ये लाउंज बनाए जा सकते हैं।
गैर-किराया राजस्व मॉडल सार्वजनिक परिवहन ऑपरेटरों को ऐसे स्रोतों से आय उत्पन्न करने का एक तरीका प्रदान करता है जो किसी निश्चित किराया संरचना पर निर्भर नहीं होते हैं। ऑपरेटर विज्ञापन, किराया, दूरसंचार सेवाओं और अन्य सहित विभिन्न माध्यमों से एनएफआर कमा सकते हैं। पश्चिमी रेलवे के डिजिटल लाउंज को उनके गैर-किराया राजस्व मॉडल में एकीकृत किया जाएगा।
अपराध
पलामू में बर्थडे पार्टी के बाद घर पर गोलीबारी, दो अपराधी मारे गए, दो अन्य जख्मी
पलामू, 6 जनवरी। पलामू जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र में रविवार-सोमवार की रात झारखंड के पांडेय गैंग के दो अपराधियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। गोलीबारी में दो अन्य लोग जख्मी हो गए हैं, जिन्हें इलाज के लिए पलामू के मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में दाखिल कराया गया है। यह वारदात आपराधिक गिरोहों के बीच वर्चस्व की लड़ाई का नतीजा मानी जा रही है।
पलामू की एसपी रीष्मा रमेशन ने बताया कि मारे गए अपराधियों की पहचान भरत पांडेय और दीपक साव के रूप में हुई है। भरत पांडेय एक आपराधिक मामले में लंबे वक्त तक जेल में बंद था। वह बीते 22 दिसंबर को जेल से बाहर निकला था।
बताया गया कि पांडेय गिरोह के कई सदस्य पलामू जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र के गरदा गांव में एक घर में दीपक साव नामक व्यक्ति के पुत्र की बर्थडे पार्टी में जुटे थे। रविवार-सोमवार की देर रात प्रतिद्वंद्वी आपराधिक गिरोह के लोग हथियारों से लैस होकर पहुंचे और घर का दरवाजा खुलवाकर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। गोली लगने से भरत पांडेय और दीपक साव ने मौके पर ही दम तोड़ तोड़ दिया, जबकि घर के दो अन्य लोग जख्मी हो गए। देर रात फायरिंग से इलाके में दहशत फैल गई।
भरत पांडेय और दीपक साव दोनों के खिलाफ हजारीबाग और रामगढ़ जिले के कई थाना क्षेत्रों में आपराधिक मामले दर्ज हैं। वे पुलिस की मोस्ट वांटेड क्रिमिनल्स की लिस्ट में शामिल थे। दोनों रामगढ़ कोयलांचल में सक्रिय कुख्यात पांडेय गैंग से जुड़े थे, लेकिन हाल में दोनों ने अलग से एक गैंग खड़ा कर लिया था।
वारदात की सूचना पाकर चैनपुर और पलामू के कई थाना क्षेत्रों की पुलिस मौके पर पहुंची। मारे गए अपराधियों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे गए हैं। गोली लगने से जख्मी हुए दो अन्य लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस मामले की तहकीकात में जुटी है।
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