राजनीति
कोविड-19 : दिल्ली में 31 जुलाई तक डेढ़ लाख बेड की जरूरत
दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना रोगियों के उपचार हेतु डेढ़ लाख बेड की आवश्यकता होगी। 31 जुलाई तक दिल्ली में डेढ़ लाख बेड की व्यवस्था की जानी है। अतिरिक्त बेड के लिए दिल्ली सरकार दिल्ली के विभिन्न स्टेडियमों का इस्तेमाल कर सकती है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “दिल्ली सरकार ने थोड़े समय के लिए दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली वालों का कोरोना उपचार करने का निर्णय लिया था। केंद्र सरकार और उपराज्यपाल ने यह फैसला पलट दिया है। इसके बाद अब हमारी चुनौती बहुत बड़ी हो गई है। हमें दिल्ली में रहने वालों और दिल्ली के बाहर से आने वाले रोगियों के उपचार की व्यवस्था करनी होगी।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “जहां पहले 15 जुलाई तक 33 हजार बेड की आवश्यकता थी अब वहीं 15 जुलाई तक 65,000 रोगियों के लिए बेड की आवश्यकता होगी। 31 जुलाई तक पहले हमने 80,000 रोगियों के लिए बेड की आवश्यकता का आकलन किया था। अब यह आवश्यकता लगभग डेढ़ लाख बेड की होगी।”
दिल्ली सरकार के मुताबिक, जुलाई अंत तक दिल्ली में कोरोना के लगभग साढे पांच लाख रोगी होंगे। इतनी बड़ी संख्या में रोगियों के उपचार एवं बेड की आवश्यकता को पूरा करने के लिए दिल्ली सरकार दिल्ली के विभिन्न स्टेडियमों में बेड लगाएगी।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “यह चुनौती बहुत बड़ी है। इतनी बड़ी विपदा मानव जाति के इतिहास में पहले कभी नहीं आई। मैं अब खुद बाहर निकलूंगा और हम स्टेडियम और बैंक्वेट्स आदि को कोरोना रोगियों के उपचार हेतु तैयार करवाएंगे।”
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के पड़ोसी राज्य से भी अपील की कि वे अपने-अपने राज्यों में कोरोना रोगियों के उपचार की समुचित व्यवस्था करें।
केजरीवाल ने कहा, “दिल्ली के पड़ोसी राज्य कोरोना रोगियों के उपचार की व्यवस्था करें। विभिन्न राज्य ऐसा कर भी रहे होंगे ताकि कम से कम कोरोना रोगी दिल्ली आए।”
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुताबिक सामान्य दिनों में दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में लगभग 50 प्रतिशत लोग दूसरे राज्यों से आते हैं। अब जब दिल्ली के अस्पतालों में सभी के उपचार की अनुमति दी जा चुकी है तो जितने रोगी दिल्ली के हैं लगभग उतने ही दूसरे रोगियो के दूसरे राज्यों से भी आने की संभावना हैं।
अपराध
पंजाब: सीबीआई कोर्ट ने 7.8 करोड़ रुपए के बैंक फ्रॉड केस में सात आरोपियों को तीन साल की सजा सुनाई

चंडीगढ़, 29 नवंबर: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की कोर्ट ने पंजाब के साहिबजादा अजीत सिंह नगर में 7.8 करोड़ रुपए के बैंक फ्रॉड मामले में सात आरोपियों को दोषी ठहराते हुए तीन साल की सजा सुनाई है।
मामले के मुख्य आरोपियों मनीष जैन और रमेश कुमार जैन को तीन साल की कठोर कारावास (आरआई) और प्रत्येक पर 35,000 रुपए का जुर्माना लगाया गया, जबकि अन्य आरोपियों रचना जैन, भूपिंदर सिंह, प्रतीपाल सिंह, संजीव कुमार जैन और अनीता जैन को तीन साल की जेल की सजा और प्रत्येक पर 15,000 रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
यह मामला 4 नवंबर 2016 को बैंक ऑफ़ बड़ौदा की शिकायत पर दर्ज किया गया था। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि मनीष ट्रेडर्स के पार्टनर मनीष जैन, रमेश कुमार जैन और कांता जैन ने बैंक के कुछ अज्ञात अधिकारियों के साथ मिलकर 7.83 करोड़ रुपए का फ्रॉड किया। सीबीआई की जांच में सामने आया कि इस साजिश के तहत बैंक को गलत तरीके से बड़ी राशि का नुकसान पहुंचाया गया।
जांच पूरी होने के बाद सीबीआई ने 28 जून 2017 को इस मामले में सात आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। कोर्ट ने सभी सबूतों और गवाहों की सुनवाई के बाद दोषियों को सजा सुनाई।
सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में साजिश के तहत बैंक को हानि पहुंचाना और फर्जीवाड़ा करना आरोपियों का मुख्य उद्देश्य था। अदालत ने मामले की पूरी जांच और चार्जशीट के आधार पर फैसला सुनाया और सभी दोषियों को सजा के साथ-साथ जुर्माना भी लगाया।
इस मामले में दोषियों को दी गई सजा तीन साल की है, लेकिन जुर्माना और कड़ी निगरानी के कारण आरोपियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की संभावना भी बनी हुई है। सीबीआई ने कहा है कि वे भविष्य में भी ऐसे मामलों में सख्त और निष्पक्ष जांच जारी रखेंगे।
महाराष्ट्र
जोगेश्वरी पॉस्को केस में बेल पर आया आरोपी फिर गिरफ्तार

CRIME
मुंबई: मुंबई पॉस्को केस में शामिल एक भगोड़े आरोपी को जोगेश्वरी पुलिस ने 6 साल बाद फिर गिरफ्तार कर लिया है। मुंबई के जोगेश्वरी में, आरोपी पंकज पांचाल, 27, को 2019 में पॉस्को चाइल्ड अब्यूज़ और एक्सप्लॉइटेशन केस में गिरफ्तार किया गया था और वह बेल पर था, लेकिन कोर्ट की कार्रवाई से गैरहाज़िर था और पिछले 6 सालों से अपनी पहचान छिपा रहा था। पुलिस को जानकारी मिली कि आरोपी SRA बिल्डिंग के पास आया है, जिस पर पुलिस ने जाल बिछाया और आरोपी को जोगेश्वरी से गिरफ्तार करने में कामयाब रही। कोर्ट ने उसके खिलाफ नॉन-बेलेबल वारंट भी जारी किया था, जिसके बाद पुलिस ने उसका पालन करते हुए उसे गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया और कोर्ट ने उसे रिमांड पर भेज दिया है। पुलिस आगे की जांच कर रही है। यह जानकारी मुंबई पुलिस ज़ोन 10 के DCP दत्ता नलावड़े ने दी है।
महाराष्ट्र
मिलिंद गैंगस्टर प्रतीक शाह बदर पर MPDA के तहत कार्रवाई

CRIME
मुंबई: मुंबई मिलिंद पुलिस ने शंकर धोत्रे के खिलाफ कार्रवाई की है, जिसने यहां दुकानदारों, राहगीरों और रिक्शा चालकों को डरा-धमकाकर पैसे वसूले और आतंक मचाया, और उस पर MPDA यानी स्लम गुंडों का एक्ट लगाया है। यह कार्रवाई एडिशनल कमिश्नर महेश पाटिल के निर्देश पर की गई है। आरोपी इलाके में आतंक का अड्डा है। उसके खिलाफ पैसे वसूलने के लिए हिंसा के कुल 6 मामले दर्ज हैं। वह व्यापारियों और दुकानदारों को डरा-धमकाकर उनसे हर महीने पैसे वसूलता है। कोई भी उसके खिलाफ नहीं बोलता था। ऐसे में पुलिस ने शिकायतकर्ता को भरोसे में लेकर उसके खिलाफ कार्रवाई की। वह मिलिंद में आतंक का अड्डा है। MPDA के तहत कार्रवाई करने के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर मुंबई से दूसरे शहरों में भेज दिया गया है। मुंबई पुलिस ने अब ऐसे गुंडों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है ताकि पुलिस के प्रति जनता का भरोसा फिर से कायम हो सके। गुंडों के दिल में पुलिस का डर बना रहे।
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