व्यापार
इस साल भारत में बिकेंगे 12.7 करोड़ स्मार्टफोन : रिपोर्ट

कोविड-19 लॉकडाउन के कारण आपूर्ति और मांग दोनों प्रभावित होने के कारण इस साल भारत करीब 12.7 करोड़ स्मार्टफोन बेचेगा, जो कि साल के प्रारंभ में किए गए करीब 16.2 करोड़ यूनिट्स के बिक्री अनुमान से 21.6 प्रतिशत कम है। यह खुलासा मंगलवार को एक नई रिपोर्ट से हुआ। मार्केट रिसर्च फर्म टेकआर्क के अनुसार, साल 2019 की तुलना में बिक्री में वास्तविक गिरावट 12.5 प्रतिशत है। 2019 में 14.5 करोड़ स्मार्टफोन की बिक्री हुई थी।
टेकआर्क के संस्थापक और प्रमुख विश्लेषक फैजल कावूसा ने कहा, “भारत में स्मार्टफोन उद्योग के लिए सबसे खराब अवधि खत्म हो रही है, क्योंकि उत्पादन और बिक्री दोनों की पूर्ति शुरू हो गई है। स्मार्टफोन ब्रांड ट्रैक पर बने रहने का प्रयास करेंगे, जिसका अर्थ है कि प्रयोगों पर कम ध्यान दिया जाएगा और उपभोक्ताओं के लिए प्रासंगिकता पर अधिक ध्यान दिया जाएगा।”
बिक्री के कुल 92 प्रतिशत में 5,001- 25,000 रुपये तक के सेलफोन शामिल होंगे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि एंट्री-लेवल सेगमेंट (5,000 रुपये तक) में गिरावट जारी रहेगी, जबकि प्रीमियम सेगमेंट (50,000 रुपये और उससे अधिक) कम से कम प्रभावित होंगे।
कावूसा ने कहा, “हर यूजर का लक्ष्य आसपास की अनिश्चितताओं को देखते हुए जितना संभव हो सके उतना बचत करना होगा। इस कारण अपर प्राइस सेगमेंट से लेकर लोअर प्राइस सेगमेंट की मांग में कुछ बदलाव होंगे।”
अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तानी पीएम ने नूर खान एयरबेस पर भारत के हमले की बात स्वीकारी, भाजपा ने दिखाए सबूत!

नई दिल्ली, 17 मई। भारत की ओर से चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर की गूंज पाकिस्तान के सैन्य हलकों में भी सुनाई दे रही है, जो भारतीय सशस्त्र बलों की अद्वितीय सटीकता और रणनीतिक सैन्य कौशल को दर्शाता है।
इस ऑपरेशन की सफलता ने पाकिस्तान के नेतृत्व को आश्चर्यचकित कर दिया, यहां तक कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी स्वीकार किया कि नूर खान एयर बेस पर हमला हुआ था।
9 और 10 मई की मध्य रात्रि को 2:30 बजे प्रधानमंत्री शरीफ को जनरल असीम मुनीर ने अचानक जगाया और उन्हें पाकिस्तानी क्षेत्र में भारतीय सेना की ओर से किए गए एयर स्ट्राइक के बारे में बताया।
भाजपा के राष्ट्रीय आईटी विभाग के प्रमुख और पश्चिम बंगाल के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने कहा कि पाक पीएम शरीफ ने स्वयं नूर खान एयर बेस और अन्य स्थानों पर बमबारी की बात स्वीकार की है।
उन्होंने इस घटना को ऑपरेशन सिंदूर की साहस और दक्षता का प्रमाण बताया।
अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने खुद माना है कि जनरल असीम मुनीर ने उन्हें रात 2:30 बजे फोन करके बताया कि भारत ने नूर खान एयर बेस और कई अन्य स्थानों पर बमबारी की है। यह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के स्केल, सटीक लक्ष्य और साहस के बारे में बहुत कुछ बताता है।”
पहलगाम में आतंकवादी हमले के जवाब में शुरू किए गए इस ऑपरेशन में भारत ने रावलपिंडी में नूर खान एयर बेस सहित प्रमुख पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों पर निर्णायक हवाई हमले किए।
इस हमले के महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता, क्योंकि यह बेस – जिसे पहले पीएएफ चकलाला के नाम से जाना जाता था – पाकिस्तान के एयर मोबिलिटी कमांड के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में कार्य करता है, जिसमें साब एरीये (हवाई प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली), सी-130 परिवहन विमान और आईएल-78 हवाई ईंधन भरने वाले टैंकर मौजूद हैं।
यह पाकिस्तान के लिए एक गंभीर रणनीतिक झटका है, जिससे पाकिस्तान की तीव्र सैन्य कार्रवाई करने की क्षमता काफी सीमित हो जाएगी।
रिपोर्ट्स से पता चलता है कि भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तानी हवाई ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिनमें रनवे, रडार स्थल, विमान हैंगर और कमांड सेंटर को निशाना बनाया गया।
सेटेलाइट से मिली तस्वीरों से पता चला है कि पाकिस्तान को भारी क्षति हुई है। भारत ने मात्र 25 मिनट में 24 मिसाइलें दागीं और सफलतापूर्वक ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया।
राष्ट्रीय समाचार
भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता: 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार में सालाना 15 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान

नई दिल्ली, 16 मई। भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय व्यापार में 2030 तक सालाना करीब 15 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है। यह मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) एक साल में लागू हो जाएगा। यह जानकारी शुक्रवार को जारी एक लेटेस्ट रिपोर्ट में दी गई।
केयरएज रेटिंग्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत और ब्रिटेन के बीच हाल ही में संपन्न मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) भारतीय कंपनियों को ब्रिटेन के बाजार में अपनी उपस्थिति बढ़ाने, घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और आर्थिक विकास में योगदान देने का रणनीतिक अवसर प्रदान करता है।
केयरएज रेटिंग्स के एसोसिएट डायरेक्टर डी नवीन कुमार ने कहा, “यह ऐतिहासिक एफटीए निवेश, संयुक्त उद्यम और सेवा क्षेत्र में सहयोग को भी बढ़ावा देता है, जिससे आर्थिक संबंध मजबूत होते हैं। यह समझौता भारत-ब्रिटेन आर्थिक संबंधों में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है, व्यवसाय के लिए नए अवसर खोलता है, विनिर्माण को मजबूत करता है और उपभोक्ता बाजारों को समृद्ध करता है।”
वर्तमान में, ब्रिटेन और भारत के बीच व्यापार मूल्य भारत के कुल व्यापार मूल्य का लगभग 2 प्रतिशत है, हालांकि यह पिछले दशक में 11 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से लगातार बढ़ रहा है।
ब्रिटेन और भारत ने लगभग तीन वर्षों की बातचीत के बाद 6 मई को एक मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) किया।
समझौते के तहत, भारत 10 वर्षों की अवधि में 90 प्रतिशत ब्रिटिश वस्तुओं पर टैरिफ कम करेगा, जिसमें से 85 प्रतिशत पूरी तरह से शुल्क मुक्त हो जाएंगे।
बदले में, ब्रिटेन ने कुछ उत्पादों पर अपने टैरिफ को कम करने पर सहमति व्यक्त की है, जिसके परिणामस्वरूप भारत के यूके को निर्यात किए जाने वाले 99 प्रतिशत निर्यात पर कोई शुल्क नहीं लगेगा।
रिपोर्ट में बताया गया है, “भारतीय निर्यातकों के लिए एफटीए के कुछ लाभों में बाजार तक बेहतर पहुंच, स्थिर सप्लाई चेन, बढ़ी प्रतिस्पर्धा, अधिक मात्रा और विकास के नए रास्ते शामिल होंगे।”
एफटीए से टैरिफ में कमी, व्यापार बाधाओं में ढील, बाजार में बेहतर पहुंच और भारतीय उत्पादों को अधिक मूल्य प्रतिस्पर्धी बनाकर भारत के निर्यात को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिससे ब्रिटेन में उनकी मांग बढ़ेगी।
इसके अतिरिक्त, इससे उन निर्यातकों को कुछ राहत मिली है, जो सुस्त बिक्री और अमेरिका से संभावित पारस्परिक टैरिफ के बारे में अनिश्चितता का सामना कर रहे हैं।
ऑटोमोबाइल, व्हिस्की, औद्योगिक मशीनरी और फार्मास्यूटिकल्स जैसे प्रमुख क्षेत्रों में, टैरिफ में भारी कटौती और सरलीकृत विनियमों के माध्यम से महत्वपूर्ण लाभ होने की संभावना है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत-ब्रिटेन एफटीए ब्रिटेन के समृद्ध उपभोक्ता आधार और अच्छी तरह से विकसित लक्जरी बाजार का लाभ उठाकर भारतीय रत्न और आभूषण निर्माताओं के लिए पर्याप्त अवसर पैदा करने के लिए तैयार है।
विभिन्न विद्युत और इंजीनियरिंग वस्तुओं के लिए टैरिफ 8 प्रतिशत से 14 प्रतिशत तक हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत-ब्रिटेन एफटीए के तहत इनके हटने से भारतीय निर्माता अन्य ग्लोबल सप्लायर्स पर स्पष्ट प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त हासिल करने के लिए तैयार हैं।
व्यापार
मिश्रित वैश्विक संकेतों के बीच लाल निशान में खुला भारतीय शेयर बाजार

मुंबई, 16 मई। भारतीय शेयर बाजार हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को मिश्रित वैश्विक संकेतों के बीच लाल निशान पर खुला। शुरुआती कारोबार में आईटी, फाइनेंशियल सर्विस और फार्मा सेक्टर में बिकवाली देखी गई।
सुबह करीब 9.29 बजे सेंसेक्स 231.64 अंक या 0.28 प्रतिशत की गिरावट के साथ 82,299.10 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 49.95 अंक या 0.20 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,012.15 पर था।
निफ्टी बैंक 52.40 अंक या 0.09 प्रतिशत की गिरावट के साथ 55,303.20 पर था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 169.20 अंक या 0.30 प्रतिशत की बढ़त के साथ 56,700.05 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 78.45 अंक या 0.46 प्रतिशत चढ़कर 17,318.40 पर था।
विश्लेषकों के अनुसार, टेक्निकल फ्रंट पर, निफ्टी ने डेली चार्ट पर एक मजबूत बुलिश कैंडल फॉर्म की है, जो इनसाइड बार पैटर्न को तोड़कर महत्वपूर्ण 25,000 के स्तर से ऊपर बंद हुआ।
चॉइस ब्रोकिंग के हार्दिक मटालिया ने कहा, “इंडेक्स में लगभग 200 अंकों की इंट्राडे रिकवरी देखी गई, जो निरंतर तेजी की गति को दर्शाता है। तत्काल समर्थन 24,850-24,700 स्तर पर है, जबकि प्रतिरोध 25,100 और 25,235 पर देखा जा रहा है। 25,235 के स्तर से ऊपर एक निर्णायक ब्रेकआउट इंडेक्स को 25,500-25,743 क्षेत्र की ओर ले जा सकता है।”
उन्होंने कहा कि ट्रेडर्स को सख्त जोखिम प्रबंधन के साथ “बाय ऑन डिप्स” रणनीति अपनाने और वर्तमान वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण लार्ज ओवरनाइट पॉजिशन लेने से बचने की सलाह दी जाती है।
इस बीच, सेंसेक्स पैक में भारती एयरटेल, इंडसइंड बैंक, एसबीआई, इंफोसिस, एचसीएल टेक और एमएंडएम टॉप लूजर्स रहे। जबकि अल्ट्राटेक सीमेंट, बजाज फिनसर्व, एनटीपीसी, मारुति सुजुकी और एक्सिस बैंक टॉप गेनर्स रहे।
एशियाई बाजारों में चीन, हांगकांग और जापान लाल निशान में कारोबार कर रहे थे, जबकि बैंकॉक, जकार्ता और सोल हरे निशान में कारोबार कर रहे थे।
अमेरिकी बाजारों में पिछले कारोबारी सत्र में डाउ जोंस 271.69 अंक या 0.65 प्रतिशत की बढ़त के साथ 42,322.75 पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 इंडेक्स 24.35 अंक या 0.41 प्रतिशत की बढ़त के साथ 5,916.93 पर बंद हुआ और नैस्डैक 34.49 अंक या 0.18 प्रतिशत की गिरावट के साथ 19,112.32 पर बंद हुआ।
विशेषज्ञों ने कहा कि अप्रैल के आर्थिक आंकड़े अमेरिकी अर्थव्यवस्था के बारे में संकेतों का एक दिलचस्प मिश्रण पेश करते हैं। प्रोड्यूसर प्राइस इंडेक्स (पीपीआई) में 0.5 प्रतिशत की आश्चर्यजनक गिरावट देखी गई, जो अर्थशास्त्रियों की 0.2 प्रतिशत वृद्धि की अपेक्षाओं से काफी अलग थी।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में प्राइम रिसर्च के प्रमुख देवर्ष वकील ने कहा, “फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने गुरुवार को फेड के फ्रेमवर्क रिव्यू पर चर्चा की, जो केंद्रीय बैंक की मौद्रिक-नीति रणनीति पर एक दशक में दो बार की समीक्षा है। उन्होंने कहा कि फेड 2020 महामारी के बाद मुद्रास्फीति और ब्याज दरों के दृष्टिकोण में सार्थक बदलावों को ध्यान में रखते हुए एडजस्टमेंट करने की प्रक्रिया में है।”
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) 15 मई को 5,392.94 करोड़ रुपए की इक्विटी के शुद्ध खरीदार थे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 1,668.47 करोड़ रुपए की इक्विटी बेची।
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