राजनीति
दुनिया के हर 10 हीरो में से 9 सूरत में ही तराशे जाते हैं : पीएम मोदी
Modi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अहमदाबाद और सूरत में नई मेट्रो परियोजनाओं की शुरूआत की। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अहमदाबाद और सूरत को आज बहुत बड़ा उपहार मिल रहा है। मेट्रो इन दोनों शहरों में कनेक्टिविटी को और मजबूती देने का काम करेगी। केवड़िया के लिए भी नए मार्ग और नई ट्रेनों की शुरूआत हुई है। अहमदाबाद से आधुनिक जनशताब्दी एक्सप्रेस अब केवड़िया तक जाएगी। पीएम मोदी ने कहा, इस शुभारंभ के लिए मैं गुजरात के लोगों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। आज 17 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का इंफ्रास्ट्रक्च र काम शुरू हो रहा है। यह दिखाता है कि कोरोना काल में भी नए इंफ्रास्ट्रक्च र के निर्माण को लेकर देश के प्रयास लगातार बढ़ रहे हैं। बीते कुछ दिनों में ही देशभर में हजारों करोड़ रुपए के इन्फ्राट्रक्च र प्रोजेक्ट का या तो लोकार्पण किया गया है या फिर नए प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, अहमदाबाद और सूरत दोनों गुजरात की और भारत की आत्मनिर्भरता को सशक्त करने वाले शहर हैं। मुझे याद है जब अहमदाबाद में मेट्रो की शुरूआत हुई थी कितना अद्भुत पल था। लोग छतों पर खड़े थे, लोगों के चेहरों पर जो खुशी थी वह शायद ही कोई भूल पाएगा। अहमदाबाद के सपनों ने, यहां की पहचान ने कैसे खुद को मेट्रो से जोड़ लिया है। अब आज से अहमदाबाद मेट्रो के दूसरे चरण पर काम शुरू हो रहा है।
मेट्रो के इन प्रोजेक्ट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि है यह आने वाले वर्षों की जरूरतों का आकलन करते हुए बनाए जा रहे हैं। यानी जो आज इन्वेस्टमेंट हो रहा है उससे इन शहरों को आने वाले कई सालों तक बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 2014 से पहले सिर्फ सवा 200 किलोमीटर मेट्रो लाइन ऑपरेशनल थी। वहीं अब बीते कुछ वर्षों में 450 किलोमीटर से ज्यादा मेट्रो नेटवर्क चालू हो चुका है। इस समय देश के 27 शहरों में 1 हजार किलोमीटर से ज्यादा के मेट्रो नेटवर्क पर काम चल रहा है। एक समय था जब हमारे देश में मेट्रो के निर्माण को लेकर कोई आधुनिक सोच नहीं थी। देश की कोई मेट्रो पॉलिसी भी नहीं थी। नतीजा यह हुआ कि अलग-अलग शहरों में अलग-अलग तरह की मेट्रो, अलग-अलग तकनीक और व्यवस्था वाली मेट्रो बनने लगी। दूसरी दिक्कत यह थी कि शहर के बाकी ट्रांसपोर्ट सिस्टम का मेट्रो के साथ कोई तालमेल नहीं था। अब हम शहरों के ट्रांसपोर्ट सिस्टम को एक इंटीग्रेटेड सिस्टम के तौर पर विकसित कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने सूरत की उपलब्धियों पर कहा, सूरत आबादी के लिहाज से एक तरफ देश का आठवां बड़ा शहर है लेकिन दुनिया का चौथा सबसे तेजी से विकसित होता शहर भी है। दुनिया के हर 10 हीरो में से 9 हीरे सूरत में ही तराशे जाते हैं। आज देश में कुल मैन मेड फैब्रिक का 40 फीसदी प्रोडक्शन हमारे सूरत में होता है। आज सूरत देश का दूसरा सबसे स्वच्छ शहर है। यह सब कुछ एक बेहतर प्लानिंग और बेहतर सोच के साथ संभव हो पाया है। सूरत को करीब 100 करोड़ रुपए की आय सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से हो रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात की राजधानी गांधीनगर के लिए कहा, गांधीनगर पहले सरकारी नौकरी करने वालों, रिटायर्ड लोगों का एक प्रकार से ढीला ढाला क्षेत्र बन गया था। हमने गांधीनगर की छवि को तेजी से बदलता हुआ देखा है। आप यहां कहीं भी जाइए गांधीनगर में आपको युवा दिखेंगे सपनों का अंबार दिखेगा। आज गांधीनगर की पहचान है आईआईटी गांधीनगर, गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, रक्षा यूनिवर्सिटी, पंडित दीनदयाल पैट्रोलियम यूनिवर्सिटी आदि हैं। गांधीनगर के साथ ही अहमदाबाद में ऐसी अनेकों परियोजनाएं हैं जो आज देश की पहचान बन चुकी है। साबरमती रिवर बैंक हो, बस रैपिड ट्रांसिट सिस्टम हो, मोटेरा में विश्व का सबसे बड़ा स्टेडियम हो, गांधीनगर हाईवे हो।
प्रधानमंत्री मोदी ने बुलेट ट्रेन परियोजना का जिक्र करते हुए कहा, अहमदाबाद, सूरत को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से जोड़ने वाली बुलेट ट्रेन का काम प्रगति पर है। आज गुजरात के हर गांव में ऑल वेदर रोड कनेक्टिविटी है। कच्छ में दुनिया के सबसे बड़े एनर्जी के प्लांट के लिए काम शुरू हुआ है। इनमें सोलर और विंड एनर्जी हैं।
राजनीति
यूपी : संभल हिंसा का एक साल पूरा, स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन के कार्यों को सराहा

संभल, 24 नवंबर: उत्तर प्रदेश के संभल में भड़की हिंसा को सोमवार को एक साल पूरा हो गया। जामा मस्जिद सर्वे के दौरान यह हिंसा भड़की थी, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के एक साल पूरे होने पर स्थानीय लोगों ने मीडिया से बात की और जिले में प्रशासन के कार्यों की तारीफ की।
संभल के एक स्थानीय व्यक्ति ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “संभल की जनता को ऐसा प्रशासन पहले कभी नहीं मिला, जैसा अभी मिला है। प्रशासन ने जिस हिसाब से संभल में कार्य किया, उससे यहां बहुत बड़ा हादसा होने से रुक गया।”
उन्होंने कहा, “संभल की जनता आज अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रही है। यहां का हिंदू जनमानस अब पलायन नहीं करेगा; लोगों में ऐसी भावना आ गई है। हमारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल के लिए जो घोषणाएं की हैं, अगर वे क्रियान्वित हो जाती हैं, तो जिला और भी आगे बढ़ेगा। इस समय यहां का प्रशासन संभल को आगे बढ़ाने के लिए पूरी मेहनत से लगा हुआ है।”
स्थानीय ने बताया, “संभल के लिए आ रही योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए प्रशासन पूरी तरह से प्रयासरत है। 24 कोसी परिक्रमा के लिए जो योजना बनाई गई है, वह निश्चित रूप से संभल से पलायन कर चुके लोगों को वापस यहां पर बुलाने के लिए कारगर साबित होगी। मैं पूरी तरह आशान्वित हूं कि संभल का भविष्य बहुत उज्ज्वल है।”
एक अन्य स्थानीय ने कहा, “संभल में प्रशासन के कार्यों को सराहा। उन्होंने कहा कि संभल में प्रशासन बहुत अच्छा काम कर रहा है। पिछले 1 सालों में प्रशासन ने बहुत अच्छा काम किया है।”
शाही जामा मस्जिद के सेक्रेटरी मशहूद अली फारूकी ने कहा कि शाही जामा मस्जिद कमेटी अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रही है और पुलिस एडमिनिस्ट्रेशन भी अपनी ड्यूटी निभा रहा है। सब कुछ कंट्रोल में है। हम सभी से अपील करते हैं कि किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और भाईचारा बनाए रखने में सहयोग करें। पुलिस और मस्जिद कमेटी दोनों शांति बनाए रखने के लिए पूरी तरह से काम कर रहे हैं, और हमारी दिल से अपील है कि शहर के लोग शहर को शांत और शांतिपूर्ण बनाए रखने में मदद करें।”
राष्ट्रीय समाचार
नौसेना में शामिल हुआ साइलेंट हंटर-एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शेलो वॉटर क्राफ्ट ‘माहे’

नई दिल्ली, 24 नवंबर: सोमवार को ‘साइलेंट हंटर’ यानी एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शेलो वॉटर क्राफ्ट ‘माहे’ भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। नौसेना का यह एंटी-सबमरीन जहाज गोपनीय मिशन, सतर्कता और अटूट संकल्प का प्रतीक है।
नौसेना के मुताबिक ‘माहे’ को तटीय इलाकों में उच्च जोखिम वाले मिशनों के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी क्षमताएं इसे एक शक्तिशाली व उथले पानी का बेहतरीन योद्धा बनाती हैं। यह जहाज पनडुब्बी रोधी जैसे बड़े व खतरनाक अभियानों को अंजाम देने में सक्षम है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारतीय नौसेना के इस जहाज में इस्तेमाल की गई 80 प्रतिशत से अधिक सामग्री स्वदेशी है। माहे को अत्याधुनिक व उन्नत सेंसर्स से लैस किया गया है। इसके साथ ही इसमें हथियार और आधुनिक इंटीग्रेशन सिस्टम मौजूद हैं। थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी की मौजूदगी में सोमवार को यह जहाज नौसेना में शामिल किया गया।
इस अवसर पर वाइस एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन समेत अन्य अधिकारी, कर्मचारी, वेटरन्स और अन्य अतिथि मौजूद रहे। भारतीय नौसेना के मुताबिक ‘माहे’ नाम मालाबार तट स्थित ऐतिहासिक नगर ‘माहे’ पर रखा गया है। माहे को सांस्कृतिक समृद्धि और समुद्री इतिहास के लिए जाना जाता है। 24 नवंबर को भारतीय नौसेना का यह पहला माहे क्लास, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शेलो वॉटर क्राफ्ट आधिकारिक रूप से नौसेना में शामिल किया गया।
यह स्वदेशी रक्षा निर्माण क्षमता का प्रतीक है। माहे का निर्माण भारत में ही कोचीन शिपयार्ड द्वारा किया गया है। यही कारण है कि ‘माहे’ ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत का सशक्त उदाहरण भी पेश किया है। इस श्रेणी के कुल 8 एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शेलो वॉटर क्राफ्ट जहाज नौसेना में शामिल किए जाएंगे। माहे इनमें पहला है।
नौसेना के ‘माहे’ को तटीय इलाकों में उच्च जोखिम वाले मिशनों के लिए विशेष तौर पर डिजाइन किया गया है। इसकी क्षमताएं इसे एक शक्तिशाली उथले जल का योद्धा बनाती हैं। इसकी मुख्य परिचालन भूमिकाओं की बात करें तो यह एंटी-सबमरीन वॉरफेयर में उथले समुद्र में दुश्मन पनडुब्बियों की खोज और उन्हें नष्ट करेगा। कोस्टल पेट्रोलिंग व तटीय सुरक्षा और निगरानी में तैनात किया जाएगा। इससे मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस में वृद्धि होगी। प्रमुख समुद्री मार्गों एवं बंदरगाहों की सुरक्षा बढ़ेगी। विशेष मिशनों के लिए त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित होगी।
इस शेलो क्राफ्ट के क्रेस्ट में ‘उरुमि’ कलारीपयट्टू की लचीली तलवार को दर्शाया गया है। यह क्रेस्ट काफी आकर्षक है। नौसेना के अनुसार यह फुर्ती, सटीकता, घातक क्षमता व समुद्री चुनौतियों से निपटने की दक्षता का प्रतीक है। सोमवार को माहे की कमीशनिंग के उपरांत विशेषज्ञों ने कहा कि माहे की कमीशनिंग सिर्फ एक जहाज का नौसेना में शामिल होना भर नहीं है।
विशेषज्ञों के मुताबिक यह जहाज समुद्र में भारत की डिजाइन-टू-डिलीवरी क्षमता का प्रमाण है। यह तेज है, चपल है और आधुनिक स्वदेशी लड़ाकू समुद्री जहाजों के नए युग की शुरुआत है। विशेषज्ञ आज के इस दिन को भारतीय नौसेना के स्वदेशी युद्धपोत इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताते हैं।
अपराध
दिल्ली: रिश्तेदार के घर से ज्वेलरी चुराने वाला चोर गिरफ्तार, आभूषण बरामद

नई दिल्ली, 24 नवंबर: दिल्ली पुलिस ने सोमवार को एक चोर को गिरफ्तार किया, जिसने अपने ही रिश्तेदार के घर से गहने चुरा लिए थे। द्वारका जिले के बिंदापुर पुलिस स्टेशन की टीम ने गिरफ्तारी के बाद चोरी के गहने बरामद कर लिए।
द्वारका पुलिस के एक बयान के मुताबिक, टीम ने आरोपी की निशानदेही पर एक लॉकेट वाली सोने की चेन, एक और सोने की चेन, एक जोड़ी सोने की चेन, एक जोड़ी सोने की बालियां, दो सोने की अंगूठियां और 20 ग्राम का सोने का बिस्किट बरामद किया।
बिंदापुर पुलिस स्टेशन को 9 नवंबर को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 305 के तहत एक ऑनलाइन ई-एफआईआर मिली। इसके बाद, पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और शिकायतकर्ता मनजिंदर कौर से मिली, जो असलम सलीम की पत्नी हैं और आर्य समाज रोड, उत्तम नगर, दिल्ली की रहने वाली हैं। उन्होंने बताया कि अनजान लोगों ने उनके घर से गहने चुरा लिए हैं। उनकी शिकायत के आधार पर, ऊपर बताई गई ई-एफआईआर दर्ज की गई।
द्वारका डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी के कहने पर जीरो-टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए, केस को सुलझाने और दोषी को पकड़ने के लिए बिंदापुर पुलिस स्टेशन से एक टीम बनाई गई। इस टीम में हेड कांस्टेबल नीरज, हेड कांस्टेबल अशोक, कांस्टेबल राजेश डागर और कांस्टेबल आशीष शामिल थे, जिनका सुपरविजन इंस्पेक्टर नरेश सांगवान, स्टेशन हाउस ऑफिसर और ओवरऑल सुपरविजन राजकुमार, असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस, डाबरी का था।
मामले की जांच के लिए टीम क्राइम स्पॉट पर गई और घर और आस-पास के इलाकों में सीसीटीवी फुटेज चेक की। खास बात यह थी कि जबरदस्ती घुसने का कोई निशान नहीं था, कोई ताला या दरवाजा नहीं तोड़ा गया था, जिससे पुलिस को शक हुआ कि इसमें घर से जान-पहचान वाले या उसी बिल्डिंग में रहने वाले किसी व्यक्ति का हाथ है।
पूछताछ के दौरान पता चला कि शिकायत करने वाले का एक कजन घर आया था और तीन दिन तक वहीं रुका था। पुलिस ने उससे पूछताछ की, जिसकी पहचान परमजीत सिंह के तौर पर हुई। पूछताछ के दौरान परमजीत ने शुरू में अपना परिचय सब-इंस्पेक्टर परमवीर सिंह के तौर पर दिया, लेकिन वह कोई पहचान पत्र नहीं दिखा सका और अपनी कथित पोस्टिंग के बारे में संतोषजनक जवाब नहीं दे सका।
शक होने पर पुलिस ने और गहराई से पूछताछ की। इस दौरान परमजीत ने माना कि वह पुरानी कारों का कमीशन एजेंट का काम करता है और आखिर में उसने शिकायत करने वाली के घर पर चोरी करना कबूल कर लिया, जो उसकी मौसी की बेटी है।
उसने आगे बताया कि उसने चोरी की ज्वेलरी हिमाचल प्रदेश के अंबोटा में अपने नाना के घर पर एक बिस्तर के अंदर छिपा दी थी।
पुलिस ने परमजीत को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे पुलिस रिमांड पर लिया गया। पुलिस की एक टीम उसके साथ हिमाचल प्रदेश गई, जहां से चोरी का सामान सफलतापूर्वक बरामद कर लिया गया। इस मामले में आगे की जांच चल रही है।
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