राजनीति
पंजाब के नए ‘कप्तान’ के कैबिनेट में 6 नए चेहरे
पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने फरवरी-मार्च 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले रविवार को अपने मंत्रिपरिषद का विस्तार करते हुए छह मंत्रियों सहित 15 मंत्रियों को शामिल किया। पिछली अमरिंदर सिंह सरकार के कई मंत्रियों को बरकरार रखा गया है, जिसमें दोनों महिला मंत्री अरुणा चौधरी और रजिया सुल्ताना शामिल हैं। रजिया को बतौर प्रमुख मुस्लिम चेहरा मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।
राजभवन के प्रांगण में आयोजित एक सादे समारोह में राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने नए मंत्रियों को पद की शपथ दिलाई।
दो बार के विधायक परगट सिंह (जालंधर छावनी), अमरिंदर सिंह राजा वारिंग (43) (गिद्दरबाहा) और गुरप्रीत कोटली (48) (खन्ना), चार बार के विधायक काका रणदीप सिंह नाभा (54) (अमलोह) और तीन बार के विधायक राज कुमार वेरका (58) (अमृतसर-पश्चिम) और संगत सिंह गिलजियान (68) (उरमार) मंत्रिमंडल में नए चेहरे हैं।
वेरका वाल्मीकि समुदाय के नेता हैं, जबकि गिलजियान अन्य पिछड़े वर्गो का प्रतिनिधित्व करते हैं। अन्य जाट सिख हैं।
दो बार के विधायक कुलजीत नागरा (फतेहगढ़ साहिब) कैबिनेट बर्थ के लिए सबसे आगे थे, लेकिन राहुल गांधी से नजदीकी के बावजूद आखिरी वक्त में सूची से उनका नाम हटा दिया गया।
हालांकि, नागरा और गिलजियान को हाल ही में राज्य इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में चुना गया था।
अकाली दल के बागी परगट सिंह हॉकी ओलंपियन से नौकरशाह और फिर राजनेता बने हैं। उन्हें राज्य महासचिव के रूप में नियुक्त किया गया है।
कोटली और वारिंग ने छात्र संघ के नेताओं के रूप में काम करके अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की।
कोटली के दादा दिवंगत बेअंत सिंह 1992 से 1995 तक मुख्यमंत्री थे। उनके पिता तेज प्रकाश सिंह ने राज्य परिवहन मंत्री के रूप में कार्य किया है।
राहुल गांधी द्वारा चुने गए युवा नेता वारिंग ने 2012 में गिद्दड़बाहा से पीपुल्स पार्टी ऑफ पंजाब के तत्कालीन प्रमुख मनप्रीत सिंह बादल को हराकर विधानसभा में पदार्पण किया। वह 2014 में भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष थे।
पिछली अमरिंदर सिंह कैबिनेट के जिन पांच मंत्रियों को हटा दिया गया है, वे हैं बलबीर सिद्धू, गुरप्रीत कांगड़, राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी, साधु सिंह धर्मसोत और सुंदर शाम अरोड़ा।
हालांकि, ब्रह्म मोहिंद्रा (छह बार विधायक), मनप्रीत बादल (पांच बार विधायक), तृप्त राजिंदर बाजवा (चार बार विधायक), साथ ही चौधरी, रजिया सुल्ताना, और सुखबिंदर सिंह सरकारिया (तीन बार के विधायक), भारत भूषण आशु (दो बार विधायक) और विजय इंदर सिंगला (पहली बार विधायक) को बरकरार रखा गया है।
मोहिंद्रा, सिंगला और आशु प्रमुख हिंदू चेहर हैं, जो अमरिंदर सिंह से निकटता के लिए जाने जाते हैं।
शिरोमणि अकाली दल के बागी मनप्रीत बादल, जो पिछली अमरिंदर सिंह सरकार और प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व वाली पिछली शिअद सरकार में वित्त मंत्री थे, उन्होंने राहुल गांधी के साथ निकटता के कारण चन्नी को सत्ता में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनका वही पोर्टफोलियो बनाए रखे जाने की संभावना है।
पूर्व सिंचाई मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने कम से कम छह विधायकों की आपत्तियों के बावजूद चार साल बाद आश्चर्यजनक वापसी की। नागरा की कीमत पर उन्हें बाद में शामिल किया गया।
अमरिंदर सिंह के मंत्रिमंडल में रहे एक मंत्री ने रेत खदानों के आवंटन के संबंध में एक कथित घोटाले के बाद पद छोड़ दिया था।
58 वर्षीय चन्नी ने 20 सितंबर को अपने दो डिप्टी सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओपी सोनी के साथ मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, दोनों पिछली मंत्रिपरिषद में मंत्री थे।
अमरिंदर सिंह ने 18 सितंबर को राज्य कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के साथ राजनीतिक खींचतान के बाद 18 सितंबर को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा है कि ‘अपमानित’ महसूस करने के कारण पद छोड़ दिया।
यह संकेत देते हुए कि वह अभी भी अपने राजनीतिक विकल्प खुले रख रहे हैं, उन्होंने कहा कि वह अपने भविष्य के कार्यो पर निर्णय लेने से पहले अपने दोस्तों से बात कर रहे हैं।
राजनीति
2005 से पहले शाम ढलते ही लोग घरों में दुबक जाते थे: नीतीश कुमार

जमुई, 6 नवंबर : बिहार विधानसभा चुनाव में गुरुवार को जारी पहले चरण की 121 सीटों पर मतदान के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जमुई पहुंचे और एक चुनावी सभा को संबोधित किया। उन्होंने 2005 से पहले की सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि 2005 से पहले शाम ढलते ही लोग घरों में दुबक जाते थे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनावी सभा को संबोधित किया। कहा कि आप सभी जानते हैं कि हमारी सरकार 24 नवंबर 2005 को सत्ता में आई थी और 20 साल से सत्ता में है। इन 20 वर्षों में हमारी सरकार ने बिहार में विकास कार्य किया।
पूर्व की सरकारों को निशाने पर लेते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पिछली सरकार ने राज्य को बहुत बुरी हालत में छोड़ दिया था। लोग शाम के बाद बाहर निकलने में सुरक्षित महसूस नहीं करते थे, अक्सर सांप्रदायिक झगड़े होते थे। शिक्षा सीमित थी, बहुत कम बच्चे पढ़ते थे और स्वास्थ्य सेवाएं अपर्याप्त थीं। सड़कें खस्ता हालत में थीं और बिजली बहुत कम जगहों पर उपलब्ध थी। हम लोगों के पहले वाली सरकार का मुख्य धंधा था। उसके बाद हमारी सरकार आई तो हम लोगों ने सभी के हित में काम किया।
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि डबल इंजन की सरकार बिहार का विकास कर रही है, हमारी सरकार में किसी प्रकार से डर और भय का माहौल नहीं है, शांति का माहौल है।
नीतीश कुमार ने कहा कि हमारी सरकार ने शिक्षा व स्वास्थ्य को लेकर काम किया, नए-नए स्कूल खोले गए। बच्चों को स्कूल लाने के लिए साइकिल योजना की शुरुआत की। 2 लाख 58 हजार शिक्षकों की बहाली की। पहले स्वास्थ्य सेवा बहुत खराब थी, स्वास्थ्य केंद्रों पर दवा मुफ्त कर दी गई। मेडिकल कॉलेज की संख्या बढ़ाई गई। 27 जिलों में नए मेडिकल कॉलेज बनाए जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कें बनवाई गईं।
रोजगार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने 50 लाख युवाओं को रोजगार दिया। अब तय किया है कि पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को नौकरी दी जाएगी।
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बिहार चुनाव: निर्वाचन आयोग ने राजद के मतदान बूथों पर बिजली काटने के आरोपों को खारिज किया

पटना, 6 नवंबर : बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए जारी मतदान के बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने आरोप लगाए हैं कि धीमा मतदान करने के उद्देश्य से महागठबंधन के मजबूत बूथों पर बिजली काटी जा रही है। हालांकि, निर्वाचन आयोग ने राजद के आरोपों का खंडन किया है।
राजद ने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “प्रथम चरण की वोटिंग के मध्य में महागठबंधन के मजबूत बूथों पर धीमा मतदान करने के उद्देश्य से बीच-बीच में बिजली काट दी जा रही है। जानबूझकर स्लो वोटिंग कराई जा रही है।” राजद ने मांग करते हुए लिखा, “चुनाव आयोग ऐसी धांधली, बुरी नीयत और दुर्भावनापूर्ण इरादों पर बिना विलंब के संज्ञान लेकर त्वरित कारवाई करे।”
बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जवाब देते हुए लिखा, “आरोप पूरी तरह निराधार और भ्रामक है। बिहार में सभी मतदान केंद्रों पर सुचारू रूप से मतदान चल रहा है। भारत निर्वाचन आयोग मतदान प्रक्रिया को निष्पक्ष, पारदर्शी और निर्बाध बनाने के लिए सभी मानक प्रोटोकॉल का पालन कर रहा है। ऐसे भ्रामक प्रचार का कोई आधार नहीं है।”
निर्वाचन आयोग बिहार में जारी वोटिंग पर सीसीटीवी कैमरों के जरिए भी नजर रख रहा है। गुरुवार सुबह मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और दोनों चुनाव आयुक्त पहली बार 100 प्रतिशत मतदान केंद्रों में लगाए गए सीसीटीवी कैमरों की निगरानी के लिए चुनाव आयोग के नियंत्रण कक्ष में पहुंचे।
फिलहाल, बिहार के 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों के लिए पहले चरण में मतदान सुबह 7 बजे से जारी है। शुरुआती घंटों में 27.65 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है। जिला स्तर पर बेगूसराय में 11 बजे तक सबसे अधिक (30.37 प्रतिशत) मतदान हुआ है। वहीं, अब तक पटना जिले में सबसे कम (23.71 प्रतिशत) वोट पड़े हैं।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, विधानसभा सीट के हिसाब से सुबह 11 बजे तक गरखा में सबसे अधिक 33.70 प्रतिशत वोट डाले गए हैं। इसके अलावा 12 अन्य सीटें हैं, जहां 30 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज हुआ है। इनमें इसके बाद चेरिया बरियारपुर (33.32 प्रतिशत), पारू (32.81 प्रतिशत), मीनापुर (32.46 प्रतिशत), हथुआ (32.40 प्रतिशत), सहरसा (32.17 प्रतिशत), वारिसनगर (31.87 प्रतिशत), सूर्यागढ़ (31.85 प्रतिशत), पालीगंज (31.53), मसौढ़ी (31.46 प्रतिशत), वैशाली (31.24 प्रतिशत), खगड़िया (30.22 प्रतिशत) और लालगंज (30.12 प्रतिशत) शामिल हैं।
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: सीएम नीतीश कुमार ने कहा- ‘पहले मतदान, फिर जलपान’

पटना, 6 नवंबर: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार की जनता से अपील की है कि वे घरों से बाहर निकलें और वोट का प्रयोग जरूर करें। बिहार में गुरुवार को पहले चरण की 121 सीटों पर मतदान जारी है। मतदान केंद्रों पर सुबह से ही वोटरों की लंबी-लंबी कतारें लग रही हैं।
सीएम नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि लोकतंत्र में मतदान केवल हमारा अधिकार ही नहीं, दायित्व भी है। आज बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान हो रहा है — सभी मतदाताओं से आग्रह है कि अपने मताधिकार का प्रयोग अवश्य करें। मतदान करें और दूसरों को भी प्रेरित करें। पहले मतदान, फिर जलपान।
डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने एक्स पोस्ट में लिखा कि एक-एक बिहारी का मतदान, राज्य के विकास में योगदान! लोकतंत्र के महापर्व में गृह विधानसभा क्षेत्र तारापुर में मत का प्रयोग किया। आप सभी बढ़-चढ़कर मतदान करिए और एक सशक्त, सुरक्षित, समृद्ध तथा विकसित बिहार के लिए वोट करें।
डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने एक्स पोस्ट में लिखा कि पहले मतदान फिर जलपान। लोक आस्था के महापर्व छठ के बाद लोकतंत्र के महापर्व में अपनी भागीदारी निभाते हुए लखीसराय विधानसभा के लिए वोट किया। मतदान केवल अधिकार नहीं, यह भविष्य और विकास के लिए सबसे बड़ा दायित्व है। लखीसराय की देवतुल्य जनता से अपील करता हूं कि घर से बाहर निकलकर मतदान अवश्य करें, अपने एक-एक वोट से लखीसराय, बिहार और देश को मजबूत बनाएं। जिसने छठ पूजा जैसे पवित्र और महान पर्व को मजाक बनाया, जनता के पास उसको जवाब देने का यही समय है सही समय है। पहले मतदान करें, फिर उत्साह के साथ लोकतंत्र का पर्व मनाएं। आपका वोट आपकी आवाज है। आपका वोट हमारे लखीसराय का भविष्य है। जय लोकतंत्र। जय लखीसराय।
एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा कि आज लखीसराय का बड़ा इम्तिहान है। लखीसराय का इम्तिहान इसलिए क्योंकि अब यहां से ही तय होगा कि लखीसराय को किधर लेकर जाना है। यह सिर्फ एक चुनाव नहीं, बल्कि यह तय करने का क्षण है क्योंकि हमारा लखीसराय आगे विकास के पथ पर बढ़ेगा या अतीत के उस 15 साल के जंगलराज वाला अंधेरे दौर की ओर लौट जाएगा, जहां भय था, आतंक था, युवा गलत दिशा में धकेले जा रहे थे और विकास ठहर गया था। पिछले 15 वर्षों में आपने साहस, विश्वास और दृढ़ता से धर्म का रास्ता चुना और उसी का परिणाम है कि लखीसराय आज विकास, सुशासन और उम्मीद के रास्ते पर मजबूत खड़ा है। अब जिम्मेदारी आप सबकी है कि एक गलत निर्णय आप सभी का कल ना बिगाड़ दे। लखीसराय को आगे बढ़ाना है, ना कि पीछे ले जाना है।
इसलिए विनम्र आग्रह है कि भारी संख्या में मतदान कीजिए, लोकतंत्र के इस महापर्व में पूरे उत्साह से भाग लीजिए और अपना एक-एक वोट लखीसराय के उज्ज्वल भविष्य के नाम कीजिए। आप सभी को शुभकामनाएं लखीसराय का भविष्य आपके हाथ में है।
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