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Wednesday,06-August-2025
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आपदा

उत्तराखंड में बादल फटने से महाराष्ट्र के 24 नागरिक फंसे, सुप्रिया सुले ने सीएम धामी से मदद मांगी

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पुणे, 6 अगस्त। उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना के बाद महाराष्ट्र के 24 नागरिक उत्तराखंड में फंस गए हैं। उनकी सुरक्षा को लेकर एनसीपी (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले ने चिंता जाहिर की। साथ ही उन्होंने उत्तराखंड में फंसे नागरिकों के नाम के साथ मोबाइल नंबर भी जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटों से उनसे संपर्क न होने के कारण परिवार के लोग काफी चिंतित हैं।

एनसीपी (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “महाराष्ट्र के मंचर क्षेत्र के लगभग 24 नागरिक उत्तराखंड में हाल ही में हुए बादल फटने की घटना के कारण फंसे हुए हैं। पिछले 24 घंटों से उनसे संपर्क न होने के कारण उनके परिवार के लोग काफी चिंतित हैं।”

सुप्रिया सुले ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मदद की अपील की। उन्होंने कहा, “उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उत्तराखंड मुख्यमंत्री कार्यालय से अनुरोध है कि कृपया हस्तक्षेप करें और उन्हें जल्द से जल्द बचाने में मदद करें।”

उन्होंने उत्तराखंड में फंसे हुए कुछ लोगों के नाम और मोबाइल नंबर भी एक्स पर शेयर किया है, जिनमें अशोक किसान भोर (9890600661), सविता शंकर काले (9527085169), अशोक टेमकर (9867571585), लीला रोकड़े (9130346544), माणिक ढोरे (9822364243), मारुति शिंदे (9284153045), समृद्धि जंगम (9936819132), सतीश मांगड़े (9766663401), लीना जंगम (9769621996), पुरूषोत्तम (9881403519), संगीता वालू (8830146903), शिंदे गहिनीनाथ (9881930966), अरुणा सातकर (9860758977), विट्ठल खेडकर (9405851609), सुनीता धोरे (7499490903), नितिन जाधव (9325666487) और मंगल (8805255991) शामिल है।

सुप्रिया सुले ने उत्तराखंड सरकार से अनुरोध किया है कि वहां फंसे लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और उन्हें जल्द से जल्द बचाने में मदद करें।

इस बीच, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को उत्तराकाशी में बादल फटने की घटना को लेकर राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने सभी अधिकारियों को स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए, ताकि अगर किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति पैदा हो, तो उससे कुशलतापूर्वक निपटा जा सके।

अंतरराष्ट्रीय

एक ‘काली रात’ जो कहर बनकर टूटी, कई अफगानी नींद से फिर कभी नहीं उठे

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नई दिल्ली, 21 जून। दिन 22 जून, साल 2022! जिसे अफगानिस्तान सबसे भयावह दिन के तौर पर याद करता है। यह वही दिन है, जब भूकंप के एक जोरदार झटके से अफगानिस्तान में जान-माल का भारी नुकसान हुआ था।

वक्त देर रात करीब 1 बजकर 24 मिनट का था… लोग उस वक्त गहरी नींद में थे। तभी एक जोरदार झटके से उनकी आंख खुली। यह 6.1 की तीव्रता का भूकंप था। इस भूकंप को न सिर्फ अफगानिस्तान में, बल्कि पाकिस्तान और भारत सहित 310 मील के क्षेत्र में मौजूद लोगों ने महसूस किया।

यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) के अनुसार इस भूकंप का केंद्र खोस्त से लगभग 28.5 मील दक्षिण-पश्चिम में पाकिस्तान की सीमा के पास था।

रात का काला अंधेरा जब खत्म हुआ, तो सुबह की हल्की रोशनी में दर्दनाक मंजर नजर आ रहा था। कई घर मलबे में तब्दील हो चुके थे। इन मलबों के नीचे कई लाशें दफ्न थीं। हालांकि, कुछ लोग अभी भी जीवन के लिए संघर्ष कर रहे थे।

इस भूकंप में 1000 से ज्यादा लोगों की मौतें हुईं। 1500 से ज्यादा लोग जख्मी हुए। यह 1998 के बाद से अफगानिस्तान में सबसे भयानक भूकंप था। पहले से ही आतंक और चरमपंथियों की मार से जूझ रहे अफगानिस्तान को इस जोरदार भूकंप ने झकझोर कर रख दिया।

यह आपदा तालिबान सरकार के लिए एक मुश्किल परीक्षा थी। बचाव दल राहत कार्य के लिए एकजुट था, लेकिन पहले ही कई अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसियां यह देश छोड़ चुकी थीं।

बदहाली इस कदर थी कि लोगों को कंबल में लपेटकर हेलीकॉप्टर तक ले जाया जा रहा था। कुछ लोगों का इलाज वहीं धूल और मलबे के बीच जमीन पर किया जा रहा था।

अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण के भूकंप विज्ञानी रॉबर्ट सैंडर्स का मानना है कि यूं तो दुनिया के दूसरे स्थानों पर इतनी तीव्रता का भूकंप इस कदर तबाही नहीं मचाता, लेकिन इमारतों की क्वालिटी और जनसंख्या घनत्व ही अफगानिस्तान में इस तरह की तबाही का कारण बना।

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आपदा

कौशांबी में आकाशीय बिजली का कहर: चार बच्चों की मौत, पांच झुलसे

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कौशांबी, 20 जून। उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में आसमानी आफत ने कहर बरपाया है। अलग-अलग स्थानों में आकाशीय बिजली गिरने से चार बच्चों की मौत हो गई, जबकि 5 बच्चे झुलस गए। कौशांबी के एएसपी राजेश सिंह ने इसकी पुष्टि की है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि कौशांबी जिले के अलग-अलग दो थाना क्षेत्रों में आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं हुईं, जिसमें 4 बच्चों की मौत हो गई और 5 बच्चे झुलस गए।

जानकारी के मुताबिक, दोनों घटनाएं मंझनपुर तहसील क्षेत्र की हैं। पहली घटना सराय थाना क्षेत्र के जुगराजपुर गांव की है, जहां 4 बच्चे खेतों में पशु चरा रहे थे। अचानक मौसम बिगड़ा और बारिश शुरू हो गई। सभी बच्चे घर की ओर लौटने लगे, लेकिन इसी दौरान तेज आवाज के साथ आकाशीय बिजली गिरी। इसकी चपेट में आकर 13 वर्षीय सतीश कुमार और 13 वर्षीय मनी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 8 वर्षीय दिपांजलि और 10 वर्षीय पवन झुलस गए। दोनों का उपचार जिला अस्पताल में जारी है।

दूसरी घटना कौशांबी थाना क्षेत्र के तारा का पुरवा गांव में हुई, जहां पांच बच्चे खेत में पशु चरा रहे थे। बारिश शुरू होते ही वो सभी एक पेड़ के नीचे खड़े हो गए। तभी तेज चमक और धमाके के साथ बिजली पेड़ पर गिर गई। हादसे में 16 वर्षीय गोविंद निषाद और 15 वर्षीय रूपा देवी की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य बच्चे गंभीर रूप से झुलस गए।

घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया और मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि 5 घायलों में से 2 ठीक होकर घर जा चुके हैं, जबकि 3 का इलाज चल रहा है।

इसके पहले 15 जून को प्रयागराज में आकाशीय बिजली गिरने से एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत हो गई थी। जिले के बारा थाना क्षेत्र के सोनबरसा गांव में आकाशीय बिजली गिरी, जिसकी चपेट में आने से एक ही परिवार के 4 सदस्यों की मौत हो गई। मृतकों में पति-पत्नी के अलावा दो बच्चियां शामिल थीं।

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अंतरराष्ट्रीय

चीन में दूसरी बार तूफान ‘वुटिप’ ने दी दस्तक, अलर्ट जारी

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ग्वांगझोउ, 14 जून। प्रांतीय मौसम विभाग के अनुसार, इस साल के पहले तूफान ‘वुटिप’ ने शनिवार को स्थानीय समयानुसार रात 12:30 बजे दक्षिण चीन स्थित ग्वांगडोंग प्रांत के लीजौ शहर के पास दूसरी बार दस्तक दी है।

वुटिप कमजोर होकर एक भयंकर ट्रॉपिकल स्टॉर्म बन गया था, जिसके केंद्र के पास हवा की अधिकतम गति 30 मीटर प्रति सेकंड थी और सेंट्रल मिनिमम प्रेशर 980 हेक्टोपास्कल था।

‘वुटिप’ ने शुक्रवार रात 11 बजे दक्षिण चीन के द्वीप प्रांत हैनान के डोंगफैंग शहर के पास दस्तक दी थी।

मिडिया ‘सिन्हुआ’ के अनुसार, वुटिप तूफान के 20-25 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने की उम्मीद है। यह तूफान ग्वांगडोंग और गुआंग्शी के बीच बॉर्डर एरिया को घेरेगा। धीरे-धीरे इसकी तीव्रता कमजोर होती जाएगी।

यह दक्षिण चीन के हैनान प्रांत में साल का पहला तूफान है, जिसके चलते हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

गुरुवार रात 8 बजे तक, प्रांत ने कंस्ट्रक्शन साइट, निचले बाढ़-ग्रस्त क्षेत्रों और बाढ़ के जोखिम वाले क्षेत्रों से कुल 16,561 लोगों को निकाला था।

प्रांत के मछली पकड़ने वाले सभी 30,721 जहाज, या तो बंदरगाहों पर लौट आए या कहीं और शरण ले चुके हैं। इसके साथ ही पानी के इन जहाजों पर काम करने वाले 40,000 से ज्यादा लोगों को किनारे पर पहुंचाया गया है।

चाइना मेटीरियोलॉजिकल एडमिनिस्ट्रेशन (सीएमए) के अनुसार, वुटिप इस साल चीन में आने वाला पहला तूफान है, जो बुधवार को दक्षिण चीन सागर में विकसित हुआ।

हाल ही में, चीन ने मौसम की कई मार झेली है, जिसमें भयंकर गर्मी, सूखे से लेकर भारी बारिश और बाढ़ तक शामिल हैं।

ग्रीनहाउस गैसों के सबसे बड़े उत्सर्जक के रूप में, चीन रिन्यूबल एनर्जी में भी अग्रणी है। देश 2060 तक ‘शुद्ध-शून्य कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन’ हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है।

पिछले अगस्त में ‘टाइफून गेमी’ के कारण मूसलाधार बारिश आई थी, जिसके चलते कम से कम 30 लोगों की मौत हुई और कई अन्य लापता हो गए।

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