बॉम्बे हाईकोर्ट ने विशेष अदालत को इंडियन मुजाहिदीन मामले में करीब 14 साल पहले गिरफ्तार किए गए 23 लोगों के खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत आरोप हटाने की मांग करने वाली एक आरोपी मुबिन शेख की याचिका पर फिर से विचार करने का निर्देश दिया है…शेख और कई अन्य लोगों को 2008-2009 में मुंबई पुलिस ने कथित तौर पर इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) मीडिया सेल के सदस्य होने के आरोप में गिरफ्तार किया था..
उच्च न्यायालय ने आरोपी को मकोका के तहत आरोपों को रद्द करने के लिए एक नया आवेदन दायर करने के लिए कहा और निचली अदालत को दो महीने की अवधि के भीतर इस पर फैसला करने का निर्देश दिया..
जस्टिस एसएस जाधव और जस्टिस मिलिंद जाधव की अगुवाई वाली खंडपीठ ने कहा कि 2013 में आरोप तय होने के समय कुछ आरोपों को छोड़ने की मांग करने वाला एक आवेदन निचली अदालत के समक्ष लंबित था और अदालत आवेदन का निपटारा करने से पहले आरोप तय नहीं कर सकती थी…पीठ ने ये भी कहा कि चूंकि आवेदन स्वीकार्य रूप से लंबित था और अनसुना रह गया था, जैसा कि विशेष रूप से निचली अदालत ने आक्षेपित आदेश में उल्लेख किया था, हमारी राय है कि अपीलकर्ता का बहुमूल्य अधिकार खतरे में है..
दरअसल यह मामला 2008 में दिल्ली, हैदराबाद और अहमदाबाद में सिलसिलेवार विस्फोटों से पहले विभिन्न मीडिया घरानों को भेजे जा गये धमकी की ईमेल से संबंधित है…जिसमें मुबीन कादर शेख, 22 आरोपियों के साथ 2008-09 के बीच गिरफ्तार किया गया था और उस पर आईपीसी के तहत आपराधिक साजिश और सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के साथ-साथ शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक अधिनियम, गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम और महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम के तहत अपराध करने का आरोप लगाया गया था..
अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि जुलाई 2008 को अहमदाबाद में हुए सिलसिलेवार विस्फोटों से पहले, टीवी चैनलों और समाचार पत्रों को कथित रूप से आईएम से ईमेल प्राप्त हुए थे, जिसमें धमकी दी गई थी कि कई जगह विस्फोट होंगे..इस मामले में अब तक नौ आरोपी जमानत पर बाहर हैं, जबकि कुछ अन्य को गुजरात विस्फोट में सजा सुनाई गई है…जुलाई, 2008 को अहमदाबाद के रिहायशी इलाकों, बाजार स्थलों और सार्वजनिक परिवहन में एक घंटे के भीतर करीब 20 बम विस्फोट हुए, जिसमें 56 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो हुए थे..