राजनीति
नीमू गांव में मोदी के दौरे से उत्साहित हैं 1962 युद्ध के दिग्गज ताशी
चीन से 1962 के युद्ध में लोहा लेने वाले पूर्व सैन्य दिग्गज तेसरिंग ताशी इस बात को लेकर अति उत्साहित हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के साथ चल रहे सीमा गतिरोध के बीच एक सप्ताह पहले ही उनके लेह स्थित उनके गांव का दौरा किया।
ताशी ने हंसते हुए कहा, “मुझे नहीं पता था कि भारत के प्रधानमंत्री मेरे गांव में यहीं पर थे और सैनिकों से बात कर रहे थे। मुझे उनके जाने के बाद पता चला।”
ताशी ने कहा, “नीमो के लिए उनका दौरा वास्तव में आवश्यक था। इसने हमारे सैनिकों का मनोबल बढ़ाया है। वह आगे की पोस्ट (फॉरवर्ड पोस्ट) पर तो नहीं जा सकते थे, लेकिन यह बहुत अच्छा था कि उन्होंने यहां भाषण दिया।” उन्होंने कहा कि इस दौरे ने सैनिकों की आत्माओं को भी शांति पहुंचाई और इससे जरूर सेना भी खुश होगी।
लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून की रात चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प के दौरान भारत ने एक कर्नल सहित 20 सैनिकों को खो दिया था। जवानों की शहादत के बाद चीन से चल रहे गतिरोध के बीच प्रधानमंत्री ने नीमू की यात्रा की, जिसका भारतीय सेना के मनोबल के साथ ही 80 वर्षीय ताशी के लिए भी बड़ा महत्व है।
चीन के साथ 1962 के युद्ध में भारत की हार के 58 साल बाद भी हवलदार की आवाज से पछतावा और शोक नहीं मिट सका है, क्योंकि वह याद करते हैं कि कैसे भारत युद्ध और क्षेत्र को चीन से हार गया था।
1962 के युद्ध से पहले चीन के तत्कालीन प्रमुख झोउ एनलाई के ²ष्टिकोण के बारे में बताते हुए पूर्व सैन्य दिग्गज ने कहा, “मुंह में राम राम और बगल में छुरी।” ताशी ने उस समय को भी याद किया, जब वह 1959 में सेना में शामिल हुए थे और इसके तीन साल बाद ही चीन के साथ युद्ध छिड़ गया।
उन्होंने कहा, “युद्ध रात एक बजे (20 अक्टूबर, 1962) से शुरू हुआ। भारत और चीन दोनों के पास डीबीओ (दौलत बेग ओल्डी) के पास सैन्य चौकियां हुआ करती थीं, जो 16600 फीट की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे ऊंची हवाई पट्टी में से एक थी।”
ताशी ने कहा, “हम पैदल गश्त करते थे, जबकि चीनी घोड़ों पर। हमारे वाहन हमारी पोस्ट तक नहीं पहुंच पाए, लेकिन उनके पहुंच गए। उनकी संख्या हमारे से अधिक थी। हम बहुत कम थे।”
उन्होंने कहा, “उस समय सेना की केवल दो इकाइयां थीं – एक चुशुल में और दूसरी डीबीओ में। इसलिए हमने पठानकोट से जाट रेजिमेंट के अपने सैनिकों को सीधे डीबीओ हवाई पट्टी पर एयरलिफ्ट किया।”
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने चिप चैप घाटी, गलवान घाटी, पैंगोंग झील और अन्य कई जगहों पर स्थित भारतीय सैन्य चौकियों पर हमला किया था। चिप चैप नदी पूर्व से पश्चिम तक दौलत बेग ओल्डी के दक्षिण में बहती है।
अक्टूबर के महीने तक लद्दाख में सर्दी पूरे जोरों पर पहुंच चुकी थी और डीबीओ जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बेहद कठिनाई आ रही थी। तापमान भी हिमांक बिंदु (फ्रिजिंग प्वाइंट) तक पहुंच गया था।
ताशी ने कहा, “हमारे सैनिकों को जलवायु के अनुकूल होने का समय ही नहीं मिला, लेकिन उन्होंने लड़ने का फैसला किया। उनके हाथ जम गए, उन्होंने अपने अंग खो दिए। इसलिए हमें पीछे हटना पड़ा।” ताशी ने उल्लेख किया कि ठंड में सैनिकों की मौत कैसे हुई।
उन्होंने युद्ध के समय को याद करते हुए कहा कि सेना ने पास की पोस्ट पर 20 से 30 जवानों को खो दिया। ताशी ने कहा, “वे (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) हमारे कुछ सैनिक कैदियों को भी ले गए। हालांकि उनमें से एक बच गया। मैं नहीं जानता कि वह वापस कैसे आया।”
रात के लगभग दो बजे ताशी एक शक्तिमान ट्रक में डीबीओ से सहायता के लिए और अधिक सैनिकों को लाने के लिए चल दिए।
उन्होंने कहा, “मुझे 30 से 40 सैनिकों का साथ मिल गया, लेकिन हमारा वाहन एक जमे हुए प्रवाह में बर्फ में फंस गया। शायद हमारी जान बच गई, क्योंकि हमारा वाहन फंस गया। जब हम चलने के लिए तैयार हुए तो सुबह हो चुकी थी अब तब हम देख भी सकते थे। सुबह की रोशनी के कारण हमारे कमांडेंट ने हमें थोड़ा और आगे बढ़ाने में सक्षम किया। मैं गाइड था। लेकिन जिस समय तक हम वहां पहुंचे तो पीएलए के सैनिकों ने हमारे क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था। इसलिए हमें वापस लौटना पड़ा।”
ताशी ने कुमाऊं रेजिमेंट के मेजर शैतान सिंह की शहादत को भी याद किया, जिन्होंने रेजांग ला रिज पर कब्जा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जो हवाई पट्टी को चीनी हाथों में जाने से रोकने के लिए काफी महत्वपूर्ण था।
हालांकि ताशी मानते हैं कि भारत अब 1962 वाला भारत नहीं है और चीन अब उसे नहीं हरा सकता है।
उन्होंने कहा कि आज का भारत बहुत मजबूत है और यह बुलंदी छू रहा है। ताशी ने कहा कि अब वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय सैनिकों की हर जरूरत पूरी हो रही है।
मुंबई प्रेस एक्सक्लूसिव न्यूज
मुंबई BMC चुनाव: समाजवादी पार्टी की पहली लिस्ट जारी, लेकिन वार्ड नंबर 211 पर कोई फैसला नहीं

BMC
मुंबई: मुंबई नगर निगम चुनाव में महायोति और महा विकास अघाड़ी के बीच अभी तक चुनावी समझौता नहीं हुआ है, जबकि कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी और AIMIM ने नगर निगम के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। समाजवादी पार्टी ने 21 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की है, जिसमें 213 से जेब-उन-निसा मलिक को उम्मीदवार बनाया गया है, साथ ही 212 से शहजाद अब्राहनी को उम्मीदवार बनाया गया है। समाजवादी पार्टी में वार्ड नंबर 211 को लेकर खींचतान चल रही है, इसलिए पार्टी ने इस वार्ड के लिए अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। सपा नेता रईस शेख ने भी अपने भाई सलीम शेख को इस वार्ड के लिए उम्मीदवार के तौर पर पेश किया है। समाजवादी पार्टी ने अभी तक इस वार्ड में टिकट को लेकर कोई फैसला नहीं किया है, जबकि रईस शेख के भाई की उम्मीदवारी का भी विरोध हो रहा है। स्थानीय महिलाओं ने रईस शेख के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और सपा की उम्मीदवारी के लिए दावेदारी भी पेश की है। ऐसे में समाजवादी पार्टी में 211 से किसे उम्मीदवार दिया जाएगा, यह अभी भी पेंडिंग है। समाजवादी पार्टी ने महा विकास अघाड़ी से अलग होकर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया था, वहीं उद्धव और राज ठाकरे के बीच भी चुनावी समझौता हो गया है। इसके साथ ही अजित पवार और शरद पवार की NCP भी चुनावी समझौते को लेकर बातचीत कर रही है। अगर अजित पवार और शरद पवार के बीच चुनावी समझौता होता है, तो कांग्रेस पार्टी अकेले चुनाव लड़ने को तैयार है, ऐसा दावा कांग्रेस नेता जया विटवर्ड ने किया है। मुंबई BMC चुनाव में हर राजनीतिक पार्टी एक-दूसरे से आगे निकलने की कोशिश कर रही है, वहीं दोनों भाइयों ने मराठी मानस के मुद्दे पर गठबंधन किया है और मुंबई शहर में मराठी मानस के एक होने के बैनर भी लगाए जा रहे हैं।
राजनीति
बीएमसी चुनाव: एनसीपी ने 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी की, मुंबई में लगातार दूसरे दिन हुई बैठक

मुंबई, 27 दिसंबर: बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) चुनावों में अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। महायुति में सीट बंटवारे पर सहमति न बनने की स्थिति में एनसीपी ने मुंबई में अलग बैठक बुलाई है और उम्मीदवारों को लेकर चर्चा की गई है।
एनसीपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष सुनील तटकरे ने शनिवार को कहा कि पिछले तीन दिनों से सबके साथ बैठकें चल रही हैं और इस बारे में सारी जानकारी अजित पवार को बता दी गई है। उन्होंने कहा कि 30 दिसंबर की शाम तक स्थिति बिल्कुल स्पष्ट हो जाएगी और उस दिन दोपहर 3 बजे सीटों को लेकर घोषणा की जाएगी।
सुनील तटकरे ने यह भी कहा कि एनडीए में शामिल होने का नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी का फैसला फायदेमंद रहा है। राज्य के लोगों ने इस फैसले का समर्थन किया है और यह बदला नहीं जाएगा।
वहीं, एनसीपी विधायक सना मलिक ने मीडिया से बातचीत में कहा कि महायुति में हमारे प्रस्तावों पर बात आगे नहीं बढ़ी। इस स्थिति में हमने अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी की है। उम्मीदवारों के नामों को लेकर भी चर्चा हुई है और कार्यकर्ताओं को हर स्थिति के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है।
सना मलिक ने बताया कि बैठक में 62-65 सीटों पर लड़ने के लिए पार्टी की बैठक में चर्चा हुई है। पुराने साथी भी साथ लड़ने के लिए आ रहे हैं। कार्यकर्ताओं में भी जोश है। इस सबको देखते हुए पार्टी तकरीबन 100 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। एनसीपी पूरी ताकत के साथ बीएमसी चुनाव में उतरेगी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि महायुति के साथ मिलकर लड़ने के बारे में पार्टी नेतृत्व फैसला लेगा।
पूर्व विधायक जीशान सिद्दीकी ने बैठक के बारे में बताया कि सुनील तटकरे के नेतृत्व में बैठक हुई थी, जिसमें संभावित जीत वाली सीटों को लेकर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि गठबंधन को लेकर पार्टी नेतृत्व की तरफ से फैसला होना है, लेकिन मुंबई में पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश है और हम अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी भी कर रहे हैं।
जीशान सिद्दीकी ने कहा कि मुंबई की जनता हमारे साथ है और बीएमसी चुनाव में एनसीपी अपना झंडा जरूर लहराएगी।
राजनीति
महाराष्ट्र: छत्रपति संभाजीनगर में एआईएमआईएम के टिकट को लेकर बवाल, पुलिस ने दर्ज किया मामला

FIR
मुंबई, 27 दिसंबर: महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर शहर का सियासी माहौल इन दिनों काफी गरमाया हुआ है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) में टिकट वितरण को लेकर अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई है। वार्ड नंबर 12 से उम्मीदवार की घोषणा के बाद पार्टी के दो गुट आमने-सामने आ गए, जिसके चलते रैली के दौरान जमकर हंगामा और धक्का-मुक्की हुई। पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया।
जानकारी के अनुसार, एमआईएम ने हाल ही में छत्रपति संभाजीनगर शहर के 8 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं। इनमें वार्ड नंबर 12 से मोहम्मद असरार को पार्टी का अधिकृत उम्मीदवार बनाया गया। शुक्रवार शाम मोहम्मद असरार ने किराडपुरा इलाके से चुनावी रैली निकाली थी। इसी दौरान टिकट न मिलने से नाराज पूर्व नगरसेविका नसीम बी के बेटे हाजी इसाक खान के समर्थकों ने रैली को रोक दिया, जिससे विवाद शुरू हो गया।
बताया जा रहा है कि रैली रोकने के बाद दोनों पक्षों के कार्यकर्ताओं के बीच पहले कहासुनी हुई, जो देखते ही देखते धक्का-मुक्की और मारपीट में बदल गई। इस दौरान कुछ लोगों के साथ हाथापाई की गई। घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और चर्चा का विषय बना हुआ है। उम्मीदवारी को लेकर जवाब मांगने के दौरान दोनों गुटों के समर्थक आमने-सामने आ गए और जोरदार नारेबाजी शुरू हो गई।
हालात इतने तनावपूर्ण हो गए कि मोहम्मद असरार को रैली बीच में ही रोकनी पड़ी। घटना के बाद किराडपुरा इलाके में कुछ समय के लिए दहशत का माहौल बन गया। स्थिति बिगड़ते देख दोनों पक्ष जिन्सी पुलिस थाने पहुंचे। पुलिस ने अफसर खान हुसैन खान की शिकायत पर तीन लोगों के खिलाफ अदखलपात्र मामला दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि फिलहाल इलाके में शांति बनी हुई है और हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है।
वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि हाजी इसाक खान पिछले करीब 10 वर्षों से क्षेत्र में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं और इलाके में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। ऐसे में एआईएमआईएम द्वारा किसी दूसरे कार्यकर्ता को टिकट दिए जाने से समर्थकों में नाराजगी है। खुद हाजी इसाक खान ने भी कहा है कि यदि उन्हें एआईएमआईएम से टिकट नहीं मिलता है, तो वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतरेंगे।
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