आपदा
दक्षिण-पूर्वी ब्राजील में भारी बारिश से 11 लोगों की मौत

रियो डी जेनेरियो, 13 जनवरी। दक्षिण-पूर्वी ब्राजील में भारी बारिश से सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। भारी बारिश के चलते यहां 11 लोगों की मौत हो गई है।
स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण-पूर्वी ब्राजील में भारी बारिश के कारण रविवार को कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में से नौ की मौत सुबह मिनास गेरैस राज्य के घाटी क्षेत्र में भूस्खलन के कारण हुई।
राज्य अग्निशमन विभाग के अनुसार, इपेटिंगा शहर में भूस्खलन के कारण नौ लोगों की मौत हो गई और एक लापता हो गया। शहर में एक घंटे से भी कम समय में प्रति वर्ग मीटर 80 मिलीमीटर बारिश के बाद शहर भूस्खलन और बाढ़ दोनों की चपेट में आ गया। इसको लेकर स्थानीय अधिकारियों ने 180-दिवसीय सार्वजनिक आपदा की स्थिति घोषित की।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश में मिनास गेरैस के गवर्नर रोमू ज़ेमा ने घोषणा करते हुए कहा कि वह आपदा का आकलन करने और विस्थापित लोगों के लिए सुरक्षित अस्थायी आवास की व्यवस्था करने के लिए इपेटिंगा की यात्रा करेंगे।
इस बीच, सांता कैटरीना में भारी बारिश ने राजमार्गों के कुछ हिस्सों को बहा दिया है, जिससे दो लोगों की मौत हो गई और एक लापता हो गया। राज्य सरकार ने पिछले 24 घंटों में 121.4 मिलीमीटर बारिश की सूचना दी है। सड़कें बंद हो गईं है। इसके साथ ही बचाव कार्यों की देखरेख और क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के लिए एक संकट प्रबंधन समिति का गठन किया गया है।
आपदा
देहरादून आपदा : पीएम मोदी और अमित शाह ने सीएम धामी से की बात, मदद का दिया आश्वासन

नई दिल्ली/देहरादून, 16 सितंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात की। इस दौरान उन्होंने भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं के बारे में जानकारी ली। पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्र सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई बातचीत की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर दी।
सीएम धामी ने एक्स पर लिखा, “उत्तराखंड में अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने फोन पर जानकारी प्राप्त की और हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। इस दौरान उन्हें प्रभावित क्षेत्रों में किए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी दी।”
मुख्यमंत्री ने उनका आभार व्यक्त करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं, आपके मार्गदर्शन और सहयोग से राहत एवं बचाव कार्य और अधिक गति से संचालित हो रहे हैं। स्वयं भी अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर रहा हूं। आपदा के इस कठिन समय में हम प्रभावित परिवारों के साथ पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ खड़े हैं एवं उन्हें हर सम्भव सहायता पहुंचा रहे हैं।”
इस बीच, मुख्यमंत्री धामी ने देहरादून के प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ स्थानीय विधायक और वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी प्रभावित परिवार को असुविधा न हो और राहत सामग्री, सुरक्षित ठहराव, भोजन, पानी एवं स्वास्थ्य सुविधाएं तुरंत उपलब्ध कराई जाएं।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “प्रदेश सरकार हर प्रभावित परिवार के साथ खड़ी है। प्रशासन पहले से ही अलर्ट मोड पर है और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस व स्थानीय प्रशासन लगातार सक्रिय हैं।”
वहीं, उत्तराखंड पुलिस ने वीडियो शेयर करते हुए लोगों से सतर्क रहने की अपील की।
उन्होंने एक्स पर लिखा, “देहरादून जिले के सहस्त्रधारा क्षेत्र में भारी बारिश के कारण आए अत्यधिक पानी से मालदेवता में 100 मीटर सड़क बह गई। उत्तराखंड पुलिस द्वारा प्रभावित क्षेत्रों पर सतत नजर रखी जा रही है और लोगों से अपील है कि अनावश्यक यात्रा से बचें व सुरक्षित स्थानों पर रहें।”
आपदा
महाराष्ट्र: लापता नौसेना अधिकारी सूरजसिंह चौहान माथेरान ट्रेक के पास मृत पाए गए

माथेरान के निकट भिवपुरी-गारबेट ट्रेक पर निकलने के बाद 7 सितंबर से लापता 33 वर्षीय नौसेना अधिकारी सूरजसिंह अमरपालसिंह चौहान का शव सोमवार को बरामद कर लिया गया।
नेरल पुलिस ने पुष्टि की है कि कर्जत और नेरल के बीच, सतोबा मंदिर क्षेत्र के आसपास, पाली भूतवाली बांध के पास जंगली इलाके में शव देखा गया था। मंदिर के पीछे एक खाई में लगभग 50 फीट गहरी खाई में शव मिला। सहायक पुलिस निरीक्षक शिवाजी धावले के मार्गदर्शन में, नेरल पुलिस ने सह्याद्री बचाव दल के साथ मिलकर घने इलाके में एक चुनौतीपूर्ण अभियान के बाद शव को बरामद किया। मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले धावले ने 27 मई को कोलाबा कार्यालय में कार्यभार संभाला था।
पुलिस ने मामले में आकस्मिक मृत्यु रिपोर्ट (एडीआर) दर्ज कर ली है और मौत के सही कारण का पता लगाने के लिए शव को पोस्टमॉर्टम के लिए मुंबई के जेजे अस्पताल भेज दिया है। धावले ने कहा, “या तो वह फिसलकर गिर गया होगा या फिर साँप के काटने से मौत हुई होगी। पोस्टमॉर्टम से ही कारण का पता चलेगा।”
चौहान, जो मुंबई के कोलाबा स्थित एफटीटीटी डॉकयार्ड में मास्टर चीफ, क्लास II के पद पर कार्यरत थे, 7 सितंबर की सुबह सीएसटी से भिवपुरी के लिए ट्रेन लेकर गारबेट ट्रेकिंग ट्रेल पर निकले थे। उनकी आखिरी फ़ोन लोकेशन उस सुबह धोम डैम के पास देखी गई थी, जिसके बाद उनका फ़ोन बंद हो गया।
तब से, भारतीय नौसेना, महाराष्ट्र पर्वतारोही बचाव समन्वय केंद्र (एमएमआरसीसी), वन अधिकारी और पुलिस ड्रोन की मदद से व्यापक खोज अभियान चला रहे थे। उनके परिवार के सदस्य भी बचाव अभियान में शामिल हो गए थे।
कफ परेड पुलिस थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कर ली गई है। अधिकारी ने बताया, “सीसीटीवी फुटेज में उसे अकेले ट्रेक पर जाते हुए देखा जा सकता है, इसलिए किसी गड़बड़ी की आशंका नहीं है।”
आपदा
धराली : 50 नागरिक, 1 जेसीओ और 8 जवान लापता- सेना का बचाव अभियान जारी

नई दिल्ली, 7 अगस्त। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में धराली में आई आपदा के बाद से ही रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। क्षेत्र अब भी काफी हद तक संपर्क से कटा हुआ है। बड़तवारी, लिंचिगाड़, गंगरानी, हर्षिल और धराली में कई स्थानों पर सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं।
50 नागरिक, भारतीय सेना के एक जेसीओ और 8 जवान अब भी लापता हैं। वहीं, गंगोत्री में करीब 180 से 200 पर्यटक फंसे हुए हैं, जिन्हें भारतीय सेना और आईटीबीपी द्वारा भोजन, चिकित्सा सहायता और आश्रय उपलब्ध कराया जा रहा है। मौसम और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के चलते राहत व पुनर्स्थापन कार्य में बाधाएं बनी हुई हैं। बावजूद इसके सेना यहां राहत व बचाव कार्यों में जुटी हुई है।
भारतीय सेना के अनुसार, पर्यटकों को नेलोंग हेलीपैड से निकाला जाएगा। हर्षिल का सैन्य हेलीपैड पूरी तरह से चालू है, जबकि नेलोंग हेलीपैड भी चालू है और गंगोत्री से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है, जिससे राहत कार्यों में सुविधा मिल रही है। हालांकि, धराली का नागरिक हेलीपैड कीचड़ भरे भूस्खलन के कारण अभी भी काम नहीं कर रहा है।
सेना ने मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान तेज कर दिया है और नागरिक प्रशासन व अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है। सड़कें कट जाने और संचार व्यवस्था बाधित होने के चलते सेना लगातार दिन-रात राहत कार्यों में जुटी है। सेना के 225 से अधिक जवान, जिनमें इंजीनियर, चिकित्सा दल और बचाव विशेषज्ञ शामिल हैं, मौके पर तैनात हैं। यहां एक रीको रडार टीम पहले से सक्रिय है और दूसरी टीम को तैनात किया जा रहा है। सेना के अधिकारियों ने बताया कि सर्च एंड रेस्क्यू डॉग्स को भी तैनात किया गया है, जो लापता लोगों को खोजने में सहायता कर रहे हैं।
चिनूक और एमआई-17 हेलिकॉप्टर, जो जॉलीग्रांट में तैनात हैं, जल्द ही मौसम की अनुमति मिलने पर लोगों को निकालने और राहत सामग्री पहुंचाने के लिए उड़ान भरेंगे। सहस्त्रधारा से चलने वाले पांच नागरिक हेलिकॉप्टर एसडीआरएफ के सहयोग से मटली, भटवारी और हर्षिल के बीच लगातार उड़ानें भर रहे हैं। साथ ही, आईटीबीपी के मटली हेलीपैड पर एक अस्थायी एविएशन बेस तैयार किया जा रहा है ताकि हेलिकॉप्टर अभियानों में तेजी लाई जा सके। भारतीय सेना के अनुसार, अब तक 70 नागरिकों को सुरक्षित बचाया गया है।
3 नागरिकों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 50 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं (नागरिक प्रशासन के अनुसार)। सेना ने 1 जेसीओ और 8 जवानों के लापता होने की जानकारी दी है। 9 सैनिकों और 3 नागरिकों को हेलिकॉप्टर से देहरादून लाया गया है। 3 गंभीर रूप से घायल नागरिकों को एम्स ऋषिकेश ले जाया गया है, जबकि 8 अन्य को उत्तरकाशी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 2 शव बरामद किए गए हैं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने धाराली का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और राहत कार्यों की समीक्षा की। सेना की सेंट्रल कमांड के कमांडर और यूबी एरिया के जीओसी भी मौके पर राहत अभियानों की निगरानी कर रहे हैं। सेंट्रल कमांड के चीफ ऑफ स्टाफ हेलिकॉप्टर संचालन के लिए सेंट्रल एयर कमांड मुख्यालय से समन्वय कर रहे हैं।
अब अगले 24–48 घंटों में पैराट्रूप्स और चिकित्सा दलों को चिनूक हेलिकॉप्टर से हर्षिल भेजा जाएगा, वहीं एनडीआरएफ कर्मियों और मेडिकल स्टाफ को एमआई-17 हेलिकॉप्टर से नेलोंग ले जाया जाएगा।
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