राजनीति
मोदी सरकार के आठ वर्ष का मेगा जश्न – देश के हर गांव, हर वार्ड तक जाएगी भाजपा

केंद्र में मोदी सरकार के आठ वर्ष पूरे होने पर भाजपा ने देशभर में मेगा जश्न मनाने के कार्यक्रम को अंतिम रूप दे दिया है। भाजपा ने केंद्र सरकार के आठ वर्ष पूरे होने के मौके पर देश के हर गांव और हर वार्ड तक मोदी सरकार की उपलब्धियों को पहुंचाने का मेगा प्लान तैयार कर लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा , केंद्र सरकार के तमाम मंत्री, भाजपा के सभी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री, सभी प्रदेशों के अध्यक्ष , राष्ट्रीय एवं प्रदेश प्रभारियों के अलावा सभी मोचरें के पदाधिकारी, नेता और कार्यकर्ता 30 मई से 14 जून के बीच अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए मोदी सरकार की उपलब्धियों की जानकारी देते नजर आएंगे।
भाजपा के मेगा जश्न के कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी देते हुए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं मुख्यालय प्रभारी अरुण सिंह ने बताया कि सरकार के आठ वर्ष पूर्ण होने पर पार्टी ने देशभर में 30 मई से 14 जून तक सेवा, सुशासन, गरीब कल्याण पखवाड़ा मनाने का फैसला किया है। सिंह ने बताया कि इस पखवाड़े के दौरान भाजपा के सभी नेता देशभर के हर गांव,हर वार्ड जाकर लोगों को धारा 370, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण और देश के गरीब, किसान, शोषित, वंचित, एससी, एसटी, ओबीसी एवं अल्पसंख्यक समुदाय के हित में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देंगे ताकि विपक्ष की बोलती बंद हो जाए।
30 मई को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पीएम केयर फंड के माध्यम से देश के विभिन्न स्थानों पर कोविड के कारण अनाथ हुए बच्चों को चेक दिए जाएंगे। उनके लिए स्कॉलरशिप की घोषणा की जाएगी। अगले दिन, 31 मई को प्रधानमंत्री मोदी हिमाचल प्रदेश के शिमला के रिज मैदान से गरीब कल्याण कार्यक्रम के माध्यम से देश भर के लोगों को संबोधित करेंगे। भाजपा ने इसके लिए संगठन के स्तर पर भी विशेष तैयारी की है। सरकार के 75 मंत्री देश के अलग-अलग शहरों में मौजूद रहकर इस कार्यक्रम को सुनेंगे। इसके साथ ही पार्टी ने यह तय किया है कि देशभर के 15,734 मंडलों में भी गरीब कल्याण सम्मेलन आयोजित किया जाएगा और इन सभी जगहों पर प्रधानंमत्री के संबोधन को लाइव सुनने की भी व्यवस्था की जाएगी।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 30 मई को प्रेस कांफ्रेंस कर मोदी सरकार की उपलब्धियों की जानकारी देंगे तो वहीं भाजपा के मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष अपने-अपने राज्यों में 1 और 2 जून को प्रेस कांफ्रेंस कर मोदी सरकार की उपलब्धियों के बारे में जनता को बताएंगे। भाजपा ने अपने संगठन के ढांचे के लिहाज से देश को 960 सांगठनिक जिलों में विभाजित कर रखा है और इन सभी जिलों में पार्टी के सांसद एवं जिलाध्यक्ष 3 और 4 जून को इसी तरह की प्रेस कांफ्रेंस करेंगे।
केंद्र सरकार के सभी मंत्री, विभिन्न राज्यों में 2-2 दिनों का प्रवास कर लाभार्थियों से बात करेंगे और साथ ही लोगों से संवाद भी करेंगे। इसके अलावा भाजपा नेताओं को 15 दिनों तक चलने वाले इस विशेष अभियान के बीच 75 घंटे का समय जनसंपर्क के लिए रखने को भी कहा गया है। 75 घंटे के इस विशेष जनसंपर्क अभियान के तहत भाजपा नेता देश के हर गांव, हर वार्ड में जाकर मोदी सरकार की उपलब्धियों की जानकारी लोगों को देंगे।
इस पखवाड़े के दौरान, सभी वर्गों और सभी समुदायों तक पहुंचने के लिए भाजपा ने अपने सभी मोचरें की जिम्मेदारी तय कर दी है। युवा , महिला, अल्पसंख्यक, एससी, एसटी, ओबीसी और किसान मोर्चा देशभर में अलग-अलग दिनों में कार्यक्रम और सम्मेलनों का आयोजन कर इन वर्गों के हित में मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देगा। भाजपा विभिन्न प्रोफेशनल समुदायों के लिए भी अलग-अलग सम्मेलन का आयोजन करेगी।
राष्ट्रीय समाचार
मुंबई में बेस्ट पोल में ‘ठाकरे ब्रांड’ चमकने में नाकाम; उद्धव-राज का गठबंधन शून्य पर गिरा, शशांक राव के पैनल को 14 सीटें, प्रसाद लाड के पैनल को 7 सीटें मिलीं

मुंबई: आगामी बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनावों से पहले एक बड़े झटके में, राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच बहुप्रचारित गठबंधन शर्मनाक तरीके से समाप्त हो गया है।
वर्षों में पहली बार एक साथ चुनाव लड़ते हुए, ठाकरे बंधुओं ने प्रतिष्ठित बेस्ट वर्कर्स को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी के चुनावों में अपना संयुक्त ‘उत्कर्ष पैनल’ उतारा था। लेकिन यह गठबंधन एक भी सीट हासिल करने में नाकाम रहा, जिससे शहर के श्रमिक संघों और नगरपालिका की राजनीति पर कभी छाए रहे ‘ठाकरे ब्रांड’ को झटका लगा।
मंगलवार देर रात घोषित नतीजों में प्रतिद्वंद्वी पैनलों ने क्लीन स्वीप किया। शशांक राव के गुट ने 21 में से 14 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा नेता प्रसाद लाड के ‘श्रमिक पैनल’ को सात सीटें मिलीं। ठाकरे बंधुओं का संयुक्त मोर्चा खाता भी नहीं खोल पाया। यह हार विशेष रूप से प्रतीकात्मक है क्योंकि ठाकरे परिवार की कामगार सेना का बेस्ट यूनियन पर वर्षों से दबदबा रहा है, जिससे निकाय चुनावों से पहले सोसाइटी के चुनाव उनकी संयुक्त ताकत का लिटमस टेस्ट बन गए।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच गठबंधन पर राजनीतिक गलियारों में कड़ी नज़र रखी जा रही थी। उनके साथ आने को बीएमसी चुनावों के लिए एक ट्रायल के रूप में देखा गया था, जहाँ दोनों गुट एकता दिखाने और मुंबई के राजनीतिक परिदृश्य में अपना प्रभाव फिर से स्थापित करने की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन, इस अपमानजनक हार ने इस बात पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या ठाकरे का नाम अब भी कार्यकर्ताओं और मतदाताओं के बीच उतना ही लोकप्रिय है।
अपने पैनल के प्रदर्शन से खुश प्रसाद लाड ने सोशल मीडिया पर ठाकरे बंधुओं का मज़ाक उड़ाया। लाड ने कभी ताकतवर रहे ठाकरे परिवार पर तीखा तंज कसते हुए लिखा, “ब्रांड के मालिक एक भी सीट नहीं जीत पाए। हमने उन्हें उनकी जगह दिखा दी।”
इस नतीजे का महाराष्ट्र में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों पर भी असर पड़ने की उम्मीद है। ठाकरे परिवार, जिन्होंने इस मुकाबले को अपनी एकता और ताकत का प्रदर्शन बताया था, के लिए इस हार ने कड़े मुकाबले वाले बीएमसी चुनावों में उनकी कड़ी चुनौती पेश करने की क्षमता को लेकर अटकलों को जन्म दे दिया है।
राजनीति
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पेश किए तीन अहम बिल, विपक्ष ने किया विरोध

नई दिल्ली, 20 अगस्त। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को संसद के मानसून सत्र में तीन अहम बिल पेश किए। उनकी ओर से पेश किए गए बिल में मुख्य रूप से संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक, 2025, संघ राज्य क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 शामिल है।
केंद्रीय मंत्री ने यह बिल पेश करते हुए कहा कि भारत के संविधान का संशोधन करने वाले विधेयक को पुनर्स्थापित करने की अनुमति दी जाए। मैं प्रस्ताव करता हूं कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम का संशोधन करने वाले विधेयक को पुनर्स्थापित करने की अनुमति दी जाए। इसके अलावा, मैं यह भी प्रस्ताव करता हूं कि संघ राज्य क्षेत्र शासन अधिनियम 1963 का संशोधन करने वाले विधेयक को पुनर्स्थापित करने की अनुमति दी जाए।
लोकसभा में इन तीनों बिलों को पेश करने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री ने इसे संयुक्त संसदीय समिति में भेजने की सिफारिश की। इस बिल को लेकर संसद में विपक्षी दलों की ओर से विरोध किया गया। यही नहीं, विपक्षी दलों ने इस बिल पर रोष प्रकट करते हुए इसकी कॉपी फाड़कर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर फेंक दी।
वहीं, कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने इस बिल का विरोध करते हुए कहा कि जब अमित शाह को गिरफ्तार किया गया था, तो क्या उन्होंने अपनी नैतिकता दिखाई थी? इस पर अमित शाह ने कहा कि जब मुझे झूठे मामले में गिरफ्तार किया गया था, तो मैंने इस्तीफा देकर अपनी नैतिकता दिखा दी थी। कोर्ट से निर्दोष साबित नहीं होने तक मैंने किसी भी संवैधानिक पद की जिम्मेदारी ग्रहण नहीं की थी।
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से लोकसभा में पेश किए गए बिल का मुख्य उद्देश्य यह है कि अगर कोई केंद्रीय मंत्री, किसी राज्य का मुख्यमंत्री या किसी केंद्र शासित प्रदेश का मुख्यमंत्री किसी आपराधिक मामले में आरोपी पाया जाता है, तो उसे तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना होगा। लेकिन, केंद्रीय मंत्री की ओर से पेश किए गए इस बिल का विपक्ष की ओर से विरोध किया जा रहा है।
राजनीति
पूर्व भाजपा सांसदों ने कहा, ‘साजिश के तहत सीएम रेखा गुप्ता पर हुआ हमला

नई दिल्ली, 20 अगस्त। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर बुधवार को जनसुनवाई के दौरान हुए हमले को लेकर भाजपा के पूर्व सांसदों ने इसे साजिश करार दिया है। भाजपा के पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी ने इसे साजिश बताया, जबकि विजय गोयल ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि पुलिस जांच कर रही है और मुख्यमंत्री जल्द काम पर लौटेंगी।
रमेश बिधूड़ी ने मीडिया से बातचीत में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले को एक साजिश करार देते हुए कहा कि रेखा गुप्ता जनता से सीधे मिल रही हैं, जिसे विरोधी दल पचा नहीं पा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि जांच में यह सामने आएगा कि हमलावर किसी न किसी राजनीतिक दल का कार्यकर्ता होगा।
उन्होंने कहा कि इसे सुरक्षा में चूक नहीं कह सकते हैं, क्योंकि जनसुनवाई में सीएम अपनी इच्छानुसार लोगों से मिल रही थी।
भाजपा नेता योगिता सिंह ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले की निंदा करते हुए इसे सोची-समझी साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि सीएम रेखा गुप्ता जनसुनवाई के दौरान जनता से सीधे संवाद कर रही थीं, जिससे उनकी लोकप्रियता बढ़ रही थी, और विरोधी इसे बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। स्वाभाविक है कि यह हमला साजिश और राजनीति से प्रेरित है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय गोयल ने रेखा गुप्ता पर हुए हमले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसकी निंदा की। उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और सीएम रेखा गुप्ता साहसी हैं, जो लगातार दिल्ली की जनता के लिए काम कर रही हैं। गोयल ने विश्वास जताया कि रेखा गुप्ता जल्द ही अपने काम पर लौटेंगी।
बता दें कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमला करने वाले की पहचान गुजरात के राजकोट निवासी राजेश भाई खिमजी भाई सकारिया के रूप में हुई है। वह 41 साल का है। पुलिस आरोपी को पकड़ सिविल लाइंस थाने लाई है। पुलिस हमले के कारणों का पता लगाने के लिए हमलावर से पूछताछ कर रही है। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में गुजरात पुलिस से संपर्क किया है।
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