व्यापार
आरबीआई एमपीसी का असर, शेयर बाजार लगातार आठ दिनों की गिरावट के बाद हरे निशान में बंद

मुंबई, 1 अक्टूबर : भारतीय शेयर बाजार बुधवार के कारोबारी सत्र में बड़ी तेजी के साथ बंद हुआ। आरबीआई एमपीसी के फैसलों के ऐलान के बाद सभी सूचकांकों में खरीदारी देखी गई।
कारोबार के अंत में सेंसेक्स 715.69 अंक या 0.89 प्रतिशत की तेजी के साथ 80,983.31 और निफ्टी 225.20 अंक या 0.92 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,836.30 पर बंद हुआ।
बैंकिंग शेयरों ने बाजार का नेतृ्त्व किया। निफ्टी बैंक 712.10 अंक या 1.30 प्रतिशत की तेजी के साथ 55,347.95 पर बंद हुआ। निफ्टी फाइनेंशियल सर्विस (1.38 प्रतिशत), निफ्टी फार्मा (1.30 प्रतिशत), निफ्टी एफएमसीजी (0.72 प्रतिशत), निफ्टी ऑटो (0.85 प्रतिशत), निफ्टी आईटी (0.74 प्रतिशत) और निफ्टी मेटल (0.55 प्रतिशत) की तेजी के साथ बंद हुआ। केवल निफ्टी पीएसयू बैंक (0.37 प्रतिशत) की गिरावट के साथ बंद हुआ।
सेंसेक्स पैक में टाटा मोटर्स, कोटक महिंद्रा बैंक, ट्रेंट, सन फार्मा, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, अदाणी पोर्ट्स, एमएंडएम, टेक महिंद्रा, इटरनल (जोमैटो), टाइटन, एचयूएल और बीईएल टॉप गेनर्स थे। बजाज फाइनेंस, एसबीआई, अल्ट्राटेक सीमेंट, टाटा स्टील, एशियन पेंट्स, भारती एयरटेल और मारुति सुजुकी टॉप लूजर्स थे।
एसबीआई सिक्योरिटीज की ओर से कहा गया कि आरबीआई ने अक्टूबर की मौद्रिक नीति में ब्याज को स्थिर रखा है, लेकिन दिसंबर की पॉलिसी में ब्याज दरों में कटौती की संभावना ने सेंटीमेंट को बूस्ट किया है। इस कारण से निजी क्षेत्र के बैंकों में मजबूत खरीदारी देखने को मिली। हालांकि, पीएसयू बैंकिंग शेयर में मुनाफावसूली हुई।
केंद्रीय बैंक ने रेपो रेटो को 5.50 प्रतिशत पर स्थिर रखा है। साथ ही, मौद्रिक नीति के रुख को ‘न्यूट्रल’ रखा है।
रेपो रेट के अलावा, केंद्रीय बैंक ने स्टैंडिग डिपॉजिट फैसिलिटी (एसडीएफ) 5.25 प्रतिशत पर बरकरार रखा है, जबकि मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) को 5.75 प्रतिशत पर स्थिर रखा है।
भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत तेजी के साथ हुई थी। सुबह 9:23 पर सेंसेक्स 51 अंक या 0.06 प्रतिशत की तेजी के साथ 80,319 और निफ्टी 23 अंक या 0.10 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,635 पर था।
अंतरराष्ट्रीय
फिलीपींस में भूकंप की घटना पर पीएम मोदी ने जताया दुख, अब तक 69 लोगों की मौत

मनीला, 1 अक्टूबर : फिलीपींस में 6.9 की तीव्रता से आए भूकंप के बाद का भयावह मंजर सामने आया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर दुख जताया है। वहीं नागरिक सुरक्षा कार्यालय (ओसीडी) ने बताया कि भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 69 हो गई।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, “फिलीपींस में आए भूकंप से हुई जान-माल की हानि और व्यापक क्षति के बारे में जानकर मुझे गहरा दुख हुआ। मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। इस कठिन समय में भारत फिलीपींस के साथ एकजुटता से खड़ा है।”
ओसीडी के उप-प्रशासक और सहायक सचिव बर्नार्डो राफेलिटो एलेजांद्रो ने ब्रीफिंग में बताया कि भूकंप के केंद्र बोगो शहर में 30 लोगों की मौत हो गई, मेडेलिन शहर में 10, सैन रेमिगियो शहर में 22, तबोगोन शहर में पांच और सोगोड और तबुएलन नगर पालिकाओं में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई।
उन्होंने कहा कि पीड़ितों की मौत घरों और इमारतों की ढही हुई दीवारों के नीचे दबने से हुई। राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन परिषद (एनडीआरआरएमसी) ने शुरुआत में बताया कि कम से कम 147 लोग घायल हुए हैं।
शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार, सहायक सचिव ने घायलों और लापता लोगों के बारे में नए आंकड़े जारी नहीं किए हैं, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
फिलीपींस ज्वालामुखी एवं भूकंप विज्ञान संस्थान ने शुरुआत में बताया था कि मंगलवार रात स्थानीय समयानुसार 9:59 बजे सेबू प्रांत में 6.7 तीव्रता का भूकंप आया। हालांकि, बाद में फिर तीव्रता को संशोधित कर 6.9 कर दिया गया। भूकंप का केंद्र बोगो शहर से लगभग 19 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में, 5 किलोमीटर की गहराई में था।
बता दें कि मध्य फिलीपींस के कई पड़ोसी प्रांतों के साथ-साथ दक्षिणी फिलीपींस के कुछ क्षेत्रों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। फिलीपींस ज्वालामुखी एवं भूकंप विज्ञान संस्थान की ओर से साझा जानकारी के अनुसार मंगलवार रात से 600 से ज्यादा झटके दर्ज किए गए।
बता दें कि फिलीपींस प्रशांत महासागर के “रिंग ऑफ फायर” क्षेत्र में स्थित है, जो भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधि के लिए एक्टिव माना जाता है।
राष्ट्रीय समाचार
नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट को हजारों हाथों और दिलों ने मिलकर बनाया : गौतम अदाणी

नई दिल्ली, 1 अक्टूबर: अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने बुधवार को कहा कि नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट एक ऐसा स्मारक है, जिसे हजारों हाथों और दिलों ने मिलकर बनाया है।
नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन 8 अक्टूबर को प्रस्तावित है।
अरबपति उद्योगपति ने एयरपोर्ट के डेवलपमेंट के लिए काम करने वाले दिव्यांग सहयोगियों, निर्माण श्रमिकों और अन्य स्टाफ सदस्यों के प्रयासों को सलाम किया और अपना आभार व्यक्त किया।
गौतम अदाणी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कहा, “8 अक्टूबर को नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के उद्घाटन से पहले, मैंने हमारे दिव्यांग सहयोगियों, निर्माण श्रमिकों, महिला कर्मचारियों, इंजीनियरों, कारीगरों, अग्निशमन कर्मियों और उन गार्डों से मुलाकात की, जिन्होंने इस विजन को साकार करने में मदद की।”
उन्होंने आगे लिखा, “मैंने यहां एक लिविंग वंडर की धड़कन महसूस की है और यह एक ऐसा स्मारक है, जिसे हजारों हाथों और दिलों ने मिलकर बनाया है।”
गौतम अदाणी के मुताबिक, “जब लाखों उड़ानें आसमान में उड़ेंगी और अरबों लोग इन हॉलों से गुजरेंगे, तो इन लोगों की आत्मा हर उड़ान और हर कदम पर गूंजेगी और मैं उनके प्रति अपनी हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं। जय हिंद।”
नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों यात्रियों की सुविधा के लिए डिजाइन किया गया है और इसमें अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं।
इसमें 3,700 मीटर लंबा रनवे, बड़े वाणिज्यिक विमानों को संभालने की क्षमता, आधुनिक यात्री टर्मिनल और उन्नत हवाई यातायात नियंत्रण प्रणालियां शामिल हैं।
इसके प्रति वर्ष 2 करोड़ यात्रियों को संभालने और मुंबई महानगर क्षेत्र और पश्चिमी भारत की बढ़ती हवाई यातायात मांगों को पूरा करने के साथ-साथ भारत की वैश्विक कनेक्टिविटी को मजबूत करने की उम्मीद है।
यह एयरपोर्ट जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) बंदरगाह से 14 किलोमीटर, महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी), तलोजा औद्योगिक क्षेत्र से 22 किमी, मुंबई पोर्ट ट्रस्ट (मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक के माध्यम से) से 35 किमी, ठाणे से 32 किमी और पावरलूम शहर भिवंडी से 40 किमी दूर होगा।
इस एयरपोर्ट ने मंगलवार को नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से एयरपोर्ट लाइसेंस प्राप्त करने की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि भी हासिल की, यह परिचालन शुरू करने के लिए आवश्यक है। इंडिगो, अकासा एयर और एयर इंडिया एक्सप्रेस जैसी एयरलाइनों ने एयरपोर्ट से परिचालन शुरू करने की योजना की घोषणा की है, जिसमें शुरुआती उड़ानें विभिन्न घरेलू शहरों को जोड़ेंगी।
व्यापार
आरबीआई ने आईपीओ लोन की लिमिट को दोगुना कर 25 लाख रुपए प्रति निवेशक किया

मुंबई, 1 अक्टूबर : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को कई फैसलों का ऐलान किया, जिसने क्रेडिट को कंपनियों और आम निवेशकों के लिए आसान बना दिया है।
केंद्रीय बैंक ने बैंकों को भारतीय कंपनियों द्वारा अधिग्रहण के लिए फंडिंग की अनुमति देने का निर्णय लिया है, साथ ही शेयरों और ऋण प्रतिभूतियों के बदले ऋण देने पर प्रतिबंधों में भी ढील दी है।
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद, गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि आरबीआई एक फ्रेमवर्क तैयार करेगा, जिसकी मदद से बैंक अधिग्रहणों के लिए कंपनियों को ऋण उपलब्ध करा पाएंगे।
यह कदम भारतीय स्टेट बैंक द्वारा नियामक से इस तरह की फंडिंग की अनुमति देने का अनुरोध करने के बाद उठाया गया है।
मल्होत्रा ने आगे कहा कि केंद्रीय बैंक ने सूचीबद्ध ऋण प्रतिभूतियों पर ऋण देने की नियामक सीमा हटा दी है।
साथ ही, शेयरों पर ऋण देने की सीमा प्रति व्यक्ति 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपए कर दी गई है।
आईपीओ फंडिंग के लिए, सीमा 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख रुपए प्रति व्यक्ति कर दी गई है।
यह बदलाव विशेष रूप से उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्तियों (एचएनआई) को सार्वजनिक निर्गमों में बड़ी राशि के लिए आवेदन करने में मदद करेगा।
आरबीआई ने इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए ऋण देना सस्ता करने का भी फैसला किया है। इससे गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) द्वारा उच्च-गुणवत्ता वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को दिए गए ऋणों पर जोखिम भार कम हो जाएगा।
इसके साथ ही, नियामक ने 2016 के उस नियम को वापस ले लिया है जो 10,000 करोड़ रुपए से अधिक बैंक ऋण वाले बड़े उधारकर्ताओं को ऋण देने से हतोत्साहित करता था। इससे प्रणाली में समग्र ऋण उपलब्धता में वृद्धि होने की उम्मीद है।
विशेषज्ञों ने बताया कि आरबीआई के निर्णयों का उद्देश्य बैंकों द्वारा अधिक ऋण देने को प्रोत्साहित करना, कॉर्पोरेट अधिग्रहणों को समर्थन देना, आईपीओ भागीदारी को बढ़ावा देना और इन्फ्रास्ट्रक्चर और व्यावसायिक विकास के लिए धन की उपलब्धता को और अधिक सुगम बनाना है।
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