राजनीति
ठंड से किसी गोवंश की मृत्यु न हो, गौ आश्रय स्थलों में विशेष इंतजाम कर रही योगी सरकार

लखनऊ, 9 जनवरी। उत्तर प्रदेश में पड़ रही कड़ाके की ठंड और शीतलहर को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने गोवंश संरक्षण पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि किसी भी गोवंश की ठंड के कारण मृत्यु न हो। इसके लिए प्रदेशभर के गौ आश्रय स्थलों पर आवश्यक सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है।
योगी सरकार ने पशु चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे नियमित रूप से गौ आश्रय स्थलों का दौरा करें और वहां गोवंश के उत्तम स्वास्थ्य, चिकित्सा, औषधि एवं देखभाल सुनिश्चित करें। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया है कि हर गौ आश्रय स्थल पर कार्यरत केयरटेकर रात में वहीं रुकें और गोवंश की देखभाल के लिए आवश्यक कार्य सुचारू रूप से करें।
सीएम योगी ने निर्देश दिया है कि जनपद स्तर पर नोडल अधिकारी गौ आश्रय स्थलों का नियमित निरीक्षण करें और यह सुनिश्चित करें कि चारा, भूसा, पानी, प्रकाश आदि की कोई कमी न हो। इसके अलावा, गौ संरक्षण केंद्रों की स्थापना का कार्य प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र पूरा करने पर जोर दिया गया है, ताकि निराश्रित गोवंश को सुरक्षित वातावरण प्रदान किया जा सके। सरकार ने ग्राम्य विकास विभाग और अन्य सहयोगी विभागों को निर्देश दिया है कि वे समन्वय बनाकर गौ संरक्षण के कार्यों को प्रभावी ढंग से पूरा करें। चारागाह भूमि को अवैध कब्जों से मुक्त कराने और मनरेगा के माध्यम से बहुवर्षीय और सीजनल चारे की बुआई सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया है।
योगी सरकार ने सभी अवस्थापना संबंधी कार्यों को 25 फरवरी 2025 तक पूरा करने का निर्देश दिया है। यह सुनिश्चित किया गया है कि कार्यदायी संस्थाएं मानक और लेआउट के अनुसार उच्च गुणवत्ता के साथ निर्माण कार्य करें। गोवंश शेड, पानी पीने की सुविधाएं, चारे का स्थान और खड़ंजा जैसी संरचनाओं को मजबूती और व्यवस्थित तरीके से तैयार किया जाए। योगी सरकार ने निर्देश दिया है कि जिन गौ आश्रय स्थलों में किसी प्रकार की अव्यवस्था या गोवंश की देखभाल से संबंधित शिकायतें प्राप्त होती हैं, वहां तत्काल सुधारात्मक कदम उठाए जाएं।
वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 7,696 गौ आश्रय स्थलों पर 12,35,700 निराश्रित गोवंश का संरक्षण किया जा रहा है। सरकार की मंशा इन आश्रय स्थलों की गुणवत्ता और व्यवस्थाओं को और अधिक सुदृढ़ करने की है। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया है कि ठंड से बचाव के लिए त्रिपाल, अलाव और अन्य आवश्यक उपायों को प्राथमिकता दी जाए। योगी सरकार ने जोर दिया है कि सभी स्तरों पर कार्य को पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ किया जाए ताकि गोवंश संरक्षण के प्रयास प्रभावी और परिणामदायक हों। सरकार के इन कदमों से न केवल ठंड के मौसम में गोवंश को राहत मिलेगी, बल्कि प्रदेश में गौ संरक्षण की परंपरा को और मजबूती भी मिलेगी।
महाराष्ट्र
अंधेरी में मुंबई मेट्रो वन कार शेड पर पत्थर फेंका गया, पुलिस ने जांच शुरू की

मुंबई: मुंबई के अंधेरी पश्चिम इलाके में तोड़फोड़ की एक घटना सामने आई है, जहां एक अज्ञात व्यक्ति ने कथित तौर पर मुंबई मेट्रो वन कार शेड पर पत्थर फेंका, जिससे इसकी कांच की छत को काफी नुकसान पहुंचा।
अंबोली पुलिस के अनुसार, यह घटना 3 जून की दोपहर को प्रकाश में आई, जब मेट्रो कंट्रोल रूम ने कार शेड के सुरक्षा अधिकारी शशिकांत विट्ठल माने (63) को इसकी सूचना दी। संदेश मिलने के बाद माने मौके पर पहुंचे और पाया कि शेड पर पत्थर फेंका गया था, जिससे उसकी कांच की छत का एक हिस्सा टूट गया था।
सौभाग्य से, इस घटना में मौके पर मौजूद कोई भी कर्मचारी घायल नहीं हुआ। प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि पत्थर को नज़दीकी अडानी हाइट्स बिल्डिंग से जानबूझकर फेंका गया था, जो सीधे मेट्रो कार शेड के सामने है।
माने की शिकायत के आधार पर अंबोली पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। घटना के लिए जिम्मेदार व्यक्ति का पता लगाने और घटना के पीछे के मकसद का पता लगाने के लिए जांच जारी है।
महाराष्ट्र
यातायात की समस्या को कम करने के लिए मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे को 10-लेन सुपरहाइवे में विस्तारित किया जाएगा

भारत के सबसे व्यस्त राजमार्गों में से एक पर लगातार बढ़ती यातायात की समस्या को कम करने के लिए, महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) ने मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे में बड़े पैमाने पर उन्नयन का प्रस्ताव दिया है – इसे छह लेन से 10 लेन के सुपरहाइवे में परिवर्तित किया जाएगा।
मुंबई के व्यस्त महानगर को पुणे के औद्योगिक और शैक्षणिक केंद्र से जोड़ने वाला 96 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे, वर्तमान में सप्ताह के दिनों में प्रतिदिन लगभग 65,000 वाहनों को ले जाता है। सप्ताहांत पर यह संख्या बढ़कर 100,000 से अधिक हो जाती है। यातायात की मात्रा में सालाना लगभग 5-6% की वृद्धि के साथ, MSRDC के प्रस्तावित विस्तार को बढ़ती भीड़भाड़ के दीर्घकालिक समाधान के रूप में देखा जा रहा है।
एमएसआरडीसी के संयुक्त प्रबंध निदेशक राजेश पाटिल ने पुष्टि की कि हाल ही में मानसून की तैयारियों की समीक्षा बैठक के दौरान उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को एक विस्तृत योजना प्रस्तुत की गई है। पाटिल ने कहा, “इस विस्तार का उद्देश्य भविष्य की यातायात मांगों को पूरा करना है, साथ ही भीड़भाड़ को काफी कम करना है।”
वर्तमान में, मुंबई और पुणे के बीच की यात्रा सामान्य परिस्थितियों में लगभग दो घंटे की होती है। हालाँकि, सप्ताहांत के व्यस्त घंटों और छुट्टियों के दौरान ट्रैफ़िक के कारण यह यात्रा एक घंटे और बढ़ सकती है। MSRDC के अनुसार, प्रस्तावित विस्तार से यात्रा का यह बढ़ा हुआ समय लगभग समाप्त हो जाएगा, जिससे व्यस्त समय के दौरान भी यात्रा सुगम हो जाएगी।
इस परियोजना की अनुमानित लागत 14,900 करोड़ रुपये है, जिसमें मौजूदा बुनियादी ढांचे को चौड़ा करना शामिल है। वित्तीय मॉडलिंग का काम चल रहा है, लेकिन उच्च लागत का मतलब है कि इसे सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के माध्यम से लागू किया जाएगा।
एक्सप्रेसवे – जो नवी मुंबई के कलंबोली में शुरू होता है और पुणे के पास किवाले में समाप्त होता है – भारत का पहला प्रवेश-नियंत्रित राजमार्ग है, जिसका उद्घाटन 2002 में किया गया था। जबकि 13 किलोमीटर की “मिसिंग लिंक” परियोजना पहले से ही चल रही है, जो खंडाला घाट खंड में 14 लेन की सुविधा प्रदान करेगी, प्रस्तावित विस्तार मार्ग के शेष 83 किलोमीटर को कवर करेगा।
महत्वपूर्ण बात यह है कि भूमि अधिग्रहण की चुनौतियां न्यूनतम होने की उम्मीद है। परियोजना से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, “एमएसआरडीसी के पास पहले से ही मौजूदा एक्सप्रेसवे के अधिकांश हिस्सों से सटी जमीन है। सुरंग क्षेत्रों के पास केवल सीमित अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता होगी।”
यदि इसे मंजूरी मिल जाती है और परिकल्पना के अनुसार क्रियान्वित किया जाता है, तो यह विस्तार भारत के सबसे महत्वाकांक्षी सड़क अवसंरचना उन्नयनों में से एक बन सकता है – जो देश में वाहन स्वामित्व में तीव्र वृद्धि को उच्च क्षमता वाले पारगमन गलियारों के साथ मिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
राजनीति
बेंगलुरु भगदड़ पर शिवराज सिंह चौहान ने जताया दुख, घायलों के स्वास्थ्य लाभ की कामना

नई दिल्ली, 5 जून। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की जीत के जश्न के दौरान बड़ा हादसा हुआ। चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ मचने से 11 लोगों की मौत हो गई और 33 अन्य घायल हो गए। इस हादसे पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दुख जताया।
शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “बेंगलुरु में हुई दुर्घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। इस गंभीर हादसे में असमय प्राण गंवाने वाले नागरिकों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। हम सभी की संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें, यही प्रार्थना करता हूं।”
हादसे पर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने भी दुख जताया। आरसीबी ने कहा, “आज दोपहर टीम के आगमन की प्रत्याशा में बेंगलुरु में लोगों की भीड़ के बारे में मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से सामने आई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं से हम बहुत दुखी हैं। सभी की सुरक्षा और भलाई हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है। आरसीबी दुखद मौत पर शोक व्यक्त करता है और प्रभावित परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता है। स्थिति से अवगत होने के तुरंत बाद, हमने अपने कार्यक्रम में तुरंत संशोधन किया और स्थानीय प्रशासन के मार्गदर्शन और सलाह का पालन किया। हम अपने सभी समर्थकों से आग्रह करते हैं कि कृपया सुरक्षित रहें।”
बता दें कि चिन्नास्वामी क्रिकेट स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 33 लोग घायल हैं। हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताया और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
अधिकारियों ने पुष्टि की है कि दो लोगों के शव बॉरिंग अस्पताल में और चार अन्य के वैदेही अस्पताल में हैं। छह लोगों का वैदेही अस्पताल के आईसीयू में इलाज चल रहा है, जिनमें से तीन को आईसीयू में भर्ती कराया गया है।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने बॉरिंग अस्पताल का दौरा किया। मुख्यमंत्री ने संवाददाता सम्मेलन में 11 लोगों के मारे जाने और 33 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है। उन्होंने मृतकों के आश्रितों को 10-10 लाख रुपए की मदद देने और घायलों का सरकार की तरफ से मुफ्त इलाज कराने की घोषणा की है।
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