राजनीति
मनमोहन सिंह के निधन पर योगी आदित्यानाथ, हिमंत बिस्वा सरमा, नीतीश कुमार, ममता बनर्जी ने जताया दुख
नई दिल्ली, 27 दिसंबर। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर देश के अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने गुरुवार को दु:ख जताया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री एवं प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन अत्यंत दुखद एवं भारतीय राजनीति की अपूरणीय क्षति है। वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने देश की शासन व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को सद्गति एवं उनके शोकाकुल परिजनों तथा समर्थकों को यह अथाह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।”
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “मुझे डॉ. मनमोहन सिंह को 1991 से जानने का सौभाग्य मिला है, जब वह असम से पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गए थे। एक ऐसा राज्य, जिसका उन्होंने 28 वर्षों तक प्रतिनिधित्व किया। डॉ. साहब विनम्रता के प्रतीक थे और वह कभी सत्ता के मोह में नहीं झुके। उनके साथ मेरी सभी बातचीत में उनकी सादगी और शालीनता, उनके बौद्धिक कौशल के साथ हमेशा सामने आई। प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान मुझे असम से संबंधित मुद्दों पर उनसे बातचीत करने का अवसर मिला और उन्होंने हमेशा हमें धैर्यपूर्वक सुना और सामाजिक मुद्दों के प्रति दृढ़ विश्वास दिखाया। विभाजन के बाद के भारत में साधारण पृष्ठभूमि से आने के बावजूद उन्होंने कई प्रतिष्ठित पदों पर राष्ट्र की सेवा की। उनके निधन से राष्ट्र ने एक महान देशभक्त, एक असाधारण विद्वान, एक अपरंपरागत राजनीतिज्ञ और एक बेहतरीन राजनेता खो दिया है।”
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, “देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन दुःखद है। वह एक कुशल राजनेता एवं अर्थशास्त्री थे। उनके नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिली। उनका निधन भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की चिर शांति के लिए प्रार्थना है।”
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मनमोहन सिंह के निधन पर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आकस्मिक निधन से मैं बहुत स्तब्ध और दुखी हूं। मैंने उनके साथ काम किया था और केंद्रीय मंत्रिमंडल में उन्हें बहुत करीब से देखा था। उनकी विद्वता और बुद्धिमत्ता पर कोई सवाल नहीं था और देश में उनके द्वारा शुरू किए गए वित्तीय सुधारों की गहराई को व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है। देश को उनकी देखरेख की कमी खलेगी और मुझे उनके स्नेह की कमी खलेगी। उनके परिवार, मित्रों और अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदनाएं।”
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन से बहुत दुःख हुआ। वह अद्वितीय बुद्धि के धनी राजनेता थे, उनके नेतृत्व और दूरदर्शिता ने हमारे राष्ट्र पर अमिट छाप छोड़ी। प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान ही मैं पहली बार कर्नाटक का मुख्यमंत्री बना। हमारे बजटीय उपायों को लेकर उनके प्रोत्साहन और खाद्य अधिकार अधिनियम जैसी ऐतिहासिक यूपीए नीतियों के प्रभाव ने कर्नाटक की प्रगति और कल्याणकारी पहलों को आकार दिया। उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं। उनकी विरासत पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।”
दिल्ली की सीएम आतिशी ने कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से देश ने न केवल एक विश्व प्रसिद्ध अर्थशास्त्री खो दिया है, बल्कि एक ऐसा नेता भी खो दिया है, जिसकी विद्वता और गरिमा को हमेशा याद रखा जाएगा।”
तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी ने कहा, “हमारे समय के सबसे महान अर्थशास्त्रियों, नेताओं, सुधारकों और सबसे बढ़कर मानवतावादी मनमोहन सिंह अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने दिखाया कि कैसे शालीनता और शिष्टता राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन के बहुत जरूरी पहलू हैं। वह एक ऐसे महापुरुष थे, जिनके निधन से भारत ने एक महान सपूत खो दिया है।”
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री एवं महान अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर से मन अत्यंत व्यथित है। पूरे देश और कांग्रेस परिवार के लिए यह अपूरणीय क्षति है। आज भारतीय राजनीति में एक युग का अंत हो गया है।”
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, “भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एवं महान अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन राजनीतिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत की पुण्यात्मा को शांति प्रदान करें। आरबीआई के गवर्नर, देश के वित्त मंत्री एवं प्रधानमंत्री जैसे दायित्व को निभाते हुए उन्होंने अपनी कुशल और दूरदर्शी नीतियों से देश की आर्थिक समृद्धि के प्रयासों में सहभागिता की और विभिन्न चुनौतियों का डटकर मुकाबला किया। देश के आर्थिक विकास में योगदान के लिए उन्हें सदैव याद किया जाएगा। दुख की घड़ी में शोकाकुल परिवारजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।”
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन का अत्यंत दुखद समाचार प्राप्त हुआ। विभिन्न दायित्वों का निर्वहन करते हुए उनका संपूर्ण जीवन राष्ट्र की सेवा के प्रति समर्पित रहा। ईश्वर से प्रार्थना है कि पुण्यात्मा को श्रीचरणों में स्थान एवं शोक संतप्त परिजनों और समर्थकों को यह असीम कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करें।”
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मनमोहन सिंह के निधन पर दुख जताते हुए कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से हमने एक महान विद्वान, अर्थशास्त्री और राजनेता खो दिया है। भारतीय आर्थिक सुधारों में उनके योगदान और 10 वर्षों तक प्रधानमंत्री के रूप में हमारे देश की सेवा करने को हमेशा याद किया जाएगा। उन्हें मेरी श्रद्धांजलि।”
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ। मुझे उनसे बातचीत करने और उनसे सीखने के कई अवसर मिले। वह वास्तव में एक बौद्धिक दिग्गज थे, एक कुशल अर्थशास्त्री थे, लेकिन सबसे बढ़कर वह एक सज्जन व्यक्ति थे। उनके निधन से भारत ने एक महान सपूत खो दिया है।”
तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से बहुत दुख हुआ। वह एक ऐसे राजनेता थे, जिनके नेतृत्व ने भारत के आर्थिक परिवर्तन को दिशा दी। उनके कार्यकाल ने स्थिर विकास, सामाजिक प्रगति और सुधारों के युग को चिह्नित किया, जिसने लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाया।”
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा, “भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारजनों के साथ है। प्रभु श्री राम दिवंगत आत्मा को अपने परम धाम में स्थान तथा शोकाकुल परिवार को यह अथाह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।”
गुजरात के सीएम भूपेंद्र भाई पटेल ने कहा, “भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, विख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर अत्यंत दुःखद है। विभिन्न दायित्वों का निर्वहन करते हुए उन्होंने देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। प्रभु उनकी आत्मा को शांति दें और उनके परिवार और समर्थकों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।”
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, “आज देश ने अपना एक महान लाल खो दिया। देश के पूर्व प्रधानमंत्री और विश्वविख्यात अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह के निधन का समाचार अत्यंत दुखदायी है। विकासशील राजनीति और गवर्नेंस के पुरोधा आदरणीय मनमोहन सिंह ने निःस्वार्थ भाव के साथ देश और देशवासियों की सेवा में अपना पूरा जीवन लगा दिया था। आज मनमोहन सिंह हमारे बीच नहीं हैं, मगर उनके आदर्श और विचार हमें हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे।”
पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा, “देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की दुखद खबर मिली। देश के लिए यह बड़ा नुकसान है। भारत की बिगड़ी अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने वाले इस महान अर्थशास्त्री की कमी देशवासियों को हमेशा खलती रहेगी। परमात्मा से प्रार्थना करते हैं कि वह दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें और परिवार सहित प्रशंसकों को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।”
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा, “भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और धर्मनिरपेक्षता तथा लोकतंत्र के मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध एक प्रतिष्ठित राजनेता डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से बहुत दुःख हुआ। उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी संवेदना।”
राष्ट्रीय समाचार
दिल्ली ब्लास्ट के बाद कश्मीरी छात्रों की चिंता को लेकर पीएम को चिट्ठी लिखकर सुरक्षा की मांग

PM MODI
नई दिल्ली, 17 नवंबर : दिल्ली में हुए ब्लास्ट ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस घटना में कई बेगुनाह लोगों की जान चली गई, जिससे हर भारतीय का दिल दुखा है। इसी बीच जम्मू-कश्मीर छात्र संघ (जेकेएसए) ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा और सम्मान को लेकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
चिट्ठी में जेकेएसए ने सबसे पहले इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने लिखा कि दिल्ली में हुआ धमाका सिर्फ राजधानी पर हमला नहीं था, बल्कि पूरे भारत की भावनाओं पर गहरी चोट थी। कश्मीर के लोग भी उतने ही दुखी हैं जितना देश का बाकी हिस्सा। पीड़ित परिवारों का दर्द पूरे जम्मू-कश्मीर का भी दर्द है।
कश्मीरी छात्रों ने लिखा कि वे भारत के लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों पर पूरा भरोसा रखते हैं। वे हमेशा अलगाववाद, कट्टरपंथ और किसी भी तरह की देश-विरोधी विचारधारा के खिलाफ रहे हैं। उन्होंने कभी हिंसा का समर्थन नहीं किया। न कभी अलगाववादी सोच को स्वीकार किया। वे हमेशा देश की एकता, शांति और सद्भाव के पक्ष में खड़े रहे हैं।
जेकेएसए ने लिखा कि कश्मीर के लोगों ने हमेशा देश की सेवा में योगदान दिया है। हमारे परिवारों ने सीमाओं पर खड़े होकर देश की रक्षा की है। कई पीढ़ियों ने मुश्किलें झेली हैं, लेकिन भारत के भविष्य में विश्वास कभी नहीं छोड़ा। उन्होंने बताया कि आज का कश्मीरी युवा खेल, तकनीक, विज्ञान, शिक्षा, राजनीति, उद्यमिता और हर क्षेत्र में आगे बढ़कर देश का नाम रोशन कर रहा है।
प्रधानमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना का भी उन्होंने खास ज़िक्र किया। इस स्कीम ने हजारों कश्मीरी छात्रों को देशभर के कॉलेजों में पढ़ने का मौका दिया। संगठन ने कहा कि यह योजना कश्मीर और बाकी भारत के बीच विश्वास और जुड़ाव का पुल बनी है, लेकिन सिर्फ अवसर देना काफी नहीं। अवसर के साथ सुरक्षा, गरिमा, बराबरी, और सम्मान भी जरूरी हैं। तभी असली राष्ट्रीय एकीकरण संभव है।
संगठन ने बताया कि दिल्ली धमाके के बाद देशभर में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों में डर का माहौल बन गया है। उन्होंने लिखा कि कई छात्रों को प्रोफाइलिंग, सवाल-जवाब, अचानक हुई जांच और संदेह की नजर का सामना करना पड़ा है, वो भी उन जगहों पर जिनका इस घटना से कोई संबंध नहीं है। कई छात्र डर के कारण अपनी पढ़ाई बीच में छोड़कर कश्मीर वापस आ गए हैं। बच्चे क्लास, एग्जाम, लैब, इंटर्नशिप सबकुछ छोड़कर वापस आ रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उन्हें गलत समझा जाएगा।
जेकेएसए ने कहा कि उन्हें देश की जांच एजेंसियों की क्षमता और ईमानदारी पर पूरा भरोसा है, पर साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जांच निष्पक्ष, संवेदनशील और संतुलित होनी चाहिए ताकि मासूम छात्रों को सामूहिक सजा न भुगतनी पड़े। किसी समुदाय को पहले ही अपराधी मान लेना उचित नहीं। हर युवा को अपने देश में सुरक्षित महसूस करने का अधिकार है।
चिट्ठी में प्रधानमंत्री से अपील की गई है कि वे सार्वजनिक रूप से यह आश्वासन दें कि कश्मीरी छात्र भी भारत के समान नागरिक हैं और उन्हें वही अधिकार और सुरक्षा मिलेगी जो किसी और नागरिक को मिलती है। उन्होंने कहा कि छात्रों के परिवारों को यकीन होना चाहिए कि उनके बच्चे घर से दूर भी सुरक्षित हैं। आपकी एक अपील या बयान उन परिवारों को दिल से सुकून देगा। उन्होंने सरकार से कहा कि देशभर के कॉलेजों और पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिए जाएं कि किसी भी छात्र के साथ भेदभाव, डराने-धमकाने या गलत व्यवहार की गुंजाइश न रहे।
जेकेएसए ने लिखा कि वे चाहते हैं कि दिल्ली धमाके के असली अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़कर सजा दी जाए। उन्होंने सरकार के प्रति विश्वास जताते हुए कहा कि हमें भरोसा है कि जांच निष्पक्ष और समयबद्ध होगी और दोषी किसी भी हाल में बच नहीं पाएंगे।
संगठन ने कहा कि हजारों कश्मीरी छात्र भारत के अलग-अलग कॉलेजों में पढ़ रहे हैं और अपने लिए एक दूसरा घर बना चुके हैं। वे देश के हर कोने में दोस्ती, भरोसा और भाईचारे की मिसाल बन रहे हैं। इसलिए हम ऐसी घटनाओं के लिए शक की नजर से न देखे जाएं, जिनसे हमारा कोई संबंध नहीं।
पत्र के अंत में जेकेएसए ने देश की एकता, सद्भाव और सांझी संस्कृति पर अपना भरोसा दोहराया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की असली ताकत उसकी सीमाओं में नहीं, बल्कि अपने बच्चों के प्रति सम्मान और भरोसे में होती है।
अपराध
आंध्र प्रदेश : मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने सऊदी बस हादसे पर जताया दुख

अमरावती, 17 नवंबर: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण और पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने सऊदी अरब में हुए दुखद बस हादसे पर दुख व्यक्त किया है। बस हादसे में तेलंगाना के कई उमराह तीर्थयात्री मारे गए।
मुख्यमंत्री नायडू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “सऊदी अरब में हुए इस दुखद हादसे के बारे में सुनकर मुझे गहरा दुख हुआ है, जिसमें पवित्र उमराह तीर्थयात्रा पर गए तेलंगाना के हमारे साथी भाई-बहनों की जान चली गई। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और शोक संतप्त परिवारों को इस कठिन समय में शक्ति और सांत्वना प्रदान करे।”
उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने हादसे को हृदयविदारक बताया और कहा कि सऊदी अरब में मदीना के पास एक भीषण सड़क दुर्घटना में 42 भारतीयों की जान चली गई। उन्होंने कहा, “जानकारी मिली है कि मृतकों में ज्यादातर हैदराबाद के मुस्लिम तीर्थयात्री थे। उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए, मैं उनके परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।”
पूर्व मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी ने भी ‘एक्स’ पर पोस्ट करके दुर्घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “सऊदी अरब में हुई इस दुखद दुर्घटना के बारे में जानकर गहरा सदमा लगा है। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। इस कठिन घड़ी में मेरी प्रार्थनाएं पीड़ितों के परिवारों के साथ हैं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।”
तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के महासचिव ने पोस्ट किया, “उमरा तीर्थयात्रा में हुई दुर्घटना के बारे में जानकारी से सदमा लगा है, जिसमें तेलंगाना के कई तीर्थयात्रियों सहित 42 से अधिक लोगों की मौत हो गई। शोक संतप्त लोगों के प्रति गहरी संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।”
आंध्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष वाई.एस. शर्मिला ने लिखा, “सऊदी अरब में हुई विनाशकारी बस-टैंकर टक्कर में तेलंगाना के 45 उमराह तीर्थयात्रियों की दुखद मृत्यु से मैं बहुत व्यथित हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करे। मैं केंद्र सरकार से पीड़ितों के परिवारों को सभी आवश्यक राहत प्रदान करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह करती हूं कि पार्थिव शरीर पूरे सम्मान के साथ वापस आएं।”
अंतरराष्ट्रीय समाचार
सऊदी अरब में भीषण सड़क हादसा, मदीना जा रही बस का एक्सीडेंट; कई भारतीयों की मौत

मदीना, 17 नवंबर: सऊदी अरब में मदीना के पास एक बस डीजल टैंकर से टकरा गई, जिसमें कई भारतीय उमराह यात्रियों की मौत हो गई है। यह घटना सोमवार तड़के हुई, जब बस मक्का से मदीना जा रही थी। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
वीडियो में भयावह आग देखने को मिल रही है। इसके साथ ही काले धुएं का गुबार उठता नजर आ रहा है। मौत के आंकड़ों को लेकर फिलहाल कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मरने वालों की संख्या 40 से भी ज्यादा हो सकती है। आधिकारिक जानकारी का इंतजार है। कहा जा रहा है कि घटना के दौरान बस में भारतीय तीर्थयात्री मौजूद थे।
जेद्दा में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने घटना की जानकारी दी और मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। जेद्दा में भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “सऊदी अरब के मदीना के निकट भारतीय उमराह यात्रियों के साथ हुई एक दुखद बस दुर्घटना को देखते हुए, जेद्दा स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास में एक 24×7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। मदद के लिए संपर्क करने हेतु जानकारी दी गई है: टोल फ्री नंबर 8002440003 है।”
हमले पर दुख जताते हुए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर लिखा, “सऊदी अरब के मदीना में भारतीय नागरिकों के साथ हुई दुर्घटना से गहरा सदमा पहुंचा है। रियाद स्थित हमारा दूतावास और जेद्दा स्थित वाणिज्य दूतावास इस दुर्घटना से प्रभावित भारतीय नागरिकों और उनके परिवारों को पूरी सहायता प्रदान कर रहे हैं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति हमारी गहरी संवेदना। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।”
वहीं तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने भी इस घटना पर दुख जताया है। तेलंगाना सरकार ने एक्स प्लेटफॉर्म पर लिखा, “स्थानीय मीडिया में इस दुर्घटना में भारतीय उमराह यात्रियों के मारे जाने की खबर आने के बाद वह रियाद स्थित भारतीय दूतावास के संपर्क में है।”
एक आधिकारिक बयान में, राज्य सरकार ने पुष्टि की कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने नई दिल्ली में अधिकारियों को सतर्क कर दिया है और उन्हें दूतावास के अधिकारियों के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया है।
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